किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है, जो शरीर के पोषक तत्वों तथा अवांछित पदार्थों को छानकर बाहर निकालता है, जिसके कारण हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। इसलिए किडनी को हमारे शरीर की छलनी कहा जाता है। किडनी हमारे शरीर में दो होती हैं, जिनका मुख्य कार्य यूरिया जैसे अपशिष्ट पदार्थ को खून से बाहर निकालना तथा शरीर को यूरिक एसिड से बचाना होता है। यूरिक एसिड के अलावा किडनी हमारे शरीर से विभिन्न प्रकार के टॉक्सिन को छानकर बाहर करती है, जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से बचा रहता है। किडनी से विभिन्न प्रकार के हार्मोन स्रावित होते हैं, जो चयापचय की क्रिया में भाग लेते हैं, जो भोजन के पाचन में सहायक होता है। यदि हमारे शरीर में किडनी संबंधित कोई रोग हो जाता है, तो हमारी किडनी खराब होने लगती है, इसलिए आज हम आपको किडनी की बीमारी के 10 संकेत बताएंगे जिन के माध्यम से आप किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं।
हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के समस्याओं के कारण समय-समय पर विभिन्न प्रकार के रोग होते रहते हैं, जिसके कारण हमारे शरीर के विभिन्न अंग प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार हमारे शरीर में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो हमारी किडनी को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण किडनी खराब हो जाती है। किडनी खराब होने से शरीर की चयापचय की क्रिया बाधित होती है, जिसके कारण पाचन सही से नहीं हो पाता है, और हमारे शरीर को पोषण प्रदान ना होने के कारण उसमें विभिन्न प्रकार के रोग हो जाते हैं, जिसके कारण हमें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
किडनी क्या है
किडनी मानव शरीर में उपस्थित वृक्क या गुर्दे का जोड़ा एक मानव अंग हैं, जिसको अंग्रेजी भाषा में किडनी के नाम से जाना जाता है। किडनी का मुख्य कार्य रक्त का शोधन करना होता है, जैसा कि आप सभी जानते हैं रक्त हमारे शरीर को चलाने का प्रमुख तरल पदार्थ है, जिसके कारण मानव जीवन संभव होता है। इसलिए किडनी हमेशा रक्त को शुद्ध करके शरीर को देती रहती है, जिसके कारण हमारा शरीर स्वस्थ तथा निरोग बना रहता है। किडनी रक्त से अशुद्धियों को छानकर के यूरिन के माध्यम से पेशाब द्वारा निकाल देती है, जिससे शरीर के जहरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, तथा स्वस्थ रक्त हमारी रक्त वाहिकाओं में बहता रहता है, जिसके कारण हमारे शरीर के सभी अंग पर्याप्त तरीके से कार्य करते रहते हैं, और हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। किडनी शरीर के मूत्र मार्ग से संबंधित एक अंग है, जो खून से अशुद्धियों को छानकर मूत्र द्वारा बाहर निकालती है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि हर व्यक्ति के शरीर में दो गुर्दे होते हैं, जो मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड, आदि जैसे नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट पदार्थों को रक्त में से छानने के लिए जिम्मेदार होते हैं। यदि हमारे शरीर से उपरोक्त बताए गए पदार्थों को किडनी द्वारा बाहर नहीं निकाला जाता है, तो हमारे शरीर का रक्त शुद्ध हो जाता है, तथा रक्त अशुद्ध होने के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होती हैं। जब हमारे शरीर से रक्त शोधन का कार्य नहीं होता है, और शरीर की मूत्र प्रणाली सही से कार्य नहीं करती है, तो किडनी डैमेज होने की संख्या बढ़ जाती है। इसे किडनी से संबंधित बीमारी मांन कर इसका इलाज किया जाता है।
किडनी का कार्य
जैसा आप के उपरोक्त बताया गया है, की किडनी का मुख्य कार्य शरीर से तरल रूप में अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना होता है, अर्थात किडनी हमारे रक्त का शोधन करती है, जिससे हमारे शरीर के रक्त में मिश्रित अपशिष्ट तथा जहरीले पदार्थ कितनी द्वारा बाहर कर दिए जाते हैं, तथा शुद्ध रक्त हमारी रक्त वाहिकाओं में बहता रहता है। किडनी द्वारा छानकर निकाले गए अपशिष्ट पदार्थ जैसे यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड, नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट आदि को पेशाब द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। यदि किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाती है, तो हमारे शरीर में यह अपशिष्ट पदार्थ यूरिक एसिड के रूप में एकत्रित होने लगते हैं, जिसके कारण लोगों में जोड़ों के दर्द पीठ में दर्द तथा स्किन संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं।
किडनी की बीमारी के 10 संकेत
शरीर में किडनी का कार्य शरीर के रक्त को शुद्ध करना है। यदि किडनी रक्त सोहन का कार्य नहीं करती है, तो उससे हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, इन समस्याओं को नजरअंदाज करने पर कुछ समय पश्चात किडनी फेलियर की समस्या हो जाती है। सामान्य तौर पर इसीलिए दो किडनी हमारे शरीर में होती हैं, कि यदि कोई एक खराब हो जाती है, तो दूसरे से कार्य किया जा सकता है। इस प्रकार यदि हमारे शरीर से एक किडनी खराब हो जाती है, तो दूसरी किडनी के द्वारा भी सावधानी पूर्वक जीवन निर्वाह करते हुए काम चलाया जा सकता है, अर्थात एक किडनी में हमारे शरीर के लिए पर्याप्त कार्य कर सकती है। इसलिए यदि एक किडनी खराब हो जाती है तो हम दूसरी एक किडनी के सहारे अपना जीवन जी सकते हैं, किंतु जैसे ही किडनी से संबंधित हमारे शरीर में कोई समस्या होती है, और हमारे किडनी पर उसका प्रभाव शुरू होता है, यह हमारी किडनी खराब होना प्रारंभ करती है, तो हमारे शरीर में निम्नलिखित संकेत दिखाई देते हैं, किडनी की बीमारी के 10 संकेत हमें बताते हैं, कि हमारी किडनी धीरे-धीरे खराब हो रही है।
किडनी की बीमारी के 10 संकेत में से जैसे ही कोई संकेत हमें नजर आता है, तो हमें इस संकेत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि किडनी हमारे शरीर का बहुत आवश्यक अंग होता है, जिसके बिना जीवन संभव नहीं हो पाता है। इसलिए किडनी को सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है, यदि हम लंबी तथा स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, तो किडनी को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। इसलिए किडनी की बीमारी के 10 संकेत में से यदि कोई भी दिखाई देता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और होने वाली समस्या का निदान अतिशीघ्र करना चाहिए। यह संकेत निम्नलिखित हैं
- हमेशा थकान बनी रहना।
- ठंड लगना।
- सांस फूलना।
- चेहरे, हाथ और पैरों में सूजन।
- खुजली होना।
- खाना धातु (मेटल) की तरह लगता है।
- रात को सोते से जागकर यूरीन करने जाना।
- पेट खराब रहना।
- सोचने, समझने की शक्ति खत्म होना।
- कमजोरी, चक्कर आना।
- हाई ब्लड प्रेशर।
हमेशा थकान बनी रहना
जैसा कि आप जानते हैं किडनी का मुख्य कार्य रक्त शोधन होता है, रक्त शोधन के दौरान किडनी एक हार्मोन स्रावित करती है, जिसका नाम erythropoietin या EPO है, जिसकी सहायता से किडनी ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल का निर्माण करती है, जिससे शरीर में रक्त की मात्रा पर्याप्त बनी रहती है, किंतु किडनी फेलियर या किडनी के खराब होने की स्थिति में हमारे शरीर में erythropoietin हारमोंस बनना कम पड़ जाता है, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी होने के कारण शरीर में एनीमिया जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जो हमारे शरीर में खून की कमी के लक्षण होते हैं, जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर होने लगता है, और हमें थकान महसूस होने लगती है। इसलिए जब भी किडनी पर कोई प्रभाव पड़ता है, तो सबसे पहले हमें थकान का अनुभव होने लगता है। इसलिए यदि आपको बिना अधिक कार्य किए हुए थकान महसूस होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता हो सकती है।
ठंड लगना
जैसा कि आपको उपरोक्त बताया गया है, कि जब हमारे शरीर में किडनी समस्या होने लगती है, तो हमारे शरीर में erythropoietin नामक हार्मोन बनना बंद हो जाता है, या erythropoietin की कमी हो जाती है, जिसके कारण हमारे खून में ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल या लाल रुधिर कणिकाओं की कमी हो जाती है, जिसके कारण एनीमिया रोग हो जाता है। एनीमिया रोग शरीर में उपस्थित खून को ठंडा कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति को सामान्य मौसम या कर्मी होने पर भी ठंड का एहसास होता है। एनीमिया रोग मुख्य रूप से खून में आयरन की कमी के कारण होता है, जिसमें शरीर में लाल रुधिर कणिकाओं की कमी होने के कारण खून की कमी हो जाती है, और पीड़ित व्यक्ति को ठंड का अनुभव होने लगता है, इससे बचने के लिए जैसे ही आपको सामान्य मौसम यह गर्मी में ठंड का अनुभव हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जिससे आपकी किडनी फेलियर से बचाया जा सके, और आपके शरीर को स्वस्थ बनाया जा सके। किडनी की बीमारी के 10 संकेत में से यह एक महत्वपूर्ण संकेत होता है।
सांस फूलना
जब हमारे शरीर में किडनी से संबंधित कोई समस्या हो जाती है, तो हमारे फेफड़ों के आसपास तरल पदार्थ जमा होने लगता है, तथा हमारे शरीर को शुभ ऑक्सीजन युक्त लाल रुधिर कणिकाएं प्राप्त नहीं होती हैं, जिससे हमारे शरीर को ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। साथ ही साथ शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया हो जाता है, जो थोड़ा सा कार्य करने के कारण हमारा शरीर थक जाता है, तथा सांस फूलने की समस्या होने लगती है। यदि हल्का सा कार्य करने पर आपका शरीर थक जाता है, और सांस फूलने जैसे समस्या हो जाती है, तो हो सकता है आपकी किडनी प्रभावित हो रही हो, इसके लिए आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत होती है, तथा डॉक्टर के बताए अनुसार इलाज किया जा सकता है।
चेहरे, हाथ और पैरों में सूजन
जब शरीर में किडनी से संबंधित कोई समस्या आती है, तो हमारे शरीर में गंदगी और तरल पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं शरीर में सरल गंदे पदार्थ एकत्रित होने के कारण शरीर के विभिन्न अंगों जैसे हाथ पैर तथा चेहरे में सूजन होने लगती है, जिसके कारण हाथ पैर तथा जोड़ों में दर्द रहने लगता है। यदि आपके शरीर में सूजन है, और आपको पता लगाना है, कि यह किडनी की समस्या के कारण है या किसी और समस्या के कारण तो आपको सूजे हुए अंग पर उंगली से दबाना चाहिए, यदि दबाने पर वहां पर थोड़े समय तक गड्ढा बना रहता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए आपको किडनी से संबंधित समस्या हो सकती हैं।
खुजली होना
जब हमारे शरीर में अपशिष्ट तथा गंदे पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं, तो हमारे त्वचा के ऊतकों में गंदगी जमा हो जाती है, जिसके कारण हमारे शरीर के त्वचा के नीचे कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा एकत्रित होने लगता है, जिसके कारण शरीर में दाने पड़ने लगते हैं, तथा जिसके कारण हमारे पचा में खुजली होने लगती है। साथ ही साथ अचानक त्वचा का फटना, रेशेज होना, अजीब लगना और बहुत ज्यादा खुजली महसूस होने के कारण शरीर के ऊपरी त्वचा में दाग धब्बे तथा दाद हो जाता है, और त्वचा फटने लगती है, तथा खून भी निकलने लगता है। इसलिए यदि अचानक शरीर में खुजली तथा अन्य समस्याएं होने लगती हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह किडनी फेलियर के लक्षण हो सकते हैं।
खाना धातु (मेटल) की तरह लगता है
किडनी खराब होने के कारण हमारे खून में गंदगी एकत्रित होने लगती हैं, किडनी खराब होने के कारण शरीर में जमी गंदगी की बीमारी को यूरेमिया कहा जाता है जिसके कारण मुंह से दुर्गंध आने लगती है, और खाना अच्छा नहीं लगता है तथा खाने का स्वाद बदल जाता है, खाना धातु या मेटल की तरह लगने लगता है, तथा जो व्यक्ति नॉन वेज या कोई अन्य भोजन बहुत अधिक पसंद करते हैं, उन्हें भी स्वाद के परिवर्तन के कारण किडनी रोग से प्रभावित लोग अपनी पसंद का भोजन खाना भी छोड़ देते हैं। लोगों को नॉनवेज पसंद नहीं आता है, ऐसी स्थितियां शरीर में तथा स्वाद के परिवर्तन में दिखाई देती हैं, तो आपको तुरंत किडनी से संबंधित डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता है।
रात को सोते से जागकर यूरीन करने जाना
किडनी खराब होने के कारण किडनी के यूरिन बनाने में परिवर्तन होने लगता है, क्योंकि किडनी का कार्य यूएन के रूप में अपशिष्ट पदार्थों को निकालना होता है, किंतु किडनी खराब होने के कारण अत्यधिक यूरिन बनने लगता है, तथा गॉलब्लैडर में प्रेशर बढ़ने लगता है, जिसके कारण बार-बार पेशाब लगने लगती है। ऐसी स्थिति में किडनी प्रभावित व्यक्ति को थोड़े-थोड़े समय के पश्चात पेशाब जाने की आवश्यकता होती है, इसलिए यदि आपको बार बार पेशाब जाने की आवश्यकता हो रही है, तो आपको अपनी किडनी से संबंधित समस्या के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि हो सकता है आपको किडनी से संबंधित कोई समस्या हो रही है, यदि आप बार-बार रात को जाग कर भी पेशाब करने जा रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है।
पेट खराब रहना
जब किडनी सामान्य तौर पर कार्य नहीं करती है, तो हमारे शरीर में पाचन क्रिया सही ना होने के कारण अपशिष्ट पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं, जिसके कारण हमारे पेट में अपच जैसी समस्याएं होने लगती हैं। पेट में भोजन पर्याप्त रूप से ना पचने के कारण पेट खराब हो जाता है, जिसके कारण दस्त की समस्या होने लगती है। शरीर में अपशिष्ट पदार्थ एकत्रित होने के कारण यूरिमिया होने लगता है, यूरेमिया के कारण उल्टी, दस्त आदि होते हैं और साथ ही पेट अक्सर खराब रहने लगता है। यदि आपको पेट संबंधित कोई खराबी हो रही है, और पेट की खराबी का कोई कारण नहीं समझ में आ रहा है, तो यह आपके किडनी फेलियर की समस्या हो सकती है। किडनी फेलियर की समस्या को ठीक करने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए तथा उसका इलाज कराना चाहिए।
सोचने, समझने की शक्ति खत्म होना
जब हमारे शरीर में किडनी फेलियर होने लगता है, और हमारे शरीर में अपशिष्ट पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं, जिसके कारण हमारे शरीर में एनीमिया जैसी समस्याएं होने लगती हैं। एनीमिया के कारण हमारे मस्तिष्क के सोचने समझने की क्षमता समाप्त होने लगती है, यदि अचानक आपकी याददाश्त कम होने लगे और आपको भूलने जैसी समस्याएं होने लगे तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है। यदि आपको सोचने समझाने से संबंधित कोई समस्या हो रही है, या याददाश्त कमजोर होने से संबंधित कोई समस्या है, तो हो सकता है कि आपको किडनी फेलियर की समस्या हो या आपकी किडनी सही से कार्य ना कर रही हो, इसलिए डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।
कमजोरी, चक्कर आना
जब हमारे शरीर में कमजोरी हो जाती है, और शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल्स नहीं प्राप्त होते हैं, तो खून में ऑक्सीजन की कमी के कारण मस्तिष्क को सिग्नल पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते हैं, जिसके कारण तथा शरीर कमजोर होने के कारण खून की कमी के कारण शरीर में शक्ति नहीं होती है, और मस्तिष्क को पर्याप्त सिग्नल न मिलने के कारण चक्कर आने लगता है। यदि आपको अचानक कमजोरी तथा चक्कर आने लगे तो आपको डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है, क्योंकि हो सकता है आपको किडनी से संबंधित कोई समस्या हो रही हो।
हाई ब्लड प्रेशर
किडनी की समस्या होने पर किडनी पीड़ित व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है, क्योंकि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, तथा ऑक्सीजन युक्त रेड ब्लड सेल्स हमारे खून में नहीं रहती हैं, या कम हो जाती है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यदि आपका ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है, तो हो सकता है आपको किडनी से संबंधित कोई समस्या हो, इसलिए ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर आपको डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए तथा किडनी संबंधित इलाज कराना चाहिए।
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए
जैसा कि आप जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी अंग होता है, वैसे सामान्य तौर पर हमारे शरीर में दोनों किडनी होती हैं, जो एक दूसरे की अनुपस्थिति में भी कार्य कर सकती हैं। इसलिए यदि किसी व्यक्ति की एक किडनी खराब हो जाती है, तो वह दूसरी किडनी के सहारे अपनी जिंदगी जी सकता है, किंतु किडनी को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है, इससे हमारे शरीर की सभी क्रियाएं प्रभावित होती हैं। इसलिए किडनी को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक रूप से हमें एक्टिव रहना चाहिए तथा शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ किडनी को स्वस्थ रखने के विशेष उपाय अपनाने चाहिए, जिससे हमारे शरीर में अपशिष्ट तथा ऐसे पदार्थ नहीं जमा होते हैं, जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए
- दिन में बहुत सारा पानी पीना चाहिए 1 दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए।
- नमक युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन कब करना चाहिए।
- शरीर का वजन मेंटेन करना चाहिए तथा दैनिक रूप से 40 से 45 मिनट तक हल्का व्यायाम करना चाहती है।
- शरीर में शुगर की मात्रा को संतुलित रखना चाहिए इसलिए इसकी दैनिक जांच करानी चाहिए।
- डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों में किडनी की समस्या बहुत अधिक प्रभावित होती है इसलिए डायबिटीज को नहीं बढ़ने देना चाहिए।
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखना चाहिए और इसकी जांच करानी चाहिए।
- धूम्रपान तथा अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दैनिक रूप से कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
- डायलिसिस तथा किडनी ट्रांसप्लांट द्वारा अंतिम स्थिति में किडनी फेलियर का इलाज किया जाता है।
किडनी की बीमारी के 10 संकेत मिलने के बाद इलाज
यदि आपको किडनी समस्या हो गई है, और आपकी किडनी पर्याप्त रूप से कार्य नहीं कर रही है, जिसके कारण आपके शरीर में अपशिष्ट तथा अमोनिया पदार्थ एकत्रित होने लगे हैं, और आपको विभिन्न प्रकार की किडनी संबंधित समस्या हो रही हैं, तो आपको किसी अच्छे किडनी डॉक्टर या यूरोलॉजी सेंटर में जाकर डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है। यदि आप किडनी से संबंधित किसी भी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं, तो आपको डॉक्टर द्वारा निम्नलिखित तरीके से इलाज कराए जाने की सलाह दी जा सकती है
- हीमोडायलिसिस
- पेरिटोनियल डायलिसिस
- किडनी प्रत्यारोपण
किडनी फेलियर के अन्य कारण
लेख में किडनी खराब होने के तथा के दिन के समस्या के कारण होने वाली शारीरिक समस्याओं के बारे में बताया गया है, जिन्हें देखकर आप पता लगा सकते हैं, कि आपको किडनी की समस्या हो रही है, और आपकी किडनी पर्याप्त रूप से कार्य नहीं कर रही है, किंतु आपकी किडनी किन कारणों से कार्य नहीं कर रही है, इसकी जानकारी भी रखना आपके लिए बहुत ही आवश्यक है, हो सकता है आप की किरणें निम्नलिखित कारणों में से किसी एक के कारण पर्याप्त रूप से कार्य ना कर रहे हो।
- आपके गुर्दे में या उसके आसपास खून का थक्का।
- गुर्दे में संक्रमण।
- मधुमेह।
- उच्च रक्तचाप।
- किडनी में कई सिस्ट।
- प्रणालीगत एक प्रकार का वृक्ष एराटोस्थनीज।
- धमनियों का अकड़ना।
- दवाओं का अत्यधिक उपयोग।
निष्कर्ष
जैसा कि हमें पता है कि किडनी हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग होता है, जो शरीर के रक्त को शोधित करने तथा ऑक्सीजन युक्त रेडब्लड सेल्स पहुंचाने का कार्य करता है। यदि हमारे शरीर की किडनी या गुर्दा कहां हो जाता है, तो हमारे शरीर में तरल अपशिष्ट पदार्थ का शोधन नहीं हो पाता है, जिसके कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, और हमारी पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है। जब हमारी किडनी प्रारंभिक स्तर पर प्रभावित होती है तो हमारे शरीर में किडनी की बीमारी के 10 संकेत से अधिक भी दिखाई देते हैं, किंतु यदि हम उन संकेतों को समझ जाते हैं, तो हम अपना इलाज करा लेते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं किडनी की समस्या के कारण शरीर में होने वाले संकेत नहीं समझ पाते हैं। ऐसे लोगों को उपरोक्त लेख में बताए गए संकेतों के बारे में ध्यान से पढ़ना चाहिए, तथा जानकारी रखनी चाहिए जिससे कि किडनी की समस्या से बचा जा सके।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
किडनी खराब होने का शुरुआती लक्षण क्या है?
हमारी किडनी हमारे शरीर में अपशिष्ट पदार्थों को अलग करने का कार्य करती है तथा रक्त को शुद्ध करती है, जिसके कारण हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है, किंतु यदि हमारी किडनी किसी कारणवश खराब होने लगती है, तो हमारे शरीर में कुछ प्राथमिक लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिन को पहचान कर तथा समय से उनका इलाज करा कर किडनी की खराबी से बचा जा सकता है, किडनी की खराबी की शुरुआत में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं
- सांस फूलना।
- चेहरे, हाथ और पैरों में सूजन।
- खुजली होना।
- खाना धातु (मेटल) की तरह लगता है।
- रात को सोते से जागकर यूरीन करने जाना।
- पेट खराब।
मुझे कैसे पता चला कि मुझे किडनी की बीमारी है?
यदि आप सोच रहे हैं, कि आपको कैसे पता लगेगा कि किडनी की बीमारी आपको हो रही है, तो आपको हम बता दें कि उपरोक्त लेख में किडनी की बीमारी के 10 संकेत बताए गए हैं, जिनके माध्यम से आप किडनी की बीमारी के बारे में पता कर सकते हैं। उपरोक्त लेख में बताए गए 10 संकेत में से यदि कोई भी आपके शरीर में दिखाई देता है तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी किडनी स्वस्थ है या नहीं ?
यदि आपको लगता है कि आपकी किडनी से संबंधित कोई समस्या है, या फिर आपको उपरोक्त लेख में किडनी की बीमारी के 10 संकेत में से कुछ नजर आता है, तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं डॉक्टर से मिलने के पश्चात डॉक्टर आपको कुछ जांच कराने के लिए कहते हैं, जिसके पश्चात स्पष्ट हो जाएगा कि आपको किडनी स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है या नहीं।
किडनी का दर्द कहाँ कहाँ होता है ?
कितने से संबंधित दर्द शरीर के विभिन्न अंगों में भी हो सकता है, तथा पेट में भी हो सकता है। साथ ही साथ शारीरिक कमजोरी के कारण चक्कर आना, भूख ना लगना, शरीर में सूजन और समस्याएं भी होती हैं, इसलिए किडनी की समस्या के अनुसार दर्द किसी भी अंग में हो सकता है।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।