पुरुषों का लिंग (पेनिस) सामान्यतः बहुत मुलायम एवं छोटा होता है, परन्तु सम्भोग / सहवास के समय पुरूष के लिंग का आकार बड़ा एवं अपेक्षाकृत काफी सख्त हो जाता है। पुरूषो के प्राइवेट पार्ट (Private Part) का सैक्स उत्तेजना के समय तनाव आना मूलतः दो चीजों पर आधारित है। 1. शारीरिक स्थिति 2. मानसिक स्थिति। पार्टनर्स के मध्य एक अच्छी सैक्स लाइफ के लिये पुरूषों के लिंग में स्तम्भन होना अति आवश्यक है। यह एक कारण कई बार दाम्पत्य जीवन के टूटने की प्रमुख वजह बन जाता है।
लिंग में ढीलेपन की वजह से पति पत्नी / गर्लफ्रैंड बायफ्रैंड के मध्य रिश्तों में तनाव आ सकता है। दांपत्य जीवन में एक आनन्ददायक सैक्स लाइफ का होना भी अति आवश्यक है। सम्भोग के समय स्त्री पुरूष के मध्य स्पर्श, वार्तालाप, विचार से शरीर में खून का बहाव / चाल बहुत तीव्र हो जाता है। जिससे मानव इन्द्रियों में खून का बहाव कुछ ज्यादा होता है और परिणामतः पुरूष का पेनिस हार्ड होता है। स्तंभन दोष (Erectile Dysfunction) से वर्तमान परिवेश में बुजुर्ग ही नही युवा भी ग्रसित हैं। सैक्स क्रिया के दौरान लिंग का सख्त न होना या शीघ्र रूश्खलित (स्खलित) Early Ejaculation हो जाना इसके आम लक्षण हैं।
कई बार पूरुष शिकायत करते हैं कि रिलेशन बनाते समय उनका लिंग पूरी तरह से खडा नहीं होता है, पेनिस में ढीलापन रहता है। सामान्यतः लिंग के सख्त न होने की शिकायत 35 -40 वर्ष की आयु श्रेणी के लोगों द्वारा ज्यादा की जाती है पर कभी कभी नवयुवकों में भी यह समस्या देखने को मिलती है। इस स्थिति में घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है यह बीमारी आराम से ठीक की जा सकती है। मानव जीवन में वातावरण / पर्यावरण का एक अहम रोल है। पेनिस के तनाव के लिये भी हार्मोन्स के साथ साथ वातावरण का भी एक अहम योगदान रहता है। इस लेख में आप आगे पढ़ेंगे कि किस तरह आप अपनी लिंग स्तंभन की समस्या को परास्त कर एक अच्छी सैक्स लाइफ की तरफ अग्रसारित होंगे।
लिंग में तनाव न होने के मुख्य कारण
सेक्स की इच्छा (Sex Desire) न होने के कारण
कभी कभी दांपत्य जीवन में सभी ने देखा होगा कि पार्टनर के साथ कहा सुनी / अनबन होने पर मूड खराब हो जाने के कारण, अपने पार्टनर को संतुष्ट न कर पाने का डर, रिलेशनशिप में फैण्टसी खत्म हो जाने के कारण, पार्टनर से मन भर जाने के कारण, नींद पूरी न हो पाने के कारण , अपने पार्टनर को देख कर संभोग की इच्छा न जागने के कारण कभी कभी लिंग में तनाव उत्पन्न नहीं होता। यदि आप भी इन्हीं कारणों से अपने दांपत्य जीवन का पूर्ण लाभ नहीं ले पा रहे हैं। तो आप अपनी सैक्स लाइफ को रोमांचक बनाने के लिये कुछ नया प्रयोग कर सकते हैं । जैसेः- New Sex Positions, Lingerie का प्रयोग, सैक्सी गेम्स, सैक्सी चैट्स, बाहर घूमने जाना आदि का प्रयोग करते हुये पेनिस के तनाव की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
नशे का अत्यधिक प्रयोग
Liquor और अन्य नशीले पदार्थ जैसे सिगरेट, बीडी, तम्बाकू, गांजा, ड्रग्स आदि हमारी सैक्स लाइफ बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। नशे की लत भी शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय लिंग के सख्त न होने का एक कारण हो सकता है। अगर आप भी लिंग में मजबूती न होने की समस्या से परेशान हैं तो नसों को शीघ्र अति शीघ्र बाय बाय बोल दें।
जरूरत से ज्यादा सैक्स सम्बन्ध बनाना भी एक वजह
हमारे बड़े बुजुर्गों ने बोला है कि हर चीज की अति हानिकारक होती है। शुद्ध शब्दो में कहें तो अगर कोई चीज जरूरत से ज्यादा की जाये तो कुछ न कुछ हानि अवश्य करती है। जरूरत से ज्यादा संभोग भी लिंग में मजबूती न होने का कारण हो सकता है। क्योंकि अधिक सैक्स करने पर पेनिस की नसों पर अधिक दबाव व तनाव पडता है जो लिंग की नसों को कमजोर बनाता है। अतः निश्चित मात्रा में ही सैक्स करें।
एंग्जाइटी / चिंता / तनाव / अवसाद
अवसाद / चिंता / तनाव मानव शरीर के लिये बहुत ही हानिकारक होता है। डिप्रैशन भी मानव की सैक्स ड्राइव पर निगेटिव इफैक्ट डालता है। निगेटिव थाट्स के चलते कभी कभी शारीरिक सम्बन्ध बनाने का मन नहीं होता परन्तु पार्टनर की इच्छा के चलते उसके मन को रखने के उद्देश्य से सेक्स पर लिंग में ठीक से तनाव नहीं आ पाता है। और आप अपने पार्टनर को Satisfy नहीं कर पाते हैं। इससे निषकर्ष निकलता है कि अवसाद में घिरे रहने के दौरान सैक्स न करें।
सेक्स करने का सही तरीका
सैक्स मानव जीवन का एक अहम हिस्सा है। शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय जल्दबाजी ठीक नहीं। यह उत्तेजना आपको शर्मिंदगी का सामना भी करा सकती है। सैक्स की शुरूआत हमेशा सैक्स का मूड बनाते हुये फोरप्ले (Foreplay) के साथ करनी चाहिये। फोरप्ले यानी कपल द्वारा एक दूसरे के शरीर को सहलाना, गुप्तांगों को छूना, किस करना, मजाक मस्ती करना आदि। फोरप्ले करने से शरीर में खून का प्रवाह बढता है और लिंग की मजबूती भी अच्छे से आती है। जो आपको और आपके पार्टनर को पूर्ण अनुभूति का अनुभव कराती है।
लिंग की नसों में कमजोरी
आयुर्वेद में शरीर की मालिश को रामबाण बताया गया है। यदि आपको अनुभव होता है कि आपके लिंग की नसों में कमजोरी है तो आप तेल जैसे सरसोंं, तिल, नारियल, बादाम आदि से अपने पेनिस की मालिश कर नसों की कमजोरी की समस्या को दूर करते हुये लिंग की मजबूती आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
लिंग में मजबूती न होने के अन्य कारण
- लैपटॉप को पैरों पर रखकर प्रयोग करना।
- पैंट की जेब में मोबाइल या अन्य इलैक्ट्रानिक आइटम रखना।
- टाइट पैंट / अंडरवियर का प्रयोग करना।
- कार्बोनेटेड ड्रिंक का प्रयोग करना।
- चाय कॉफी का अत्यधिक प्रयोग।
- साइकिल का प्रयोग करना।
- सप्लीमेंट्स का प्रयोग करना।
- कीटनाशक युक्त फल सब्जियाँ का प्रयोग करना।
- ज्यादा लंबे समय तक बैठे रहना।
- व्यायाम / योग प्राणायाम नहीं करना।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) के लक्षण
- लिंग में तनाव की कमी।
- लिंग में तनाव आते ही खत्म हो जाना।
- जल्दी स्खलित हो जाना।
- सैक्स ड्राइव एवं लिविडो में कमी।
- हार्मोन्स का कम होना।
- लिंग का आकार।
अगर आपकी आयु 60 / 65 वर्ष से ऊपर है तो निश्चित ही आपका टैस्टेस्टेररॉन लेवल कम हो गया होगा जो लिंग में तनाव न होने की समस्या का प्रमुख कारण है। अतः आप एक अच्छी लैबोरेट्री से अपना टैस्टेस्टेरान लेवल टैस्ट अवश्य करायें। टेस्टेस्टेरॉन की जाँच सुबह के समय खाली पेट 15 मिनट में तीन बार खून का सैम्पल लेकर की जाती है।
लिंग में तनाव की कमी के उपचार व नुस्खे
लिंग के तनाव लाने के लिये विभिन्न प्रकार की मेडीसन बाजार में उपलब्ध हैं परन्तु आयुर्वेदिक जड़ीबूटिया इस बीमारी के इलाज के लिए सबसे अधिक लाभ पहुँचाती है। अंग्रेजी दवाइयों का प्रयोग तुरंत फायदा तो देती हैं परन्तु ये एलोपैथिक मेडीसन मानव शरीर पर दुष्प्रभाव डालती हैं। यौन शक्ति (Sexual Power) से तात्पर्य है कि आप और आपका पार्टनर क्लाइमेंस तक कितने समय में पहुँचते हैं, हालाकि महिलाओं में ऑर्गेज्म तक पहुँचने में पुरूषों की तुलना में अधिक समय में आता है।
यदि आप सहवास के समय जल्द ही रूस्खलित हो जाते हैं तो यह आपके पार्टनर के दिल में एक नकारात्मक विचार उत्पन्न करता है। जो भविष्य में आपके वैवाहिक जीवन को बिगाड सकता है। लिंग में तनाव के लिए आपको कहीं दूर जाने की आवश्यकता नहीं है, आप अपनी रसोई में मौजूद मसालों का उपयोग कर लिंग में तनाव की समस्या से निजात पा सकते हैं।
लौंग
पुरुषों में लौंग (Cloves) का प्रयोग यौंन सम्बन्धी बीमारियों के इलाज में अत्यन्त लाभकारी है। लौंग में मौजूद पोषक तत्म पुरुषों में काम उत्तेजना एवं उद्दीपन को बढ़ाने में मदद करते हैं। Urinary Tract Infection (UTI) / मूत्र मार्ग सम्बन्धी विकारों को ठीक करने की क्षमता लौंग में उपस्थित होती है।
काली मूसली
काली मूसली पुरूषों से शुक्राणु दोष, शीघ्रपतन आदि यौन विकार को दूर करने में प्राचीन काल से सहायक रही है। पुरूषों के वीर्य (Semen) में शुक्राणुओं की संख्या एवं गुण बढाने में कारगर है। काली मूसली का प्रयोग शरीर को शक्तिशाली एवं बलवान बनाता है।
सफेद मूसली
सफेद मूसली को हर्बल वियाग्रा के नाम भी जाना जाता है। सफेद मूसली के प्रयोग से नपुंसकता, यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन की समस्या को दूर किया जा सकता है। सफेद मूसली का प्रयोग भी शुक्राणुओं की संख्या एवं क्वालिटी में इजाफा करती है। आप सफेद मूसली का प्रयोग खाना खाने के उपरान्त दिन में दो बार गरम दूध के साथ कर सकते हैं। सफेद मूसली मानव शरीर में टेस्टेस्टेरॉन लेवल को बढ़ाती है। तथा ओलिगोस्पर्मिया (शुक्राणुओं की कम गतिशीलता) से निजात दिलाने में सहायक है। सफ़ेद मुसली का प्रयोग यौनशक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है।
त्रिफला का प्रयोग
आंवला, बहेड़ा एवं हरड के मिश्रण को आयुर्वेदाचार्य द्वारा त्रिफला नाम दिया गया है। त्रिफला मानव शरीर के स्टेमिना को बढाने में मदद करता है। बहुत जल्दी थकान महसूस करने वाले व्यक्ति को त्रिफला चूर्ण का प्रयोग प्रतिदिन करना चाहिये।
शिलाजीत
शिलाजीत एक बलवर्धक एवं वीर्यवर्धक औषधि है। शिलाजीत के प्रयोग से मानव वीर्य की गुणवत्ता एवं मात्रा में वृद्धि होती है। बाजार में आप शिलाजीत के कैप्सूल आसानी से खरीद सकते हैं। शिलाजीत स्वाद में कड़वा एवं कसैला होता है। यह सामान्यतः गाढा काले रंग का होता है। शिलाजीत बीमारियों से बचाव में भी सहायक है ।बलवर्धक होने के कारण शिलाजीत का प्रयोग लिंग पत्थर जैसा सख्त खड़ा करने के लिए भी कर सकते हैं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा का प्रयोग मूलतः दिमागी / शारीरिक थकान को दूर करने में प्राचीन समय से किया जा रहा है। अश्वगंधा का प्रयोग मानव शरीर में शुक्र धातु एवं वीर्य में वृद्धि करता है। आप बाजार से अश्वगंधा चूर्ण / टेबलेट किसी भी मैडीकल स्टोर से खरीद कर प्रयोग कर सकते हैं।अश्वगंधा का प्रयोग पेनिस बढ़ाने में भी किया जाता है।
कौंच बीज का प्रयोग
कौंच बीज का प्रयोग मुख्यतः नपुंसकता के इलाज में किया जाता है। कौंच बीच बातनाशक प्रकृति का होता है। कौंच बीज का चूर्ण आप फार्मेसी से आसानी खरीद सकते हैं।
कच्चे लहसुन / प्याज एवं हरी मिर्च का प्रयोग (Use Of Garlic, Onion, Green Chilly)
कच्चा लहसन Garlic का प्रयोग पुरुषों में टेस्टेस्टेरॉन लेवल को बढाने में किया जाता है। लहसुन में सेलेनियम पाया जाता है जो पौरूष के स्पर्म की क्वालिटी को इंप्रूव करता है। लहसुन में पाया जाने वाला तत्व एलीसिन पुरूषों में मेल हार्मोन को ठीक रखता है। कच्चे लहसुन के प्रयोग से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन भी दूर होता है। भोजन में लहसुन, प्याज, हरी मिर्च के प्रयोग से सैक्स लाइफ में इंप्रूवमेंट होता है। यह साधारण सी लगने वाली सब्जियाँ आपको लम्बी रेस का घोडा बना देंगी। प्याज एवं लहसन दोनों ही मानव शरीर के रक्त संचार को संतुलित करती हैं। लीवर की विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए हमें नियमित लहसुन का प्रयोग किया जाता है।
कामचूडामणि रस का प्रयोग
कामचूडामणि आयुर्वेदिक औषधि मुख्यतः पुरुषों की यौन सम्बन्धी समस्या जैसे वीर्य का शीघ्र निकल जाना (शीघ्र पतन), धातु क्षीणता, वीर्य का पतलापन, नपुंसकता आदि अन्य विकारों के इलाज में प्रयोग किया जाता है।
अंजीर एवं किशमश का प्रयोग (Use Of Figs And Raisins)–
अंजीर एवं किशमिश का प्रयोग पुरूषों में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करने में सहायक है एवं महिलाओं में भी बांझपन जैसी समस्या का हल है। अंजीर एवं किशमिश पौरूष एवं महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढाता है। अंजीर एवं किशमिश दोनो ही मानव हृदय, त्वचा, आखों एवं बालों के स्वास्थ्य के लिये अच्छे माने जाते हैं।
कामराज बूटी का प्रयोग
कामराज जैसा कि नाम से पता चलता है यह जडी बूटी पुरूषों के सैक्स सम्बन्धी समस्या से छुटकारा पाने के लिये प्रयोग में लायी जाती है । कामराज जडीबूटी वीर्यवर्धक, शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करती है। पुरूषों के बांझपन को दूर करते हुये प्रजनन क्षमता को बढाता है। यह एक शक्तिवर्धक जडीबूटी है। निम्नलिखित पेनिस में तनाव की दवा का प्रयोग आप टाइम बढाने की मेडिसन की तरह भी कर सकते हैं
किशमिश एवं शहद का प्रयोग (Use Of Raisins And Honey)-
किशमिश और शहद का काम्बीनेशन बुजुर्गों द्वारा काफी समय से पुरूषों की सैक्स समस्यायें जैसे स्वप्न दोष (Night Fall), शीघ्रपतन (Early Ejaculation), धातु दुर्बलता, वीर्य की कमी, नपुंसुकता आदि को जड से समाप्त करने हेतु किया जाता रहा है । किशमिश और शहद मानव शरीर में ब्लड सर्क्यूलेशन को बढाता है जिस कारण पुरुष के स्पर्म काउंट एवं क्वालिटी में वृद्धि होती है।
अलसी का प्रयोग (Use Of Flax Seeds)
फ्लैक्स सीड का प्रयोग मानव वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता है। अलसी पुरूषों में प्रजनन क्षमता एवं वीर्य को बढाता है। अलसी का प्रयोग पुरुषों को प्रोस्टेट सम्बन्धी बीमारियों से बचाव में प्रयोग किया जाता है।
मुनक्का का प्रयोग
मुनक्का मानव के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में मदद करता है। मुनक्का एमीनो एसिड्स (Amino Acids) से भरपूर होते हैं जो यौन दुर्बलता को दूर करता है और काम इच्छा में वृद्धि करता है। प्रतिदिन 8 से 10 मुनक्कों को दूध में उबालकर पीने से पुरूषों के वीर्य की गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है साथ ही चेहरे पर लालिमा आती है।
उपरोक्त वर्णित मसाले एवं जडीबूटियों का प्रयोग करने से पूर्व किसी आयुर्वेदाचार्य से मिलकर सर्वप्रथम अपने शरीर को समझना आवश्यक है। कि आपके शरीर की प्रकृति वात, पित्त, कफ में किस प्रकार की है। आर्युवेदिक इलाज का असर लंबे समय में दिखता है अतः आपको धैर्य एवं विश्वास रखते हुये सेवन करना होगा। खाने में फल जैसे केला, अनार, एवोकाडो, आलिव आयल, उर्द की दाल, राजमा, रमास, सोयाबीन आदि का प्रयोग सैक्स समस्याओं से छुटकारा पाने के लिये आवश्यक है।
पेनिस में तनाव बढाने वाली एलोपैथिक दवायें (पेनिस इरेक्शन की दवा)
इस लेख में हम आपको सलाह देते हैं कि ऐलोपैथिक (अंग्रेजी) दवाओं के प्रयोग से पूर्व डाक्टर की सलाह अवश्य लें क्योंकि यह दवाइयाँ प्रायतः मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव जैसे हाइ ब्लड प्रेशर, सर दर्द, हार्ट प्रोबलम्स, डिप्रेशन, दिमागी दौरा, आदि अन्य बीमारियाँ उत्पन्न कर सकती हैं। निम्नलिखित पेनिस में तनाव की दवा का प्रयोग आप टाइम बढाने की मेडिसन की तरह भी कर सकते हैं।
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एल्प्रोस्टेडिल (Alprostadil)
इस मेडिसिन का प्रयोग नपुंसकता के इलाज के लिये किया जाता है। एल्पोस्टेडिल शरीर में खून का प्रवाह बढाकर लिंग तक ले जाने में सहायक है। अलप्रोस्टेड़िल दवा डाक्टर के प्रिसक्रिप्सन पर ही आपको मिलेगी ।
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सिल्डेनाफिल (Sildenafil)-(वियाग्रा)
इस एलोपैथिक दवा का प्रयोग लिंग को सख्त करने के लिये किया जाता है। यह दवा सैक्स करने से 30 से 60 मिनट पूर्व खाली पेट ली जाती है । यह बाजार में बिकने वाली सबसे लोकप्रिय सैक्स टेबलेट है।
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टाडालाफिल (Tadalafil)-(सियालिस)
इस अंग्रेजी दवा का प्रयोग प्रतिदिन छोटी मात्रा में किया जा सकता है। इसको संभोग करने से 30 – 45 मिनट खाया जाता है।
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वार्डेनफिल (Vardenafil)-(लेवित्रा, स्टेक्सिन)
इस अंग्रेजी दवा का प्रयोग भी ई0डी0 की समस्या को दूर करने में किया जाता है। यह टेबलेट आपके अन्दर जोश भर देगी।
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टेस्टोस्टेरोन (Testosterone)
टेस्टोस्टेरोन मानव शरीर के विकास के लिये आवश्यक है। टेस्टोस्टेरोन मानव शरीर में स्वयं विकसित होता है परन्तु इसकी कमी होने पर आपकी सैक्स ड्राइव में भी कमी आती है। बाजार में आर्टीफिशियल टेस्टोस्टेरान एबेलेवल हैं जिनका प्रयोग आप लिंग नपुंसकता के इलाज के लिये कर सकते हैं।
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अवनाफिल (Avanafil)-(स्ट्रेंडा)
Avanafil दवा का प्रयोग भी स्तंभन दोष में किया जाता है। यह आपके अंतरंग पलों को हसीन बना देगा। डाक्टर के परामर्श के उपरान्त ही आप इन दवाओं का प्रयोग करें।
उपरोक्त वर्णित पुरुष उत्तेजना की दवाओं को आप सीधे जाकर फार्मेसी से नहीं खरीद सकते हैं। उक्त मैडिकल प्रोडक्ट को खरीदने हेतु आपको डाक्टर का प्रिसक्रिप्शन Rx की आवश्यकता होगी इसलिये डाक्टर से परामर्श करने के पश्चात ही इन दवाओं का सेवन करें।
पेनिस में तनाव बढाने वाली आयुर्वेदिक दवायें (पेनिस इरेक्शन मेडिसिन)
- शतावरी- शतावरी को Queen of herbs भी बोला जाता है। शतावरी मानव शरीर की तंत्रिकाओं को शांत करती है तथा परिसंचरण में सुधार करती है। जिससे ब्लड सर्क्यूलेशन अच्छे से होता है और लिंग में तनाव आता है।
- दालचीनी-दालचीनी का प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है जो हमारे शारीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है जिससे पुरुषों में विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है हमारा शरीर स्वस्थ होने के कारण शारीरिक रूप से मजबूत रहता है दालचीनी के दैनिक प्रयोग से शारीरिक शक्ति का विकास होता है जिससे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ता है और पुरुषों में पेनिस के तनाव में होने वाली समस्या दूर हो जाती है
- सफेद मूसली- सफेद मूसली सफेद एवं पीले रंग की जड होती हैं। जो मानव शरीर में टेस्टोस्टेरान को बढाने में मदद करती है तथा कोर्टिकोस्टेरान के उत्पादन को प्रेरित करती है। यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर करने में प्रयोग की जाती है।
- इंडियन जिन्सेंग- अश्वगंधा को इंडियन जिन्सेंग भी कहा जाता है। यह आयुर्वेदिक मेडिसिन स्तंभन दोष को ठीक करने के लिये लाभदायक है। इमसे काम उत्तेजक गुण होते हैं। अश्वगंधा तनाव एवं चिन्ता को भूी दूर करता है। यह पुरूषों में प्रजनन क्षमता तथा वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या को बढाने में कारगर है।
पेनिस में तनाव बढाने में योगा भी है सहायक
- सूर्य नमस्कार
- धनुरासन
- नौकासन
- कुंभकासन
- उत्तानपादासन
- पश्चिमोत्तानासन
यह भी जाने - टाइम बढ़ाने वाले कंडोम लम्बे समय तक सेक्स करें
अपनी यौन संबन्धी विकारों को दूर करने के लिये सर्वप्रथम अपनी दिनचर्या को बदलना आवश्यक है। किसी भी दवा के प्रयोग से पूर्व सलाह यह है कि आप अपने प्रतिदिन की लाइफ स्टाइल में व्यायाम, योगासन एवं अच्छे खानपान पर ध्यान दें। यदि आपको कोई भी बुरी आदत है तो इन आदतों को बदलने का प्रयास करें। डाक्टर के परामर्श के बिना स्वयं का उपचार न करें।
लोगों द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्न
इलाज क्या है लिंग खड़ा न होने का?
लिंग खड़ा न होने का इलाज के लिए उपरोक्त लेख में बताए गए दवाओं का अध्ययन करके उपयोग करने के पश्चात किया जा सकता है। जिन व्यक्तियों में लिंग के ढीलेपन की समस्या होती है उनको दैनिक रूप से उपरोक्त लेख में बताई गई दवाओं का प्रयोग करना चाहिए जिससे वह अपने लिंग में होने वाली इस समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
कैसे बढ़ाया जा सकता है लिंग में तनाव?
लिंग मैं तनाव बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का वर्णन उपरोक्त लेख में किया गया है। जिनके अध्ययन के पश्चात दवाओं का प्रयोग करते हुए आप अपने लिंग में पर्याप्त तनाव ला सकते हैं। उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक पतंजलि तथा एलोपैथिक दवाओं का वर्णन किया गया है। जिनके प्रयोग से आप लिंग में होने वाली इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
मेरे लिंग में तनाव क्यों नहीं हो रहा है?
आपके शरीर में सेक्स की कमी के कारण हो सकता है कि आपके लिंग में तनाव न हो रहा हो लिंग में तनाव लाने के लिए उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार के दवाओं का वर्णन किया गया है। लेख के अध्ययन के पश्चात बताई गई दवाओं का प्रयोग करते हुए आप अपनी इस समस्या का हल कर सकते हैं।
Author Profile
- संभव शर्मा ने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इलाहबाद से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, तथा बैसवारा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। बैसवारा महाविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के पश्चात संभव शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वेबसाइट तथा ब्लॉग में लेखन का कार्य किया है, तथा विभिन्न प्रकार के पत्रिकाओं तथा हुए पोर्टल पर चीफ एडिटर का कार्य भी किया है, तथा पिछले 5 सालों से इन्होंने ACPP.MD वेबसाइट के लिए मुख्य एडिटर के रूप में कार्य किया है, जिन का योगदान इस वेबसाइट के लिए महनीय है। इनके द्वारा एडिट किए गए सभी प्रकार के लेख लोगों के स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हुए हैं।