शुगर की बीमारी आधुनिक समय में एक आम बीमारी हो गई है, जो पुरुष तथा महिलाओं दोनों में होती है, तथा इसका मुख्य कारण पाचन क्रिया में बनने वाले इंसुलिन हार्मोन के पर्याप्त रूप से कार्य न करने के कारण होता है। शुगर को मधुमेह या डायबिटीज के रूप में जाना जाता है, जो हमारे शरीर में शुगर घटने या बढ़ने के कारण होता है। हमारे शरीर में शुगर घटने तथा बढ़ने दोनों स्थितियों में डायबिटीज होती है, जिसे हिंदी में मधुमेह कहते हैं, की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी के लक्षण पुरुष तथा महिलाओं में सामान्य होते हैं, किंतु पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में शुगर के लक्षण कुछ अलग दिखाई देते हैं, इसलिए आज हम आपको महिलाओं में होने वाले डायबिटीज के कारणों तथा महिलाओं में शुगर के लक्षण की जानकारी देंगे, जो महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए भी उपयोगी है।
हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों द्वारा ग्लूकोस प्राप्त होता है, इस ग्लूकोज का का प्रयोग आमाशय द्वारा पाचन क्रिया में शर्करा के निर्माण में किया जाता है, तथा शर्करा को आमाशय में उपस्थित इंसुलिन हार्मोन द्वारा ऊर्जा में परिवर्तित कर दिया जाता है, जिसका उपयोग शरीर के संचालन में किया जाता है। हमारे शरीर में पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार की क्रियाएं होती हैं, तथा पाचन के पश्चात अपशिष्ट पदार्थ को मल के द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है, तथा उपयुक्त पदार्थ जैसे ग्लूकोस, कार्बोहाइड्रेट वसा आदि को शरीर द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है, जिसका उपयोग ऊर्जा निर्माण तथा अन्य प्रकार की शारीरिक आवश्यकता की पूर्ति करने वाले तत्वों का निर्माण किया जाता है। जिस प्रकार विभिन्न प्रकार के तत्व हमारे शरीर को जीवित रखते हैं, उसी प्रकार शर्करा जिसे हम शुगर के नाम से जानते हैं, हमारे शरीर में अहम भूमिका निभाता है।
मधुमेह क्या है
मधुमेह या डायबिटीज की बीमारी जिसे हम सामान्य भाषा में शुगर के नाम से जानते हैं, यह आधुनिक समय में लगभग प्रत्येक महिला या पुरुष को होती है। यह शरीर में असंतुलित शर्करा के कारण हो जाती है, जिसमें शरीर में शुगर की मात्रा कम या ज्यादा हो जाने के कारण डायबिटीज की समस्या होने लगती है। मधुमेह की बीमारी अनुवांशिक भी होती है, तथा यह जिन लोगों में अनुवांशिक नहीं होती है, उनमें खाने पीने की अनियमितता तथा खराब दिनचर्या के कारण होती है। मधुमेह की बीमारी पाचन क्रिया में आमाशय में उत्पन्न होने वाले इंसुलिन हार्मोन की कमी या अनियमितता के कारण होती है। जब इंसुलिन हार्मोन में अनियमितता होने लगती है, तो पाचन क्रिया के समय शर्करा का परिवर्तन ऊर्जा में नहीं हो पाता है, जिसके कारण शुगर या शर्करा की मात्रा अनियंत्रित होने लगती है, और व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या हो जाती है।
डायबिटीज किसे कहते हैं (What is diabetes)
डायबिटीज हमारे शरीर में शर्करा की मात्रा घट तथा बढ़ जाने की स्थिति को कहते हैं, यह अनियमितता हमारे शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी के कारण होती है, जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं। इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है। जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज कब और क्या खा रहे हैं। इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है, और व्यक्ति लंबे समय तक सरवाइव करने में सक्षम होता है। डायबिटीज की बीमारी महिला तथा पुरुष दोनों के लिए ही जानलेवा हो सकती है तथा इसके विभिन्न समस्याएं शरीर में हो सकती है।
डायबिटीज या शुगर के प्रकार
जैसा कि उपरोक्त बताया गया है, डायबिटीज या शुगर गलत खानपान या खराब दिनचर्या के कारण हो सकता है, किंतु डायबिटीज अनुवांशिक भी होता है। इस प्रकार डायबिटीज को कुछ अलग श्रेणियों में बांटा गया है। डायबिटीज के होने वाले कारण के अनुसार डायबिटीज को दो भागों में बांटा गया है।
टाइप-1 डायबिटीज
इस प्रकार के डायबिटीज हमें या किसी भी व्यक्ति को उसके मां-बाप किया उसके किसी रिश्तेदार के आनुवांशिक लक्षणों के कारण होती है, इस प्रकार के डायबिटीज मुख्य रूप से मां-बाप के डायबिटीज पेशंट होने के कारण बच्चों को होती है, जिसे हम अनुवांशिक डायबिटीज या शुगर के नाम से जानते हैं, जो टाइप-1 की डायबिटीज है।
टाइप-2 डायबिटीज
यदि हम अपने शरीर का ध्यान नहीं रखते हैं, और गलत खानपान तथा असंतुलित खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तथा दैनिक स्वस्थ दिनचर्या का पालन नहीं करते हैं, तो हमें डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि खराब खानपान तथा रहन-सहन के कारण शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है, और व्यक्ति शुगर से प्रभावित हो जाता है।
महिलाओं में शुगर के लक्षण (Diabetes Symptoms in Females)
जैसा कि आपको मैं पहले बता चुका हूं कि डायबिटीज अर्थात शुगर के लक्षण पुरुषों तथा महिलाओं में सामान्य होते हैं, किंतु कुछ लक्षणों ऐसे भी होते हैं जो केवल महिलाओं में दिखाई देते हैं। ऐसे में महिलाओं के शरीर में होने वाले शुगर के लक्षणों के कारण महिलाओं को बहुत सारी समस्याएं होती हैं। इसलिए आज हम आपको Mahilao men shugar ke lakshan की जानकारी देंगे जो निम्नलिखित हैं, जिससे महिलाएं शुगर की समस्या को पहचान सकती हैं, तथा प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते ही शुगर को कंट्रोल करने के उपाय अपना सकती हैं, जिससे शुगर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। महिलाओं में शुगर के प्राथमिक लक्षण निम्नलिखित हैं
- कैंडिडा संक्रमण (Candida infections)
- मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) (urinary tract infection (UTI)
- योनि का सूखापन (vaginal dryness)
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) (polycystic ovary syndrome (PCOS)
- धुंधली दृष्टि (Blurred vision)
- घावों का धीमा भरना (Slow healing of wounds)
- हाथ या पैर में झुनझुनी, सुन्नता या दर्द (Tingling, numbness or pain in hands or feet)
- गहरे रंग की त्वचा के धब्बे (Dark spots on the skin)
- अत्यधिक प्यास लगना (excessive thirst)
- मुंहासे दिखाई देना
कैंडिडा संक्रमण (Candida infections)
हाइपरग्लेसेमिया (Hyperglycemia) या उच्च रक्त शर्करा का स्तर कवक के विकास को गति प्रदान करता है, जिसके कारण कैंडिडा फंगस या ईस्ट की वृद्धि होती है, जिसके कारण महिलाओं की योनि में ईस्ट का संक्रमण बढ़ जाता है। महिलाओं की योनि में ईस्ट के कारण बढ़ने वाले इस संक्रमण को थ्रश कहते हैं, जिसके कारण महिलाओं की योनि में विभिन्न प्रकार की समस्या भी होती हैं। कैंडिडा फंगस का संक्रमण मुंह, ओरल कैविटी और जीभ में सफेद धब्बे जैसे लक्षणों के साथ सामने आ सकता है। यह निजी अंगों को भी संक्रमित कर सकता है, और खून में भी पाया जा सकता है। शुगर से पीड़ित महिलाओं के शरीर में कैंडिडा संक्रमण के कारण निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं।
- योनि स्राव (vaginal discharge)
- दर्दनाक सेक्स (painful sex)
- व्यथा (agony)
- योनि की खुजली (vaginal itching)
मूत्र पथ के संक्रमण- यूटीआई (Urinary Tract Infection- UTI)
डायबिटीज के कारण महिलाओं में जब शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकलने लगता है। जब शुगर शरीर से यूरिन के साथ निकलता है, तो यह यूरिन ट्रैक अर्थात मंत्र मार्ग में जीवाणु को पनपने का स्थान देने लगता है, क्योंकि यूरिन में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से सूक्ष्मजीव बहुत शीघ्रता से विकसित होते हैं, तथा शरीर में शुगर होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण सूक्ष्म जीव बड़ी आसानी से यूरिनरी ट्रैक्ट के भीतर घुस जाते हैं, और यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण का कारण बनते हैं। इसलिए जिन महिलाओं को शुगर की समस्या होती है, उनमें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, तथा थोड़ा सा भी इन्फेक्शन होने के कारण यह बहुत तेजी से विकसित होता है। इसलिए जिन महिलाओं में शुगर की समस्या होती है, उनको यूटीआई अर्थात यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो जाता है। मूत्र पथ के संक्रमण के कारण महिलाओं में निम्नलिखित समस्याएं होती हैं
- मूत्र त्याग करने में दर्द (painful urination)
- पेशाब के दौरान जलन महसूस होना (burning sensation during urination)
- खूनी या बादलदार मूत्र (bloody or cloudy urine)
योनि का सूखापन (Vaginal Dryness)
महिलाओं के शरीर में उत्पन्न होने वाला सेक्स हारमोंस एस्ट्रोजन ब्लड में बढ़े हुए ग्लूकोज के स्तर के कारण प्रभावित हो जाता है, जिसके कारण महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा में कमी हो जाती है, जिसके कारण महिलाओं में सेक्स हारमोंस एक्टिव नहीं होते हैं। सेक्स हार्मोन एक्टिव न होने के कारण महिलाओं की योनि में सूखापन रहता है। महिलाओं की योनि में सूखा खान होने के कारण तथा सेक्स हारमोंस के श्रावण मैं परिवर्तन के कारण महिलाओं का मन सेक्स इच्छा के तरफ नहीं होता है, तथा उनमें मूड स्विमिंग की समस्या भी होने लगती है। महिलाओं में शुगर बढ़ने के कारण योनि में सूखापन के साथ-साथ निम्नलिखित समस्याएं भी होते हैं।
- योनि का सूखापन।
- यौन इच्छा में कमी।
- महिलाओं में नर्व डैमेज।
- शरीर के विभिन्न हिस्सों में झुनझुनी।
पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS)
हॉलिस्टिक डिफिशिएंसी सिंड्रोम के कारण महिलाओं के शरीर में हारमोंस अनियमितता के कारण होता है, इसमें महिलाओं के शरीर में हारमोंस परिवर्तन हो जाता है, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में पुरुष सेक्स हार्मोन स्रावित होने लगते हैं, जिससे महिलाओं में पुरुषों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिस एपीसीओएस या पीसीओडी की समस्या कहते हैं। पीसीओएस (PCOS) भी एक प्रकार के इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ा है, जो रक्त शर्करा के स्तर (blood sugar levels) को बढ़ाता है, और मधुमेह (diabetes) के विकास के आपके जोखिम को बढ़ाता है। इंसुलिन प्रतिरोध या तो एक लक्षण या पीसीओएस (PCOS) का कारण हो सकता है। जिसके कारण महिलाओं में चेहरे पर बाल आना, पीरियड्स में परिवर्तन होना तथा बांझपन की समस्या हो जाती है। महिलाओं में पीसीओएस की समस्या को ठीक करने के लिए शुगर को कंट्रोल करना बहुत ही आवश्यक होता है, हॉलिस्टिक ओरी सिंड्रोम की समस्या के कारण महिलाओं में निम्नलिखित शारीरिक समस्याएं होती हैं।
- अनियमित पीरियड्स (irregular periods)
- भार बढ़ना (weight gain)
- मुंहासा (acne)
- डिप्रेशन (depression)
- बांझपन (infertility)
कमजोर दृष्टि (Weak vision)
जब किसी भी व्यक्ति के ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह शुगर की अधिकता आंखों की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, तथा शरीर में उच्च रक्त शर्करा का स्तर आंखों के लेंस में सूजन का कारण बन सकता है। इसलिए शुगर से पीड़ित व्यक्ति तथा महिलाओं में दृष्टि कमजोर हो जाती है, जिसके कारण उनको धुंधला दिखाई देने लगता है। उच्च रक्त शर्करा का प्रभाव दोनों आंखों के रक्त वाहिकाओं पर सामान्य तथा असामान्य रूप से हो सकता है। इसलिए कभी-कभी इससे दोनों आंखें प्रभावित होती हैं, किंतु कभी-कभी केवल एक आंख पर ही प्रभाव पड़ता है, किंतु शरीर में जैसे ही रक्त शर्करा कम होती है, यह समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगती है, इसलिए आंखों की दृष्टि सामान रखने के लिए शरीर में शुगर की मात्रा को सामान्य रखना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर उपचार नहीं मिलता है, तो इन रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को अधिक और गंभीर नुकसान हो सकता है, और अंततः स्थायी दृष्टि हानि (permanent vision loss) हो सकती है। शुगर के कारण आंखों की दृष्टि में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं
- आँखों में धुँधलापन
- आँखों के आगे अँधेरा छा जाना,
- दूर का कम दिखाई देना
- आंखों की देखने की क्षमता कम हो जाना
घावों का धीमा भरना (Slow healing of wounds)
हमारे शरीर में उच्च रक्त शर्करा का बढ़ा हुआ स्तर शरीर की नसों तथा रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे रक्त परिसंचरण पर प्रभाव पड़ता है। रक्त परिसंचरण पर प्रभाव पड़ने के साथ-साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण यदि कोई छोटा सा घाव भी हो जाता है, तो उसे भरने में लंबा समय लग जाता है, जिसके कारण कभी-कभी उस घाव पर इंफेक्शन हो जाता है, जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्या हो जाती है। घाव जल्दी ना भरने के कारण तथा इंफेक्शन हो जाने के कारण उसमें सड़न उत्पन्न हो जाती है, जिससे कभी-कभी उस अंग की सर्जरी भी करनी पड़ती है, अर्थात हमारे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने के कारण घाव भरने की क्षमता कम हो जाती है, साथ ही साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है।
शारीर के अंगों में झुनझुनी या दर्द
शरीर में जब शुगर की मात्रा बढ़ती है तो हमारा ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, जिसके कारण रक्त परिसंचरण पर प्रभाव पड़ता है। शुगर की मात्रा बढ़ने के कारण रक्त संचार कम हो जाता है, जिसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों में झुनझुनाहट तथा सुन्नता आ जाती है, जिसके कारण हाथ पैर में दर्द होता है, तथा झनझनाहट के साथ हाथ पैर से संबंधित समस्या होती है। हाथ पैर में झनझनाहट तथा सुन्नता मुख्य रूप से टाइप 2 के शुगर से पीड़ित व्यक्तियों में देखने को मिलती है, जिसके कारण उनके शरीर में भी दर्द होता है। शरीर के रक्त संचार की मात्रा को सामान्य रखने तथा हाथ पैर से झुनझुनाहट तथा सुन्नता की समस्या को ठीक करने के लिए शुगर को कंट्रोल करना बहुत ही आवश्यक होता है, जिससे हमारा रक्त संचार सामान्य रहता है, तथा शरीर के अंगों में झनझनाहट की समस्या नहीं होती है।
गहरे रंग की त्वचा के धब्बे (Dark spots on the skin)
यदि आपके शरीर में गुप्तांगों तथा जननांगों के आसपास साथ ही साथ गले और बगल में कालेपन का निशान दिखाई दे रहा है, या आप की त्वचा काली होती जा रही है, तो यह आपके शरीर में शुगर लेवल बढ़ने के कारण हो सकते हैं, क्योंकि शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से पिगमेंट बढ़ जाता है, जिसके कारण शरीर की त्वचा काली हो जाती है। यदि आप के जननांगों तथा बगल में काली त्वचा की अधिकता हो रही है, और अचानक आपके गले के आसपास गहरे या काले रंग की त्वचा दिखाई दे रही है, तो आपको शुगर लेवल बढ़ने की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है, तथा शुगर टेस्ट द्वारा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, कि आपके शरीर का शुगर लेवल कितना है। शरीर में शुगर लेवल बढ़ने के कारण पिगमेंट बढ़ जाता है, तो शरीर पर दिखाई देने वाले लक्षण
- शरीर में जाँघों कि त्वचा काली होने लगती है।
- गले में काले निशान बन जाते हैं।
- बगल में कालापन हो जाता है।
- सेविंग करने पर चेहरे की त्वचा काली दिखाई देती है।
- आंखों के नीचे डार्क सर्कल दिखाई देते हैं।
अत्यधिक प्यास लगना (excessive thirst)
जब हमारे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, तो हमारा शरीर रक्त से शुगर की मात्रा को हटाने के लिए अत्यधिक पानी का प्रयोग करता है, जिससे पुरुष या महिला को बार बार पेशाब जाने की आवश्यकता पड़ती है। बार बार पेशाब जाने के कारण शरीर में पानी की मात्रा कम पड़ जाती है, जिससे शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति आ जाती है। इसलिए शुगर पीड़ित व्यक्ति को अत्यधिक प्यास लगती है, Diabetes Symptoms in Females में यह एक प्राथमिक लक्षण होता है, जो महिलाओं में बहुत अधिक दिखाई देता है। किंतु महिलाएं इसे अनदेखा कर देती हैं अतः हमें यह जानना चाहिए कि अत्यधिक प्यास लगने का कारण शुगर भी हो सकता है।
मुंहासे दिखाई देना
कभी-कभी अचानक महिला तथा पुरुषों के शरीर में फोड़े, फुंसी, दाने तथा एक्ने बढ़ने लगते हैं, जिनका मुख्य कारण शरीर में बढ़ा हुआ शुगर लेवल होता है। जब हमारे ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है, तो हाई शुगर के कारण स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं, जिससे एक्ने और फोड़े-फुंसी बढ़ सकते हैं। इसलिए यदि शरीर में अचानक फोड़े फुंसी तथा एक्ने की समस्या दिखाई देने लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, तथा शुगर से संबंधित जांच कराने के पश्चात यदि शुगर असंतुलित होता है, तो उसका इलाज करना चाहिए, तथा विभिन्न प्रकार के दिनचर्या में बदलाव करके अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए।
महिलाओं में शुगर के लक्षण से बचने के लिए डायबिटीज का इलाज
यदि आपके शरीर में शुगर की मात्रा असंतुलित हो रही है, तो उसे संतुलित करना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि यदि समय रहते शुगर की मात्रा को संतुलित ना किया गया तो हमारे शरीर में उपरोक्त विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यदि शुगर के प्राथमिक लक्षण दिखाई देते हैं, तो निश्चित रूप से ही हमें अपनी दिनचर्या तथा खान-पान में बदलाव करना चाहिए, जिससे शुगर कंट्रोल रहेगा तो हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शुगर को कंट्रोल करना बहुत ही आवश्यक है, शुगर को कंट्रोल करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं
- अधिक तैलीय खाद्य पदार्थ तथा डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- बाजार में उपलब्ध है डिब्बाबंद पैकिंग के जूस मिठाईयां आदि से बचें और घर के शुद्ध जूस का प्रयोग करें।
- शुगर से बचने के लिए दैनिक रूप से घर का बना हुआ शुद्ध दही प्रयोग करें।
- शुगर को कंट्रोल रखने के लिए करेला तथा भिंडी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
- विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन तथा लाल टमाटर का प्रयोग करना चाहिए।
- शुगर से पीड़ित व्यक्तियों को ग्लूकोस वाले खाद्य पदार्थ जैसे आलू चावल केला दूध तथा शकरकंद आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जो लोग डायबिटीज के शिकार है उसे चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, यह ब्लड में जाते ही शुगर में बदल जाता है।
निष्कर्ष
सामान्य परिस्थितियों में शुगर जिसे हम डायबिटीज के नाम से जानते हैं, महिला तथा पुरुषों में इसके लक्षण समान होते हैं, किंतु पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में इसके लक्षण कुछ अलग दिखाई देते हैं, जिसके कारण में को अलग से परिभाषित किया जाता है। यदि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा कुछ अगर लक्षण दिखाई देते हैं, तो महिलाएं शुगर की पहचान नहीं कर पाती हैं, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में डायबिटीज बढ़ता जाता है, और महिलाओं की इसकी जानकारी ना होने के कारण इसका फैलाव पूरे शरीर में अधिक मात्रा में हो जाता है। इसलिए उपरोक्त लेख में महिलाओं में शुगर के लक्षण बताए गए हैं, जिनके द्वारा महिला अपने शरीर में शुगर की पहचान समय से कर सकें और शुगर का सही इलाज किया जा सके। यदि शुगर को सही समय पर पहचाना जा सकता है तो उसका इलाज सही तरीके से किया जा सकता है।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
शुगर बढ़ने पर क्या महसूस होता है?
शुगर बढ़ने के कारण हमारे ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक हो जाने के कारण रक्त परिसंचरण प्रभावित होता है, जिसके कारण शहर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होने लगती है। शुगर की समस्या के कारण थकान महसूस होना, कमजोर होना तथा पाचन क्रिया प्रभावित होती है।
शुगर में क्या क्या दर्द होता है?
शुगर में इंसुलिन हार्मोन सा संतुलित हो जाता है, जिसके कारण ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण शरीर कमजोर हो जाता है और हाथ पैरों में दर्द होता है तथा झनझनाहट व सुन्नता होती है।
महिलाओं में शुगर के लक्षण क्या है?
सामान्य अवस्था पर महिला तथा पुरुषों में शुगर के समान ही बोलते हैं किंतु महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा कुछ लक्षण अलग से प्रतीत होते हैं, जिन्हें महिलाओं में शुगर के लक्षण कहते हैं। महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अलग प्रतीत होने वाले लक्षण निम्नलिखित हैं
- अनियमित पीरियड्स (irregular periods)
- भार बढ़ना (weight gain)
- मुंहासा (acne)
- डिप्रेशन (depression)
- बांझपन (infertility)
शुगर की शुरुआत कैसे होती है?
जब हमारा शरीर में इंसुलिन हार्मोन स्रावित होना बंद हो जाता है, या कम स्रावित होता है तो हमारे ब्लड में शर्करा की मात्रा बढ़ने लगती है। डायबिटीज हमारे शरीर में शर्करा की मात्रा घट तथा बढ़ जाने की स्थिति को कहते हैं, यह अनियमितता हमारे शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी के कारण होती है, जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।