सफेद मूसली एक आयुर्वेदिक शक्तिवर्धक और सही है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की औषधियों के निर्माण में किया जाता है सफेद मूसली एक बहुत ही उपयोगी पौधा है, जो कुदरती तौर पर बरसात के मौसम में जंगल में उगता है। सफेद मूसली की जड़ों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और यूनानी दवाएं बनाने में किया जाता है। खासतौर पर इस का इस्तेमाल सेक्स कूवत बढ़ाने वाली दवा के तौर पर किया जाता है सफेद मूसली की जड़ और बीज, विशेष रूप से औषधि के रूप में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी जड़ों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि अत्यधित मात्रा में पाए जाते हैं। इस लेख में हम आपको सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए उपयोग करने के अनजाने गुणों के बारे में विस्तार से बतायेंगे।
सफेद मूसली क्या है?
भारत की एक दुर्लभ जड़ी बूटी हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी सहित चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों में किया जाता हैं सफेद मूसली विभिन्न औषधियों के निर्माण हेतु प्रयुक्त होने वाली एक अमूल्य जड़ी-बूटी है जिसकी देशीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक माँग है। परन्तु जिस तेजी से यह माँग बढ़ रही है उसकी तुलना में इसके उत्पादन तथा आपूर्ति में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई है।मूसली के फूल सफेद रंग के होते हैं। इसकी जड़ मोटी तथा गुच्छों में होती है। इसका कंद मीठा, कामोत्तेजक और कफ को कम करने में मदद करता है। यह स्तनों में दूध को बढ़ाने में मदद करता है। यहां तक सफेद मूसली मोटापा या ओबेसिट, अर्श या पाइल्स, सांसों के रोग, खूनी की कमी या एनिमिया में भी लाभ पहुंचाता है। आप इसका लाभ ह्रदय विकार तथा डायबिटीज जैसे रोगों में भी ले सकते हैं।
सफेद मूसली के प्रकार
सामान्य रूप से मूसली दो प्रकार की होती है, जिसमें सफेद मूसली और काली मूसली और भी है दोनों ही प्रकार के मुस्लिम विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तत्वों युक्त होती है, और औषधियों के निर्माण में प्रयोग की जाती है। प्राचीन काल से सफेद मूसली का प्रयोग अधिक मात्रा में दवाओं के रूप में होता है। सफेद मूसली बाजारों में विभिन्न प्रकार के ब्रांड्स में उपलब्ध है जिनका प्रयोग नीचे दिए गए सभी प्रकार के उपचार के रूप में किया जा सकता है। जिसमें कुछ प्रमुख ब्रांड निम्नलिखित हैं
- दिव्य पतंजलि सफेद मूसली।
- डाबर सफेद मूसली।
- वैद्यनाथ सफेद मूसली।
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Safed musli ke fayde
सफेद मूसली में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक गुण होने के कारण इसका प्रयोग औषध निर्माण में किया जाता है। सफेद मूसली का प्रयोग यूनानी तथा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। सफेद मूसली की सूखी जड़ों का इस्तेमाल यौवनवर्धक, शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक दवाएं बनाने में करते हैं। इस की इसी खासीयत के चलते इस की मांग पूरे साल खूब बनी रहती है, जिस का अच्छा दाम भी मिलता है। सफेद मूसली द्वारा निम्नलिखित समस्याओं के औषध तैयार की जाती हैं।
- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बूस्ट।
- शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि।
- शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने में।
- हड्डियां होंगी मजबूत।
- शरीर को सहनशक्ति प्रदान।
- आर्थराइटिस।
- कैंसर।
- मधुमेह (डायबिटीज)।
- नपुंसकता safed musli benefits for male
- कामोत्तेजना में सुधार करता।
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए।
- सिरदर्द को दूर करने में।
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बूस्ट
पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टरॉन पुरुषों की सेक्स क्रियाओं के लिए जिम्मेदार होता है। टेस्टोस्टेरोन के श्रावण के कम हो जाने के कारण पुरुषों में विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं होने लगती हैं। इन सेक्स समस्याओं को दूर करने के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बूस्ट करने की आवश्यकता होती है। सफेद मूसली में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व होने के साथ-साथ यह ऊर्जा का बहुत बड़ा भंडार होती है सफेद मूसली के प्रयोग से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जिसके कारण शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है।
शारीरिक कमजोरी दूर हो जाने के कारण हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के बढ़ने के कारण हमारे शरीर में हुई सेक्स कमजोरी दूर हो जाती है, जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव बंद हो जाता है या कम हो जाता है उनको दैनिक रूप से सफेद मूसली चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। यदि आप दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करते हैं तो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण प्रारंभ हो जाएगा जिससे सभी सेक्स क्रियाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी तथा होने वाले विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि
पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। जिसके कारण उनके वीर्य में पतलापन हो जाता है वीर के पतला होने के कारण प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा शीघ्रपतन तथा शीघ्र जैसी समस्याएं होने लगती हैं जिसके कारण पुरुष अपनी महिला जीवनसाथी को सेक्स किया में संतुष्ट नहीं कर पाता है। शुक्राणुओं की संख्या में कमी टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के श्रावण के कम हो जाने के कारण होती है।
जिन पुरुषों में कम शुक्राणुओं की समस्या के कारण वीर्य पतला होता है तथा वह प्रजनन क्षमता के लिए सही नहीं रहता हैं। उनको दैनिक रूप से सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए। सफेद मूसली में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के श्रावण के पश्चात शुक्राणु को बढ़ाने की क्षमता होती है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है, और वीर्य गाढ़ा हो जाता है। जिसके कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है।
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शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने में
शारीरिक रूप से कमजोर पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के साथ साथ शारीरिक ऊर्जा की भी कमी होती है। शारीरिक ऊर्जा ना होने के कारण पुरुष सेक्स क्रियाओं में सामान्य रूप से भाग नहीं ले पाता है। शारीरिक ऊर्जा कम होने के कारण पूर्व शीघ्र स्खलन तथा शीघ्र पतन जैसे समस्या के शिकार होने लगते हैं साथ-साथ उनको विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं जैसे चक्कर आना, थकावट आना, थोड़ा सा काम करने के पश्चात सांसो का फूलना, आदि समस्याएं होने लगती हैं।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए शारीरिक रूप से मजबूत होना बहुत आवश्यक होता है। सफेद मूसली के दैनिक प्रयोग से शरीर में शारीरिक ऊर्जा का संचार होता है, तथा शरीर को विभिन्न कार्यों के लिए जरूरत होने वाली ऊर्जा मिलती है, जिससे शरीर बिना थके हुए विभिन्न प्रकार के कार्य करता रहता है।
हड्डियां होंगी मजबूत
हड्डियों को मजबूत करने के लिए सफेद मूसली के फायदे बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। सफेद मूसली में कैल्शियम के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के धातु तथा आयुर्वेदिक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। जिन व्यक्तियों में कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, तथा हड्डियों के कमजोर होने के कारण शरीर में तथा शरीर के हड्डियों के जोड़ों में दर्द होने लगता है। जिसके कारण उनको विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। उनको चलने, उठने, बैठने, में बहुत अधिक परेशानी होने लगती है इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए। दैनिक रूप से प्रयोग करने पर safed musli ke fayde पुरुषों के लिए बहुत अधिक होते हैं।
शरीर को सहनशक्ति प्रदान
शरीर को सहनशक्ति शरीर की अच्छे स्वास्थ्य के कारण मिलती है। जिन व्यक्तियों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है, जिसके कारण उनकी शारीरिक शक्ति अच्छी रहती है। शारीरिक रूप से मजबूत होने पर उनके अंदर प्रतिरोधक क्षमता तथा अन्य ताकते पर्याप्त मात्रा में रहती हैं। जिसके कारण उनके अंदर सहनशक्ति बढ़ जाती है। किसी भी प्रकार की समस्या को सहने की शक्ति शरीर में पर्याप्त मात्रा में रहती है। जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के बाद शारीरिक सहनशक्ति कमजोर हो जाती है, उनको दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए।
जिससे उनके अंदर की शारीरिक कमजोरी दूर हो सके और उनके अंदर सहनशक्ति का विकास हो सके, जिन व्यक्तियों में सहनशक्ति अच्छी होती है उनको विभिन्न प्रकार के कष्ट तथा रोगों से लड़ने में समस्या नहीं आती है। किंतु यदि व्यक्तियों में सहनशक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, तो वे विभिन्न प्रकार की समस्याओं तथा रोगों से सामना करने में असमर्थ होते हैं, ऐसे व्यक्तियों को दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए।
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आर्थराइटिस
आर्थराइटिस को सामान्य भाषा में घटिया भी कहते हैं आर्थराइटिस जोड़ों की सूजन व दर्द से जुड़ा रोग है। जिसको गठिया या संधिवात कहा जाता है। जोड़ों में दर्द आर्थराइटिस का मुख्य कारन होता है। उम्र के हिसाब से जोड़ो में घिसाव होना जैसे की जोड़ों में दर्द , शारीर के जॉइंट्स जो 50 की उम्र के बाद दर्द होने लगते है। अपने देश में अधिकांश बुजुर्ग आर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित रहते हैं। सफेद मूसली के सेवन से आर्थराइटिस में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन से आराम मिलता है।
नियमित रूप से पहले से ही सफेद मूसली प्रयोग की जाती है तो अर्थराइटिस नहीं होने पाता है, जिसके कारण वृद्धावस्था में हम जोड़ो तथा हड्डियों के दर्द से बचे रहते हैं। यदि किसी व्यक्ति को आर्थराइटिस समस्या हो गई है तो उसे लंबे समय तक दैनिक रूप से सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए, जिससे कैल्शियम तथा पोषक तत्वों की पूर्ति होती है और शारीरिक व हड्डियों के दर्द से राहत मिलती है।
कैंसर में Safed musli ke fayde
सफेद मूसली में बहुत अधिक मात्रा में रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के साथ-साथ इसमें विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तथा पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के कारण यह कैंसर के सेल को शरीर में फ़ैलाने नहीं देता है तथा कैंसर के कारण शरीर को होने वाली हानियों से बचाता है जिन व्यक्तियों में किसी प्रकार के कैंसर की समस्या होती है, उनको दैनिक रूप से सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए।
जिससे उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे और सफेद मूसली के प्रयोग से कैंसर सेल का प्रभाव शरीर पर कम मात्रा में होता है, जिससे कैंसर जल्दी फ़ैल नहीं पाता है, और व्यक्ति काफी लंबे समय तक स्वस्थ बना रहता है। जिसकी वजह से कैंसर के सेल्स भी शरीर में ज्यादा नहीं फैल पाते। इसलिए ये लोगों में कैंसर होने के खतरे को काफी कम करता है।
मधुमेह (डायबिटीज) में सफेद मूसली के फायदे
सफेद मूसली में रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारे रक्त में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करते हैं। ब्लड में शुगर की मात्रा कंट्रोल होने के कारण शुगर के मरीजों को बहुत अधिक फायदा मिलता है, क्योंकि उनका शुगर लेवल बढ़ने नहीं पाता है।
जिसके कारण शुगर की बीमारी स्थाई रूप से बनी रहती है, किंतु वह आगे नहीं बढ़ पाती है। धीरे धीरे शुगर लेवल कम हो जाता है, और डायबिटीज की बीमारी समाप्त हो जाती है। मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित व्यक्तियों को दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए, जिससे उनके रक्त में शुगर की मात्रा सामान्य बनी रहे लेकिन इस बात का ख्याल रखना जरूरी है, कि अगर किसी को उच्च स्तर का मधुमेह है तो वो इस जड़ी बूटी पर पूरी तरह डिपेंड न रहें और बाकी उपाय करते रहें।
सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए नपुंसकता में
सफेद मूसली के फायदे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के कारण शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं। जिसके कारण पुरुषों में विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं हो जाती हैं। टेस्टोस्टेरोन पुरुष हार्मोन बंद हो जाने के कारण पुरुषों में नपुंसकता हो जाती है। नपुंसकता के कारण पुरुष किसी महिला साथी के साथ सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होता है, क्योंकि उसके लिंग में पर्याप्त उधार नहीं आता है, या फिर शीघ्रपतन तथा शीघ्र स्खलन की समस्या हो जाती है।
जिसके कारण पुरुष अपनी महिला साथी को सेक्स क्रियाओं में संतुष्ट नहीं कर पाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए तथा पुरुषों में नपुंसकता दूर करने के लिए दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए सफेद मूसली के प्रयोग से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण शुरू हो जाता है, और होने वाली सभी सेक्स समस्याएं समाप्त हो जाती है। सफेद मूसली के दैनिक सेवन से पुरुषों की शारीरिक शक्ति में भी विकास होता है जिससे शीघ्रपतन की समस्या नहीं होती है।
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कामोत्तेजना में सुधार सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए
जिन व्यक्तियों में कामोत्तेजना उम्र के पहले समाप्त हो जाती है, उनको शारीरिक कमजोरी हो जाती है। शारीरिक कमजोरी हो जाने के कारण उनके अंदर सेक्स क्षमता समाप्त हो जाती है। जिसके कारण वह किसी महिला साथी के साथ सेक्स क्रिया नहीं कर पाते हैं। सेक्स क्रिया के पहले उनके लिंग में पर्याप्त रूप से उत्थान नहीं आता है।
शोध के अनुसार सफेद मूसली वीर्य का उत्पादन बढ़ाती है और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाती है। ऐसा माना जाता है कि इसके नियमित सेवन से नपुंसकता के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कौंच के बीज के साथ सफेद मूसली का सेवन नपुंसकता के इलाज में काफी उपयोगी माना जाता है।व्यक्तियों में कम होने वाली कामोत्तेजना को दूर करने के लिए दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, और शरीर में ऊर्जा के संचार के कारण व्यक्ति सामान्य रूप से सक्रिय करने में सक्षम होता है। सफेद मूसली वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाकर वीर्य को गाढ़ा करती है जिसके कारण कामोत्तेजना बढ़ती है तथा शीघ्रपतन व शीघ्र स्खलन की समस्या से राहत मिलती है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए
जिन व्यक्तियों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है जिसके कारण शरीर में रक्त का संचार बढ़ जाता है और व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्या होने लगती है रक्तचाप बढ़ने या ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखायी दे सकते हैं। हाई बीपी के कॉमन लक्षणों की बात की जाए तो इसमें बदन दर्द, सिर में दर्द, नजर धुंधली होना और चक्कर आने जैसी समस्याएं होती हैं। इसमें मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उनके लिए सफेद मूसली का सेवन लाभकारी रहेगा। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए दैनिक रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए क्योकि सफेद मूसली के फायदे बहुत सारे हैं।
सिरदर्द को दूर करने में
यदि हम किसी विषम परिस्थिति के कारण विशेष प्रकार का तनाव या स्ट्रेस ले लेते हैं तो हमें सिरदर्द की समस्या होने लगती है, स्ट्रेस हार्मोनल असंतुलन या किसी मेडिकल कंडीशन के कारण उत्पन्न हो सकती हैं। सर दर्द की समस्या के कारण व्यक्तियों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं जैसे बुखार आना पूरे शरीर में दर्द होना इसके साथ अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी होती हैं सफेद मूसली पाउडर और दूध का सेवन करने के कारण स्ट्रेस को कम करने में काफी मदद मिलेगी। इससे सिरदर्द की समस्या को दूर करने में लाभदायक असर देखने को मिल सकता है। जिन व्यक्तियों में इस ट्रस्ट के कारण या किसी भी अन्य समस्याओं के कारण है सर दर्द की समस्या रहती है दैनिक रूप से सफेद मूसली का सेवन करना चाहिए इससे होने वाले सर दर्द की समस्या जड़ से समाप्त हुई।
निष्कर्ष
उपर्युक्त लेख में प्रकृति में पाए जाने वाले सफेद मूसली की जानकारी दी गई है, जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार किया जाता है। सफेद मूसली प्रकृति में पाए जाने वाला एक ऐसा होता है, जिसमें बहुत अधिक मात्रा में आयुर्वेदिक औषधीय गुण होते हैं, जिसका प्रयोग प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में किया जा रहा है। आज के इस लेख में हमने सफेद मूसली के फायदे पुरुषों के लिए बताए हैं जिसके द्वारा पुरुष होने वाले विभिन्न प्रकार के समस्याओं के साथ साथ सेक्स समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं। सफेद मूसली का मुख्य प्रयोग शारीरिक शक्ति को बढ़ाकर सेक्स समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।
FAQ
सफेद मूसली का असर कितने दिन में दिखता है?
ज्यादातर सफेद मूसली सात दिनों में ही अपना प्रभाव दिखाता है। शारीरिक शिथिलता को दूर कर ऊर्जा को बढ़ाने में सफेद मूसली बेहद लाभकारी होती है शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए सफेद मूसली का प्रयोग किया जाता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी कमजोरी होने के कारण सेक्स समस्याएं होने लगती हैं उनको दैनिक रूप से सफ़द मुसली का सेवन करना चाहिए।
दूध में मिलाकर सफेद मूसली पीने से क्या होता है?
सफेद मूसली में दूध को मिलाकर पीने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जिससे हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ताकत मिलती है शरीर में पर्याप्त मात्रा में शारीरिक शक्ति होने के कारण हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सहायक होता है तथा हमारा शरीर स्वस्थ रहता है इसके साथ-साथ शारीरिक शक्ति होने के कारण हम सेक्सुअल रूप से मजबूत रहते हैं और हम किसी भी प्रकार की सेक्स से संबंधित बीमारी से दूर रहते हैं।
कौन सा विटामिन होता है सफेद मूसली में?
सफेद मूसली एक ऐसा आयुर्वेदिक औषधि पौधा होता है जिसेमें विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तत्वों के साथ-साथ रात में तथा विटामिन पाए जाते हैं इसके अलावा इसमें एंटी ऑक्सीडेंट तथा उनकी बैठक पूर्व के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी पर्याप्त मात्रा में होती है सफेद मूसली में अल्कलॉइड, विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फिनॉल, रेजिन, म्यूसिलेज, स्टेरॉयड, सैपोनिन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और पॉलीसैकराइड्स जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। ये उसे एक बेहतरीन और कम्पलीट दवा बनाते हैं। सफेद मूसली खाने के तरीके की जानकारी के लिए डाक्टर की सहायता लेनी चाहिए।
Author Profile
- संभव शर्मा ने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इलाहबाद से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, तथा बैसवारा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। बैसवारा महाविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के पश्चात संभव शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वेबसाइट तथा ब्लॉग में लेखन का कार्य किया है, तथा विभिन्न प्रकार के पत्रिकाओं तथा हुए पोर्टल पर चीफ एडिटर का कार्य भी किया है, तथा पिछले 5 सालों से इन्होंने ACPP.MD वेबसाइट के लिए मुख्य एडिटर के रूप में कार्य किया है, जिन का योगदान इस वेबसाइट के लिए महनीय है। इनके द्वारा एडिट किए गए सभी प्रकार के लेख लोगों के स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हुए हैं।
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