आधुनिक समय के प्रदूषित वातावरण में हमारे खान-पान तथा कार्य शैली में परिवर्तन होने के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं, जिनके कारण हमारे शरीर के अंगों के कार्य करने में परिवर्तन होने लगता है और हमारे शरीर के अंग सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाते हैं। इसी प्रकार जब हमारे शरीर की किडनी पर्याप्त रूप से कार्य नहीं कर पाती है, तो हमारे शरीर में यूरिक एसिड तथा अन्य विभिन्न प्रकार के विषैले पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं। इसलिए हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के जोड़ों के रोग जिन्हें गाउट के नाम से जाना जाता है उत्पन्न हो जाते हैं तथा किडनी स्टोन जैसे समस्याएं देखने को मिलती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए आज हम आपको alkasol syrup uses in hindi बताएंगे जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है।
अल्कासोल सिरप आपके शरीर में होने वाले किडनी संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर कर सकता है। हमारे शरीर में बदलते परिवेश तथा बदलती हमारी दैनिक दिनचर्या के कारण विभिन्न प्रकार के रोग दिखाई देते हैं, जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार की समस्याओं में डाल देते हैं। आधुनिक समय में हमारे द्वारा ग्रहण किया जाने वाला भोजन में बहुत अधिक प्युरिन की मात्रा पाई जाती है। पाचन क्रिया के समय जब प्युरिन टूटता है, तो यूरिक एसिड निकलता है।
जब हम ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, जिनसे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जिसके कारण हमारी किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करते समय पर्याप्त रूप से बाहर नहीं निकाल पाती है, तो यह यूरिक एसिड हमारे शरीर के विभिन्न स्थानों में जमा होने लगता है, जिसके कारण शरीर में जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है तथा कभी-कभी यह यूरिक एसिड विभिन्न रूपों में किडनी के अंदर ही एकत्रित होने लगता है, जिसके कारण किडनी स्टोन बनने लगते हैं। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अल्कासोल सिरप का प्रयोग आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है।
अल्कासोल सिरप क्या है (Alkasol Syrup)
यह दवा एंटीबैक्टीरियल और एंटिफंगल एजेंटों नामक दवाओं के ग्रुप से संबंधित है, अल्कासोल सिरप डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट सिरप में (Disodium Hydrogen Citrate) होता है जो मुख्य रूप से पोटेशियम किटणोसिड, चारा, नींबू रस, शराब फूल, बनारस पत्ता, लौंग का तेल आदि पदार्थों का एक मिश्रण होता है। डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट में यूरिक एसिड घुलनशील होता है, जब हम अल्कासोल सिरप का प्रयोग करते हैं तो इसमें उपस्थित तो इसमें उपस्थित डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट मे यूरिक एसिड घुलकर घुलनशील यूरेट आयन में आयनीकरण हो जाता है, जिसके कारण यह जब मूत्र में घुलता है तो मूत्र का पीएच मान बढ़ जाता है, जिसके कारण मूत्र अम्लीय हो जाता है। यूरिक एसिड डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट के साथ घुल कर पेशाब द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
जैसा कि आपको बताया गया है कि अल्कासोल सिरप में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण के कारण डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट का मिश्रण तैयार होता है, जो यूरिक एसिड को किडनी से बाहर निकालने में मदद करता है, क्योंकि इसमें क्रिस्टलीय यूरिक एसिड घुलनशील होता है, जिसके कारण वह तरल में परिवर्तित हो जाता है और पेशाब द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।
How Does Alkasol Syrup Uses/ Work
जब हम भोजन ग्रहण करते हैं तो हमारे शरीर में पाचन क्रिया प्रारंभ होती है, पाचन क्रिया के समय हमारे शरीर के कुछ तत्व जिनमें विटामिन तथा प्रोटीन पाया जाते हैं, उनमें प्युरिन नामक पदार्थ पाया जाता है, यह पदार्थ पाचन क्रिया के समय जब टूटता है, तो उसमें से विभिन्न पदार्थों के साथ यूरिक एसिड भी बनता है। यूरिक एसिड से यूरिया का निर्माण होता है जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। हमारी किडनी हमारे पाचन क्रिया के समय बने यूरिक एसिड को रक्त से अलग करने का कार्य करती है तथा रक्त के शोधन के समय रक्त से यूरिक एसिड को पृथक करके यूरिन के रूप में पेशाब द्वारा निकाल दिया जाता है।
यह क्रिया जब तक सामान्य रूप से चलती रहती है, तब तक हमारे शरीर में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं होती है, किंतु जब हमारे शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने लगती है जिसके कारण हमारे शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है और हमारे ब्लड में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में होने के कारण हमारी किडनी ब्लड के शोधन के समय यूरिक एसिड को पर्याप्त मात्रा में ब्लड से बाहर निकालने में असमर्थ रहती है। ऐसी स्थिति में हमारे शरीर के विभिन्न अंगों जैसे शरीर के जोड़ों तथा किडनी के अंदर यूरिक एसिड एकत्रित होने लगता है तथा एकत्रित होने के कुछ समय पश्चात या क्रिस्टल में परिवर्तित हो जाता है।
शरीर के जोड़ों के पास यूरिक एसिड एकत्रित होने के कारण शरीर के जोड़ों में दर्द की समस्या रहती है तथा किडनी में एकत्रित होने के कारण विभिन्न प्रकार के किडनी स्टोन का निर्माण होता है।
इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर द्वारा अल्कासोल सिरप का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। यह सिरप हमारे शरीर में उपस्थित यूरिक एसिड को घुलनशील रूप में परिवर्तित कर देता है, जिससे पेशाब के द्वारा यूरिक एसिड शरीर से बाहर हो जाता है। इस प्रकार Alkasol Syrup Uses से हमारे शरीर में यूरिक एसिड से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। अल्कासोल सिरप विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट का एक मिश्रण बनाती है, जो यूरिक एसिड को घुलनशील बनाने में मदद करता है तथा डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट मैं यूरिक एसिड बिल्कुल घुलनशील होता है, जिसके कारण वह इस एसिड में घुलकर शरीर से बाहर निकल जाता है।
Alkasol Syrup Uses करने के उपयोगी बिंदु
दवा का नाम: | Alkasol Syrup |
उपयोग: | मुख्य रूप से मूत्राशय संक्रमण या मूत्र संक्रमण के इलाज के लिए |
संशोधक दवाओं के साथ सामग्री: | पोटेशियम किटणोसिड, चारा, नींबू रस, शराब फूल, बनारस पत्ता, लौंग का तेल |
खुराक: | अपने चिकित्सक द्वारा निर्धारित खुराक का पालन करें |
संभावित दुष्प्रभाव: | इस दवा से संबंधित कुछ सामान्य दुष्प्रभाव शामिल हो सकते हैं जैसे कि उल्टी, दस्त, चक्कर आना, मुंह सूखना या लार बहना। |
सावधानियां और चेतावनियां: | इस दवा का उपयोग केवल डॉक्टर द्वारा निर्देशित खुराक और उपयोग के अनुसार होना चाहिए। इस दवा का उपयोग गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नहीं करना चाहिए। |
स्टोरेज: | धूप से बचाकर ठंडे और सुखे स्थान पर संभवतः लॉकर में स्टोर करें। |
उपलब्ध रूप | सिरप रूप में |
अल्कासोल सिरप के उपयोग (Alkasol Syrup Uses)
जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे शरीर में किडनी के सही से कार्य न करने के कारण हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है या फिर जब हम बहुत अधिक ऐसे पदार्थों का सेवन करने लगते हैं जिसमें प्यूरीन की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है, जो हमारे शरीर में यूरिक एसिड के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है, तो हमारे शरीर में यूरिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में जमा होने लगता है। जिसके कारण हमारे किडनी पर्याप्त रूप से कार्य करने में असमर्थ होती है। इसलिए हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जो शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होती है।
हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से किडनी संबंधी विभिन्न रोग तथा शरीर के जोड़ों के संबंधित समस्याएं मुख्य रूप से होती हैं। इसलिए अल्कासोल सिरप का प्रयोग निम्नलिखित समस्याओं से बचने के लिए किया जाता है
- एसिडोसिस।
- पेशाब में जलन।
- एंटीऑक्सिडेंट।
- किडनी स्टोन (Kidney Stone)।
- गाउट (Gout)।
एसिडोसिस
जब हमारे शरीर में एसिड लेवल बढ़ने लगता है अर्थात हमारे ब्लड में यूरिया की मात्रा बढ़ने लगती है, जिसके कारण हमारे शरीर में तथा पेशाब में यूरिक एसिड बढ़ जाता है इसी स्थिति को एसिडोसिस कहा जाता है। एसिडोसिस के कारण हमारे शरीर के ब्लड में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह ब्लॉकेज उत्पन्न करने लगता है। ब्लॉकेज होने के कारण हार्ट अटैक, लकवा और वेरीकोस वेन्स जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, जिसके कारण व्यक्ति की जान जाने तक का खतरा रहता है। यह सभी समस्याओं से बचने के लिए शरीर में एसिड की मात्रा को संतुलित करना बहुत ही आवश्यक होता है।
इसलिए शरीर में एसिड की मात्रा को संतुलित करने के लिए डॉक्टर द्वारा Alkasol Syrup Uses करने की सलाह दी जाती है, जिस में उपस्थित डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट यूरिक एसिड के क्रिस्टल को घुलनशील बनाता है और उसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने का कार्य करता है। जिन व्यक्तियों में शरीर में अधिक यूरिक एसिड होने के कारण शरीर के विभिन्न अंगों में यूरिया की क्रिस्टल एकत्रित हो गए हैं, उनको डॉक्टर की सलाह पर दैनिक रूप से अल्कासोल सिरप का प्रयोग करना चाहिए। यह शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने में सहयोग करती हैं तथा एसिडोसिस जैसे समस्या से छुटकारा दिलाने में सहयोग करती है। इसलिए एसिडोसिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए डॉक्टर द्वारा अलकासोल सिरप प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
पेशाब में जलन
पेशाब में जलन होने का मुख्य कारण हमारे मूत्र मार्ग में किसी प्रकार के इंफेक्शन या शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा के बढ़ने के कारण, किडनी में ब्लॉकेज की समस्या के कारण होती है। इसके अलावा कम पानी पीने तथा गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन की समस्या के कारण भी पेशाब में जलन होने लगती है। पेशाब में जलन होने का मुख्य कारण और भी हो सकते हैं, जिससे तली भुनी चीजों का प्रयोग अधिक मात्रा में करना जिससे शरीर को फैट अधिक प्राप्त होता है, अधिक फैट प्राप्त होने के कारण हमारे शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण पेशाब में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पेशाब में जलन की समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर द्वारा Alkasol Syrup Uses करने की सलाह दी जाती है, जो हमारे शरीर से यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित करता है, जिसके कारण मूत्र मार्ग में इंफेक्शन तथा किडनी स्टोन नहीं होते हैं, जिससे पेशाब में जलन होने की समस्या समाप्त हो जाती है। यदि आपको किडनी स्टोन या पेशाब में जलन की समस्या है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर अल्कासोल सिरप का प्रयोग कर सकते हैं।
एंटीऑक्सिडेंट
एंटी ऑक्सीडेंट हमारे शरीर में पाए जाने वाले हुए पदार्थ होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स के कारण कोशिकाओं में होने वाले नुकसान को कम करने में सहयोग करते हैं, जिसके कारण हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, और हमारा शरीर से डायबिटीज, आंखों से संबंधित समस्याएं, हृदय रोग से संबंधित समस्त, उम्र के बढ़ने से होने वाली समस्याएं, तथा कैंसर के विभिन्न प्रकार के समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है।
एंटीऑक्सीडेंट प्राकृतिक रूप से सब्जियों तथा कुछ फलों में पाए जाते हैं इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट विटामिन इ, बी, बीटा-कैरोटीन, कैरोटीनॉयड और खनिज जैसे मैंगनीज और सेलेनियम आदि में भी पाए जाते हैं। इसलिए अल्कासोल सिरप का प्रयोग करने से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा सामान्य रूप से बनी रहती है, जिसके कारण होने वाली सभी उपरोक्त समस्याएं नहीं होने पति हैं। इसलिए यदि हमारे शरीर में डायबिटीज, आंखों से संबंधित समस्याएं, हृदय से संबंधित समस्याएं तथा उम्र बढ़ने के कारण होने वाली सभी समस्याओं के लिए डॉक्टर द्वारा Alkasol Syrup Uses करने की सलाह दी जाती है, जिससे हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा सामान्य रहती है तथा होने वाले सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
किडनी स्टोन (Kidney Stone)
हमारी किडनी हमारे शरीर के रक्त से सभी गैरजरूरी और अपशिष्ट पदार्थों को रक्त से पृथक करने का कार्य करती है, इसलिए हमारे किडनी ब्लड से सभी प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों को पृथक करके पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल देती है, किंतु जब हमारे शरीर में या शरीर के रक्त में बहुत अधिक अशुद्धियां हो जाती हैं, तो हमारी किडनी सामान्य रूप से काम करना बंद कर देती है, जिसके कारण बहुत सारी अशुद्धियां शरीर के विभिन्न अंगों में एकत्रित होने लगती हैं।
इसी प्रकार हमारे शरीर में खाद्य पदार्थों के रूप में तथा खाद्य पदार्थों के पाचन के पश्चात प्यूरीन नामक पदार्थ का निर्माण होता है, और जब पाचन क्रिया के समय प्यूरीन टूटता है तो उससे यूरिक एसिड का निर्माण होता है, यह यूरिक एसिड रक्त से रक्त शोधन के समय किडनी द्वारा पृथक कर दिया जाता है, तथा इसे मूत्र द्वारा शरीर से बाहर निष्कासित कर दिया जाता है, किंतु जब हमारे शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने के कारण यूरिक एसिड का निर्माण बहुत अधिक मात्रा में होने लगता है, तो इसे हमारी किडनी ब्लड से पृथक करने में असमर्थ हो जाती है, जिस कारण यह यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में शरीर के विभिन्न स्थानों में एकत्रित हो जाता है तथा कुछ यूरिक एसिड किडनी के अंदर की एकत्रित होने लगते है, जो छोटे-छोटे क्रिस्टल के रूप में दिखाई देता है।
यही क्रिस्टल जब बड़े हो जाते हैं, तो किडनी स्टोन का रूप ले लेते हैं। किडनी स्टोन को समाप्त करने के लिए आवश्यकता होती है, कि इन यूरिक एसिड के क्रिस्टल को किडनी के बाहर निकालना आवश्यक होता है, इसलिए डॉक्टर द्वारा अल्कासोल सिरप प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अल्कासोल में उपलब्ध डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट किडनी में उपस्थित यूरिक एसिड के क्रिस्टल को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित कर देता है, जो मूत्र के साथ मूत्र मार्ग द्वारा बाहर निकाल दिए जाते हैं। इस प्रकार Alkasol Syrup Uses करने से किडनी स्टोन के समस्या कुछ समय पश्चात समाप्त हो जाती है।
गाउट (Gout)
हमारे शरीर में होने वाली गाउट की एक जटिल प्रकार की जोड़ों के दर्द से संबंधित समस्या है, जिसके कारण शरीर के जॉइंट बहुत अधिक दर्द करते हैं गाउट का प्राथमिक प्रभावित क्षेत्र पैर के अंगूठे से होता है, किंतु यह शरीर के सभी जॉइंट में तेज दर्द, सूजन तथा लालिमा का कारण बनता है, जिससे शरीर के सभी जोड़ों में बहुत अधिक दर्द होता है। प्रारंभिक स्तर पर यह दर्द 10 से 12 घंटे तक रहता है और अचानक समाप्त हो जाता है। गाउट के लक्षण कभी-कभी दिखाई देते हैं और कभी-कभी इसके लक्षण ना दिखाई देते हुए भी यह शरीर में प्रभावी रूप से बढ़ता रहता है।
इसके बढ़ने का मुख्य कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का अत्यधिक एकत्रित हो जाना होता है। जब हमारे शरीर में किडनी के सही से कार्य न करने के कारण, हमारे रक्त से यूरिक एसिड की मात्रा पृथक नहीं होती है, तो वह क्रिस्टल के रूप में हमारे शरीर के अंगों के जोड़ों में एकत्रित होने लगती है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण शरीर के जोड़ों में अत्यधिक दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है, जिसे गाउट के नाम से जाना जाता है।
इस गाउट की समस्या को ठीक करने के लिए डॉक्टर द्वारा अल्कासोल सिरप प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, Alkasol Syrup Uses करने से हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा सामान्य रहती हैं तथा हमारी किडनी सही से कार्य करती है, जिसके कारण हमारे शरीर में यूरिक एसिड एकत्रित नहीं होने पाता है और एकत्रित हुआ यूरिक एसिड तरल के रूप में परिवर्तित होकर मूत्र मार्ग से निष्कासित हो जाता है। यदि आपको भी यूरिक एसिड की समस्या के कारण ज्वाइंट पेन का सामना करना पड़ रहा है, तो आप भी डॉक्टर की सलाह पर अल्कासोल सिरप का प्रयोग कर सकते हैं, या सिर्फ शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित करके दर्द से आराम देती है।
अल्कासोल सिरप प्रयोग करने की विधि (How do Alkasol Syrup Use)
अल्कासोल सिरप का प्रयोग करने से पहले आपको डॉक्टर द्वारा सलाह लेना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि डॉक्टर आपके रोग प्रसार तथा शारीरिक संरचना के अनुसार दवा की मात्रा का निर्धारण करते हैं तथा दवा को कितने बार लेना है इसके बारे में आपको सलाह देते हैं। इसलिए कभी भी किसी भी प्रकार की दवा का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें। यह आपके लिए बहुत ही उपयोगी होती है, इससे आपको कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है और आप होने वाली विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं से बच जाते हैं।
किंतु यदि आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए, जिनके बारे में उपरोक्त बताया गया है, अल्कासोल सिरप का प्रयोग करना चाहते हैं, तो दिन में तीन बार लगभग 15 एमएल की मात्रा में दवा का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे यदि आपके शरीर में गाउट से संबंधित समस्याएं तथा शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं के साथ-साथ किडनी स्टोन की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है, किंतु बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए इसका प्रयोग निश्चित रूप से ही आपको डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए, जिससे आप किसी भी रोग से जल्दी से जल्दी मुक्त हो सकते हैं।
अल्कासोल सिरप प्रयोग करने के साइड इफेक्ट (Side effects of using Alkasol Syrup)
सामान्य रूप से अलका लाइन सिरप हमारे शरीर के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित होती है, क्योंकि यह आयुर्वेदिक औषधियों के मिश्रण से बना एक तरल होता है, जिसमें डाइसोडियम हाइड्रोजन साइट्रेट पाया जाता है, जो यूरिया के क्रिस्टल को घुलनशील रूप में परिवर्तित करके शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है, इसके निर्माण में प्रयोग की जाने वाली सभी आयुर्वेदिक तथा रासायनिक वस्तुएं पूर्ण रूप से सुरक्षित होती हैं।
इसलिए सामान्य रूप से Alkasol Syrup Uses करने से हमारे शरीर में कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होते, किंतु कभी-कभी शारीरिक एलर्जी तथा शारीरिक संरचना के कारण किसी किसी को अलकासोल सिरप के साइड इफेक्ट होते हैं, जिन व्यक्तियों में अलकासोल सिरप के साइड इफेक्ट होते हैं उनको निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं।
- मतली (सामान्य)।
- उल्टी (कम सामान्य)।
- पेट दर्द (कम सामान्य)।
- पेट में गैस (सामान्य)।
- मूत्र का अत्यधिक उत्पादन (सामान्य)।
- पेट में अल्सर (कम सामान्य)।
- थकान (सामान्य)।
- थकान (कम सामान्य)।
- चिंता (सामान्य)।
- सरदर्द (कम सामान्य)।
अल्कासोल सिरप प्रयोग करने की सावधानियां
किसी भी दवा का प्रयोग करते समय हमें कुछ विशेष प्रकार की सावधानी रखने की आवश्यकता होती है, जिससे कि उस दवा का प्रभाव पूर्ण रूप से हमारे शरीर पर हो, और उसके कोई भी साइड इफेक्ट ना हो। साइड इफेक्ट से बचने के लिए किसी भी दवा का प्रयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए। इसलिए यदि आप अल्कासोल सिरप का प्रयोग कर रहे हैं, तो डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन अवश्य करें। यदि आप डॉक्टर के निर्देशों का पालन सावधानी पूर्वक करते हैं, तो निश्चित रूप से आपको अल्कासोल सिरप का प्रयोग करने से फायदा मिलेगा। किंतु यदि आप सावधानीपूर्वक इसका प्रयोग नहीं करते हैं, तो आपको कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
इसलिए साइड इफेक्ट से बचने के लिए अल्कासोल सिरप का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें। अल्कासोल सिरप का प्रयोग करते समय निम्नलिखित सावधानी अपनानी चाहिए।
- इसका प्रयोग करते समय शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अल्कासोल सिरप का प्रयोग करते समय धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए मात्रा का ही प्रयोग करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
- दो खुराक के बीच का पूरा अंतराल रखना चाहिए।
- अल्कासोल से संबंधित पदार्थों से यदि आपको एलर्जी है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अल्कासोल का प्रयोग ह्रदय की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए।
- रक्तचाप की समस्या होने के कारण इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- अल्कासोल सिरप का प्रयोग करने के पश्चात ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए इसलिए इसे ज्यादा का रात को सोते समय लेना चाहिए।
निष्कर्ष
अल्कासोल सिरप शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाले विभिन्न प्रकार के समस्याओं को ठीक करने में प्रयोग किया जाता है। इस में उपस्थित डाइसोडियम हाइड्रोजन सल्फेट यूरिक एसिड के क्रिस्टल को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित करने में समर्थ होता है, जिसके कारण अल्कासोल सिरप का प्रयोग शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो क्रिस्टल के रूप में हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में एकत्रित हो जाता है, उसको दूर करने के लिए किया जाता है।
जब हम अल्कासोल सिरप का प्रयोग करते हैं तो उस में उपस्थित डाइसोडियम हाइड्रोजन सल्फेट यूरिक एसिड को घुलनशील स्थित में परिवर्तित करके मूत्र मार्ग से निकाल देता है, जिसके कारण शरीर में होने वाली यूरिक एसिड क्रिस्टल के कारण सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। उपरोक्त लेख में Alkasol Syrup Uses in Hindi की जानकारी उपलब्ध कराइ गयी हैं, जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है। इसलिए आपको यदि यूरिक एसिड से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं, जिनमें किडनी स्टोन तक की समस्या हो सकती है तो आप अल्कासोल सिरप का प्रयोग कर सकते हैं।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
अल्कासोल सिरप पीने से क्या फायदा होता है?
अल्कासोल सिरप पीने से शरीर में यूरिक एसिड से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं, यदि आपके शरीर में यूरिक एसिड एकत्रित हो जाने के कारण या यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाने के कारण गाउट जैसे विभिन्न प्रकार की जोड़ों के दर्द से संबंधित समस्याएं तथा किडनी की संबंधित समस्याएं जिनमें किडनी स्टोन की समस्या है, तो आप अल्कासोल सिरप का प्रयोग कर सकते हैं। यह सिर्फ पूर्ण रूप से सुरक्षित है तथा डॉक्टर के निर्देश द्वारा प्रयोग करने पर बहुत ही अधिक फायदेमंद भी है।
मुझे अल्कासोल सिरप कब लेना चाहिए?
यदि आपको अल्कासोल सिरप का उपयोग करना है, तो आप इसे डॉक्टर के बताए निर्देशानुसार कर सकते हैं, इसका प्रयोग शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होने वाली समस्याओं के लिए किया जाता है, तथा इसकी मात्रा का प्रयोग डॉक्टर द्वारा निर्धारित की मात्रा के रूप में ही किया जाता है। सामान्य रूप से डॉक्टर धारा सुबह-शाम दो बार 15ml के लगभग लेने की सलाह दी जाती है, किंतु यह आपकी रोग की समस्या तथा शारीरिक संरचना के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।
हम अलकासोल का उपयोग क्यों करते हैं?
यदि आप के शरीर में यूरिक एसिड से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं जैसे गाउट, किडनी स्टोन, पेशाब में जलन, शिष्ट आदि की समस्या है, तो आपको अल्कासोल सिरप का प्रयोग करना चाहिए। यह शरीर से एसिड की मात्रा को संतुलित करके बताया गए विभिन्न रोगों को दूर करती हैं।
सबसे ताकतवर सिरप कौन सा होता है?
विभिन्न रोगों के लिए विभिन्न प्रकार की सिरप उपलब्ध है तथा शारीरिक संरचना के अनुसार सभी व्यक्तियों पर अलग-अलग प्रकार की सिरप अधिक फायदेमंद होती हैं। इसलिए यह कह पाना बड़ा मुश्किल है कि सबसे ताकतवर सिरप कौन सी होती है, किंतु यदि किडनी स्टोन या गाउट से संबंधित समस्याएं हैं जो शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होती हैं, तो उनके लिए सबसे अच्छी व ताकतवर सिरप अल्कासोल सिरप मानी जाती है।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।
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