पुरुषों के अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण अंडकोष की थैली में सूजन आ जाती है, जिसे हम हैड्रोसिल के नाम से जानते हैं। पुरुषों के अंडकोष की थैली में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण या कुछ शारीरिक कमियों के कारण पानी बढ़ने लगता है, यह पानी धीरे-धीरे इतना अधिक हो जाता है, कि अंडकोष की थैली फूल जाती है, और यह एक गुब्बारे के आकार में बदल जाती है, जिसके कारण पुरुषों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। उनके अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण दर्द की समस्या होने लगती है, तथा उनको चलने, उठने, बैठने आदि में समस्या उत्पन्न होने लगती हैं। अंडकोष में पानी बढ़ने की इस समस्या को हाइड्रोसील की बीमारी के नाम से जाना जाता है। हाइड्रोसील से पीड़ित व्यक्तियों को अंडकोष में पानी सुखाने की दवा की आवश्यकता होती है, जिसके द्वारा अंडकोष के पानी को कम कर दिया जाता है या निकाल दिया जाता है, जिससे उनको हाइड्रोसिल की समस्या से आराम मिलता है।
आधुनिक समय में व्यक्ति विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों से घिरा रहता है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति के साथ किस समय कैसी घटना हो जाए इसके बारे में अनुमान लगाना बड़ा मुश्किल होता है, तथा छोटी, मोटी चोट व्यक्ति को लगती रहती है। ऐसी स्थिति में यदि व्यक्ति के अंडकोष में किसी प्रकार की चोट लग जाती है, तो उसमें सूजन आ जाती है तथा धीरे-धीरे उसमें पानी भरने की समस्या उत्पन्न होने लगती है।
यह पानी धीरे-धीरे अंडकोष की थैली में इकट्ठा होता रहता है, तथा बाद में या हाइड्रोसील का रूप ले लेता है। अंडकोष में दर्द तथा सूजन हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
अंडकोष में पानी की बढ़ने की समस्या के कारण कभी-कभी एक अंडकोष में सूजन आ जाती है, तो कभी-कभी पूरे अंडकोष में सूजन आ जाती है, तथा पानी बढ़ जाता है। अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण व्यक्ति को अंडकोष में दर्द तथा चुभन का अनुभव होता है, किंतु कुछ ऐसे हाइड्रोसील भी होते हैं जिसमें दर्द नहीं होता है केवल अंडकोष में पानी भरने के कारण सूजन दिखाई देती है।
हाइड्रोसील क्या होता है (अंडकोष की नसों में दर्द)
हाइड्रोसील मुख्य रूप से पुरुषों में होता है जो अंडकोष की थैली में अधिक पानी बढ़ने के कारण होता है। जिन व्यक्तियों के अंडकोष की थैली में या अंडकोष की नसों में सूजन होने के कारण अंडकोष की नसों में दर्द होने लगता है, तथा अंडकोष की थैली फूल जाती है, तथा उसमें अत्यधिक दबाव के कारण दर्द का अनुभव होता है, और उनको चलने, उठने, बैठने में बहुत अधिक समस्या होती है, क्योंकि उनका टेस्टिस मैं बहुत अधिक सूजन हो जाती है।
जिसके कारण व दोनों पैरों के बीच रगड़ने लगता है, तथा उसमें दर्द होने लगता है। यह सभी समस्याएं पुरुषों के अंडकोष में अत्यधिक पानी बढ़ जाने के कारण होती है। इसमें कभी-कभी लगभग लगभग 1 लीटर तक का पानी बढ़ जाता है, जिसे अंडकोष में पानी सुखाने की दवा के द्वारा ठीक किया जाता है।
अंडकोष में दर्द के कारण और उपचार
अंडकोष में पानी बढ़ने के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिसमें अलग-अलग व्यक्तियों की शारीरिक संरचना तथा दैनिक क्रियाकलापों के आधार पर हाइड्रोसिल होने के कारण बताया जाते हैं। हाइड्रोसील में प्रारंभिक स्थिति सामान्य लक्षण होते हैं, जिससे व्यक्ति को पता नहीं चलता है।
लेकिन जब अधिक मात्रा में पानी बढ़ने लगता है तो वृषण कोष फूलने लगता है जिससे हम को दर्द होने लगता है। अंडकोष में चोट लगने या किसी प्रकार की अबनॉर्मलटी हो जाने के कारण अंडकोष में पानी बढ़ने लगता है, तथा यह धीरे-धीरे हाइड्रोसील का रूप ले लेता है। हाइड्रोसील होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं
- चोट लगना
- इंगुइनल हर्निया
- तोरसिओं
- अधिवृषण यानी एपीडिड्यमिटिस की समस्या
- ओरचीटिस
- अन्य बीमारियां
- हार्निया
- वैरिकोसील
चोट लगना
पुरुषों में अंडकोष बहुत ही संवेदनशील अंग होता है, इसमें थोड़ा सा भी दबाव पड़ता है, तो बहुत अधिक दर्द काम होता है। इस कारण इसमें अधिक किसी प्रकार की हल्की सी चोट भी लगती है, तो उसके कारण अंडकोष में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। कभी-कभी पुरानी लगी हुई चोट के कारण भी धीरे-धीरे समस्याएं होने लगती हैं।
अत्यधिक संवेदनशील होने के कारण यदि अंडकोष में थोड़ी सी चोट लगती है, तो उसमें सूजन आ जाती है। यह सूजन धीरे-धीरे हाइड्रोसील का रूप लेने लगती है, क्योंकि सूजन के कारण अंडकोष में पानी बढ़ने लगता है, पानी भरने के कारण अंडकोष में दर्द होने लगता है तथा उसमें बहुत अधिक सूजन हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को चलने, फिरने तथा उठने बैठने में दिक्कतें होने लगती हैं। अंडकोष में चोट लगना हाइड्रोसील का एक मुख्य कारण माना जाता है।
इंगुइनल हर्निया
इंगुइनल हर्निया के कारण पुरुषों में अंडकोष में सूजन की समस्या हो जाती है, क्योंकि इसमें छोटी आत का कुछ हिस्सा अंडकोष में आकर सूजन उत्पन्न कर देता है, जिसे हम ग्रोइन हर्निया के नाम से भी जाना जाता है। जिसके कारण पुरुषों के अंडकोष में सूजन उत्पन्न हो जाती है तथा पानी बढ़ने लगता है या पानी धीरे-धीरे पढ़कर बहुत अधिक हो जाता है, तथा हाइड्रोसील का रूप ले लेता है।
अर्थात इंगुइनल हर्निया पुरुषों में अंडकोष में पानी उत्पन्न करने का एक महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण कारण हो सकती है, जिसे हम हाइड्रोसील के नाम से जानते हैं इंगुइनल हर्निया पुरुषों में हाइड्रोसील का कारण हो सकती है।
तोरसिओं
तोरसिओं स्थिति में स्पेर्मटिक मुड़ जाती है, जिसके कारण अंडकोष की तरफ जाने वाला रक्त प्रवाह रुक जाता है, और रक्त प्रवाह रुक जाने के कारण वहां पर मांसपेशियों में सूजन आ जाती है, जिसके कारण अंडकोष में बहुत अधिक दर्द होता है, तथा रक्त प्रवाह रुकने के कारण अंडकोष हमेशा के लिए ख़राब हो सकता है। तोरसिओं के कारण अंडकोष में पानी पढ़ने लगता है, तथा धीरे-धीरे यह हाइड्रोसील का रूप ले लेता है, पुरुषों में होने वाली हाइड्रोसील का एक कारण तोरसिओं भी माना जाता है।
अधिवृषण यानी एपीडिड्यमिटिस की समस्या
अधिवृषण एक पतली नली नुमा संरचना होती है, जो दोनों टेस्टिकल के पीछे खुलती है। विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों तथा समस्याओं के कारण इस में जलन होने लगती है, तथा खुजली भी होती है, जिसके कारण इस में सूजन आ जाती है।
इस समय जलन तथा खुजली के कई कारण हो सकते हैं, जैसे चोट लग जाना किसी प्रकार का संक्रमण हो जाना तथा सेक्स क्रिया करते समय किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा किसी प्रकार का संक्रमण हो जाने से आज विभिन्न कारण हो सकते है। पुरुषों में अधिवृषण भी हाइड्रोसील का मुख्य कारण माना जाता है जो हाइड्रोसील के लिए उत्तरदाई होता है।
ओरचीटिस
ओरचीटिस पुरुषों के वृषण में होने वाला एक रोग है, जो वायरस तथा जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। ओरचीटिस की समस्या से पीड़ित पुरुषों के अंडकोष में खुजली तथा जलन होने लगती है, जो वायरल संक्रमण के कारण होती है, संक्रमण के कारण जलन दोनों टेस्टिस एक टेस्ट इसने हो सकती है, जिसके कारण पुरुषों के टेस्टिस अथवा अंडकोष में सूजन आ जाती है, तथा धीरे-धीरे अंडाशय का आकार बढ़ने लगता है।
यह समस्या अधिकतर 45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में देखने को मिलती है। जिसे हम ओरचीटिस के नाम से जानते हैं, ओरचीटिस की समस्या के कारण तो सबका अंडकोष पानी से भर जाता है तथा फूल कर यह हाइड्रोसील का रूप ले लेता है।
अन्य बीमारियां
हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती हैं, जो हमारे शरीर के कोशिका तंत्र को प्रभावित करती हैं, जिसके कारण पुरुषों के अंडकोष प्रभावित होते हैं, तथा अंडकोष में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। इन बीमारियों में से डायबिटीज नेफ्रोपैथी तथा क्लैमीडिया जैसी बीमारियों के कारण अंडकोष की नसों को बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण उनमें खुजली तथा सूजन होने लगती है।
इन दोनों के अलावा कुछ यौन संचारित रोग भी होते हैं, जो पुरुषों के अंडकोष को प्रभावित करते हैं, तथा अंडकोष में सूजन होने लगती है, और अंडकोष में धीरे-धीरे पानी बढ़ने लगता है। पानी बढ़ने के कारण अंडकोष में सूजन हो जाती है, जिसके कारण दर्द तथा जलन का अनुभव होता है। अतः हमारे शरीर में होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी हाइड्रोसील का कारण बन सकती हैं।
हार्निया
पुरुषों में अंडकोष में होने वाली विशेष प्रकार की हर्निया के कारण पुरुषों के अंडकोष में पानी बढ़ने लगता है, जिसके कारण पुरुषों का अंडकोष फूल जाता है, तथा उस में दर्द होने लगता है। पुरुषों में होने वाली हार्निया अंडकोष में पानी बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है, जिसके कारण हाइड्रोसील जैसी बीमारी जन्म लेती है।
वैरिकोसील
वैरिकोसील समस्या से पीड़ित पुरुषों में अंडकोष तथा अंडकोष की थैली की मांसपेशियां बढ़ जाती हैं, जिसके कारण मांस पेशियों में सूजन आ जाती है, और अंडकोष में सूजन हो जाती है, जिसके कारण अंडकोष फूलकर बड़ा हो जाता है।
वैरिकोसील से पीड़ित पुरुषों में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, तथा बीमारी 15 से 35 साल के पुरुषों में देखने को मिलती है। वैरिकोसील की समस्या के कारण अंडकोष में पानी बढ़ने लगता है, जो हैड्रोसिल का मुख्य कारण हो सकता है। अतः वैरिकोसील से पीड़ित पुरुष हाइड्रोसील का शिकार होते हैं।
अंडकोष में पानी सुखाने की दवा तथा उपचार
अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण पुरुषों को विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, उनके अंडकोष में बहुत अधिक दर्द होने लगता है, तथा जलन जैसा प्रतीत होता है, जलन तथा दर्द के कारण पुरुष को बहुत अधिक समस्या हो जाती है, तथा उसे चलने फिरने उठने बैठने में भी समस्याएं आने लगती हैं।
इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए अंडकोष में बढे हुए पानी को सुखाने की आवश्यकता होती है, जिसको विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक तथा अन्य उपचार विधियों द्वारा ठीक किया जाता है, जिसके पश्चात व्यक्ति का अंडकोष पहले जैसा हो जाता है, तथा उसे दर्द तथा जलन समाप्त हो जाती है। अंडकोष में पानी सुखाने की निम्नलिखित उपचार विधियों का प्रयोग किया जा सकता है
- अंडकोष में दर्द के लिए घरेलू उपचार।
- अंडकोष में सूजन की आयुर्वेदिक दवा।
- पतंजलि हाइड्रोसील की दवा।
- अंडकोष में दर्द की अंग्रेजी दवा।
- अंडकोष में दर्द के लिए घरेलू उपचार एवं सर्जरी।
हैड्रोसिल के दर्द के लिए घरेलू उपचार
पुरुषों में अंडकोष की बीमारी बहुत ही खतरनाक तथा दर्द युक्त होती है। अंडकोष की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों को बहुत अधिक समस्याएं होती हैं, क्योंकि पुरुषों के अंडकोष में सूजन रहती है, तथा उसमें पानी भर जाने के कारण अंडकोष फुल कर बहुत बड़ा हो जाता है, जिसके कारण पुरुषों को चलने फिरने तथा उठने बैठने में बहुत अधिक समस्या का सामना करना पड़ता है।
इन सभी समस्याओं से बचने के लिए भारतीय घरों में विभिन्न प्रकार के कुछ खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं, जिनके द्वारा अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या तथा दर्द की समस्या को दूर किया जा सकता है। अंडकोष में पानी सुखाने की दवा के रूप में प्रयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं
- जीरा और अजवाइन
- माजूफल
- छोटी हरड़
- दालचीनी
- फिटकरी
- नौसादर
- कद्दू
जीरा और अजवाइन
अंडकोष में पानी बढ़ने तथा दर्द की समस्या को दूर करने के लिए जीरा और अजवाइन का प्रयोग किया जाता है। जीरा और अजवाइन अंडकोष के दर्द को कम करते हैं, तथा अंडकोष में होने वाली सूजन को कम करने में सहायक होते हैं, जिसके कारण अंडकोष के अंदर का पानी धीरे-धीरे सूखने लगता है। जीरा और अजवाइन का प्रयोग करने के लिए सबसे पहले जीरा और अजवाइन को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी में भिगो देते हैं, अच्छी तरह से भीग जाने के पश्चात दोनों को बारीक पीस लेते हैं, तथा एक लेप बना लेते हैं।
इस लेप को अंडकोष के चारों तरफ लगाने के कारण अंडकोष का पानी सूखने लगता है, तथा अंडकोष में सूजन समाप्त हो जाती है, जिसके कारण अंडकोष में होने वाला दर्द भी समाप्त हो जाता है। अंडकोष में सूजन तथा हाइड्रोसील की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को जीरा और अजवाइन को पीसकर जरूर लगाना चाहिए।
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माजूफल
अंडकोष में बढे पानी तथा सूजन को दूर करने के लिए माजूफल का प्रयोग किया जाता है। माजूफल का प्रयोग करने के लिए 12 ग्राम माजूफल तथा 6 ग्राम फिटकरी को लेकर आपस में पीस लेते हैं, तथा उसका एक लेप बना लेते हैं। इस लेप को लगातार पंद्रह दिन तक अंडकोष में लगाते हैं, जिससे अंडकोष में बढ़ने वाले पानी तथा पानी के बढ़ने की वजह से हुई सूजन से राहत मिलती है।
जिन व्यक्तियों को अंडकोष में हाइड्रोसील की समस्या हो गई है, जिसे हम अंडकोष में पानी भरने की समस्या के नाम से जानते हैं। इस समस्या को ठीक करने के लिए माजूफल, फिटकरी के लेप को 15 दिन तक लगाना चाहिए जिससे हाइड्रोसील की समस्या समाप्त हो जाती है।
छोटी हरड़
पुरुषों में होने वाली अंडकोष में सूजन की समस्या को ठीक करने के लिए छोटी हरड़ का प्रयोग किया जाता है, जो कि अंडकोष की समस्या में लाभदायक होती है। अंडकोष की समस्या तथा सूजन को दूर करने के लिए छोटी हरड़, रसौत को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लेते हैं, तथा इसे सरसों के तेल के साथ मिलाकर अंडकोष के ऊपर इसकी मालिश करते हैं, जिससे अंडकोष में होने वाली सूजन धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है, तथा अंडकोष में बढ़ा पानी भी धीरे-धीरे सूख जाता है। अतः अंडकोष की दर्द तथा सूजन की समस्या को ठीक करने के लिए छोटी हरड़ बहुत ही उपयोगी मानी जाती है।
दालचीनी
अंडकोष में पानी भरने की समस्या के कारण अंडकोष में सूजन हो जाती है, जिससे पुरुषों को बहुत अधिक दर्द का आभास होता है, अंडकोष की सूजन की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों को चलने फिरने तथा उठने बैठने में बहुत अधिक समस्याएं होने लगती हैं।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए दालचीनी का प्रयोग करना चाहिए, सुबह-शाम आधा चम्मच दालचीनी पाउडर पानी के साथ लेने से अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या समाप्त होने लगती है। जिन व्यक्तियों के अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या है उनको दैनिक रूप से दालचीनी का सुबह-शाम प्रयोग करना चाहिए।
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फिटकरी
अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण होने वाली सूजन से अधिक और अधिक राहत दिलाती है, जिन व्यक्तियों के अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण सूजन आ जाती है, तथा उस में दर्द होने लगता है, उनको दैनिक रूप से फिटकरी का सेवन करना चाहिए। सुबह शाम भुनी हुई 1 ग्राम फिटकरी पानी के साथ लेने से अंडकोष में बढे हुए पानी से राहत मिलती है, तथा दर्द की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।
फिटकरी का प्रयोग पीसकर पानी के साथ ले बनाकर लगाने से भी अंडकोष की सूजन में राहत मिलती है। जिन व्यक्तियों को अंडकोष में सूजन की समस्या के कारण हाइड्रोसील की समस्या हो जाती है, उनको दैनिक रूप से फिटकरी का सेवन करना चाहिए।
नौसादर
अंडकोष में बढ़े हुए पानी की समस्या को दूर करने के लिए नौसादर एक बहुत ही अच्छा उपयोग में लाया जाने वाला पदार्थ है, जिसके द्वारा अंडकोष में हुई सूजन तथा बढे हुए पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है।
जिन व्यक्तियों में विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों के कारण अनुतोष में पानी बढ़ जाता है, और अंडकोष में सूजन आ जाती है, उनको दैनिक रूप से नौसादर के साथ शराब का एक लेप बनाकर अंडकोष में लगाना चाहिए इसके लिए 1 ग्राम नौसादर तथा 50 मिलीलीटर शराब को मिलाकर अंडकोष में लगाने से अंडकोष में पानी सुखाने की दवा सूजन तथा दर्द की समस्या दूर हो जाती है।
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कद्दू
कद्दू के बीजों का रस पुरुषों की ग्रंथियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है, इसके दैनिक प्रयोग से पुरुष ग्रंथियों में होने वाली सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती है। कद्दू के बीजों का रस ग्रंथियों को बढ़ने से रोकता है, जिससे अंडकोष में ग्रंथियों के बढ़ने के कारण आई सूजन तथा हाइड्रोसील जैसे समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। जिन व्यक्तियों में पौरूष ग्रंथियों के बढ़ने के कारण पुरुषों के अंडकोष में सूजन आ जाती है, उनको दैनिक रूप से कद्दू के बीजों का रस का सेवन करना चाहिए।
अंडकोष में सूजन की आयुर्वेदिक दवा
अंडकोष में सूजन की समस्या को ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवा का प्रयोग किया जाता है। भारतीय आयुर्वेद प्राचीन काल से विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का प्रयोग करता आ रहा है। भारतीय आयुर्वेद में प्रत्येक रोग के लिए आयुर्वेदिक औषधि उपलब्ध है, जो शरीर के लिए किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं करती है, तथा बड़ी आसानी से किसी भी प्रकार के रोग को ठीक करने की क्षमता रखती हैं। यह दवाइयां निम्नलिखित हैं
- रोगन कमीला
- बशर्शा
- AYURVEDA Punarnavadi Guggulu
- त्रिफला चूर्ण
रोगन कमीला
अंडकोष की सूजन को दूर करने के लिए तथा अंडकोष से पानी को सुखाने के लिए रोगन कमीला का प्रयोग किया जा सकता है, जिसका लेप करने के कारण अंडकोष की सूजन में राहत मिलती है, तथा बढ़ने वाला पानी रुक जाता है।
रोगन कमीला बाजार में मिलने वाला एक प्रकार का कंप्लीट प्रोडक्ट होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के आयल तथा आयुर्वेदिक औषधियां मिली होती हैं, जिसके कारण रोगन कमीला में अंडकोष की सूजन तथा पानी को कम करने के गुण पाए जाते हैं। जिन व्यक्तियों में अंडकोष की सूजन के कारण हैड्रोसिल की समस्या होती है, उनको दैनिक रूप से अपने अंडकोष पर रोगन कमीला का लेप करना चाहिए। रोगन कमीला एक प्रकार की यूनानी दवा है।
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बशर्शा
बर्शाशा एक प्रकार की यूनानी दवा है जिसका प्रयोग चोट को ठीक करने तथा चोट में लगी सूजन को ठीक करने में किया जा सकता है। जिन व्यक्तियों के अंडकोष में विभिन्न कारणों से सूजन हो जाती है, तथा उसमें पानी बढ़ने लगता है, जिसके कारण पुरुषों को हाइड्रोसील जैसी बीमारी की समस्या हो जाती है, जिसके कारण पुरुष चलने फिरने पता उस में बैठने में असमर्थ होते हैं, तथा उनके अंडकोष में बहुत अधिक दर्द होता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए बर्शाशा का प्रयोग किया जा सकता है, जो हाइड्रोसील की समस्या से हुए दर्द तथा सूजन हो समाप्त कर देता है।
AYURVEDA Punarnavadi Guggulu
पुनर्नवा, देवदार, गिलोय, हरडे और गुग्गुलु इत्यादि आयुर्वेदिक तत्वों से निर्मित AYURVEDA punarnavadi guggulu का प्रयोग वृषण कोष में सूजन को ठीक करने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों के अंडकोष में सूजन आ जाती है, उनको AYURVEDA द्वारा निर्मित AYURVEDA punarnavadi guggulu का सेवन दैनिक रूप से करना चाहिए, जिससे अंडकोष में सूजन तथा बढे हुए पानी की समस्या से राहत मिलती है।
जिन व्यक्तियों में हाइड्रोसील की समस्या होती है, उनके वृषण कोष में सूजन आ जाती है, जिसके लिए AYURVEDA punarnavadi guggulu बहुत ही रामबाण आयुर्वेदिक औषधि है।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण का निर्माण हरड़ बहेड़ा तथा आंवला के मिश्रण से किया जाता है। हरड़, बहेड़ा तथा आंवला के अलावा त्रिफला चूर्ण में काला नमक तथा मिश्री और कुछ अन्य आयुर्वेदिक पदार्थ मिश्रित होते हैं, जो हाइड्रोसील जैसे समस्या में राहत देते हैं।
जिन व्यक्तियों में हाइड्रोसिल की समस्या के कारण अंडकोष में पानी बढ़ जाता है, तथा पानी बढ़ने के कारण अंडकोष में सूजन आ जाती है, उनको दैनिक रूप से त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। त्रिफला चूर्ण का प्रयोग पेट की समस्या को रोकने के लिए भी किया जाता है, जिन व्यक्तियों का पेट अत्यधिक चर्बी के कारण बढ़ जाता है उनको त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए जिससे उनकी पेट बढ़ने की समस्या से राहत मिलती है ।
पतंजलि हाइड्रोसील की दवा
पतंजलि आयुर्वेदिक आयुर्वेदिक संस्था है, जो विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करती है। पतंजलि आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए दवाओं का निर्माण किया है। यह दवाएं अंडकोष में पानी पड़ने की समस्या को दूर करती हैं, तथा अंडकोष में हुई सूजन को कम करती हैं, जिससे हाइड्रोसिल के कारण होने वाले दर्द से राहत मिलती है। पतंजलि हाइड्रोसील की दवा के रूप में प्रयोग की जाने वाली कुछ दवाइयां निम्नलिखित है
- पुनर्नावादी मंडूर
- चंद्रप्रभावटी
पुनर्नावादी मंडूर
पुनर्नावादी मंडूर का प्रयोग अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों के अंडकोष में सूजन तथा पेशाब संबंधित अन्य परेशानियां होती हैं, उनको दैनिक रूप से पुनर्नावादी मंडूर का सेवन करना चाहिए जिससे अंडकोष में होने वाली सूजन समाप्त हो जाती है, तथा हाइड्रोसील के कारण बढ़ने वाले पानी की समस्या धीरे-धीरे ठीक हो जाती है। पुनर्नावादी मंडूर का प्रयोग पतंजलि द्वारा अंडकोष में पानी सुखाने की दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
चंद्रप्रभावटी
चंद्रप्रभा वटी का प्रयोग विभिन्न प्रकार के दर्द निवारक तथा सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है, जिन व्यक्तियों में अंडकोष में पानी की समस्या होती है, जिसके कारण अंडकोष में सूजन आ जाती है। अंडकोष में सूजन आने की वजह से व्यक्ति को बहुत अधिक दर्द का अनुभव करना पड़ता है, जिससे व्यक्ति बहुत अधिक परेशान हो जाता है।
अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए तथा पानी बढ़ने की समस्या से होने वाले दर्द से बचने के लिए पतंजलि द्वारा निर्मित चंद्रप्रभा वटी का प्रयोग किया जाता है, जो अंडकोष में होने वाली सूजन को समाप्त करती है, तथा दर्द से राहत दिलाती है। पतंजलि द्वारा चंद्रप्रभा वटी का प्रयोग अंडकोष में पानी सुखाने की दवा के रूप में किया जाता है।
अंडकोष में दर्द की अंग्रेजी दवा
अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण जब सूजन होती है, तो अंडकोष में बहुत अधिक दर्द होता है। दर्द से राहत पाने के लिए व्यक्ति विभिन्न प्रकार की दवाओं का प्रयोग करता है, जिनसे दर्द को कम किया जा सकता है। अंडकोष में दर्द की अंग्रेजी दवा का प्रयोग करने से दर्द से बहुत जल्दी राहत मिलती है, क्योंकि अंग्रेजी दवाइयां शरीर पर बहुत जल्दी असर करती हैं। अंडकोष में पानी सुखाने की दवा कथा दर्द से बचने की दवा के रूप में विभिन्न प्रकार की अंग्रेजी दवाओं का प्रयोग किया जाता है। जो निम्नलिखित हैं
- Ceftazidime + Gentamicin इन्फेक्शन के लिए
- Amoxacillin 500
- Co-Trimoxazole
- Ciprofloxacin
- Diclofenac + Paracetamol
- Furesimide 5mg
- Omnacortil 5mg
- Amoxacillin Potassium clavunate 1.2gm
अंडकोष में दर्द के लिए घरेलू उपचार एवं सर्जरी
अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या के कारण पुरुषों के अंडकोष में सूजन आ जाती है, जिसको विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक तथा घरेलू दवाइयों द्वारा दूर किया जा सकता है। किंतु यदि विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक घरेलू तथा अंग्रेजी दवाइयों के प्रयोग के पश्चात अंडकोष में सूजन ठीक नहीं हो रही है, तथा अंडकोष में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है।
इसके लिए अंतिम विकल्प के रूप में सर्जरी कराई जाती है, सर्जरी के द्वारा पानी को बाहर निकाल दिया जाता है, तथा दवाइयों का प्रयोग करके पानी को बढ़ने से रोक दिया जाता है, जिससे सूजन समाप्त हो जाती है। अंडकोष में पानी सुखाने के लिए सर्जरी द्वारा इसका इलाज कर दिया जाता है, जिसे अंडकोष का ऑपरेशन या फिर हाइड्रोसील के ऑपरेशन के नाम से जाना जाता है।
अंडकोष का ऑपरेशन करने के लिए विशेष प्रकार की शल्य चिकित्सा का प्रयोग किया जाता है, जिसमें सर्जरी के दौरान अंडकोश में एक छोटा सा कट बनाया जाता है, और हाइड्रोसील को शल्य चिकित्सा द्वारा हटा दिया जाता है। सर्जन चीरे की तरफ एक बड़ी ड्रेसिंग लगा देते हैं चेहरे के साइज के अनुसार यदि जरूरत होती है तो आपको कुछ दिनों के लिए पेशाब के लिए ट्यूब ड्रेन की भी आवश्यकता हो सकती है।
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हैड्रोसिल में नसों में दर्द तथा सूजन होने पर क्या न करें
यदि आपको अंडकोष की नसों में सूजन हो गई है, या फिर अंडकोष में दर्द हो रहा है, जिसके वजह अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या है। अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या होने के पश्चात रोगी को निम्नलिखित कुछ कार्य नहीं करने चाहिए, जिससे होने वाली समस्या आगे नहीं बढ़ने पर ती है, या फिर जिन व्यक्तियों को इस समस्या को होने का खतरा रहता है, उन्हें भी यह कार्य नहीं करनी चाहिए। जो निम्नलिखित हैं
- अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को भारी वजन नहीं उठाना चाहिए।
- ऐसे व्यक्ति को अंडकोष में जोर लगने वाले व्यायाम को नहीं करना चाहिए।
- अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को पेशाब मल त्याग के समय अत्यधिक जोर नहीं लगाना चाहिए।
- रात के खाने में बहुत हल्का भोजन लेना चाहिए।
- खाना खाने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए।
- अंडकोष को खुले नहीं छोड़ना चाहिए।
- धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या से पीड़ित व्यक्त को सेक्स क्रिया नहीं करनी चाहिए।
निष्कर्ष
अंडकोष में पानी बढ़ने के कारण व्यक्तियों में विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं होने लगती है, जिसके कारण व्यक्ति को अत्यधिक दर्द होता है, तथा उसे चलने फिरने उठने बैठने में बहुत अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सभी समस्याओं से बचने के लिए आज के इस लेख में अंडकोष में पानी सुखाने की दवा तथा उपचार की अनेक विधियों के बारे में बताया गया है, जिसके अध्ययन के पश्चात पुरुषों में होने वाली इस समस्या को ठीक किया जा सकता है, तथा दवा द्वारा आराम ना मिलने के पश्चात अंडकोष में पानी बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए सर्जरी भी कराई जा सकती है, जो बहुत ही आसान तथा कम समय में हो जाती है। हाइड्रोसील के इस समस्या से बचने के लिए लेख में बताई गई सभी सावधानियों तथा दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है।
FAQ’s
अंडकोष का पानी कैसे निकाला जाता है?
अंडकोष का पानी निकालने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। यदि दवाओं के प्रयोग के पश्चात भी अंडकोष से पानी नहीं निकलता है, अथवा हाइड्रोसील की समस्या में कोई आराम नहीं मिलता है तो अंडकोष का पानी निकालने के लिए सर्जरी कराई जाती है, जिसके द्वारा अंडकोष में बढ़ा हुआ पानी निकाल दिया जाता है।
अंडकोष में पानी भर जाने पर क्या करें?
अंडकोष में पानी बढ़ जाने के कारण अंडकोष में सूजन आ जाती है, जिसके कारण हाइड्रोसील के बीमारी हो जाती है, जिसमें बहुत अधिक दर्द होता है। हाइड्रोसील में पानी बढ़ जाने पर विभिन्न प्रकार से पानी को सुखाया जा सकता है, तथा दवाओं द्वारा पानी ना सूखने पर सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है, जिससे पानी को बाहर निकाल दिया जाता है, तथा अंडकोष की सूजन धीरे-धीरे ठीक हो जाती है।
हाइड्रोसील बढ़ गया है कैसे ठीक होगा?
हाइड्रोसील की समस्या को ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तथा अंग्रेजी दवाओं का प्रयोग किया जाता है, इनके अलावा कुछ विशेष प्रकार के घरेलू प्रयोग भी किए जाते हैं। यदि इन सब के द्वारा भी हाइड्रोसील की समस्या ठीक नहीं होती है, तो सर्जरी द्वारा हाइड्रोसील को ठीक किया जाता है। यदि आपको किसी प्रकार के हाइड्रोसील की समस्या है तो डॉक्टर से संपर्क करें डॉक्टर आपका सही सलाह देंगे।
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