Azithromycin tablet का प्रयोग हल्के माध्यम के स्वसन तंत्र पर संक्रमण के प्रभाव को खत्म करने, तथा त्वचा के ऊपरी स्तर पर संक्रमण के प्रभाव को प्राथमिक स्तर पर मुख्य रूप से रोकने के लिए यह दवा बनाई गई है। Azithromycin tablet का प्रयोग संक्रमण को समाप्त करने के लिए नियमित तौर पर करना चाहिए, इसलिए इसका प्रयोग एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए, जिससे आपको याद रहता है। इस टेबलेट का प्रयोग संक्रमण का प्रभाव समाप्त हो जाने के पश्चात भी कुछ समय तक करना चाहिए, जिससे उपस्थित बैक्टीरिया को समाप्त किया जा सके, और जीवाणुओं को पुनः पनपने से रोका जा सके। एजिथ्रोमायसिन टेबलेट बैक्टीरिया की लंबी श्रखला से भी लड़ने में कारगर होती है, सिर्फ इसका प्रयोग निश्चित समय के अंतराल पर रोग के पूरी तरह से ठीक हो जाने तक करना चाहिए।
एजिथ्रोमायसिन (Azithromycin) टेबलेट का प्रयोग एंटीबायोटिक के रूप में जीवाणुओं के प्रभाव को रोकने के लिए किया जाता है। एजिथ्रोमायसिन (Azithromycin) मैक्रोलाइड-टाइप एंटीबायोटिक (Antibiotic) है, किंतु सामान्य वायरल इनफेक्शन जैसे जुकाम तथा फ्लू के लिए इसका प्रयोग नहीं किया जाता है, और आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है, कि किसी अन्य एंटीबायोटिक के अधिक या गलत तरीके से इस्तेमाल के दौरान एजिथ्रोमायसिन (Azithromycin) का प्रभाव कम हो जाता है। azithromycin tablet का uses ब्रोंकाइटिस निमोनिया यौन संचारित रोग तथा कान, फेफड़े, त्वचा, गले व जनन अंगों में होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है। इस टेबलेट के प्रयोग से जीवाणु वृद्धि होने की गति को रोका जा सकता है, जिससे जीवाणु संबंधी रोगों पर रोक लगाई जा सकती है।
यदि आप एलर्जी, पीलिया, लीवर की समस्या, मायस्थेनिया ग्रेविस, ह्रदय विकार या किसी प्रकार के संक्रमण से ग्रसित हैं, फिर भी Azithromycin tablet का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर आपको दवा का डोज आप की शारीरिक संरचना तथा उम्र के हिसाब से निश्चित करते हैं, जिससे आप किसी भी दवा का प्रयोग निश्चित समय अंतराल के पश्चात करने पर किसी भी बीमारी को समाप्त कर सकते हैं। Azithromycin tablet कोई अधिक निश्चित समय अंतराल के पश्चात नहीं खाया जाता है, तो यह प्रभावी नहीं होती है। इसलिए इस टेबलेट का प्रयोग करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श लें और डॉक्टर द्वारा तय किए गए खुराक के अनुसार ही दवा का प्रयोग करें, इसलिए दवा कंपनी द्वारा azithromycin 250 mg tablet तथा azithromycin tablet ip 500 mg के आकार तथा साइज में बनाया जाता है, जिससे डॉक्टर को रोगी के खुराक के अनुसार दवा देने में आसानी रहे।
एजिथ्रोमायसिन (Azithromycin) टेबलेट का उपयोग
जिन व्यक्तियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, उनको मौसम परिवर्तन के समय तथा अन्य विभिन्न परिस्थितियों में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है, जिसके कारण लोगों को मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम, खासी तथा नाक, कान, गले व जननांगों में संक्रमण हो जाता है, यह संक्रमण तथा बीमारियां बैक्टीरिया के फैलने के कारण होती हैं। बैक्टीरिया एक स्थान से दूसरे स्थान पर व्यक्तियों द्वारा फैलता है, जिसका वायरस बॉडी में नाक, कान, मुंह या स्किन से प्रवेश कर सकते हैं। उपरोक्त रोगों के प्राथमिक इलाज के लिए कुछ विशेष प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं के साथ azithromycin tablet का प्रयोग किया जाता है। इस टैबलेट का प्रयोग यौन संचारित रोग गोनोरिया को भी समाप्त करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा अन्य विभिन्न प्रकार के संक्रमण को रोकने के लिए भी इस टेबलेट का प्रयोग अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। इस टेबलेट का प्रयोग निम्नलिखित जीवाणु संक्रमित लोगों से बचने के लिए किया जा सकता है।
- ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
- साइनसाइटिस (Sinusitis)
- ग्रसनीशोथ / टॉन्सिल्लितिस (Pharyngitis/Tonsillitis)
- उपरी श्वसन पथ का संक्रमण (Upper Respiratory Tract Infection)
- लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Lower Respiratory Tract Infection)
- त्वचा और संरचना संक्रमण (Skin And Structure Infection)
- बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infections)
ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
ब्रोंकाइटिस स्वसन तंत्र में होने वाली इंफेक्शन के कारण सूजन होती है, जो श्वसन मार्ग में फेफड़ों तक जाने वाली वायु के रास्ते में सूजन है। जब आपके स्वसन तंत्र के मार्ग में जिसे ट्रेकिया और ब्रॉन्काई कहते हैं, मे जलन होती है, तो श्वसन मार्ग में सूजन हो जाती है, जिसे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) के नाम से जाना जाता है। ट्रेकिया और ब्रॉन्काई मैं सूजन हो जाने के कारण उनमें बलगम भर जाता है, जिसके कारण बीमार व्यक्ति को खांसी की समस्या होने लगती है। खांसी की समस्या 2 दिन से लेकर लगभग 10 से 15 दिन तक रह सकती है। ब्रोंकाइटिस से बचाव के लिए तेल तथा वसा युक्त भोजन से बचना चाहिए, तथा मानसून परिवर्तन के समय ताजा सलाद नहीं खाना चाहिए। ब्रोंकाइटिस के संक्रमण को रोकने के लिए तथा इसके जीवाणु की वृद्धि को रोकने के लिए azithromycin tablet uses किया जा सकता है, जो जीवाणु को बढ़ने से रोकती है, तथा ब्रोंकाइटिस पर रोक लगाती है। azithromycin tablet uses के साथ-साथ हल्के गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करना चाहिए।
साइनसाइटिस (Sinusitis)
साइनसाइटिस (Sinusitis) की समस्या के कारण सर्दी के मौसम में या फिर मौसम परिवर्तन या जलवायु परिवर्तन के कारण नाक बंद होना, सिर दर्द होना या आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना, आंखों के पलकों में दर्द होना, हल्का बुखार, तनाव तथा चेहरे पर निराशा के भाव रहना जिसके कारण चेहरे में सूजन हो जाती है। साथ ही साथ गले में खरास के साथ हल्का कफ भी होता है। उपरोक्त बताए गए लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण प्रतीत होता है, तो आपको साइनसाइटिस (Sinusitis) के जीवाणु का संक्रमण हुआ है। यदि आपको उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको धूल बाहरी वायु प्रदूषण तथा इत्र जैसी तेज गंध से बचने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे आपको साइनसाइटिस साइनस की सूजन हो सकती है, जो आपके नाक में जलन पैदा कर सकती है। साइनसाइटिस (Sinusitis) संक्रमण के बचाव के लिए azithromycin 500 mg tablet का प्रयोग किया जा सकता है, किंतु इसके प्रयोग के लिए आपको सबसे पहले डॉक्टर के पास लक्षण तथा प्रभाव के कारण को दिखाना होगा, जिसके अनुसार डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ azithromycin tablet की खुराक का प्रयोग करने की सलाह दे सकते हैं।
ग्रसनीशोथ या टॉन्सिल्लितिस (Pharyngitis or Tonsillitis)
मनुष्य के तालू के दोनों तरफ बादाम के आकार की दो ग्रंथियां होती हैं, जिन्हें टांसिल कहा जाता है, तथा मनुष्य के जीभ तथा टांसिल के मध्य कोन के आकार का भाव ग्रसनी कहलाता है, जिससे होकर भोजन आमाशय तक पहुंचता है। ग्रसनीशोथ (Pharyngitis) फेरनक्स की सूजन के कारण होती है, स्वसन तंत्र में जीवाणु संक्रमण के परिणाम स्वरूप गले में उच्च संक्रमण तथा शरीर के ताप में परिवर्तन हो जाता है, जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह से ग्रसनीशोथ या टॉन्सिल्लितिस (Pharyngitis or Tonsillitis) के लिए azithromycin tablet uses किया जा सकता है। एसिड रिफ्लक्स से गले में खराश हो सकती है, नाराज़गी सबसे आम लक्षण है। जब एसिड रिफ्लक्स से गले में खराश होती है, तो व्यक्ति को ऐसा भी महसूस हो सकता है, कि उसके गले में गांठ है। एसिड भाटा से संबंधित सिर और गर्दन के लक्षण भ्रामक हो सकते हैं।
उपरी श्वसन पथ का संक्रमण (Upper Respiratory Tract Infection)
यूआरटीआई (Upper Respiratory Infection) स्वसन तंत्र में संक्रमण होने के लक्षण होते हैं, इस रोग में स्वसन तंत्र के संक्रमण के कारण गले, नाक, ग्रसनी, स्वरयंत्र, साइनस और श्वास नली (विंडपाइप) आदि में प्रभाव दिखाई देता है। आपको ऊपरी स्वसन तंत्र के संक्रमण में 14 से 21 दिन तक ठीक होने में लग सकते हैं, ऊपरी स्वसन पथ का संक्रमण होने के कारण सूखी खांसी का प्रभाव होता है। इस सूखी खांसी का प्रभाव 3 से 4 सप्ताह तक रहता है, इसमें वायरस के संक्रमण को ठीक करने के लिए तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। सूखी खांसी के अलावा इसमें घरघराहट या छोटी सांस, लगातार खांसी होना, छाती क्षेत्र में घिसाव, साँस लेने में समस्या के कारण पैर की उंगलियों में सूजन, खराश और सूजन के कारण गले में दर्द, खांसी के साथ खून आना, आवाज में बदलाव, शरीर दर्द आदि शारीरिक समस्याएं दिखाई देती हैं। जिसके कारण डॉक्टर उपरी श्वसन पथ का संक्रमण को ठीक करने के लिए azithromycin 500 tablet uses करने की सलाह देते हैं, तथा अन्य विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक दवा का प्रयोग करने को कहते हैं।
लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Lower Respiratory Tract Infection)
लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन LRTI के लक्षण खांसी होना होता है, किंतु यह खांसी सामान्य से अधिक गंभीर होती है, क्योंकि इसमें कफ और बलगम भी हो जाता है, जिसके कारण छाती में खिंचाव, सांस फूलना, घबराहट होना तथा सांस लेने की दर में वृद्धि हो जाने के कारण शरीर का ताप बढ़ने लगता है। लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन मैं बैक्टीरिया स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, इसके उपचार के लिए Lower Respiratory Tract Infection से आपका शरीर कितना प्रभावित है, इसके अनुसार डॉक्टर आपको azithromycin 250 mg tablet तथा azithromycin 500 tablet खाने की सलाह देते हैं, जिससे कुछ समय पश्चात संक्रमण समाप्त हो जाता है, और लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के प्रभाव से राहत मिलती है। azithromycin tablet के साथ-साथ डॉक्टर आपको अन्य एंटीबायोटिक दवाइयों का प्रयोग करने की सलाह दे सकते हैं।
त्वचा और संरचना संक्रमण (Skin And Structure Infection)
त्वचा संक्रमण में विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण होने के कारण स्टैफ संक्रमण, प्रुरिटस, फॉलिकुलिटिस, सेल्युलाइटिस, मौसा(वार्ट्स), दाद और मुँहासे आदि रोग हो जाते हैं। यह सभी त्वचा संक्रमण रोग त्वचा की ऊपरी परत को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण त्वचा की ऊपरी परत में संक्रमण (एसएसएसआई) को एपिडर्मिस, डर्मिस या चमड़े के नीचे के ऊतक के संक्रमण के रूप में जाना जाता है। इसलिए त्वचा और संरचना संक्रमण को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जिसमें डॉक्टर मुख्य रूप से azithromycin tablet uses करने की सलाह देते हैं। जिससे जीवाणु संक्रमण रुक जाता है, और कुछ समय पश्चात त्वचा रोग संक्रमण समाप्त हो जाता है। त्वचा के संक्रमण को ठीक करने में काफी लंबा समय लगता है, इसलिए azithromycin tablet का प्रयोग लंबे समय तक करना चाहिए, रोग ठीक हो जाने के पश्चात भी इस दवा का सेवन करते रहना चाहिए।
बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infections)
बैक्टीरियल इनफेक्शन अधिकतर कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले व्यक्तियों को प्रभावित करती हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियां शरीर को प्रभावित करती हैं, शरीर में बैक्टीरिया का इन्फेक्शन होते हैं। विभिन्न प्रकार की मौसमी बीमारियों से शरीर प्रभावित हो जाता है, तथा या बैक्टीरिया एक स्थान से दूसरे स्थान पर व्यक्तियों के संक्रमण से फैलता रहता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण वायरस नाक के रास्ते से बॉडी पर प्रभावित होता है और नाक, कान, मुंह तथा गले को प्रभावित करता है। बैक्टीरियल इनफेक्शन घाव तथा त्वचा में छेद के रास्ते से प्रवेश कर सकता है, बैक्टीरियल इनफेक्शन कितने समय तक रहता है, इसका अनुमान बैक्टीरिया के संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करता है। सामान्य इन्फेक्शन में व्यक्ति 10 से 14 दिन तक प्रभावित रहता है, बैक्टीरियल इनफेक्शन को समाप्त करने के लिए डॉक्टर द्वारा azithromycin tablet का प्रयोग किया जाता है। azithromycin tablet बैक्टीरियल इनफेक्शन कुछ समय पश्चात ही समाप्त हो जाता है, किंतु पूर्ण रूप से बैक्टीरियल इनफेक्शन समाप्त होने के पश्चात भी डॉक्टर azithromycin tablet खाते रहने की सलाह देते हैं।
Azithromycin Tablet Uses करने के विपरीत प्रभाव
azithromycin tablet एक प्रकार की एंटीबायोटिक टेबलेट होती है, इसलिए इसका प्रभाव बैक्टीरियल इनफेक्शन पर होने के साथ-साथ शरीर पर कुछ विपरीत प्रभावी होता है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ता है, इसलिए डॉक्टर के बताए गए खुराक के अनुसार ही, इस टेबलेट का प्रयोग करना चाहिए जिससे कि इसका शरीर पर विपरीत प्रभाव न पड सके, और आपका शरीर सुरक्षित रहे। ऊपर विभिन्न प्रकार की समस्याओं को ठीक करने के लिए azithromycin tablet uses in hindi का प्रयोग बताया गया है, किंतु इस टेबलेट का प्रयोग डॉक्टर द्वारा बताई गई निश्चित मात्रा में ही करना चाहिए, नहीं तो निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं
- हाइपरसेंसिटिविटी (Hypersensitivity)
- गंभीर यकृत हानि (Severe Liver Impairment)
- दस्त (Diarrhoea)
- मत्तली (Nausea)
- पेट की समस्या (Abdominal Pain)
- उल्टी (Vomiting)
- बुखार (फीवर) (Fever)
- सिरदर्द (Headache)
- चक्कर आना (Dizziness)
- रैश (Rash)
- वाहिकाशोफ (एंजियोएडिमा) (Angioedema)
- ओटोटोक्सिसिटी (Ototoxicity)
- एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reaction)
निष्कर्ष
शरीर में बैक्टीरिया के प्रभाव से विभिन्न प्रकार के रोग हो जाते हैं, वायरस तथा बैक्टीरिया हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों से प्रभावित करते हैं, जिसके कारण हमारा शरीर वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से बीमार हो जाता है। इनको ठीक करने के लिए अधिकतर डॉक्टरों द्वारा एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, जिससे बैक्टीरिया का संक्रमण कंट्रोल होता है, और बैक्टीरिया के कारण होने वाले विभिन्न प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं। आज हमने आपको उपरोक्त लेख में Azithromycin Tablet Uses In Hindi की जानकारी दी है, साथ ही साथ इस टैबलेट का प्रयोग किन किन रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है, इसके लिए जानकारी उपलब्ध कराई गई है, तथा बैक्टीरिया रोग के संक्रमण से बचने तथा एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक प्रयोग से होने वाली समस्याओं के बारे में भी बताया गया है, इसलिए यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकता है, जो आपको विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा सकता है।
लोगों द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्न
अज़िथ्रोमैकिन टेबलेट क्या काम आती है?
अज़िथ्रोमैकिन टेबलेट एक एंटीबायोटिक दवा है, जो बैक्टीरिया के प्रभाव के कारण होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों को समाप्त करने में सहयोग करती है। अजित्रोमायकिन टेबलेट का प्रयोग वायरस के संक्रमण से होने वाले न्यूमोनिया, ब्रोंकाइटिस, कान, गला, फेफड़े का संक्रमण और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के इलाज में किया जाता है। इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर वायरस के संक्रमण के प्रभाव तथा पेशेंट की उम्र तथा शारीरिक संरचना के अनुसार करना चाहिए।
Azithromycin 3 दिन के लिए क्यों दिया जाता है?
जब वक्त के चेस्ट में किसी प्रकार का वायरस इन्फेक्शन होता है, जिसके कारण उसका स्वशन तंत्र प्रभावित होता है, तो एंटीबायोटिक दवाओं के साथ डॉ द्वारा अज़िथ्रोमैकिन टेबलेट का प्रयोग सप्ताह में 3 दिन अल्टरनेट रूप में करने की सलाह दी जाती है, जिससे वायरस के संक्रमण पर रोक लगती है, तथा एंटीबायोटिक दवाओं के कारण शरीर को होने वाले नुकसान से बचाव होता है। लगातार प्रयोग करने से इसका प्रभाव किडनी पर पड़ता है, इसलिए डॉक्टर के द्वारा अज़िथ्रोमैकिन टेबलेट का प्रयोग सप्ताह में 3 दिन करने के लिए कहा जाता है, जिसे सोमवार, बुधवार, तथा शुक्रवार को प्रयोग किया जा सकता है।
Azithromycin 500 mg tablet का उपयोग क्यों करें?
Azithromycin 500 mg tablet का प्रयोग ब्रोंकाइटिस समूह के जीवाणु को समाप्त करने के लिए किया जाता है, जिसके कारण शरीर में निमोनिया यौन संचारित रोग नाक, कान, आंख, जीभ में इंफेक्शन के साथ-साथ त्वचा तथा जननांगों में इंफेक्शन हो जाता है, जिसे ठीक करने के लिए डॉक्टर द्वारा azithromycin 500 mg tablet प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
क्या azithromycin COVID के लिए अच्छा है?
करोना एक दीवार संक्रमित रोग है, जिसके लक्षण अन्य विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल रोगों जैसे ही होते हैं, इसलिए कुछ डॉक्टर कोरोना की पुष्टि ना हो जाने पर या कोरोना के प्रभावी लक्षणों को समाप्त करने के लिए azithromycin टेबलेट यूज़ करने की सलाह देते हैं, किंतु यह कोरोना के संक्रमण को समाप्त करने में कारगर साबित नहीं होती है, किंतु कोरोना के अलावा अन्य कोरोना से लक्षणों के लिए यह बहुत ही उपयोगी मानी जाती है।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।
Latest entries
Man HealthSeptember 26, 2023पेनिस स्किन कट मेडिसिन के प्रयोग से फिमोसिस की समस्या को जड़ से समाप्त करें
BlogJuly 24, 2023रुद्राक्ष का पानी पीने के फायदे | Benefits Of Drinking Rudraksha Water
BlogJuly 24, 2023रुद्राक्ष थेरेपी शरीर की विभिन्न समस्याओ के लिए रामबाण इलाज
BlogJuly 18, 2023जाने किस बीमारी में कितने मुखी रुद्राक्ष पहनें जिसके कारण शरीर रहेगा स्वस्थ