आजकल के समय में प्रत्येक व्यक्ति बढे हुए पेट की समस्या से परेशान हैं।अक्सर ऐसा देखा गया है कि व्यक्ति पूरे शरीर से बहुत अधिक मोटा नहीं होता है किंतु उसका पेट बहुत अधिक मोटा हो जाता है, देखने में ऐसा लगने लगता है कि उसका पेट सामने से लटक रहा है ऐसा पेट की अत्यधिक चर्बी बढ़ने के कारण हो जाता है। इसलिए आज हम आपको बढ़ा हुआ पेट कम करने के घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे जिससे आप अपने बढे हुए पेट को कम कर सकते हैं।
आज के समय में हमारे खान-पान में हम अत्यधिक फैट युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, तथा बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तथा साथ-साथ हम फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम करते हैं, जिसके कारण हमारे पेट में वसा का निर्माण होता है, और वह बर्न नहीं हो पाती है। जिसके कारण पेट में बढ़ी हुई चर्बी हमारे पेट के चारों तरफ एकत्रित होने लगती है। एकत्रित होने के कारण हमारा पेट निकलने लगता है और बहुत अधिक बढ़ जाता है।
पेट बढ़ने के कारण
बढ़ा हुआ पेट का मुख्य कारण पेट में चर्बी एकत्रित हो जाना होता है पेट में एक्स्ट्रा फैट व चर्बी किन कारणों से एकत्रित हुई है इसका कारण जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए सबसे पहले हम जानते हैं कि हमारे पेट में फैट जो इकट्ठा हो रही है, वह क्यों हो रही है। यदि हम बढ़ी हुई फैट को कम करना चाहते हैं तो सबसे पहले हमें इसके कारणों को जानना होगा की फैट अधिक बढ़ने के क्या कारण है फैट बढ़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।
- गति हीन जीवन शैली।
- मानसिक तनाव।
- हार्मोनल परिवर्तन।
- खराब डाइट।
- शराब का अधिक प्रयोग।
- अत्यधिक नींद लेना।
गति हीन जीवन शैली
कुछ लोगों की जीवनशैली ऐसी होती है, कि उनको पूरा दिन बैठकर एक काम करना पड़ता है। जिसके कारण जितने कैलोरी हम भोजन से ग्रहण करते हैं वह बर्न नहीं हो पाती है और वह हमारे शरीर में एकत्रित होती रहती है। कुछ समय पश्चात जितनी कैलोरी हमारे शरीर में एकत्रित होती है, वह फैट में बदल जाती है। फैट में बदलने के कारण अत्यधिक फैट हमारे बढ़ा हुआ पेट में इकट्ठा होने लगता है। फैट के इकट्ठा होने के कारण हमारे शरीर में पेट निकलने लगता है। यह फैट हमारे पेट के चारों तरफ एकत्रित होने लगती है, जिसके कारण हमारा पेट मोटा तथा बाहर निकला हुआ दिखाई देने लगता है।
बढ़ा हुआ पेट को कम करने के लिए दैनिक रूप से चलना बहुत जरूरी होता है। दैनिक रूप से व्यायाम तथा जीवन में गतिशीलता लाकर हम अपने पेट को कम कर सकते हैं। हम जितना वर्क करते हैं और हमारे शरीर को कितनी कैलोरी की आवश्यकता होती है, हमें उसी अनुसार भोजन ग्रहण करना चाहिए। जिससे कि हमारे शरीर में कैलोरी एकत्रित ना होने पाए। कैलोरी एक्स्ट्रा ना होने के कारण हमारे शरीर में फैट का निर्माण नहीं होता है। जिससे हमारे पेट के चारों तरफ फैट नहीं जमती है, और हमारा शरीर सामान्य अवस्था में दिखाई देता है अतः अपने कार्यशैली के अनुसार ही दैनिक रूप से भोजन ग्रहण करें।
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव का हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। यदि हम किसी बात को लेकर मानसिक तनाव लेते हैं तो हमारे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का श्रावण अधिक मात्रा में होता है। स्ट्रेस हार्मोन के अधिक श्रावण के कारण हमें मीठा अधिक खाने की इच्छा होती है, क्योंकि मीठा खाने से तनाव कम होता है और मीठा अधिक खाने के कारण हमारे शरीर में ग्लूकोस और फ्रक्टोज इकट्ठा होने लगते हैं, इकट्ठा हुए ग्लूकोस से फैट का निर्माण हो जाता है। शरीर में अत्यधिक फैट निर्माण के कारण या फैट हमारे बढ़ा हुआ पेट के चारों तरफ एकत्रित होने लगती है। पेट के चारों तरफ फैट के एकत्रित हो जाने के कारण हमारा पेट बढ़ा हुआ दिखाई देने लगता है।
हमारे शरीर में शुगर की मात्रा अधिक होने के कारण हमें विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं। जिनके कारण हमारा शरीर सुस्त हो जाता है। सुस्त होने के कारण भी हमारे शरीर में मोटापा होने लगता है। बढ़ा हुआ पेट को कम करने के लिए दैनिक रूप से कम मात्रा में शुगर का प्रयोग करना चाहिए।
हार्मोनल परिवर्तन
हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोन होते हैं जिनका श्रावण सामान्य मात्रा में होने के कारण हमारा शरीर स्वस्थ तथा निरोग बना रहता है किंतु हमारे शरीर में जब किसी भी प्रकार के हार्मोन की अनियमितता हो जाती है, तो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं विकारों के उत्पन्न होने के कारण हमारे शरीर मैं विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। इसी प्रकार यदि हमारे शरीर में स्ट्रेस हारमोंस का श्रावण अधिक मात्रा में होने लगता है तो हमारे शरीर में ग्लूकोज तथा शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, क्यों कि स्ट्रेस हारमोंस के श्रावण के कारण हम शुगर अधिक मात्रा में लेने लगते हैं। अत्यधिक मात्रा में ली गई शुगर फैट के रूप में हमारे शरीर में एकत्रित होने लगती है जिसके कारण हमारा पेट बढ़ने लगता है तथा कुछ समय पश्चात बहुत अधिक बाहर निकलना दिखाई देने लगता है।
खराब डाइट
आज के इस परिवर्तित समय में खराब डाइट के कारण विभिन्न प्रकार के रोगों के शिकार हुए हैं। आज के समय में लोगों के खाने में मैदा तथा शुगर से बनी कोई वस्तुओं का प्रयोग ज्यादा मात्रा में होने लगा है और दोनों प्रकार के ही खाद्य पदार्थ हमारे शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होते हैं। मैदा तथा शुगर हमारे शरीर में फैट की मात्रा को बढ़ाते हैं, तथा यह हमारे शरीर की पाचन क्रिया को भी प्रभावित करते हैं। जिसके कारण हमारे शरीर के में फैट एकत्रित होने लगता है और यह एक ज्यादातर हमारे बढ़ा हुआ पेट के आसपास एकत्रित होता है। जिसके कारण हमारा पेट निकलने लगता है।
शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद भी फैट के कारण पेट बाहर निकला हुआ और मोटा दिखाई देता है। इसलिए हमें अपने भोजन से वसा युक्त पदार्थों तथा मैदा तथा चीनी से बनी हुई खाद्य वस्तुओं को हटाना होगा, यह हमारे शरीर में फैट की मात्रा को बढ़ाने में सहयोग करती हैं।
शराब का अधिक प्रयोग
शराब के अधिक प्रयोग के कारण हमारे पाचन क्रिया प्रभावित होती है पाचन क्रिया प्रभावित होने के कारण हमारे द्वारा लिए गए खाद्य पदार्थों का पाचन पर्याप्त मात्रा में नहीं हो सकता है। जिसके कारण हमारे शरीर में ग्लूकोस तथा शुगर एकत्रित होने लगता है। एकत्रित हुए ग्लूकोस तथा शुगर के कारण कुछ समय पश्चात फैट बनने लगता है। शरीर में अत्यधिक फैट निर्माण के कारण हमारा शरीर अधिक सेट को ऑब्जर्वर नहीं कर पाता है तथा फैट शरीर के किसी भाग में एकत्रित होने लगता है। सबसे पहले फैट हमारे पेट के चारों तरफ एकत्रित होने लगता है, जिसके कारण हमारा पेट बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ पेट के कारण यह बाहर की तरफ निकला हुआ दिखाई देने लगता है पेट को निकलने से बचाने के लिए शराब का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अत्यधिक नींद लेना
अत्यधिक नींद लेने के कारण हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में वर्कआउट नहीं कर पाता है, भोजन में ली गई कैलोरी के हिसाब से यदि हम वर्कआउट नहीं करते हैं तो हमारे शरीर में कैलोरी एकत्रित होने लगती है। अत्यधिक कैलोरी एकत्रित हो जाने के कारण कैलोरी का परिवर्तन फैट में हो जाता है। शरीर में अत्यधिक फैट बनने के कारण हमारा शरीर बने हुए फैट का उपयोग नहीं कर पाता है। जिससे यह फैट हमारे शरीर में एकत्रित होने लगता है। फैट हमारे पेट के चारों तरफ एकत्रित हो जाता है, जिसके कारण पेट में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, और हमारा पेट निकला हुआ दिखाई देने लगता है।बढ़ा हुआ पेट को कम करने के लिए केवल पर्याप्त मात्रा में ही नींद लेना चाहिए अत्यधिक में लेने से हमें विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं।
बढे हुए पेट अर्थात मोटापे के लक्षण
जब हमारा पेट में एक्स्ट्रा फैट बढ़ने लगती है तो हमें विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं इन समस्याओं के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग भी हो जाते हैं तथा हमारे शरीर में कुछ बदलाव भी दिखाई देने लगते हैं। पेट अधिक निकलने के कारण हमें कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने लगते हैं जो हमारे शरीर को प्रभावित करते हैं
- सांस फूलना।
- पसीना में वृद्धि।
- पेट के चारों तरफ फैट में वृद्धि।
- शारीर में मोटापा।
- थकान।
- रोगप्रतिरोधक क्षमता में कमी।
- पाचन क्रिया में परिवर्तन।
- पेट में गैस बनान।
सांस फूलना
हमारे शरीर में फैट की मात्रा अधिक हो जाने के कारण हमारे रक्त में फैट की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण हमारे रक्त गाढ़ा होने लगता है। रक्त के पीएच मान में परिवर्तन होने के कारण यह गाढ़ा हो जाता है और जब हमारा हृदय रक्त परिसंचरण के लिए पंप करता है तो गाढे रक्त को नालियों में बहाव के लिए अत्यधिक ताकत की आवश्यकता होती है। जिसके कारण हमारा हृदय पंप बहुत तेजी से करता है। गाढे रक्त को हमारे शरीर के अंगों तक पहुंचाने के लिए पर्दे को तेजी से पम्प करना पड़ता है। जिसके कारण हमारा हृदय बहुत जल्दी थक जाता है। जिसके कारण सांस फूलने जैसी बीमारी होने लगती है सांस फूलने की बीमारी के कारण हमारा स्वसन तंत्र प्रभावित होता है जिसके कारण विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियां हो जाती हैं।
पसीना में वृद्धि
हमारे शरीर में जब फैट की मात्रा बढ़ जाती है, तो हमारा रक्तचाप बढ़ जाता है क्योंकि हमारे रक्त में फैट होने के कारण व अधिक गाढ़ा हो जाता है। हमारे शरीर में रक्तचाप बढ़ने के कारण हमारे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है तापमान को संतुलित करने के लिए हमारा शरीर पसीने में वृद्धि करता है। जिससे हमारे शरीर का तापमान सामान्य स्थिति में बना रहता है। यह हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है, तो हमें बुखार जैसी परिस्थितियां हो जाती हैं इन सब से बचने के लिए शरीर अत्यधिक पसीने में वृद्धि करके शरीर के तापमान को संतुलित करता है। जिससे जिन व्यक्तियों में अधिक फैट होता है उनको अत्यधिक मात्रा में पसीना आता है।
पेट के चारों तरफ फैट में वृद्धि
बढ़ा हुआ फैट हमारे शरीर में सबसे पहले हमारे पेट के चारों तरफ एकत्रित होता है क्योंकि पेट के चारों तरफ बहुत सारा रिक्त स्थान होता है, जहां पर फैट के एकत्रित होने के लिए पर्याप्त स्थान होता है। हमारे पेट के चारों तरफ फैट एकत्रित हो जाने के कारण हमारा पेट बढ़ जाता है और वह मोटा दिखाई देने लगता है। जिसके कारण हमें विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं।
शारीर में मोटापा
जब हमारे शरीर में फैट का निर्माण अधिक मात्रा में होने लगता है, तो पेट के साथ-साथ हमारे पूरे शरीर में मांसल अंगों के आसपास फैट इकट्ठा होने लगता है। फैट इकट्ठा होने के कारण हमारे शरीर में मोटापा आने लगता है। फैट के कारण हमारा शरीर मोटा हो जाता है। यदि हमारा शरीर मांसपेशियों के विकास के कारण मोटा होता है, तो उसमें अधिक शक्ति और ऊर्जा होती है, किंतु यदि हमारा शरीर फैट के कारण होता है, तो उसमें लचीलापन तथा सुस्ती होती है। फैट बढ़ने के कारण हमारा शरीर स्वस्थ हो जाता है तथा हमारे शरीर में शक्ति नहीं रहती है। हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के अंगों में फैट जमा होने के कारण मोटे हो जाते हैं। हमें ऐसे अपने शरीर में फैट जमा होने से बचना चाहिए।
थकान
हमारा शरीर में फैट होने के कारण हमें अत्यधिक थकान का अनुभव होता है, क्योंकि अधिक फैट होने के कारण हमारा शरीर का वजन बढ़ जाता है। जिसके कारण किसी भी कार्य को करने के लिए हमें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में फैट की मात्रा अधिक होने के कारण ऊर्जा की मात्रा कम होती है। अतः हमारे शरीर के अंदर शारीरिक शक्ति की कमी होती है जिसके कारण हम किसी भी कार्य को करने के समय बहुत जल्दी थक जाते हैं। हमारे शरीर में बढ़ी हुई फैट थकान का एक मुख्य कारण हो सकती है।
रोगप्रतिरोधक क्षमता में कमी
हमारे शरीर में फैट की मात्रा बढ़ने के कारण हमारे शरीर की शारीरिक शक्ति कम हो जाती है जिसके कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है, जिसके कारण हमारा शरीर मोटा तो दिखाई देता है, किंतु हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता नहीं होती है। साथ ही साथ शारीरिक कमजोरी के साथ साथ मानसिक कमजोरी भी होती है।
पाचन क्रिया में परिवर्तन
हमारे पेट में एकत्रित फैट के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। पेट की समस्याओं में गैस अपच एसिडिटी सब के कारण हमारी पाचन क्रिया प्रभावित हो जाती है, जिसके कारण हमारे द्वारा लिए गए खाद्यपदार्थ का पाचन सामान्य क्रिया में नहीं हो पाता है। जिसके कारण हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पाते हैं। जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्या होने लगती हैं। जिसके कारण हमारे पेट में फैट एकत्रित होने लगता है, और फैट जमा होने के कारण पेट मोटा होने लगता है और हमारा पेट बढ़ जाता है।
पेट में गैस बनान
पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक भोजन करना, ज्यादा देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा भोजन करना, ऐसा भोजन करना जो पचने में कठिन हो, ठीक तरीके से चबाकर न खाना, ज्यादा चिंता करना, शराब पीना, कुछ बीमारियों व दवाओं के सेवन के कारण भी पेट में गैस सकती है। पेट में गैस बनाने के कारण पेट में फैट बनने लगती है और यह फैट इकठ्ठा होने लगती है और हमारा पेट बढ़ा हुवा दिखाई देने लगता है और हम मोटे हो जाते हैं।
Pet kam karne ka tarika
आज के समय में फैट बढ़ने के कारण हर कोई परेशान है। पेट की फैट कम करने की समस्या आज के समय में आम समस्या हो गयी है, क्यों की हर कोइ पेट कम करने के लिए परेशान घूम रहा है। लेकिन हमारे घरों में कुछ ऐसे पदार्थ उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से हम अपने बढे हुए पेट को कम कर सकते हैं, ये पदार्थ हमारी रसोई या हमारे द्वारा दैनिक जीवन में खाने में प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं है ये वस्तुएं निम्न लिखित हैं।
- अजवाइन और जीरा।
- नींबू और हल्दी।
- दालचीनी और शहद।
- एलोवेरा।
- लहसुन।
- त्रिफला का सेवन।
- मेथी पानी का सेवन।
- गुनगुना पानी पिएं।
अजवाइन और जीरा
यदि आप भी बड़े हुए पेट की समस्या से परेशान हैं तो अजवाइन और जीरा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है अजवाइन और जीरा दोनों में पाचन क्रिया को ठीक करने के गुण पाए जाते हैं। अपने पेट की चर्बी को कम करने के लिए अजवाइन और जीरा को रात में भिगो देते हैं सुबह एक गिलास पानी के साथ दोनों को गर्म करते हैं। गर्म करने के पश्चात अजवाइन और जीरा को छानकर अलग कर देते हैं। बचे हुए पानी को गर्म गर्म ही पी लेते हैं ऐसा दैनिक रुप से करने पर कुछ दिनों के पश्चात पेट की चर्बी कम होने लगती है। जिन व्यक्तियों में पेट में बढ़े हुए फैट के कारण उनकी पेट पेट मोटी हो जाती है और उनका पेट बढ़ जाता है उनको दैनिक रूप से अजवाइन और जीरा का प्रयोग करना चाहिए।
नींबू और हल्दी
नींबू और हल्दी का प्रयोग पेट की विभिन्न समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों में फैट की समस्या के कारण बढ़े हुए पेट की समस्या होती है। उनको दैनिक रूप से नींबू और हल्दी का प्रयोग करना चाहिए नींबू और हल्दी के प्रयोग के लिए एक चम्मच नींबू का रस तथा एक चम्मच हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए।हल्दी का इस्तेमाल दाद की दवा के लिए किया जाता है इससे पेट में फैट की समस्या कम होने लगती है और धीरे-धीरे बढ़ा हुआ पेट कम हो जाता है। पेट में फैट की समस्या से परेशान लोगों को नींबू और हल्दी का प्रयोग दैनिक रूप से करना चाहिए।
दालचीनी और शहद
पेट में बढ़ी हुई फैट के कारण परेशान लोगों के लिए दालचीनी और शहद का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है। जिन व्यक्तियों का पेट अत्यधिक फैट हो जाने के कारण बहार निकल आता है, और कई प्रयास करने के पश्चात भी वो पेट की फैट को कम नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों को एक बार दालचीनी और शहद का प्रयोग करना चाहिए इसे ही दालचीनी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दैनिक रूप से सुबह शाम प्रयोग करने के पर बढ़ा हुवा पेट से धीरे धीरे फैट गायब होने लगती है, जिससे बढ़ा हुआ पेट और समय बाद कम हो जाता है।
एलोवेरा
हमारे बड़े हुए पेट की समस्या को ठीक करने के लिए एलोवेरा बहुत ही फायदेमंद पदार्थ है। एलोवेरा पेट की विभिन्न प्रकार की समस्याओं को ठीक कर के पाचन क्रिया को ठीक करता है। पेट की समस्या को ठीक करने के लिए एलोवेरा का जूस प्रयोग किया जा सकता है या फिर ताजा एलोवेरा की पत्तियों से एलोवेरा जूस निकालकर दैनिक रूप से प्रयोग किया जा सकता है। एलोवेरा के प्रयोग त्वचा रोगों के लिए किया जाता है, किंतु इसके तासीर ठंडी होने के कारण इसका प्रयोग पेट की पाचन क्रिया को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
लहसुन
पेट में बढ़ी हुई फैट के कारण परेशान लोगों के लिए लहसुन का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है। जिन व्यक्तियों का पेट अत्यधिक फैट हो जाने के कारण बहार निकल आता है, और कई प्रयास करने के पश्चात भी वो बढ़ा हुआ पेट कम नहीं कर पाते हैं। लहसुन का इस्तेमाल पौरुष शक्ति बढ़ाने की दवा के रूप में किया जाता है जिससे पुरुषों में सेक्स क्षमता का विकास होता है ऐसे लोगों को एक बार लहसुन का प्रयोग करना चाहिए लहसुन वजन घटाने के साथ-साथ पेट की चर्बी को कम करने में भी यह काफी उपयोगी है। इसके लिए नियमित रूप से लहसुन की दो कलियां चबाएं और फिर एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन कर लें।
त्रिफला का सेवन
त्रिफला चूर्ण प्राकृतिक तत्वों से बना एक आयुर्वेदिक चूर्ण होता है जिसमें आंवला हरड़ बहेड़ा तथा काला नमक और मिश्री मिले होते हैं यह सभी पदार्थ पेट की सभी समस्याओं को ठीक करने के लिए बहुत ही असरदार होते हैं। जिन व्यक्तियों को पेट की समस्या होती हैं। उनको दैनिक रूप से त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। त्रिफला चूर्ण पेट की विभिन्न समस्याओं को ठीक कर के पेट की चर्बी को कम करता है। जिससे व्यक्तियों में बड़े हुए पेट की समस्या धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। जिन व्यक्तियों में पेट में चर्बी बढ़ जाने के कारण पेट बाहर निकल आता है, तथा पेट में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं ऐसे व्यक्तियों को दैनिक रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
मेथी पानी का सेवन
पेट की चर्बी को कम करने के लिए मेथी पानी का सेवन किया जा सकता है। मेथी पानी पेट की चर्बी को ठीक करने के लिए बेहद फायदेमंद नुस्खा है, जिसका प्रयोग करके पेट विभिन्न समस्याओं को ठीक किया जा सकता है, जो व्यक्ति पेट के बढ़ने के कारण परेशान रहते हैं, उनको दैनिक रूप से मेथी पानी का सेवन करना चाहिए। यदि पानी के सेवन को करने के लिए मेथी के बीजों को भुन लेना चाहिए। भुनने के बाद उसका चूर्ण बना लेना चाहिए। इस मेथी के चूर्ण को सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ प्रयोग करना चाहिए। इससे बढ़ा हुआ पेट कम होने लगती है, और पेट की विभिन्न समस्याओं से भी राहत मिलती है।
गुनगुना पानी पिएं
गुनगुना पानी हमारे सेहत के लिए लाभदायक होता है गुनगुना पानी प्रयोग करने से हमारे विभिन्न प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं पेट की समस्या के लिए दैनिक रूप से गुनगुना पानी का प्रयोग करना चाहिए जिन व्यक्तियों में पेट में बैली फैट जमा होता है। उसको ठीक करने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग किया जाता है। बैली फैट को ठीक करने के साथ-साथ गुनगुने पानी का प्रयोग करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। बैली फैट से परेशान व्यक्तियों को दैनिक रूप से गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिए जिससे वे कुछ समय पश्चात पेट की मोटे होने की समस्या को दूर कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के समय में हर व्यक्ति पेट के बढ़ने से परेशान दिखता है क्योंकि पेट में फैट इकट्ठा हो जाने की वजह से पेट बढ़ जाता है और पेट में जब फैट इकट्ठा होता है तो हमें विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं। इन सभी शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसका पेट ना निकलने पाए और उसके पेट में फैट या चर्बी इकट्ठा ना होने पाए। फैट और चर्बी से बचने के लिए उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार से पेट बढ़ने से बचाव तथा बढ़ा हुआ पेट कम करने के घरेलू उपाय का वर्णन किया गया है, जिसके द्वारा बढे हुए पेट की चर्बी खत्म करके पेट के मोटापे को समाप्त किया जा सकता है।
FAQ
महिलाओं के पेट की चर्बी कैसे कम करें?
महिलाओं बढे हुए पेट की समस्या को ठीक करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय बताए गए हैं। जिनका प्रयोग करके महिलायें अपने पेट को ठीक कर सकती हैं। महिलाओं में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण पेट बढ़ जाता है कभी-कभी महिलाओं में प्रेगनेंसी के बाद पेट के बढ़ने की समस्या हो जाती है, जिसको उपरोक्त बताए गए विभिन्न विधियों द्वारा पेट को ठीक किया जा सकता है। साथ ही साथ दैनिक रूप से व्यायाम करके प्रेगनेंसी में बड़े हुए पेट को पुनः ठीक किया जा सकता है।
पेट की चर्बी तुरंत कैसे कम करें?
पेट की चर्बी को तुरंत ठीक करने के लिए सबसे पहले गुनगुना पानी पीना शुरू करें और खाने में प्रोटीन तथा विटामिंस का प्रयोग करें वसा युक्त पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी ना करें तथा ग्लूकोज तथा शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग ना करें यदि आप ऐसा लगातार करते हैं, तो शीघ्र ही आपके पेट की चर्बी ठीक होने लगी इसके अतिरिक्त उपरोक्त में बताएंगे अभी मैं प्रकार की घरेलू तरीकों से आप अपने पेट की चर्बी को ठीक कर सकते हैं। उपरोक्त बताए गए विभिन्न प्रकार के उपायों के साथ-साथ गर्म पानी का प्रयोग करना बिल्कुल भी बंद ना करें इससे आपकी पेट की चर्बी बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी।
क्या कारण है पेट बड़ा होने का?
यदि आपका पेट बढ़ गया है और आप बड़े हुए पेट से परेशान हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताएंगे जिनके द्वारा आपका पेट बढ़ा हुआ है और आप यदि इन कारणों को जानकर उनका उपचार करेंगे तो निश्चित रूप से ही पेट बढ़ा होने की समस्या ठीक हो जाएगी। उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार के कारण बताए गए हैं, जिनके कारण पेट में चर्बी इकट्ठा होने लगती है। इस इकट्ठा हुई चर्बी के कारण पेट बड़ा दिखाई देने लगता है। इन कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि हम वसा युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन अधिक करते हैं तथा शुगर की मात्रा खाने में बहुत अधिक लेने लगते हैं। यदि हम वसा युक्त पदार्थों को छोड़कर तथा शुगर खाना बंद कर देंगे तो निश्चित रूप से ही बढ़ा हुआ पेट कम हो जाएगा।
Author Profile
- संभव शर्मा ने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इलाहबाद से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, तथा बैसवारा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। बैसवारा महाविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के पश्चात संभव शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वेबसाइट तथा ब्लॉग में लेखन का कार्य किया है, तथा विभिन्न प्रकार के पत्रिकाओं तथा हुए पोर्टल पर चीफ एडिटर का कार्य भी किया है, तथा पिछले 5 सालों से इन्होंने ACPP.MD वेबसाइट के लिए मुख्य एडिटर के रूप में कार्य किया है, जिन का योगदान इस वेबसाइट के लिए महनीय है। इनके द्वारा एडिट किए गए सभी प्रकार के लेख लोगों के स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हुए हैं।
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