आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। जैसे ही स्त्री पुरुष सेक्सुअली एक्टिव होने वाली उम्र में पहुँचते हैं एवं मोबाइल / टेलीविजन या समाचार पत्र में निरोध (कॉन्डम) सम्बन्धी कोई विज्ञापन देखते हैं तो उनके मन में प्रश्न आता है कि कंडोम क्या होता है (Condom kya hota hai) और कंडोम किस काम में आता है? आज के आधुनिक युग में भी कोई भी स्त्री पुरुष कॉन्डम के बारे में जानकारी देने में सहज महसूस नहीं करता है। हालाकि निरोध को आप किसी भी मेडीकल स्टोर से बिना पर्चे के खरीद सकते हैं फिर भी देखा गया है कि अकसर दवाइ की दुकानों पर निरोध को हटा बढा कर छुपा कर रखा जाता है।
यदि आप किसी फार्मेसी पर जाकर सीधे कंडोम मांग लेते हैं तो आपको दुकान पर मौजूद अन्य लोग ऐसे देखने लगते हैं जैसे कि आपने कोई बड़ा पाप कर दिया है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Condom के संबंध में आपके दिमाग में चल रहे सभी प्रश्न जैसे What is Condom?, कॉन्डम के नाम, कंडोम के फायदे और नुकसान आदि पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
What Is Condom? (निरोध क्या होता है?)
कंडोम प्लास्टिक / रबर जैसे मैटेरियल से बना गुब्बारेनुमा पाउच होता है, जो यौन संबंध बनाने के दौरान स्त्री / पुरुष द्वारा प्रयोग किया जाता है। निरोध का प्रयोग कपल्स अनचाही प्रेगनेंसी, STD (यौन चरित रोग) जैसे एड्स, एचआईवी, गोनोरिया, सिफलिस आदि जैसी गम्भीर बीमारियों से बचाव के लिए करते हैं।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। पहले बाजार में केवल पुरुषों के लिए कण्डोम आते थे परन्तु आज के आधुनिक समाज में फार्मा कम्पनीज द्वारा महिलाओं के लिए भी कंडोम विकसित कर दिए हैं, यह अभी भारत में महिलाओं के मध्य इतने लोकप्रिय नहीं हुए हैं। कंडोम का उपयोग परिवार नियोजन तथा जनसंख्या नियंत्रण में किया जाता है। वर्ष 1960 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत निरोध को उपयोग करने पर जोर दिया गया था। कंडोम पतले लेटेक्स रबड़ या पॉलीयुरेथेन से बने झिल्लीनुमा आवरण होता है जिसको पुरुष द्वारा तने लिंग पर पहना जाता है, जो बैरियर के रूप में कार्य करता है, जिससे महिला एवं पुरुष के जननांग का सीधा सम्पर्क नहीं हो पाता है और पुरुष का वीर्य स्त्री की योनि में नहीं जा पाता है, इस प्रकार गर्भधारण करने से बचाता है।
मैडीकल साइंस का दावा है कि कंडोम के प्रयोग से 87 से 98 प्रतिशत तक प्रेग्नेंसी को रोका जा सकता है। जैसा कि हमने आपको पूर्व में बताया कि महिला एवं पुरुष दोनो के लिए कण्डोम मार्केट में उपलब्ध हैं फिरभी देखा गया है कि आज भी पुरुषों द्वारा ही कंडोम का अधिक प्रयोग किया जा रहा है।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। पुरुषों द्वारा प्रयोग किये जाने वाले कोंडोम को External Condom (Men’s Condom) तथा महिलाओं द्वारा प्रयोग किये जाने वाले कंडोम को Internal Condom (Women’s Condom) कहा जाता है। महिलाओं द्वारा आन्तरिक निरोध को अपने योनि या गुदा में लगाया जाता है, ठीक पुरुष कंडोम की भांति ही इन कंडोम का उपयोग अनचाहे गर्भ से बचने तथा यौन संचारित इंफेक्शन से बचने के लिए ही किया जाता है, परन्तु महिला कंडोम का प्रयोग करना थोडा कठिन है।
मार्केट में कई प्रकार के कंडोम मौजूद हैं। जैसा कि अब आप जान ही गये हैं कि कंडोम का मुख्य प्रयोग Safe Sex एवं Sexual Hygiene के लिए किया जाता है। पुरुष एवं स्त्रियों की जरूरत के हिसाब से कम्पनीज द्वारा विभिन्न प्रकार के कंडोम बनाये हैं। जिसके बारे में सामान्यतः लोगों को पूर्ण जानकारी नहीं है। यह लोग कैमिस्ट पर जाते हैं और धीमी आवाज में कंडोम बोलकर कैमिस्ट द्वारा दिया गया कोई भी निरोध जेब में डालकर ले आते हैं।
आज हम आपको अपने इस आर्टीकल के माध्यम से आपको कॉन्डम की जानकारी जैसेः- कंडोम क्या होता है (Condom kya hota hai), कंडोम यूज करने के फायदे, कंडोम लगाने से क्या फायदा होता है, कंडोम के फायदे और नुकसान, कंडोम किस काम में आता है, कॉन्डम के नाम, टाइम बढ़ाने वाले कंडोम, कंडोम कैसे पहना जाता है, कंडोम के प्रकार, कंडोम के नुकसान आदि साझा करेंंगे।
कंडोम के प्रकार (Types Of Condoms)
भारत में कॉन्डम के प्रचलन के प्रारम्भिक समय में केवल साधारण कंडोम मिथुन निरोध तथा डीलक्स निरोध (भारत सरकार द्वारा वितरित किये जाने वाला) के नाम से मिलते थे, और इनका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना मात्र था। परन्तु अब बाजार में कंडोम मार्केट में भी काफी कोम्पिटीशन बढ गया है आज बाजार में विभिन्न कम्पनियाँ भिन्न भिन्न प्रकार के कोंडम बना रही है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। वर्तमान में कंडोम का प्रयोग सेक्स टाइम बढाने तथा Sexual Pleasure के लिए भी किया जाता है। यह कोन्डम ब्राण्ड, फ्लेवर, और अन्य फेक्टर के आधार पर कई प्रकार के होते हैं।
फ्लेवर्ड कंडोम (Flavoured Condom)
आज के युग में महिला पुरुष द्वारा Oral Sex के जरिये यौन क्रियाओं का आनन्द प्राप्त करना अधिक पसन्द करते हैं। फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग इंटरकोर्स के लिए नहीं किया जाता है क्यों कि इन कंडोम में आर्टीफिशियल प्रोडक्ट्स जैसे रंग व फ्लेवर का प्रयोग कर स्वाद तथा रंग प्रदान किया जाता है। यह फ्लेवर्ड कंडोम विभिन्न टेस्ट जैसे पान, अचार, काला खट्टा, आम, स्ट्रोबेरी, चॉकलेट, ग्रीन एपल आदि में बाजार में उपलब्ध हैं।
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। आप किसी भी फ्लेवर को अपने व अपने पार्टनर की पसंद के अनुसार खरीदकर प्रयोग कर सकते हैं परन्तु याद रखें कि इन कंडोम का प्रयोग केवल ओरल सेक्स के लिए ही करें, फ्लेवर्ड कंडोम के साथ सेक्स करने पर आप के पार्टनर को इंफेक्शन या अन्य यौन रोग हो सकता है।
रेगुलर कंडोम (Regular Condom)
बाजार में मिलने वाले साधारण कंडोम जिसमें कोई खास क्वालिटी नहीं होती, जो बाजार में लम्बे अर्से से बिक रहे हैं। रेग्युलर कंडोम कहलाते हैं। यह निरोध भारत में सबसे अधिक प्रयोग किये जाने वाले कंडोम हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। इनके साइड इफेक्ट भी कम होते है साथ ही यह अन्य निरोध की तुलना में सस्ते भी होते हैं। रेग्यूलर या अनफ्लेवर्ड कोडंम के किसी भी प्रकार की गंध या स्वाद या डाट्स नहीं होता। यह कंडोम केवल शारीरिक संबंध बनाने तथा यौन रोगों से सुरक्षा के उद्देश्य से प्रयोग में लाये जाते हैं।
डॉटेड कंडोम (Doted Condom)
जैसा कि नाम से स्पष्ट है इस कोडंम पर डोट्स (दाने) होते हैं, जो आपकी सेक्स पार्टनर को अत्यिधिक यौन सुख की अनुभूति कराते हैं। यदि आपकी महिला मित्र या पत्नी को रेग्यूलर / फ्लेवर्ड कोंडम से अच्छा महसूस नहीं होता है तो आप डॉट्स कंडोम को एक अवसर प्रदान कर सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। इसके प्रयोग से आपकी सेक्स पार्टनर अवश्य ही संतुष्ट हो जायेगी। इस Condom में मौजूद डांट्स संभोग को और अधिक मजेदार बनाते हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखें यदि आपकी सेक्स पार्टनर की स्किन अधिक सेंसिटिव है तो आप इस डोट्स कंडोम का प्रयोग करने से पहले किसी सलाहकार से सलाह ले लें। डाटेड कंडोम भी दो प्रकार के होते है 1. डॉटेड कंडोम 2. एक्स्ट्रा डॉटेड कंडोम।
थिक कंडोम (Thick Condom)
थिक अर्थात मोटा यह कंडोम साधारण कंडोम की अपेक्षा कुछ मोटे होते हैं। इन कण्डोम का प्रयोग उन पुरुषों द्वारा किया जाता है जिन पुरुष को अपने शिश्न की मोटाई कम तथा अन्य यौन रोग जैसे शीघ्र पतन जैसी समस्या होती है द्वारा किया जाता है। जिन पुरुषों के कंडोम अकसर सेक्स करते समय योनि में ही फट जाते हैं उन पुरुषों द्वारा भी थिक कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है।
थिन कंडोम (Thin Condom)
थिन अर्थात पतला यह कंडोम रेग्यूलर कंडोम से अपेक्षाकृत पतले होते हैं तथा संभोग के समय इंटरकोर्स के टाइम पर एकस्ट्रा सेंसिटिविटी उपलब्ध कराते हैं। लोगों की राय में इन कंडोम का प्रयोग करने पर भी ऐसा महसूस नहीं होता कि कंडोम पहन कर सेक्स किया जा रहा है। शीघ्रपतन जैसी समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को थिन कंडोम का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
लैटेक्स कंडोम (Latex Condom)
लैटेक्स कंडोम लैटेक्स पाली से बना होता है। यह सबसे अधिक फैलने वाले कंडोम होते हैं, जिस कारण इनके फटने का डर भी न के बराबर ही रहता है। किन्तु यूरोलोजिस्ट की एडवाइज के बिना इस निरोध का प्रयोग आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है। यह कंडोम पतले तथा लचीले होते हैं परन्तु एक गैलन तक पानी इस कण्डोम में भरा जा सकता है। जिन पुरुषों के लिंग का आकार बडा तथा मोटा होता है उनको इस कंडोम का प्रयोग करना चाहिए।
रिब्ड कंडोम (Ribbed Condom)
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। रिब्ड कंडोम में निरोध की बाहरी सतह पर रिब्स (धारियाँ) होती हैं जो महिलाओं को उत्तेजना को बढाकर तेजी के संतुष्ट प्रदान करने में सहायक होता है। जिन पुरुष का लिंग पतला होता है तथा अपने महिला साथी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं उनको इस रिब्ड कंडोम का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह कंडोम महिला की यौनि में अधिक घर्षण पैदा कर महिला को संतुष्ट करता है।
लॉग लास्टिंग कंडोम (Long Lasting Condom)
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। यदि आप शीघ्र पतन जैसी समस्या से ग्रसित हैं तो आप इस कंडोम का प्रयोग कर अपने साथी को एक्स्ट्रा प्लेजर का अनुभव करा सकते हैं क्योंकि इस निरोध के टिप पर सुन्न करने वाला कैमिकल लगा होता है जो आपके लिंग के मुख को सुन्न कर देता है और आप लम्बी रेस का घोडा बन कर अपने पार्टनर को Orgasm तक पहुँचाते हो।
बिग हैड कंडोम (Big Head Condom)
प्रायः कंडोम का आकार इस तरह का बनाया जाता है जो सभी पुरुषों के लिंग पर आसानी पहने जा सकते हैं, पन्तु देखा गया है जिन पुरुषों के पेनिस का टॉप आकार में बडा होता है उन्हे ये रेग्यूलर कंडोम पहनने में परेशानी आती है। ऐसे व्यक्तियों के लिए बिग हैड कंडोम कम्पनीज द्वारा तैयार किये गये हैं ताकि आपको शारीरिक संबंध बनाते समय परेशानी का सामना न करना पडे।
वार्म कंडोम (Warm Condom)
वॉर्म कंडोम स्त्री और पुरुष को सेक्स का अधिक सुख प्राप्त कराते हैं, इन कंडोम में लुब्रीकेंट के साथ वार्मिंग एजेंट लगा होता है तो आप और आपके पार्टनर को गर्म और भाप जैसा अलग अनुभव प्रदान करता है।
एक्स्ट्रा लुब्रीकेटेड कंडोम (Extra Lubricated Condom)
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कंडोम के फायदे और नुकसान बतायेंगे। जैसा कि नाम से स्पष्ट है इन निरोध में स्नेहक अधिक मात्रा में लगा होता है। यदि आपके सेक्स पार्टनर को सेक्स लिबिडो की कमी के कारण योनि में सूखेपन की समस्या है तो आप इस कंडोम का प्रयोग कर अपनी पत्नि / महिला मित्र को दर्द रहित सेक्स का आनन्द प्रदान करा सकते हैं। चूंकि इस कंडोम में स्नेहक/चिकनाई (Lubrication) अधिक होता है जिस कारण आपको व आपके पार्टनर को घर्षण कम होने के कारण दर्द का कम अहसास होता है।
अल्ट्रा थिन कंडोम (Ultra Thin Condom)
जैसा कि नाम से स्पष्ट है यह निरोध सामान्य निरोध की तुलना में पतले और लुब्रीकेटेड होते हैं, जिन पुरुषों को कंडोम पहन कर सेक्स करना पसंद नहीं होता उन पुरुषों द्वारा अल्ट्रा थिन कंडोम का प्रयोग किया जाता है। चूंकि यह इतने पतले होते हैं तने लिंग पर पहनने के उपरांत भी पुरुष को पता नहीं चलता कि उन्होंने निरोध पहन रखा है।
एलोवेरा कंडोम (Aloe Vera Condom)
एलो वेरा कंडोम में एलोवेरा से प्राप्त चिकनाई / स्नेहक का प्रयोग किया जाता है। ग्वारपाठा के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं। इस कंडोम के प्रयोग से प्राकृतिक दर्द मुक्त संभोग करने में मदद मिलती है।
कंडोम कैसे पहना जाता है? How To Wear Condom?
जैसा कि आप जानते हैं, प्रत्येक कंडोम के पैक पर कुछ दिशा निर्देश लिखे होते है। इन दिशा निर्देशों को शारीरिक संबंध बनाने से पूर्व अवश्य पढ लें। क्योंकि जब आप यौन संबंध बनाने की क्रिया में व्यस्त होते हैं उस समय आप उन पल को अनुभव करना चाहते हैं और इतनी जल्दी में रहते हैं कि आपका एक मिनट भी व्यर्थ न जाये। प्रत्येक निरोध के पैक पर उसे उपयोग करने का तरीका, एक्सपाइरी डेट स्पष्ट रूप से लिखा होता है।
- कंडोम के पैक को बडी ही सावधानी से खोले, ध्यान रखे कि कंडोम के पाउच हमेशा किनारे से ओपन करें।
- कंडोम के पैकेट को खोलने के लिए दात, नाखून का इस्तेमाल कदापि न करें।
- कंडोम को खोलने से पूर्व अपने हाथों को साबुन से धो लें क्योंकि पसीना तथा आयल कंडोम को कमजोर कर देता है।
- कन्डोम को पहनने से पूर्व उसके टॉप तथा बॉटम को चैक कर लें कि कहीं से कोई समस्या तो नहीं है।
- कंडोम को खोलते समय इसके टिप को पिंच अवश्य करना चाहिए ताकि कोई बबल या हवा अंदर न रह जाये।
- यदि आपने भूलवश कॉन्डम गलत तरफ अर्थात उल्टा पहन लिया तो इसे पलटकर पहनने की गलती बिल्कुल न करें, आपकी यह कंजूसी आपके पार्टनर को गर्भधारण करा सकती है।
- कॉन्डम पहनते समय सर्वप्रथम निरोध के हैड को अपने तने लिंग पर लगाये तथा अंगुलियों की मदद से रिंग को ऊपर की तरफ खोलते जाए। इस प्रकार कंडोम खुलता जायेगा तथा पेनिस पर फिट होकर बाधा उत्पन्न कर आपको सेक्स समस्याओं तथा प्रेग्नेंसी से बचायेगा।
- वीर्य स्खलित होने के उपरान्त लिंग के बैठने से पूर्व ही निरोध के अगले हिस्से को दबाते हुए रिम को पकडकर कंडोम को निकाल दें।
- एक बार प्रयोग किये जा चुके कंडोम को भूलकर भी दोबारा प्रयोग न करें तथा प्रयोग करने के उपरान्त कंडोम को बच्चों एवं जानवरों की पहुँच से दूर रखें। बेहतर होगा कि आप कंडोम के प्रयोग के बाद इसे डस्टबिन में डाले ना कि यहाँ वहाँ।
- यदि सेक्स करते समय कंडोम फट जाये तो तुरंत अपना लिंग महिला की योनि से बाहर निकाल ले, इससे गर्भधारण के चांस कम हो जाते हैं और नया कंडोम प्रयोग कर सेक्स कंटीन्यू करें।
- यदि फटे हुए कंडोम से वीर्य महिला के जननांग के अंदर चला जाता है तो अनचाहे गर्भ से बचने के लिए आप अन्य गर्भनिरोधक उपायों का उपयोग कर सकते हैं।
- यदि आप कंडोम पर लगे चिकनाई के अलावा भी और लुब्रीकेंट का प्रयोग करना चाहते हैं तो वाटर बेस्ड लुब्रीकेंट का ही प्रयोग करें। ऑयल या पेट्रोलियम बेस्ड स्नेहक कंडोम को कमजोर कर देता है।
कंडोम के फायदे (Benefits Of Condom)
निरोध के प्रचलन का मुख्य उद्देश्य प्रारम्भ में जनसंख्या नियंत्रण था, तथा कुछ समय बाद चिकित्सक एवं वैज्ञानिकों द्वारा कंडोम के प्रयोग से Sexually Transmitted Diseases से बचने का लाभकारी उपाय बताया गया परन्तु आज के समय में कंडोम का उपयोग Sexual Pleasure और पुरुषों की ED जैसी समस्याओं के लिए भी किया जा रहा है। यदि आप एक्स्ट्रा सेक्सुअल प्लेजर लेना चाहते हैं तो आप डाटेड या रिब्ड कंडोम प्रयोग कर सकते हैं और यदि आप अपनी सेक्स परफोर्मेंस इन्क्रीज करना चाहते हैं तो आप एक्स्ट्रा टाइम कंडोम का प्रयोग कर सकते हैं।
- जैसा कि हमने आपको पूर्व में भी बताया कंडोम के प्रयोग का मुख्य उद्देश्य अनप्लांड प्रेगनेंसी से बचने का है। यदि आप निरोध को ठीक ढंग से प्रयोग करें तो गर्भधारण के अवसर न के बराबर हो जाते हैं।
- कंडोम का प्रयोग सुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए भी किया जाता है जिससे आपको भविष्य में यौन जनित रोग जैसे HIV/AIDS, Chlamydia, Sifilis, Gonorrhea व अन्य यौन संचारित रोग में सुरक्षित रह सकें।
- कंडोम के प्रयोग से आपके प्रजनन तंत्र पर कोई प्रभाव नहीं पडता जैसे अन्य गर्भनिरोधक गोलियों व इंजेक्शन के प्रयोग का महिला के शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पडता है। कंडोम के प्रयोग से कोई हार्मोनल चेंज नहीं आते हैं।
- यदि आपको शीघ्र पतन / शीघ्र स्खलन जैसी कोई समस्या है तो भी कंडोम आपकी बहुत मदद कर सकते हैं।
- अक्सर वीर्य स्खलन होने के उपरान्त महिला की वजाइना से बाहर गिर जाता है जिससे बैडशीट आदि खराब हो जाते हैं। निरोध के प्रयोग से वीर्य बाहर नहीं टपकता और गंदगी नहीं होती है।
कंडोम के नुकसान (Losses Of Condom)
- सामान्यतः कंडोम बनाने मे लेटेक्स का प्रयोग किया जाता है। यह रबर के पेड से प्राप्त होने वाला तरल पदार्थ होता है। द अमेरिकन अकेडमी ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड म्यूनोलॉजी के अनुसार लेटेक्स रबर में प्रोटीन पायी जाती है। यह प्रोटीन कुछ लोगो को एलर्जी करती है। यदि आपको लैटेक्स एलर्जी है तो आपको कंडोम का प्रयोग भारी पड सकता है। लैटेक्स एलर्जी के लक्षण- गुप्तांग में खुजली, गुप्तांग पर सूजन, संभोग करने के उपरान्त छींक आना, नाक बहना, चक्कर आना आदि। कुछ लोगों में लेटेक्स एलर्जी के चलते ऐनफलैक्सिस का खतरा भी बढ जाता है। यदि आपको लेटेक्स एलर्जी है तो आप सिंथेटिक कंडोम का प्रयोग कर सेक्स के पलों का आनन्द प्राप्त कर सकते हैं।
- कुछ कंडोम कम्पनीज द्वारा कंडोम को सुरक्षित रखने के लिए ड्राइ ल्यूब्रिकेंट का प्रयोग किया जाता है जो महिलाओं को ओवेरियन कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी दे सकता है तथा बांझ भी बना सकता है।
- कुछ पुरुषों को कंडोम पहनने के उपरान्त इरेक्शन की समस्या आती है। वह अपना इरेक्शन बरकरार नहीं रख पाते और उन पलों को व्यर्थ कर देते हैं।
- कुछ पुरुषों में कंडोम फिट नहीं बैठते जिसके कारण वह सैक्स का पूरा आनन्द प्राप्त नहीं कर पाते।
- कुछ महिलाओं को सेक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग पसंद नहीं होता उनका कहना होता कि कंडोम के प्रयोग से संभोग का मजा कम हो जाता है।
- सेक्स एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि यदि आप हफ्ते में दो बार कंडोम का प्रयोग कर शारीरिक संबंध बना रहे है तो महिला की योनि से धीरे धीरे संवेदना खत्म हो जाती है और प्राकृतिक रूप से निकलने वाले ल्यूब्रीकेंट की मात्रा या तो कम या खत्म हो जाता है।
सबसे अच्छा कंडोम कौन सा है? सबसे अच्छे कंडोम के नाम व कीमत
दुनिया में कंडोम के बहुत से ब्राण्ड मौजूद हैं, पर आप जानना चाहते हैं कि सबसे अच्छा कंडोम कौन सा है इनके नाम क्या है तथा क्या कीमत हैं? तो हम आपको बता दें कि एक कंडोम की कीमत उसके मेटेरियल, ल्यूब्रिकेशन व अन्य फीचर्स पर डिपेंड करती है। कंडोम के प्रयोग की सलाह ओरल, वजाइनल व एनल सेक्स के दौरान करने दी जाती है। हम आपको कुछ अच्छे कंडोम की जानकारी यहाँ शेयर कर रहे हैं।
Durex Invisible Ultra Thin And Sensitive Condom
ड्यूरेक्स इनविजीबल अल्ट्रा थिन एण्ड सेंसिटिव कंडोम बहुत ही पतले, चिकनाई युक्त प्राकृतिक रबर लेटेक्स से बने निरोध हैं। इस कंडोम से एक अलग महक का आनन्द प्राप्त होता है।
SKYN Original Non Latex Condom
एसकेवाईएन ऑरीजनल नॉन लेटेक्स कंडोम लेटेक्स फ्री, सुगंध रहित कंडोम है। यह कंडोम बहुत ही पतला होता है। यह कंडोम पोली आइसोप्रीन पदार्थ से बना होता है जो एक्स्ट्रा ल्यूब में भी बाजार में एबेलेवल है।
Okamoto Crown Condom
ऑकमोटो क्राउन कंडोम वाटर बेस्ड लुब्रिकेंट कंडोम है। इसमें रबर जैसी गंध नहीं आती है। यह शीरलोन मटेरियल से बना होता है। यह इतना पतला होता है कि पहनने वाले को पता नहीं चलता कि उसने अपने लिंग पर कुछ पहना है। यह काफी मजबूत कंडोम है।
Trojan Bareskin Condom
ट्रोजन बेयरस्किन कंडोम पतले होते है जिस कारण सेंस्टिविटी को गई गुना बढा देते हैं। इन कंडोम का प्रयोग कपल द्वारा अल्टीमेट प्लेजर के लिए किया जाता है। यह ल्यूब्रिकेटेड कंडोम हैं।
Durex Avanti Bare Real Feel Condom
ड्यूरेक्स अवन्ती बेयर रीयल फील कंडोम लेटेक्स फ्री कंडोम हैं। इस कंडोम के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह रीयल स्किन जैसे होते हैं।
Manforce Condom
मैनफोर्स सैक्स प्रोडक्ट की भारत की जानी मानी कम्पनी है। इस ब्राण्ड में भी कंडोम की कई बरायटी अवेलेवल हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से कंडोम का चुनाव कर सकते हैं।
Moods Condom
मूड्स कंडोम भी भारत में काफी मात्रा में प्रयोग किये जाने वाले निरोध हैं। यह ब्राण्ड भी रिब्ड, डाटेड, एक्स्ट्रा टाइम, थिन, थिक आदि कंडोम बनाती है।
Skore Condom
स्कोर कंडोम भी भारतीय स्त्री पुरुष द्वारा बहुतायत से प्रयोग किये जाते हैं। इस ब्राण्ड में भी हर प्रकार के कंडोम उपलब्ध हैं। वैसे तो भारत सरकार जनसंख्या वृद्धि को लेकर काफी जागरूक है। भारत सरकार द्वारा सरकारी अस्पताल में निःशुल्क निरोध का वितरण किया जाता है। साथ सरकारी योजना के अन्तर्गत मात्र 1 रूपये में मिलने वाले कण्डोम भी बाजार में उपलब्ध है। फिर भी यदि आप अपनी सेक्स लाइफ को और अधिक सुखदायी तथा एकस्ट्रा सेक्सुअल डिजायर को फुल फिल करना चाहते हैं। तो बाजार में मौजूद ब्राण्ड जैसे कोहिनूर, मैनफोर्स, स्कोर, मूड्स, ड्यूरेक्स, कामसूत्र द्वारा निर्मित ऊपर वर्णित कंडोम के प्रकार में चयन कर शारीरिक संभोग कर सकते हैं।
फीमेल कंडोम क्या हैं? What is Female Condom?
जिस प्रकार मेल कंडोम पुरुषों द्वारा अपने उत्तेजित लिंग पर पहना जाता है, उसी प्रकार कम्पनीज द्वारा महिलाओं के निरोध बाजार में उतारे हैं। हालांकि भारत में इनका प्रयोग न के बराबर है। फीमेल कंडोम आदमी के पेनिस न लगकर फीमेल की योनि (वजाइना) में लगते हैं। यह भी पतले ट्यूब की तरह ही होते हैं जिसमें एक मुँह बंद होता है तथा एक सिरा खुला होता है। बंद मुँह योनि में अंदर की तरफ जाता है तथा खुला मुँह स्त्री की बुलवा पर सैटल होता है।
यह भी पुरुष निरोध की तरह अनचाही प्रेगनेंसी तथा यौन संचारित रोगों से बचने के लिए प्रयोग किया जाता है। पुरुष जब अपना पेनिस वजाइना में डाल कर सीमन आउट करता है तो यह महिला के जननांग में न जाकर निरोध में ही रह जाता है। महिलाओं द्वारा इन कंडोम का प्रयोग करने में काफी समस्या आती है। इन कंडोम को आन्तिरक कंडोम Internal Condom भी बोला जाता है।
भारत में महिला कंडोम बनाने वाली कम्पनीज-
- मूड्स वेलवेट फीमेल कंडोम (Moods Velvet Female Condom)
- ओरमैले (Ormelle)
- क्यूपिड (Cupid)
- VA WOW
- कॉन्फीडोम
उपरोक्त ब्राण्ड के फीमेल कंडोम आपको बडे शहरों में आसानी से मिल जायेंगे परन्तु यदि आप छोटे ग्रामीण क्षेत्र से हैं तो आप इन फीमेल कंडोम को आनलाइन शांपिग के माध्यम से घर बैठे मंगा सकते हैं। यह निरोध बिना किसी प्रिसक्रिप्शन के मिलने वाले मैडीकल प्रोडक्ट हैं।
महिला कंडोम के फायदे (Benefits Of Female Condom)
- आंतरिक कंडोम का पूर्ण नियंत्रण महिला द्वारा किया जाता है।
- मासिक धर्म (पीरिएड) में भी इस कंडोम का प्रयोग कर सेक्स किया जा सकता है।
- महिलाओं का द्वारा यह इंटरनल कंडोम सेक्स से 8 घण्टे पूर्व या फोरप्ले के दौरान अपनी यौनि में स्थापित किया जा सकता है।
- महिला निरोध का प्रयोग महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित नहीं करता है।
- महिला कंडोम पुरुष कंडोम की अपेक्षा महिला की यौनि को अधिक कवर करता है। इससे Labia (योनि का अंदरूनी भाग), Perineum (योनि और गुदा के बीच का हिस्सा) और लिंग के निचले हिस्से से जुड़े रोगों से भी बचाव होता है।
- Female Condom के प्रयोग से अन्य यौन जनित रोगों से भी निजात मिलता है।
महिला कंडोम का प्रयोग कैसे करें? How To Use Female Condom?
फीमेल कंडोम का आकार पुरुष कंडोम के आकार से बडा होता है। यदि आप इसे ठीक ढंग से यौनि में स्थापित कर लेती हैं तो आपको किसी असुविधा का सामना नहीं करना होता। यदि आप टैम्पोन का बेहतर प्रयोग जानते हैं तो महिला कंडोम को आप आसानी से प्रयोग कर सकती है। प्रैक्टिस के साथ आप महिला निरोध को लगाने एवं निकालने में निपुण हो जायेंगी।
महिला कंडोम योनि में कैसे लगाए?
- सर्वप्रथम कंडोम के पैकेट पर अंकित दिशा निर्देश व एक्सपाइरी डेट को अवश्य चैक कर लें।
- कंडोम के पैकेट को नाखून, कैंची से ना खोले तथा किनारों से पैकेट को खोलें।
- महिला कंडोम को लगाने पूर्व आप एक आरामदायक स्थिति में आ जायें जैसे कुर्सी पर एक पैर ऊपर रखकर खडे हो जाना, बैड पर लेटना या बैठना आदि।
- महिला कंडोम के बंद सिरे को सिकोडते हुए अपनी योनि में प्रवेश करायें।
- योनि के भीतर जहाँ तक सम्भव हो कंडोम को अपनी अंगुली की मदद से प्रवेश करायें साथ ही ध्यान रहे कि कंडोम आपकी वजाइना में कहीं मुडा हुआ न हो अन्यथा यह आपके मेल पार्टनर के लिंग को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
- इसके बाद अपनी अंगुली को योनि से बाहर निकालकर लगभग 1 इंच कंडोम बाहर वुलवा के पास लटका छोड दें। अब आप इंटरकोर्स करने के लिए रेडी हैं।
- अपने मेल पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय ध्यान रखें कि कंडोम आपकी योनि में अंदर या बाहर न निकल जाये। यदि आपका पार्टनर अपने तने हुए लिंग को वजाइन में प्रवेश नहीं करा पा रहा है तो अपने हाथों से उसके लिंग को योनि में डालने में मदद करें।
- यदि आप को गुदा संभोग करना है तो आप कंडोम के बंद हिस्से को हटा दें तथा धीरे धीरे अपनी एनल में फीमेल कंडोम को प्रवेश कराकर कुछ हिस्सा बाहर छोड दें।
महिला कंडोम को योनि से बाहर कैसे निकाले?
- जब आपका पुरुष मित्र / पति वीर्य स्खलित कर दे तो आप उसके लिंग को बाहर निकलवा दें तथा फीमेल कंडोम के बाहर खुले किनारों को पकडकर मोडकर मुख को बंद कर दें। ताकि सीमन निरोध से बाहर न निकले।
- अब आप कंडोम को धीरे धीरे अपनी योनि / गुदा से बाहर खीचें।
- इसके बाद आप इस कंडोम को किसी टिशू पेपर या अखवार में लपेट कर डस्टबिन में डाल दें। कंडोम को फ्लश करने की गलती कभी न करें।
- संभोग के समय प्रत्येक बार नये कंडोम का प्रयोग करें, यूज्ड कंडोम को दोबारा प्रयोग न करें।
- संभोग के दौरान महिला निरोध का थोडा बहुत घूमना सामान्य है। यदि आपको महसूस हो कि आपके पार्टनर का लिंग फीमेल कंडोम में न जाकर योनि में चला गया है तो तुरंत अपने पार्टनर को रोक दें तथा कंडोम को सही करें यदि आपके पार्टनर इजेकुलेट नहीं हुआ है तो आप इस कंडोम को निकालकर दोबारा सही से लगा सकती हैं। यदि वीर्यस्त्राव हो चुका है तो नया निरोध प्रयोग में लायें।
नुकसान महिला कंडोम के
- योनि / गुदा में जलन महसूस हो सकती है।
- योनि में अन्य परेशानी।
- पुरुष निरोध की तुलना में महिला कंडोम मंहंगे होते हैं।
FAQ
क्या कंडोम के इस्तेमाल के समय लुब्रीकेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं?
हाँ, परन्तु याद रखें कि कंडोम के साथ हमेशा वाटर बेस्ज ल्यूब का ही इस्तेमाल करें। आयल व पेट्रोलियम बेस्ड ल्यूब कंडोम को मैल्ट कर सकता है।
कंडोम के प्रकार बताये?
बाजार में कई प्रकार के कंडोम उपलब्ध है जिनका विवरण हमने आपको ऊपर लेख में दिया है। इनके अलावा अंधेरे में चमकने वाले (Glow in Dark) Condom, वाइब्रेटर रिंग कंडोम भी बाजार मेंं उपलब्ध हैं।
कंडोम में आकार का क्या महत्व है?
जैसे प्रत्येक व्यक्ति की कद काठी लम्बाई भिन्न भिन्न होती है ठीक उसी प्रकार प्रत्येक आदमी का बराबर नहीं होता। कम्पनीज द्वारा स्माल व लार्ज साइज के कंडोम बाजार में उपलब्ध कराये हैं आप अपने पेनिस के अनुसार इन्हे किसी भी केमिस्ट से खरीद सकते हैं।
क्या ओरल सेक्स में कंडोम का प्रयोग करना चाहिए?
हाँ, ओरल सेक्स के दौरान भी स्त्री पुरुष द्वारा फ्लूड एक्सचेंज होता है। जिससे STD होने का खतरा रहता है। ओरल सेक्स में पुरुष द्वारा स्त्री के प्राइवेट पार्ट बूब्स, वजाइना आदि पर अपने हाथ एवं मुख, जीभ का प्रयोग कर अपने पार्टनर को आनन्द प्रदान किया जाता है ठीक इसी प्रकार महिला द्वारा भी। ओरल सेक्स के दौरान आप फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग करें तो आपको एक अलग सुख की प्राप्ति होगी। ओरल सेक्स के समय कभी भी लांग लास्टिंग कंडोम का प्रयोग न करें। इसमें कैमिकल होते हैं जो आपके मुख में प्रवेश कर आपको हानि पहुँचा सकते हैं।
फैमिली प्लांनिग के लिए कंडोम (निरोध) के अलावा कोई अन्य विकल्प है?
कंडोम का प्रयोग यदि सही ढंग से किया जाये तो परिवार नियोजन का सबसे बेहतर विकल्प कंडोम है अन्य विकल्प जैसे गर्भनिरोधक टेबलेट, इंजेक्शन, सर्जरी महिलाओं के हार्मोन्स में चेंज आता है। कंडोम के कम नकारात्मक प्रभाव के चलते ही भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष लगभग 680 मिलियन कंडोम निःशुल्क वितरित किये जाते हैं।
कंडोम इस्तेमाल के दौरान फट क्यों जाता है?
यदि कंडोम को ठीक प्रकार से नहीं पहना जाता है या पहनने से पूर्व यदि सावधानी न बरती जाये जैसे पैकेट को ढंग से किनारे से खोलते हुए पहनना चाहिए तथा नाखून आदि को कंडोम से दूर रखना चाहिए। ल्यूब की कमी के चलते भी कंडोम फट जाता है। गलत ल्यूब के प्रयोग से भी कंडोम फटने की संभावना बढ जाती है। अधिक इंटेनसिटी के साथ संभोग करने से भी कंडोम फट सकता है। कंडोम की एक्सपाइरी डेट निकलने के बाद भी कंडोम फट सकता है। कंडोम को सही तापमान में न रखने पर भी कंडोम कमजोर हो जाता है।
एक्सापायर हुए कंडोम को इस्तेमाल करने पर क्या नुकसान हो सकता है?
प्रयोग की तिथि निकलने के उपरांत यदि निरोध प्रयोग किया जाता है तो आपको नुकसान जैसे अनप्लांड प्रेग्नेंसी, लिंग पर खुजली, यौन संचारित रोग, कंडोम का कमजोर होकर फट जाना, आपकी लाइफ पार्टनर की वजाइना में खुजली व जलन जैसी समस्या हो सकती हैं।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।
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