जैसा कि हम जानते हैं महिलाओं में तथा पुरुषों में प्रजनन क्षमता के लिए जिम्मेदार अंग गुप्तांग कहलाते हैं। महिलाओं में अंगों का उपयोग सेक्स क्रिया तथा गर्भधारण के लिए तथा बच्चे को जन्म देने के लिए किया जाता है तथा उसके सहयोगी अंगो को गुप्तांग कहते हैं। इन अंगों के बारे में लोग खुलकर बात नहीं करते हैं, इसलिए जब इन शारीरिक अंगों की बात आती है तो एक-दूसरे से नजरें बचाने लगते हैं। किंतु महिला तथा पुरुष के प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जानना बहुत आवश्यक होता है इसलिए आज हम आपको Female Private Part Name तथा उनकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिससे आप सभी फीमेल प्राइवेट पार्ट्स के हिंदी में नाम तथा उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।
महिला तथा पुरुष के शरीर में सामान्य रूप से दिखाई देने वाले सभी अंग समान होते हैं, किंतु महिला तथा पुरुष के शरीर में कुछ ऐसे अंग भी होते हैं, जो महिलाओं तथा पुरुषों को एक दूसरे से अलग बनाते हैं। इन अंगों को हम जननांग या गुप्तांग के रूप में जानते हैं। महिला को महिला तथा पुरुष को पुरुष बनाने वाले अगों को गुप्तांग कहा जाता है।
गुप्तांग क्या होते हैं? (What is Private Part)
गुप्तांग हमारे शरीर का एक ऐसा हिस्सा होता है, जिसे सभ्य मानव समाज में खुले तौर पर प्रदर्शित करने की मनाही होती है। लेकिन ये हिस्सा हमारे शरीर में उसी तरह से महत्वपूर्ण होता है जैसे की शरीर के दूसरे हिस्से होते हैं। महिलाओं के गुप्तांग को योनि या वेजाइना और पुरुष के गुप्तांग को पेनिस या लिंग (penis) कहा जाता है। जिन्हें अंग्रेजी भाषा में क्रमश वेजाइना और पेनिस कहा जाता है। महिला और पुरुष दोनों के लिए गुप्तांग शरीर का सबसे ज्यादा संवेदनशील हिस्सा होते हैं।
किसी भी स्तनधारी के शरीर में पाए जाने वाले प्रजनन संबंधी अंगों को गुप्तांग या जननांग के रूप में जाना जाता है, जिस के सहयोग से प्रजनन क्रियाएं तथा प्रजनन संभव होता है, अर्थात महिला तथा पुरुषों में प्रजनन के लिए जिम्मेदार अंगों को गुप्तांग या जननांग कहा जाता है, जिसे अंग्रेजी भाषा में प्राइवेट पार्ट (Private Parts) के नाम से जाना जाता है।
महिलाओं तथा पुरुषों में गुप्तांग अलग-अलग होते हैं, इसलिए महिलाओं के गुप्तांगों को फीमेल प्राइवेट पार्ट (Female Private Part) तथा पुरुषों के गुप्तांगों को मेल प्राइवेट (Male Private Part) पार्ट्स में विभाजित किया जाता है। इन गुप्तांगों द्वारा ही महिला तथा पुरुष एक दूसरे के साथ सेक्स क्रिया करते हैं तथा सेक्स क्रिया के आनंद के साथ साथ महिलाएं गर्भधारण भी करती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप वह बच्चे को जन्म देती हैं, इसलिए इन अंगों को सेक्सुअल पार्ट तथा जननांगों के नाम से भी जाना जाता है।
महिला जननांग/ गुप्तांग क्या है (What is Female Private Part)
गुप्तांग या जननांग महिलाओं के शरीर के वे अंग होते हैं, जिनको हम सभ्य भारतीय समाज में खोलकर प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। महिलाओं के गुप्तांग मुख्य रूप से गर्भधारण करने तथा सेक्स क्रिया के दौरान सेक्स क्रिया का आनंद लेने तथा पुरुष साथी का सेक्स क्रिया में सहयोग देने के लिए बने होते हैं, जिससे महिलाएं पुरुष साथी के सहयोग से सेक्स क्रिया का आनंद लेती हैं, तथा पुरुषों को भी सेक्स क्रिया में संतुष्ट करती हैं।
सामान्य रूप से पुरुष तथा महिला किसी को भी गुप्तांगों का प्रदर्शन भारतीय समाज नहीं देता है, इसलिए गुप्तांगों के बारे में लोग बहुत कम बातें करते हैं, इसलिए गुप्तांगों के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी भी होती है, जिस प्रकार भारतीय समाज में सेक्स के बारे में कोई बात नहीं की जाती है, उसी प्रकार फीमेल तथा मेल प्राइवेट पार्ट के बारे में भी कोई बात नहीं करता है, इसलिए लोगों को गुप्तांगों के बारे में बहुत कम जानकारी होती है। आज हम आपको फीमेल प्राइवेट पार्ट्स नेम Female Private Part की जानकारी हिंदी में उपलब्ध कराएंगे जिससे आप महिलाओं के प्राइवेट पार्ट अर्थात गुप्त अंगो की जानकारी प्राप्त कर सकें, साथ ही साथ महिलाएं भी अपने अंगों के बारे में भली-भांति जान सके।
महिला गुप्तांग/जननांगों के नाम (Female Private Part Name in Hindi)
भारतीय समाज में गुप्त अर्थात प्राइवेट पार्ट को इतना अधिक प्राइवेट माना जाता है कि व्यक्ति अपने शरीर के अंगों के बारे में भी पर्याप्त रूप से नहीं जाता है। यही कारण है कि आधुनिक समय में महिला तथा पुरुष दोनों ही गुप्तांगों की जानकारी के अभाव में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से गुजरते हैं। इसलिए आज हम महिलाओं के गुप्त अंगो के नाम तथा उनसे संबंधित अन्य जानकारी उपलब्ध करेंगे जो महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है।
महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स Female Private Part की जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि महिला तथा पुरुष दोनों ही एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट्स का प्रयोग सेक्स क्रिया के दौरान करते हैं। महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स में मुख्य रूप से योनि तथा पुरुषों के प्राइवेट पार्ट में मुख्य रूप से लिंग आता है जिसे अंग्रेजी में क्रमशः वजाइना तथा पेनिस कहा जाता है।
महिलाओं के ऐसे अंग जो सेक्स क्रिया के साथ-साथ प्रजनन में सहयोग करते हैं उन्हें हम फीमेल प्राइवेट पार्ट Female Private Part या महिला जननांगों के नाम से जानते हैं। महिलाओं में Female Private Part Name in Hindi निम्नलिखित प्रकार के जननांग पाए जाते हैं।
- योनि Vagina
- गर्भाशय ग्रीवा Cervix
- गर्भाशय Uterus
- फेलोपियन ट्यूब Fallopian tube
- अंडाशय Ovary
- भगशेफ Clitoris
- लेबिया मिनोरा Labia Minora
- लेबिया मेजोड़ा Labia Majora
- फिम्ब्रिए Fimbriae
- बार्थोलिन की ग्रंथियाँ Bartholin’s glands
- स्केन की ग्रंथियां Skene’s Glands
- हैमेन Hymen
- जी स्पॉट G Spot
- गुदा Anus
- महिला स्तन Brest
योनि (Vagina)
लेडीस में पाए जाने वाले प्राइवेट पार्ट में योनि एक प्रमुख जननांग तथा सेक्सुअल पार्ट होता है, जो गर्भाशय को वाल्व के माध्यम से शरीर के बाहर खोलते हैं अर्थात वाल्व तथा गर्भाशय ग्रीवा Cervix के मध्य भाग को योनि के नाम से जाना जाता है, इसका प्रयोग मुख्य रूप से सेक्स क्रिया में किया जाता है जिसके द्वारा पेनिस को स्पर्म इजेकुलेशन के लिए स्थान प्रदान करता है। सेक्स क्रिया के समय पुरुषों का लिंग महिलाओं की योनि मार्ग में ही प्रवेश कराया जाता है, जहां पर सेक्स क्रिया के दौरान पुरुषों के लिंग से स्पर्म स्रावित किए जाते हैं, जो योनि मार्ग से महिलाओं के गर्भाशय में पहुंच जाते हैं, जहां पर उपस्थित अंडो द्वारा निषेचन करके भ्रूण का निर्माण करते हैं, जिससे एक बच्चे का जन्म होता है।
योनि (Vagina) के कार्य
लड़कियों की योनि द्वारा मासिक स्राव बाहर निकलता है। यह अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग साइज की हो सकती है, किंतु सामान्य रूप से यह 7 से 12 सेंटीमीटर लंबी होती है जिसमें विभिन्न प्रकार के हारमोंस स्रावित होते हैं, जो सेक्स क्रिया के समय सहायक होते हैं। यौन उत्तेजना के दौरान (sexual excitement), योनि आकार में लंबी और चौड़ी फैलती है। इसे वेजाइनल टेंटिंग और बैलूनिंग (vaginal tenting and ballooning) कहा जाता है। यह आकार परिवर्तन तब होता है जब गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को श्रोणि में अधिक खींचा जाता है, जो अधिक स्थान बनाता है और गर्भाशय ग्रीवा को योनि में स्खलित होने वाले किसी भी वीर्य से दूर ले जाता है। योनि के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
- योनि सेक्स क्रिया में मुख्य अंग के रूप में प्रयोग की जाती है।
- योनि में लिंग प्रवेश किया जाता है।
- मासिक धर्म के समय अंडाशय से अंडों को बाहर करने के लिए नली के रूप में काम करती है।
- बच्चे के जन्म के दौरान बच्चा गर्भावस्था से योनि द्वारा निकलता है।
महिलाओं में योनि के प्रकार
सामान्य तौर पर महिलाओं में योनि एक ही प्रकार की होती है, और सभी प्रकार की महिलाओं में योनि का कार्य समान होता है, किंतु बनावट के आधार पर महिलाओं की योनि को निम्नलिखित तरीके से देखा जा सकता है। अर्थात महिलाओं में योनि के प्रकार निम्नलिखित है
- The Deer Women
- The Fox Women
- The Dancing Women
- The Buffalo Women
- The Antelope Women
- The Cat Women
- The Sheep Women
- The Wolf Women
Cervix गर्भाशय ग्रीवा
गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का एक बाहरी अंग होता है, जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है अर्थात योनि तथा गर्भाशय के बीच के भाग को गर्भाशय ग्रीवा के नाम से जाना जाता है। गर्भाशय ग्रीवा योनि के अंत में स्थित होता है तथा गर्भाशय के ओपनिंग पॉइंट के रूप में कार्य करता है, जहां से तैर कर शुक्राणु गर्भाशय में पहुंचते हैं जब पुरुष के लिंग द्वारा योनि में शुक्राणु निषेचन होता है तो गर्भाशय ग्रीवा के रास्ते द्वारा तैर कर शुक्राणु गर्भाशय में पहुंचते हैं, गर्भाशय ग्रीवा में ही गर्भाशय ग्रीवा के निम्नलिखित प्रमुख कार्य होते हैं।
- मासिक धर्म के समय अंडे गर्भाशय ग्रीवा से होते हुए योनि मार्ग से बाहर निकलते हैं।
- गर्भाशय ग्रीवा में बहुत सारी मांसपेशियां होती हैं जो गर्भावस्था के समय भ्रूण का सहयोग करती हैं।
- प्रसव के समय गर्भाशय ग्रीवा 10 इंच तक चौड़ी हो जाती है जिसके कारण गर्भाशय से बच्चा निकलने में आसानी होती है।
- गर्भाशय ग्रीवा महिला के शरीर में एक मौलिक पेशी और सेलुलर संरचना है क्यों कि यह गर्भावस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
Uterus गर्भाशय
महिलाओं के शरीर में गर्भधारण करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंग गर्भाशय होता है जिसमें भ्रूण 9 महीने तक पलता है। महिलाओं का गर्भाशय खोखली आकृति होती है जिसके संरचना एक नाशपाती के आकार की होती है, जो योनि को गर्भाशय ग्रीवा द्वारा गर्भाशय से जोड़ती है तथा फैलोपियन ट्यूब द्वारा गर्भाशय अंडाशय से जुड़ा होता है। गर्भाशय महिलाओं में शुक्राणु तथा अंडाणु के निषेचन के पश्चात भ्रूण को स्थापित करने तथा उसके पोषण में सहयोग करता है। प्रजनन क्रिया में डिंब के निषेचन के पश्चात डिंब के प्रत्यारोपण तथा पोषण के लिए गर्भाशय जिम्मेदार होता है।
साथ ही साथ प्रसव के समय मांसपेशियों के संकुचन द्वारा बच्चे को बाहर धकेलने में मदद करता है, जिससे बच्चा गर्भाशय से निकलने में सहयोग प्राप्त करता है तथा गर्भाशय ग्रीवा द्वारा योनि मार्ग से बाहर निकल जाता है। गर्भाशय को सामान्य भाषा में कुछ लोग बच्चेदानी के नाम से जानते हैं, क्योंकि इसमें बच्चा 9 महीने तक रहकर पोषण प्राप्त करता है। गर्भाशय के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं
- घर-घर चाहे अत्यंत लक्ष्य की कोशिकाओं से बना होता है, जिसके कारण यह 70 मि.मी. लंबा और 45 मि.मी. चौड़ा एक थैली के समान होता है।
- गर्भधारण के समय गर्भाशय बच्चे के अनुसार बढ़ता रहता है और एक फुट से बड़ा भी हो सकता है।
- गर्भाशय मासिक धर्म के समय अंडों को योगिनी द्वार तक पहुंचाने के लिए एक नाली की तरह कार्य करता है।
- गर्भाशय में डिंब प्रत्यारोपित होता है।
- डिंब के प्रत्यारोपण के पश्चात भ्रूण का निर्माण होता है।
- भ्रूण के पोषण तथा उसकी सुरक्षा के लिए गर्भाशय जिम्मेदार होता है।
- गर्भाशय में भ्रूण 9 महीने तक सुरक्षित तथा पोषित रहता है।
फेलोपियन ट्यूब Fallopian tube
फेलोपियन ट्यूब गर्भाशय को अंडाशय से जोड़ने का कार्य करती है तथा पीरियड के समय अंडों को रोकने का कार्य भी करती है जहां पर शुक्राणुओं से मिलने के पश्चात अंडे निषेचित होते हैं अर्थात अंडे तथा शुक्राणुओं के मध्य निषेचन फैलोपियन ट्यूब में ही होता है, ओल्यूशन पीरियड के समय अंडे फैलोपियन ट्यूब में आते हैं, जहां से वे गर्भाशय में पहुंचते हैं तथा गर्भाशय के पश्चात गर्भाशय ग्रीवा से होते हुए योनि मार्ग से बाहर निकल जाते हैं।
किंतु यदि कोई अन्य शुक्राणु के साथ निषेचित होता है, तो वह फेलोपियन ट्यूब में ही होता है जहां से वह गर्भाशय में स्थापित हो जाता है, जिसके पश्चात एक भ्रूण का निर्माण करता है। उसी भ्रूण से एक बच्चे का जन्म होता है। जब महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता को समाप्त करने के लिए ऑपरेशन किया जाता है, तो फैलोपियन ट्यूब को गर्भाशय तथा अंडाशय से अलग कर दिया जाता है जिसके कारण अंडाशय से अंडे गर्भाशय में नहीं आने पाते हैं और महिलाएं गर्भवती नहीं होती हैं। फेलोपियन ट्यूब के निम्नलिखित कार्य होते हैं
- फेलोपियन ट्यूब शुक्राणु के साथ अन्य निषेचित होते हैं।
- फेलोपियन ट्यूब के माध्यम से शुक्राणु पीरियड्स के समय गर्भाशय में पहुंचते हैं।
- फेलोपियन ट्यूब में ओल्यूशन पीरियड के समय अंडे अंडाशय से निकलते हैं।
- महिलाओं में गर्भधारण को रोकने के लिए फैलोपियन ट्यूब को अलग किया जाता है।
- महिलाओं के शरीर में दो फैलोपियन ट्यूब पाई जाती हैं जो दोनों अंडाशय से जुड़ी होती हैं।
Ovary अंडाशय
महिलाओं में दो अंडर से होते हैं जो आकार में अंडाकार होते हैं, लगभग चार सेंटीमीटर लंबे होते हैं। ये उम्र के साथ धीरे धीरे परिपक्व होते हैं। जिनका कार्य अंडा निर्माण करना होता है दोनों अंडाशय में अंडों के निर्माण में 56 दिन का समय लगता है इसलिए महिलाओं के दोनों अंडाशय 28 दिन के उपरांत अंडे स्रावित करते हैं, जिसके कारण अंडे अंडाशय से निकलकर फेलोपियन ट्यूब में एकत्रित होते हैं तथा गर्भाशय में पहुंचते हैं। गर्भाशय में पहुंचने के पश्चात गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से योनि मार्ग से बाहर निकल जाते हैं इस क्रिया को मासिक धर्म या पीरियड कहते हैं।
अंडाशय महिला प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है जिसे महिला जननांग भी कहा जाता है और ये पेडू में गर्भाशय के दोनों तरफ स्थित होते हैं। प्रत्येक अंडाशय एक अखरोट के आकार और आकृति का होता है। अंडाशय अंडा और महिला हॉर्मोन का उत्पादन करते हैं जो महिला शरीर के लक्षण, मासिक धर्म और गर्भावस्था के विकास को नियंत्रित करते हैं। महिलाओं के दोनों अंडाशय फैलोपियन ट्यूब द्वारा गर्भाशय से जुड़े हुए होते हैं। महिलाओं के अंडाशय के निम्नलिखित प्रमुख कार्य होते हैं
- महिलाओं के दोनों अंडाशय चक्रीय रूप से युग्मक उत्पन्न करते हैं।
- अंडाशय में अंडो का निर्माण होता है जो ओल्यूशन पीरियड के पश्चात स्रावित होते हैं।
- महिलाओं के अंडाशय प्रोजेस्ट्रोन तथा एस्ट्रोजन हार्मोन का श्रावण करते हैं।
- यह हारमोंस ओसाइट परिवहन निषेचन, आरोपण और गर्भावस्था के लिए प्रजनन पथ तैयार करते हैं।
- प्रोजेस्टेरोन हार्मोन लड़कियों की युवा अवस्था को विकसित करने तथा उनके जननांगों को विकसित करने के लिए प्रेरित करता है।
- अंडाशय के माध्यम से ही एक महिला बच्चा को जन्म देने में सक्षम होती है।
- महिलाओं के दोनों अंडाशय एक चक्र में अंडे निकालते हैं जिसे ओल्यूशन पीरियड कहा जाता है।
भगशेफ Clitoris
महिलाओं की योनि के ऊपरी हिस्से को भगशेफ या Clitoris के नाम से जाना जाता है, जहां पर ऑनर किलिंग इनर लिप्स (inner lips) Clitoris से आपस में मिलते हैं। क्लैटोरिस का आकार अलग अलग हो सकता है। किसी किसी महिला में यह मटर के दाने के आकार की होती है और किसी किसी महिला में क्लैटोरिस एक छोटे अंगूठे के आकार की होती है, जो योनि के ऊपरी हिस्से में पाई जाती है। क्लैटोरिस विभिन्न प्रकार के लचीले ऊतकों से बनी होती है, जो सेक्स क्रिया के समय जब महिलाएं उच्च कामुकता में होती हैं तो यह और अधिक फूल जाती है जिससे महिलाओं को सुखद सेक्स की अनुभूति होती है।
सेक्सुअल पार्ट में योन के आसपास की सभी तांत्रिकाये क्लैटोरिस में आकर समाप्त होती हैं, यही कारण है कि क्लैटोरिस के माध्यम से ओरल सेक्स करने पर महिलाएं बहुत जल्दी कामुक हो जाती हैं और सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाती हैं। क्लैटोरिस को “फीमेल पेनिस” भी कहते हैं, क्योंकि इसका उभार पुरुषों के पेनिस के आकार का होता है जो महिलाओं के शरीर का सबसे ज्यादा उत्तेजित करने वाला अंग माना गया है। आप इस स्थान पर स्पर्श कर अपनी महिला साथी को उत्तेजित कर सकते हैं और अपने सेक्स को और भी बेहतर बना सकते हैं। महिलाओं के शरीर में पाई जाने वाली भगशेफ Clitoris के निम्नलिखित कार्य होते हैं।
भगशेफ Clitoris के कार्य
- इसमें विभिन्न ना गुप्तांगों से आने वाली पत्रिकाएं समाप्त होते हैं जिसके कारण सभी अंगों से अधिक उत्तेजक होता है।
- क्लैटोरिस Clitoris के छूने से ही महिलाएं सेक्स के लिए उत्तेजित हो जाती हैं।
- महिलाओं को अत्यधिक उत्तेजित तथा शीघ्र स्खलित करने के लिए क्लैटोरिस में ओरल सेक्स किया जाता है।
- महिलाओं में ओरल सेक्स के दौरान महिलाओं को संतुष्ट करने के लिए क्लैटोरिस का प्रयोग किया जाता है।
- ओरल सेक्स द्वारा महिला को संतुष्ट करने में क्लैटोरिस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लेबिया मिनोरा Labia Minora
महिलाओं के योनि की रक्षा करने के लिए योनि के ऊपरी हिस्से में लेबिया मिनोरा Labia Minora पाए जाते हैं, जिन का अर्थ होता है छोटे होठ यह महिलाओं की योनि के आसपास का हिस्सा होता है जो बालों से ढका होता है, यह महिलाओं की योनि मार्ग तथा मूत्र मार्ग की रक्षा के लिए बना होता है।
लेबिया मेजाेरा Labia majora
महिलाओं के योनि के ऊपरी हिस्से को लेबिया मेजाेरा (labia majora) के नाम से जाना जाता है, जिसके बाहरी सिलवटों को लेबिया मेजाेरा (labia majora) कहा जाता है, जिसका अर्थ है बड़े होंठ (large lips)। ये फोल्ड बड़े मांसल फोल्ड होते हैं जो आपके बाहरी जननांग अंगों की रक्षा करते हैं और यौवन के बाद जघन बालों से ढके होते हैं।
फिम्ब्रिए Fimbriae
महिलाओं के गुप्त अंगो के रूप में तथा गुप्तांगों के सहयोगी अंगों के रूप में फिम्ब्रिए Fimbriae पाए जाते हैं, जो फेलोपियन ट्यूब का आखरी हिस्सा होता है जिसके संरचना उंगलियों जैसी दिखाई देती है।
- ये मुख्यतः आसंजन अंग (adhesive organ) के रूप में कार्य करते हैं।
- फिम्ब्रिए में प्रतिजनी गुण (antigenic properties) पाये जाते हैं।
- अनेकों फिम्ब्रिए युक्त जीवाणुओं को द्रवीय माध्यम में रखे जाने पर एक प्रकार का तनुत्वक (pellicle) उत्पन्न करने की क्षमता पायी जाती है ।
बार्थोलिन की ग्रंथियाँ Bartholin’s glands
बार्थोलिन की ग्रंथियाँ महिलाओं के योनि में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण ग्रंथियां होती हैं, जो सेक्स क्रिया को आसाम तथा उत्तेजक बनाते हैं। जब महिलाएं सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजित होती हैं, और पुरुषों द्वारा महिलाओं के योनि में लिंग प्रवेश किया जाता है तो बार्थोलिन की ग्रंथियाँ एक चिकने हारमोंस का श्रवण करते हैं, जिसके कारण महिलाओं की योनि गीली तथा चिकनी हो जाती है जो सेक्स क्रिया को रोमांस पूर्ण बनाने तथा महिलाओं को उत्तेजित करने का कार्य करती है। साथ ही साथ बार्थोलिन की ग्रंथियाँ द्वारा स्रावित किए गए हार्मोन योनी को बैक्टीरिया फ्री बनाते हैं, जिसके कारण महिलाओं की योनि मैं स्खलित होने वाले शुक्राणु सुरक्षित रहते हैं।
स्केन की ग्रंथियां Skene’s Glands
महिलाओं में स्केन की ग्रंथियां मूत्र मार्ग के उद्गम के दोनों तरफ होती हैं, जब महिलाएं सेक्स क्रिया के दौरान उत्तेजित होती हैं, तो स्केन की ग्रंथियां एक विशेष प्रकार का तरल पदार्थ छोड़ती हैं जो महिलाओं को स्खलित होने की तरफ इशारा करता है, यह महिलाओं की योनि को पूरी तरह से चिकना कर देता है तथा सेक्स क्रिया को आनंदित बना देता है। स्केन की ग्रंथियां को पैरायूरेथ्रल ग्रंथियां तथा प्रोटेस्ट ग्रंथियां भी कहा जाता है।
हैमेन Hymen
महिलाओं की योनि मार्ग के ऊपरी हिस्से को हैमेन Hymen के नाम से जाना जाता है, हैमेन पतली झिल्ली नुमा संरचना होती है जो कीटाणुओं और गंदगी को योनि से बाहर रखने में मदद करता है। शिशुओं और बच्चों में, हाइमन बाहरी चीजों को योनि में अंदर जाने से रोकने में मदद करके एक सुरक्षात्मक उद्देश्य प्रदान कर सकता है। हाइमन,योनि का एक अस्थायी हिस्सा होता है, जो नरम टिश्यू से बना होता है। यह पतली झिल्ली के रूप में योनि मुख (Vulva) के ऊपर होता है।
रूढ़िवादी सोच के अनुसार यह झिल्ली या हाइमन केवल सेक्स करने के समय ही हटता है। एक महिला के जीवन में कौमार्य को बचाए रखने का यह एक अहम सबूत होती है क्योंकि सेक्स करने के दौरान जब लिंग का प्रवेश होता है तो यह फट जाती है किंतु आधुनिक समय में महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य करते समय या बिना सेक्स करने के भी फट जाती है, इसलिए आज के समय में इसे कमारे का सबूत नहीं माना जाना चाहिए।
हाइमन (योनि की झिल्ली) वजाइन के पास उतकों से बनी एक पतली, मुलायम झिल्ली होती है। जब महिलांए पहली बार अपनी योनि में कुछ डालती हैं या साइकिल या अन्य शारीरिक क्रिया करती हैं तो यह झिल्ली फट जाती है तथा रक्त स्त्राव होता है। अधिकांश पुरुष का मानना है कि झिल्ली का पहली बार सेक्स करना वर्जिनिटी का प्रमाण होता है परन्तु ऐसा कदापि नहीं है। हाइमन फटने के अन्य कारण भी हो सकते हैं।
जी स्पॉट G Spot
महिलाओं की योनि के अंदर स्थित जी स्पॉट G Spot सेक्स और उत्तेजना के लिए जिम्मेदार होता है, महिलाओं की योनि में 2 इंच अंदर या उससे थोड़ा आसपास पेट की तरफ स्थित एक अंग होता है जो महिलाओं में सेक्सुअल उत्तेजना के समय फूलकर टाइट हो जाता है, जिसको छूने से महिलाओं को सेक्स में आनंद की अनुभूति होती है। भारत में आधुनिक समय में लोग जहां सेक्स को लेकर बोल्ड तथा एक्सपेरिमेंटल होते जा रहे हैं, फिर भी सेक्स के बारे में कम जानकारी रखते हैं क्योंकि एक सर्वे में महिला तथा पुरुषों से महिलाओं के एक गुप्तांग g-spot के बारे में पूछा गया जिसमें से 53% पुरुषों तथा 50% महिलाओं को जी सपोर्ट की जानकारी थी।
जबकि जी स्पॉट के बारे में साल 1950 में जर्मन के गाएनकोलॉजिस्ट अर्न्स्ट ग्रेफेनबर्ग ने जी-स्पॉट के बारे में बताया था ग्रेफेनबर्ग के नाम के पहले अक्षर के आधार पर ही इसे जी स्पॉट नाम रखा गया। महिलाओं के प्राइवेट पार्ट जी स्पॉट को लेकर शोधकर्ताओं में बहुत अधिक मतभेद है, इसलिए आपको जी स्पॉट Female Private Part Name के बारे में जानकारी रखनी चाहिए।
गुदा Anus
गुदा महिला तथा पुरुष मैं समान रूप से पाया जाने वाला एक शारीरिक अंग होता है, जिसका प्रयोग शरीर से अवांछित खाद्य पदार्थों का पाचन क्रिया के पश्चात बाहर निकालने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। गुदा शरीर का अंतिम छिद्र है जिसमें से मल उत्सर्जित होता है। यह 4-5 सेमी लंबा होता है। गुदा के टर्मिनल हिस्से में संवेदनशील नर्व होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं से घिरे होते हैं। मध्य भाग में कई गुदा ग्रंथियाँ होती हैं।
किंतु महिलाओं द्वारा सेक्स क्रिया के लिए कभी-कभी गुदाद्वार का प्रयोग किया जाता है, जिसे गुदा सेक्स के नाम से जाना जाता है, जो महिलाएं बोल्ड सेक्स करती हैं तथा सेक्स क्रिया के लिए योनि मार्ग के अलावा मुंह तथा गुदा का भी प्रयोग करती हैं। इसलिए सेक्स की दृष्टि से यह महिलाओं में सेक्स क्रिया के लिए योनि के पश्चात दूसरा अंग माना जाता है, कुछ पुरुष भी महिलाओं के ढीली हुई योनि के सेक्स से संतुष्ट नहीं होते हैं इसलिए पुरुष महिलाओं के गुदाद्वार में सेक्स क्रिया करते हैं जिससे हुए संतुष्ट होते हैं।
महिला स्तन Brest
महिलाओं के शरीर में Female Private Part Name में स्तन उनके शरीर को आकर्षक बनाने का महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किंतु स्तनों का मुख्य कार्य बच्चे को स्तनपान कराने के लिए दूध का निर्माण करना होता है। महिलाओं के शरीर में मांसपेशियों तथा कोशिकाओं के मिलने से स्तनों का निर्माण होता है, जिसके अंदर दूध ग्रंथियां तथा स्तन ग्रंथियां होती हैं जो बच्चों के लिए दूध का निर्माण करती हैं। स्तनों के अंदर छोटे छोटे लोब होते हैं जहां पर दूध का निर्माण होता है यह दूध पतली दूध नलिकाओं द्वारा महिलाओं के स्तनों के ऊपरी हिस्से निप्पल तक पहुंचता है। निप्पल महिलाओं के स्तनों में लगा हुआ हल्के काले या गेहुए रंग का एक अंग होता है जो बच्चों को स्तनपान कराने में प्रयोग किया जाता है।
सामान्य रूप से सेक्स क्रिया के समय पुरुषों को महिलाओं के स्तन बहुत ही आकर्षित करते हैं, इसलिए महिलाएं अपने स्तनों को बड़े तथा टाइट बनाने की कोशिश करती हैं। महिलाओं को स्तन टाइट बनाने तथा सुंदर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं। शायद ही कोई पुरुष ऐसा होगा जिसे महिलाओं के स्तन पसंद न आते हों। बहुत से पुरुष तो ऐसे भी होते हैं जो महिलाओं में सबसे पहले उनके स्तन पर नजर डालते हैं। पुरुषों को ऐसी महिलाएं काफी ज्यादा पसंद आती हैं जिनके स्तन बड़े होते हैं। खासकर सेक्स करते हुए महिलाओं के स्तन पुरुषों को काफी ज्यादा उत्तेजित करते हैं।
निष्कर्ष
महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पुरुषों की प्राइवेट पार्ट से काफी रूप में बहुत अधिक भिन्न होते हैं इसलिए महिलाओं के गुप्तांगों की जानकारी खुद महिलाओं को भी नहीं होती है, किंतु महिला तथा पुरुष दोनों को ही अपने गुप्तांगों के बारे में जानकारी होना बहुत ही आवश्यक होता है।
इसलिए आज हम आपको इस लेख में महिलाओं के विभिन्न प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है, उपरोक्त लेख में Female Private Part Name in Hindi में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। भारतीय समाज के कारण आज भी समाज में प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जानकारी करना तथा अंग प्रदर्शन करना प्रतिबंधित माना जाता है, इसलिए भारतीय लोगों को गुप्तांगों के बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आप उपरोक्त लेख का अध्ययन करते हैं तो निश्चित रूप से ही महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स के नाम तथा उनके बारे में हिंदी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जो पुरुषों के लिए तथा उनके किसी साथी महिला के लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है तथा महिलाओं को उनके अपने निजी अंगों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
स्त्री शरीर के अंग कौन-कौन से है ?
सामान्य रूप से स्त्री तथा पुरुष के शरीर के अंग समान होते हैं, किंतु महिला तथा पुरुषों के गुप्तांगों में कुछ भिन्नता पाई जाती है, जिसके कारण महिलाओं के गुप्तांग को Female Private Part Name तथा पुरुषों के गुप्तांगों को मेल प्राइवेट पार्ट के नाम से जाना जाता है। महिलाओं के शरीर के अंगों में हाथ,-पैर, नाक, जीभ, त्वचा के साथ-साथ गुप्तांग स्तन, योनि Vagina, गर्भाशय ग्रीवा Cervix, गर्भाशय Uterus, फेलोपियन ट्यूब Fallopian tube, अंडाशय Ovary, भगशेफ Clitoris आदि होते हैं।
स्त्री और पुरुषो के शरीर के अंगो में क्या अंतर है?
सामान्य रूप से स्त्री तथा पुरुष के शारीरिक अंगों में समानता पाई जाती है, किंतु कुछ सेक्सुअल पार्ट महिला तथा पुरुषों में अलग-अलग होते हैं। जिस प्रकार महिलाओं में योनि होती है, उसके स्थान पर पुरुषों में लिंग होता है तथा आंतरिक शारीरिक संरचना बहुत ही भिन्न होती है, क्योंकि महिलाओं में रीप्रोडक्टिव सिस्टम के रूप में गर्भाशय में अंडा से तथा अन्य विभिन्न अंग पाए जाते हैं, किंतु पुरुषों में गर्भाशय अंडाशय आदि नहीं पाए जाते हैं।
गर्ल के प्राइवेट पार्ट को क्या बोलते हैं?
महिलाओं तथा गर्ल्स में प्राइवेट पार्ट समान होते हैं। इसलिए गर्ल्स के प्राइवेट पार्ट को निम्नलिखित नामों से जाना जाता है
- योनि Vagina
- गर्भाशय ग्रीवा Cervix
- गर्भाशय Uterus
- फेलोपियन ट्यूब Fallopian tube
- अंडाशय Ovary
- भगशेफ Clitoris
- लेबिया मिनोरा Labia Minora
- लेबिया मेजोड़ा Labia Majora
फीमेल प्राइवेट पार्ट को इंग्लिश और हिंदी में क्या कहते हैं?
फीमेल प्राइवेट पार्ट Female Private Part Name in Hindi एंड इंग्लिश
- योनि Vagina
- गर्भाशय ग्रीवा Cervix
- गर्भाशय Uterus
- फेलोपियन ट्यूब Fallopian tube
- अंडाशय Ovary
- भगशेफ Clitoris
- लेबिया मिनोरा Labia Minora
- लेबिया मेजोड़ा Labia Majora
- फिम्ब्रिए Fimbriae
- बार्थोलिन की ग्रंथियाँ Bartholin’s glands
- स्केन की ग्रंथियां Skene’s Glands
- हैमेन Hymen
- जी स्पॉट G Spot
- गुदा Anus
- महिला स्तन Brest
महिलाओं के प्राइवेट पार्ट कितने प्रकार के होते हैं?
Ladies के प्राइवेट पार्ट्स पुरुषों के प्राइवेट पार्ट से भिन्न होते हैं, क्योंकि महिलाओं में गर्भधारण करने की क्षमता होती है, जिसके कारण महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स और उनके अपेक्षा अधिक होते हैं तथा इंटरनल तथा एक्सटर्नल दोनों तरीके के होते हैं। महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स मुख्य रूप से 15 प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं
- योनि Vagina
- गर्भाशय ग्रीवा Cervix
- गर्भाशय Uterus
- फेलोपियन ट्यूब Fallopian tube
- अंडाशय Ovary
- भगशेफ Clitoris
- लेबिया मिनोरा Labia Minora
- लेबिया मेजोड़ा Labia Majora
- फिम्ब्रिए Fimbriae
- बार्थोलिन की ग्रंथियाँ Bartholin’s glands
- स्केन की ग्रंथियां Skene’s Glands
- हैमेन Hymen
- जी स्पॉट G Spot
- गुदा Anus
- महिला स्तन Brest
लड़कियों में योनि के प्रकार
- The Deer Women
- The Fox Women
- The Dancing Women
- The Buffalo Women
- The Antelope Women
- The Cat Women
- The Sheep Women
- The Wolf Women
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।
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