हल्दी से बवासीर का इलाज | बवासीर के मर्ज से पाएँ जल्द निजात

बवासीर एक ऐसा मर्ज  है जोकि मल मार्ग में बहुत ज्यादा दिक्कत पैदा करने वाला और दर्द देने वाला मर्ज है इसके हो जाने से आपको बहुत ही दिक्कत और कठनाई का सामना करना पड़ता है। यह मर्ज आपके शरीर में  पुराने कब्ज  और लीवर की  गड़बड़ी के कारण होने लगता है। इसमें आपके मल के रास्ते में छोटे-छोटे मस्से हो जाते हैं जो कि आपके मल से निकलते समय बहुत ज्यादा दिक्कत देते हैं। कभी-कभी तो इसमें बहुत ज्यादा घाव होने की वजह से इस में से खून भी निकलने लगते हैं। हल्दी से बवासीर का इलाज करे और उससे राहत पाए।

जो कि आपके लिए चिंता का विषय बन सकता है। लेकिन अगर आपके शरीर में यह  मर्ज शुरुआती समय में है। तो इससे बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके बहुत सारे ऐसे इलाज और दवाएं उपलब्ध है। जिनका इस्तेमाल करके आप को खत्म कर सकते हैं।  इस मर्ज को खत्म करने के लिए आप एलोपैथिक, आयुर्वैदिक, और होम्योपैथिक दवाओं का भी सहारा लेते होंगे। लेकिन आपके पास  इस मर्ज को खत्म करने के लिए एक विकल्प और है जो कि आपके लिए बहुत ही बेहतरीन और अच्छा साबित हो सकता है। इसीलिए आज हम आपको इस लेख में हल्दी से बवासीर का इलाज के बारे में विस्तार से बताएंगे। जिसका उपयोग करके आप अपने बवासीर को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

हल्दी से बवासीर का इलाज

जिसके इस्तेमाल से आपके शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है और आपका मर्ज बहुत जल्दी ठीक हो जाता है। इस मर्ज  को ठीक करने के लिए आप घरेलू उपायों का भी सहारा ले सकते हैं। बवासीर को ठीक करने के लिए घरेलू उपायों में सबसे बढ़िया हल्दी से बवासीर का इलाज मानी जाती है

जिस के उपयोग से आप अपने इस मर्ज को बहुत ही  आसानी से ठीक कर सकते हैं  और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। हर किसी का सपना होता है कि वह मर्ज रहित जीवन जी सके। जिससे एक स्वस्थ जीवन की कल्पना की जा सकती है। लेकिन आपके  अनियंत्रित खानपान और  खराब जीवनशैली के कारण आप बवासीर जैसे  मर्ज से ग्रसित हो जाते हैं और आपको बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

बवासीर (Piles) मर्ज क्या है ?

बवासीर को  चिकित्सीय भाषा में हेमोरॉयड्स और पाइल्स भी कहते हैं। इस मर्ज में आपके शरीर में  मल के रास्ते में बहुत ज्यादा सूजन हो जाती है। मल के रास्ते में सूजन अंदरूनी और बाहरी दोनों प्रकार  की हो सकती है।  इसकी वजह से मल के रास्ते में कभी-कभी छोटे-छोटे मस्से  भी निकल आते हैं। यह मुझसे अंदरूनी और बाहरी दोनों हो सकते हैं। इसमें पेट में कब्ज हो जाने की वजह से मल  बहुत ही ज्यादा सूख जाता है जिसको बाहर आने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

लेकिन  जब मल  बाहर आने लगता है तो रास्ते में बहुत ज्यादा सूजन और मस्से होने के कारण मल  के रास्ते में घाव बन जाता है जिसकी वजह से खून भी निकलने लगता है।  यह आपके शरीर में अनुवांशिक  कारणों से भी हो सकती है।  बवासीर आपके शरीर में दो प्रकार का होता है अंदरूनी और बाहरी  अंदरुनी बवासीर के 3 स्टेज होते हैं।  जिसको हम आपको विस्तार से बताने की कोशिश कर रहे हैं। हल्दी से बवासीर का इलाज आसनी से हो सकती है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

बवासीर के प्रकार 

बवासीर के दो प्रकार  होते हैं जिनमें की  अंदरूनी बवासीर  के तीन प्रकार के स्टेज होते हैं जिसमें कोई आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बाहरी बवासीर  चिकित्सीय भाषा में पेरीएनल  हेमेटोमा भी कहा जाता है।  जो कि आपके मल के बाहरी हिस्सों में होता है।

  • अंदरूनी बवासीर 
  • बाहरी बवासीर

अंदरूनी बवासीर 

स्टेज 1- अंदरूनी बवासीर की स्थिति में आपको  मल के रास्ते में थोड़ा बहुत सूजन देखने को मिल सकता है। या फिर हम कहें कि यह  कई बार तो दिखाई भी नहीं पड़ता है इसमें बहुत ज्यादा दर्द नहीं होता है लेकिन मल त्याग के समय बहुत ज्यादा ताकत लगाने पर  रक्त आने की संभावना रहती है। 

स्टेज 2- इस स्टेज में आपको  थोड़ा ज्यादा सूजन हो सकती है। जो कि मल के रास्ते में ही होती है। मल के बहुत ज्यादा टाइट और सूखा होने की वजह से ज्यादा जोर लगाने पर  मस्से के साथ-साथ खून के थक्के भी बाहर आ सकते हैं। लेकिन उसको अंदर करने पर वह फिर से अंदर जा सकते हैं।

स्टेज 3 – इस स्टेज में स्थिति थोड़ा ज्यादा गंभीर और कष्टदायी होती है। इसमें  बवासीर के मस्से बाहर लटके हुए होते हैं जिसको की उंगली की मदद से अंदर किया जा सकता है। यह बहुत ही ज्यादा बड़े होते हैं। और इसको खूनी बवासीर के नाम से भी जानते हैं। इसमें बहुत ज्यादा खून आने की भी संभावना रहती है। इस स्टेज में जरूरी है कि मैं तो को अंदर कर दिया जाए। नहीं तो  मस्से बाहर रहने पर इंफेक्शन फैलने का भी खतरा रहता है।

बाहरी बवासीर

बाहरी बवासीर में आपके मल के रास्ते में सूजन रहती है और छोटी छोटी गांठें  पड़ी रहती हैं जिसको हम बस से भी कह सकते हैं। जो कि आपके मल के रास्ते पर बाहरी हिस्से पर होता है। इसमें बहुत ज्यादा खुजली होने की वजह से इंफेक्शन फैलने का भी खतरा रहता है। इसमें रक्त जमा होने के कारण बहुत ज्यादा दर्द होता है इसलिए इसका तुरंत इलाज करा लेना चाहिए। जिससे कि आपको बवासीर के मर्ज में आराम मिल सकता है।

बवासीर का मुख्य कारण 

 बवासीर आपके शरीर में बहुत सारे  कारणों से हो सकता है। आपके शरीर में अनियंत्रित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण हो जाता है। बवासीर  का सबसे मुख्य कारण है पुरानी कब्ज और लीवर में गड़बड़ी क्योंकि जब आपके शरीर में लिवर की  गड़बड़ी  होती है तो  आपका खाना सही से नहीं बचता है और आपको कब्ज की समस्या हो जाती है। जो कि बहुत पुराने हो जाने की वजह से तरह-तरह के  मर्ज आपके शरीर में उत्पन्न होने लगते हैं।

इसीलिए आपको ऐसी समस्याओं को खत्म करने के लिए अपने खान-पान और अनियंत्रित जीवनशैली को सुधारना चाहिए। क्योंकि जब तक  आपके खानपान और अनियंत्रित जीवनशैली नहीं सुधरेगी तब तक आपके शरीर में कब्ज और लिवर की खराबी की समस्या होती रहेगी।  लिवर में खराबी बहुत ज्यादा  शराब पीने की वजह से भी हो सकती है इसलिए आपको अपने शराब की लत को भी छोड़ देना चाहिए।

आपके पेट में खाना ना पचने की वजह से  कब्ज जैसी समस्या खड़ी हो जाती है। कब्ज में आपका खाना नहीं पचता है और आपके आंतों  मैं पानी की कमी हो जाती है जिसकी वजह से आपका मन पूरी तरह से सूख जाता है और उसके बाहर निकलने में बहुत ज्यादा दिक्कत होने लगती है जिसकी वजह से मल के रास्ते में हुए मस्से छील जाते हैं और उस में घाव हो जाता है। ऐसी समस्या हो जाने से आपका  बवासीर का मर्ज ठीक नहीं होता है।

बवासीर के मर्ज को ठीक करने के लोग तरह तरह के सवाल पूछते है जैसे:- बवासीर का इलाज बताइए, बवासीर कितने दिनों में ठीक हो सकता है , बवासीर में क्या खाना चाहिए इत्यादि । इसलिए आपको ऐसे मर्ज को ठीक करने के लिए सबसे पहले इस मर्ज के कारणों के बारे में पता लगाना चाहिए जिससे कि आप उसके इलाज और दवाओं के बारे में सही जानकारी हासिल कर पाएंगे और इसका सही इलाज कर पाएंगे। इसीलिए हम आपको निम्नलिखित प्रमुख कारणों के बारे में बता रहे हैं। जिनको जानकर आप इसका सही इलाज कर सकते हैं।

  • ज्यादा मात्र में तला एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन करना।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन करना।
  • अवसादग्रस्त रहना
  • कब्ज के कारण।
  • अधिक वजन उठाने के कारण।

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ज्यादा मात्र में तला एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन करना

बहुत से लोगों में बहुत ज्यादा मिर्च मसाले और चटपटा खाना खाने की आदत रहती है। जो कि उनकी बहुत ज्यादा खानपान और अनियंत्रित खानपान की आदत के कारण उन्हें बहुत सारी दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। लेकिन उसके बावजूद भी वह अपने खानपान में सुधार नहीं कर पाते हैं।

जिसकी वजह से उनको पेट में कब्ज  की समस्या हो जाती है और कब्ज की वजह से बवासीर का मर्ज भी हो सकता है। इसलिए आपको बहुत ज्यादा मिर्च मसाला नहीं खाना चाहिए। मिर्च मसाला खाने से आपका लीवर खराब हो जाता है और लिवर खराब होने के कारण ही  मल सूखने लगता है और  बाहर निकलते वक्त बवासीर के  मस्से को छील  देता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

धूम्रपान और शराब का सेवन करना 

धूम्रपान और शराब का  सेवन करने के कारण आपको बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि यह आपके शरीर में बहुत सारे मरीजों को जन्म देने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसीलिए आपको धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। धूम्रपान और शराब के सेवन से आपके पेट में कब्ज की समस्या हो सकती है जो कि बवासीर के मर्ज को जन्म देने के लिए सबसे बड़ा कारण माना जाता है। बवासीर का मर्ज हो जाने की वजह से आपको बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

हल्दी से बवासीर का इलाज

अवसादग्रस्त रहना

 कई बार देखा गया है कि बहुत से लोग बहुत ज्यादा अवसाद ग्रस्त रहते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब उनके शरीर में किसी न किसी प्रकार की दिक्कत होती है या फिर उनकी नींद नहीं पूरी होती  इस कारण यह बहुत ज्यादा तनाव और मानसिक थकान  के कारण अवसाद में चले जाते हैं। जोकि आपकी पेट में कब्ज की समस्या को जन्म दे सकता है। बहुत ज्यादा चिंता  करने के कारण आपकी नींद नहीं पूरी होती और खाना नहीं पचता है जिससे कब किस वर्ष हो जाती है और कब्ज की समस्या होने की वजह से आपको  बवासीर जैसे मर्ज हो जाते हैं। 

हल्दी से बवासीर का इलाज

कब्ज के कारण

बवासीर के  मर्ज को जन्म देने के लिए कब्ज  को सबसे बड़ा कारण माना जा सकता है। क्योंकि कब्ज होने की वजह से आपका  मल पूरी तरह सूख जाता है। आपके आंतों में  पानी की कमी हो जाती है। जिसका रंबल बहुत ज्यादा टाइट हो जाता है और बवासीर के मस्से को छील  देता है जिससे कि घाव हो जाता है। 

हल्दी से बवासीर का इलाज

अधिक वजन उठाने के कारण

बहुत ज्यादा वजन उठाने के कारण  भी आपको बवासीर की समस्या हो सकती है। क्योंकि जब आप बहुत ज्यादा  वजन उठाते हैं तब आप की नसों पर बहुत ज्यादा  खिंचाव पड़ता है जिसकी वजह से  आपके  नसे दबतीं  हैं।  जिसके वजह से आपके शरीर  के सभी अंगों तक रक्त सही से नहीं पहुंच पाता और आपके हर अंग को काम करने में बहुत ज्यादा दिक्कत को का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह से  आपके पेट में खाना नहीं पचता है और कब्ज का कारण बना देता है। कब्ज होने के कारण बवासीर की समस्या भी जन्म ले लेती है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

बवासीर के लक्षण 

बवासीर यानी पाइल्स ऐसी खतरनाक बीमारी है। जोकी आपको बहुत ही संकट में डाल सकती हैं। इसलिए इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसको नजरअंदाज करने से  आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इस  मर्ज में आपको नित्य कर्म करने में बहुत ही ज्यादा परेशानी होती है।

जो भी पुरानी कब्ज और लिवर की  खराबी के कारण भी हो सकती है।  कब्ज और लिवर की खराबी की वजह से आपका खाना नहीं पचता है और आंतों  मैं पानी की कमी हो जाती है। और आपका मल  बहुत ही ज्यादा सूखा और टाइट हो जाता है जिसकी वजह से इसके बाहर निकलने में बहुत ही ज्यादा दिक्कत होती है। और  बाहर निकलते वक्त मल के रास्ते में मौजूद मस्सों में घाव हो जाता है।

जो कि बवासीर के संक्रमण को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं और रक्त रिसाव होने लगता है। ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले इसका इलाज करना चाहिए। लेकिन बहुत से लोगों को बवासीर के मस्से के बारे में पता ही नहीं चलता और वह गिर रहे खून को  किसी अन्य समस्या को मानकर नजरअंदाज करते रहते हैं।

इसीलिए  जरूरी है कि आप बवासीर के लक्षणों के बारे में भी पूरी जानकारी रखें जिससे कि आपको अगर ऐसे किसी भी लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो आप इसके शुरुआती समय में ही इस का तुरंत इलाज  करा कर आप इस मर्ज को जड़ से खत्म कर सकते हैं। जिससे आप बहुत बड़ी  परेशानी से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं  बवासीर के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में जोकि बवासीर के शुरुआती समय में ही दिखाई पड़ता है।

  • मल त्याग करते वक्त रक्त रिसाव।
  •  मल के रास्ते में सूजन का होना।
  •  मल के रास्ते में खुजली और जलन का एहसास होना।
  •  मल के रास्ते में गांठ का महसूस होना।
  •  मल त्याग करते वक्त दर्द का एहसास होना।
  •  मल त्याग की इच्छा के बावजूद भी मल का बाहर न  आना।

हल्दी से बवासीर का रामबाण इलाज

बवासीर को ठीक करने के लिए बहुत सारे लोग विभिन्न प्रकार के औषधियों और इलाजों  का सहारा लेते हैं। क्योंकि बवासीर हो जाने की वजह से आपको बहुत सारे कष्ट का सामना करना पड़ता है। जिसमें आपको मल के रास्ते में बहुत ज्यादा दर्द और खून निकलने की समस्या हो सकती है।

जोकि आपकी  शरीर में कमजोरी और थकान ला सकती है। जिसकी वजह से आपके पेट  में भी  घाव हो सकता है। इसीलिए इस मर्ज को नजरअंदाज करना बिल्कुल भी सही नहीं है। क्योंकि अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं तो यह आगे चलकर बड़ा रूप ले सकता है और  पेट के कैंसर को भी जन्म दे सकता है। इसीलिए  इसका तुरंत इलाज कर लेना चाहिए।

इसके इलाज के लिए बहुत सारे आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार उपलब्ध है जिससे आप बवासीर की समस्या का इलाज करके इसको जड़ से खत्म कर सकते हैं लेकिन हम आपको इस मर्ज को ठीक करने के लिए हल्दी के लाभ के बारे में बताएंगे क्योंकि बवासीर को ठीक करने के लिए हल्दी को बहुत ही कारगर और सबसे जरूरी घरेलू उपचार और खाद्य पदार्थ माना जाता है। 

बहुत सारे ऐसे घरेलू उपचार और खाद्य पदार्थ हैं जिनको आप हल्दी के साथ मिलाकर सेवन करते हैं तो आपकी बवासीर की समस्या बहुत जल्द खत्म हो सकती हैं।  इसीलिए हम आपको  निम्नलिखित हल्दी के कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बताएंगे जिससे आप अपने बवासीर की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

  • हल्दी और देसी घी। 
  • मूली और हल्दी। 
  • दूध और हल्दी। 
  • काले नमक का सेवन के साथ हल्दी । 
  • पेट्रोलियम जेली और हल्दी का मिश्रण। 
  • हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण। 
  • हल्दी और नारियल का तेल। 
  • हल्दी पानी से स्नान। 
  • हल्दी आक का दूध और शिरीष के बीच का लेप। 
  • हल्दी और प्याज। 
  • बकरी का दूध और हल्दी। 
  • हल्दी और सरसों का तेल। 

हल्दी और देसी घी 

हल्दी में बहुत सारे  ऐसे एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कि हल्दी से बवासीर का इलाज में बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। इन्हीं एंटी इन्फ्लेमेटरी  गुणों के कारण  ही बवासीर के मर्ज में हो रही सूजन और दर्द में बहुत राहत मिलते हैं।  हल्दी और घी को सबसे बढ़िया आयुर्वेदिक घरेलू उपचार के रूप में जाना जाता है जोकि बवासीर के मर्ज में बहुत ही बेहतरीन ढंग से काम करता है। 

घी में चिकना होने की वजह से  बवासीर के मर्ज में मल के रास्ते में हो रही खुजली और जलन को कम करने का काम करता है। घी  भीमल के रास्ते में दर्द को भी खत्म करने का काम करता है। इसीलिए आपको  बवासीर के  इलाज के लिए आपको हल्दी और घी  का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। हल्दी और घी को आप एक एक चम्मच  आपस में मिलाकर बवासीर के प्रभावित क्षेत्रों पर लगा सकते हैं जिससे आपको काफी आराम मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

मूली और हल्दी 

बवासीर के मर्ज के लिए मूली और हल्दी का  मिश्रण बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि  बवासीर का मर्ज पुरानी कब्ज होने के कारण मल के सूख जाने और टाइट हो जाने की वजह से हो जाता है। इसीलिए मूली में बहुत सारे गुण पाए जाते हैं जो कि कब्ज को खत्म करके और पेट साफ करने प्राकृतिक दवा मानी जाती हैं।

हल्दी के बारे में आपको पहले भी बता चुके हैं कि इसमें बहुत सारी ऐसी  एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कि बवासीर के मस्से को सुखाने और सूजन को कम करने  का काम करते है।  इसीलिए आपको  बवासीर के  मर्ज से निजात पाने के लिए आपको मूली को अच्छी तरह से धुलकर छीन लेना चाहिए  फिर उस पर हल्दी  डालकर खाना चाहिए जिससे कि आपको बवासीर के मर्ज में बहुत ही राहत मिल सकती है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी और दूध

दूध और हल्दी को बहुत ही  प्राचीन काल से चोट और  दर्द को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। हल्दी में बहुत सारे ऐसे एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो कि किसी भी चोट में सूजन और दर्द को कम करने के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इसीलिए बवासीर के मर्ज में आप दूध और हल्दी के मिश्रण  का सेवन कर सकते हैं। जिससे  आपको बवासीर के मर्ज में हो रहा है दर्द और मल के रास्ते में सूजन  से राहत मिलेगी ।

बवासीर के मस्से को सुखाने के लिए और ठीक होने के लिए  दर्द और सूजन का कम होना बहुत जरूरी होता है।  जब तक मल के रास्ते में सूजन कम नहीं होगा तब तक मस्से नहीं सुखेंगे ।इसीलिए आपको मस्से को सुखाने के लिए  रोजाना गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीना चाहिए। जिससे  बवासीर के प्रभावित क्षेत्र में  हो रहे संक्रमण  के खत्म होने की भी संभावना रहती है। 

हल्दी से बवासीर का इलाज

काले नमक का सेवन हल्दी के साथ

बवासीर के मर्ज को ठीक करने के लिए आपको हल्दी और काली नमक का भी सेवन करना चाहिए। क्योंकि काले नमक और हल्दी में बहुत सारे ऐसे गुण और तत्व पाए जाते हैं जो कि हल्दी से बवासीर का इलाज और बवासीर में हो रहे जलन,खुजली, दर्द और सूजन को कम करने का काम करता है। काला नमक बहुत ही ठंडी तासीर का होता है। जिससे आपके पेट में ठंडक पहुंचती है और पेट की समस्या दूर होती हैं। काले नमक के सेवन से आपका खाना बहुत ही आसानी से पचता है।

जिससे कब्ज  की समस्या नहीं होती है। कब की समस्या के कारण ही आपके अंदर बवासीर के मर्ज भी जन्म ले लेता है।  इसीलिए  बवासीर के मर्ज को ठीक करने के लिए सबसे पहले जरूरी होता है कि कब्ज की समस्या ठीक हो और आपको बवासीर में आराम मिले। इतनी आपको गुनगुने पानी में हल्दी और नमक को मिलाकर अच्छी तरह से पका लेना चाहिए उसके बाद इसको काले की तरह पीने चाहिए जिससे कि कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी और बवासीर के मर्ज में बहुत  ज्यादा आराम देखने को मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

पेट्रोलियम जेली और हल्दी का मिश्रण

बवासीर की मर्ज  मैं आपको मल के रास्ते में खिंचाव होने की दिक्कत रहती है जिसकी वजह से आपका बवासीर का मर्ज बढ़ सकता है और  बहुत ज्यादा दर्द और जलन बनी रहती है। इसीलिए ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए पैट्रोलियम जेली सबसे बढ़िया मानी जाती है।

क्योंकि इसको लगाने से सूजन कम होती है और  मस्से को सुखाने के लिए बहुत ही लाभकारी मानी जाती है।  इसके इस्तेमाल से आपके मल के रास्ते में खिंचाव कम होता है। जो कि बवासीर बीमारी को ठीक होने के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इसीलिए आपको  पेट्रोलियम जेली में थोड़ी में हल्दी मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाना चाहिए जिससे कि बवासीर के मस्से सूखने लगे और जलन और दर्द में बहुत ही ज्यादा  आराम देखने को मिलते  सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण 

एलोवेरा हल्दी से बवासीर का इलाज संभव है और हल्दी में लिवर का रामबाण इलाज भी उपलब्ध है। बवासीर की समस्या को खत्म करने के लिए एलोवेरा को बहुत ही फायदेमंद माना जाता है क्योंकि एलोवेरा में बहुत सारे ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि  बवासीर की समस्या को खत्म करने के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है।  एलोवेरा जेल को आप हल्दी के साथ मिक्स करके बवासीर के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

एलोवेरा जेल और हल्दी का मिश्रण बवासीर के मर्ज के लिए एक मल्हन के रूप में काम करता है। इसके इस्तेमाल से आपको बवासीर के प्रभावित क्षेत्र में हो रहे जलन दर्द और सूजन की समस्या में बहुत ही आराम मिलता है। हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण बवासीर के मस्से को सुखाने और सिकुड़न को दूर करने के लिए बहुत ही सहायक हो सकता है।

इसीलिए आपको  बवासीर के मरीज को ठीक करने के लिए  दो चम्मच एलोवेरा जेल में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर  कम से कम दिन में दो बार लगाना चाहिए जिससे कि आपको बवासीर के मर्ज में बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाला परिणाम देखने को मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी और नारियल का तेल 

नारियल के तेल को  सदियों से  वैद्य और  आयुर्वेदाचार्य फोड़े फुंसी और  किसी भी चोट को सुखाने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं। इसमें बहुत सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कि किसी भी जख्म को सुखाने की क्षमता रखता है। इसीलिए आप नारियल के तेल और हल्दी के मिश्रण  को बवासीर के मस्से को सुखाने और संक्रमण को खत्म करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल के तेल में बहुत सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं।

जो कि बवासीर में हो रहे संक्रमण को खत्म करने का काम करते हैं जिससे कि आपका संक्रमण बहुत ज्यादा नहीं पाता है और बवासीर के मस्से सूखने लगते हैं जिससे  बवासीर का मर्ज ठीक होने लगता है। वही हल्दी में बहुत सारे एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो कि बैक्टीरियल इनफेक्शन को खत्म करने का भी काम करते हैं। इसीलिए आपको  बवासीर के मर्ज को ठीक करने के लिए एक चम्मच नारियल के तेल में तो चुटकी हल्दी मिलाकर प्रभावित है सर पर लगाना चाहिए जिससे कि  आपको जलन और दर्द में बहुत ही आराम देखने को मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी पानी से स्नान (सीटज बाथ)

Haldi se bawaseer ka ilaj करने के लिए आपको हल्दी के पानी से सीटज बाथ करना चाहिए। जोकी बवासीर के मर्ज से  निजात दिलाने के लिए बहुत ही लाभकारी उपाय माना जाता है। बवासीर के मरीजों को सीटज बाथ  करने की सलाह दी जाती है जिससे कि उनको बवासीर के मस्से को सुखाने और सूजन में बहुत ही आराम  मिलता है। जिस से बवासीर के मस्से सूखने लगते हैं और बवासीर का मर्ज ठीक होने लग जाता है।

इसीलिए आपको गर्म पानी में हल्दी मिलाकर  इसमें कुछ देर तक बैठना चाहिए जिससे कि हल्दी में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण  की वजह से  बवासीर  के कारण  हो रहे संक्रमण मैं बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है जिससे कि संक्रमण  भी खत्म होने लगता है  और आपको बवासीर के मर्ज में बहुत जल्द लाभ मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी आक का दूध और शिरीष के बीच का लेप

हल्दी आपका दूध और शिरीष के बीच का लेप आपके बवासीर की समस्या को खत्म करने के लिए बहुत ही लाभकारी और फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि  शिरीष के बीच में बहुत सारे ऐसे एंटी फंगल एंटीप्रोटेजोल और  एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी पाई जाती है जो कि फंगल इन्फेक्शन को खत्म करने और बवासीर के कारण हो रहे संक्रमण को खत्म करने का काम करती है जिससे कि  संक्रमण बहुत ज्यादा नहीं पड़ता है और बवासीर के मस्से सूखने लगते हैं। इसमें बहुत सारे  एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो कि हमारे पाचन शक्ति को मजबूत करने और कब्ज की समस्या को दूर करने का भी काम करते हैं।

जिससे कि मल बहुत मुलायम हो जाता है और बाहर निकलते समय बहुत ही आसानी से निकल जाता है जिससे कि बवासीर के मस्से में किसी भी प्रकार के घाव  नहीं होता है और मस्से सूखने लगते हैं।  हल्दी के बारे में हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि हल्दी  मैं एंटीबायोटिक गुण होने के कारण संक्रमा को खत्म करने और  जलन, दर्द को ठीक करने का काम करता है। इसीलिए आपको बवासीर के मर्ज को ठीक करने के लिए हल्दी,  आक का दूध,  शरीर के बीज केले को प्रभावित हिस्से पर लगाना चाहिए जिससे कि आपको मस्से सूखने में और  संक्रमण खत्म होने में बहुत ही फायदा मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

प्याज के रस का सेवन और हल्दी

  

हल्दी और प्याज  का रस बवासीर की समस्या को खत्म करने के लिए बहुत ही लाभकारी और फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि हल्दी की तरह प्याज में भी बहुत सारे ऐसे एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कि बवासीर के मर्ज में हो रहे दर्द, जलन और संक्रमण को खत्म करने का काम करता है। 

हल्दी और प्याज का  रस   बवासीर के मस्से को सुखाने के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि यह बवासीर के मर्ज में हो रहे हैं संक्रमण को खत्म करने का काम करता है। हल्दी और प्याज के रस की वजह से संक्रमण क्षेत्र के बैक्टीरिया मर जाते हैं और  बवासीर के मस्से सूखने शुरू हो जाते हैं। प्याज और हल्दी के रस को आप किसी भी तेल में मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं जिससे कि आपको बहुत सिर की मर्जी में बहुत ही आराम देखने को मिल सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

बकरी का दूध और हल्दी

बकरी के दूध और हल्दी का सेवन आपके बवासीर के मर्ज के लिए बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है। इसके इस्तेमाल से आप अपने बवासीर के मरीज को बहुत आसानी से और बहुत जल्द ठीक कर सकते हैं। क्योंकि हल्दी की तरह ही बकरी के दूध में भी बहुत सारे ऐसे एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो कि बवासीर की मर्जी में मल के रास्ते में हो रहे सूजन को कम करने का काम करते हैं।

जिससे कि आप के मस्से ढीले हो जाते हैं और सूखने लगते हैं। सूजन कम होने की वजह से मल  बहुत ही आसानी से बाहर आ जाता है जिसकी वजह से मल के रास्ते में किसी भी प्रकार का घाव  नहीं होता है  और मस्से सूखने लग जाते हैं जिसकी वजह से बवासीर का बहुत जल्द ठीक हो जाता है इसलिए आपको बकरी का दूध में हल्दी को मिलाकर पीना चाहिए जोकि आपको बवासीर के  मर्ज से बहुत जल्दी ही  निजात दिला सकता है।

हल्दी से बवासीर का इलाज

हल्दी और सरसों का तेल 

हल्दी और सरसों तेल के लेप  को बवासीर के मर्ज में प्रभावित  क्षेत्र पर लगाने से बहुत ही आराम मिल सकता है।  सरसों तेल और हल्दी को प्राचीन काल से  बवासीर के मर्ज को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। क्योंकि सरसों तेल और हल्दी में बहुत सारे ऐसे एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो कि बवासीर के मर्ज में हो रहे रक्त  रिसाव को खत्म करने और संक्रमण को खत्म करने का काम करते हैं।

जिसकी वजह से चंद्रमा बहुत ज्यादा नहीं फैलता है और मस्से सूखने लगते हैं। इसी वजह से बवासीर का बहुत जल्द ठीक हो जाता है।  इसीलिए आपको बवासीर के मर्ज  ठीक करने के लिए हल्दी और सरसों के तेल को बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाना चाहिए। जिससे कि  बवासीर की मर्ज के कारण हो रहा  बैक्टीरियल इंफेक्शन ठीक हो जाता है और बवासीर  के मर्ज में बहुत ही आराम मिलता है और बवासीर का मर्ज पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है। 

हल्दी से बवासीर का इलाज

निष्कर्ष 

इस लेख में आज हम आपको यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे आप हल्दी के इस्तेमाल से बवासीर के  मर्ज को ठीक कर सकते हैं। शायद आपको या नहीं मालूम होगा कि हल्दी से बवासीर का इलाज संभव है। हल्दी को कई सारे ऐसे खाद्य पदार्थ और प्राकृतिक औषधियों के साथ मिलाकर लगाने और खाने से आपको बवासीर के मर्ज में बहुत ही ज्यादा आराम मिल सकता हैं।  क्योंकि हल्दी में बहुत सारे ऐसे एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो कि बवासीर के मर्ज में होने वाली सूजन,जलन, दर्द और संक्रमण को खत्म करने का काम करता है।

बवासीर का मर्ज बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी बढ़ने लगता है। जिसमें  बैक्टीरियल इनफेक्शन को खत्म करके  संक्रमण को खत्म करने के लिए हल्दी बहुत ही सहायक भूमिका निभाती हैं। हल्दी को प्राचीन काल से ही बहुत सारे मर्जों  को ठीक करने और  चोट में मलाम के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

क्योंकि इसमें बहुत सारे ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कि चोट  और संक्रमण को खत्म करने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं।  इसीलिए आपको बवासीर के मरीज को ठीक करने के लिए हल्दी के साथ-साथ इस लेख में बताए गए  बहुत से ऐसे  घरेलू उपचार मौजूद हैं जिसको आप इस्तेमाल करके  अपनी बवासीर की समस्या को जड़ से खत्म कर सकते हैं।

प्रश्न और उनके उत्तर 

प्रश्न: क्या सरसों का तेल बवासीर में मदद करता है?

उत्तर-  हां,बिल्कुल सरसों का तेल बवासीर के मर्ज में बहुत ही फायदा करता है। क्योंकि इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण यह बवासीर के मर्ज में  मल के रास्ते में हो रहे सूजन  को कम करने का काम करता है। जिससे कि आपका मल  बहुत ही आसानी से बाहर आ जाता है जिससे कि मल के रास्ते में किसी प्रकार का घाव नहीं होता है  और बवासीर के मस्से सूखने शुरू हो जाते हैं। 

प्रश्न: घर पर बाहरी बवासीर को कैसे दूर करें?

उत्तर- घर पर आप  बाहरी बवासीर को ठीक करने के लिए  आप इस लेख में बताए गए हल्दी और विभिन्न प्रकार के  खाद्य पदार्थों और प्राकृतिक औषधियां  से निर्मित घरेलू उपचारों का उपयोग करके आप अपने वह सिर की समस्या को खत्म कर सकते हैं। 

जैसे:- हल्दी और देसी घी,दूधऔर हल्दी , मूली और हल्दी के साथ काले नमक का सेवन ,पेट्रोलियम जेली और हल्दी का मिश्रण ,हल्दी और एलोवेरा का मिश्रण ,हल्दी और नारियल का तेल ,हल्दी पानी से स्नान ,हल्दी आक का दूध और शिरीष के बीच का लेप ,हल्दी और प्याज ,बकरी का दूध और हल्दी,हल्दी और सरसों का तेल यह सभी घरेलू उपचार बवासीर के मर्ज को घर पर ठीक करने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित  हो सकते हैं।

प्रश्न:बवासीर में नींबू का प्रयोग कैसे करें ?

उत्तर- नींबू में बहुत सारे ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो कि बॉस के  मर्ज को ठीक करने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट  गुण बवासीर के मर्ज में हो रहे दर्द और सूजन को कम करने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। इसे आपको एक गिलास पानी में एक नींबू को  निचोड़ कर उसमें सेंधा नमक मिलाकर सुबह शाम पीना चाहिए जिससे आपको बवासीर के मर्ज में बहुत आराम मिल सकता है। 

प्रश्न:बवासीर में प्याज खा सकते हैं क्या ?

उत्तर- बवासीर के मर्ज में  प्याज को खाया जा सकता है क्योंकि प्याज में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण या बवासीर के मर्ज  को ठीक करने में बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता है।

Author Profile

Anchal Shrivastav
Anchal Shrivastav
आंचल श्रीवास्तव हमारी ACPP.MD टीम में सीनियर सब एडिटर के रूप में कार्य करती है। इन्होंने लेखन का प्रयोग करते हुए काफी लंबे समय तक अमर उजाला जैसे बहु प्रतिष्ठित अखबार में लेख दिए हैं, तथा उनके हजारों लेख अमर उजाला अखबार में छप चुके हैं। इन्होंने अपने स्वास्थ्य संबंधी लेखन के आधार पर विभिन्न सरकारों को स्वास्थ्य सेवा में बदलाव के लिए प्रेरित किया है। आंचल श्रीवास्तव ने पत्रकारिता के क्षेत्र में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करके इन्होंने प्रिंट मीडिया तथा डिजिटल मीडिया के हिंदी लेखन में बहुत बड़ा सहयोग किया है।

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