आधुनिक समय में प्रत्येक व्यक्ति को तनाव तथा विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण सर दर्द जैसी बीमारी आम हो गई है, प्रत्येक व्यक्ति को कभी न कभी सर दर्द की समस्या जरूर होती है। सर दर्द की समस्या आम होने के कारण लोग इसे साधारण सर दर्द समझ लेते हैं, किंतु ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। सर दर्द की समस्या माइग्रेन के कारण भी हो सकती है। migraine मानव शरीर में सर दर्द का बहुत बड़ा कारण बनता है, माइग्रेन एक विशेष प्रकार की बीमारी है, जिसमें सर दर्द, मतली-उल्टी तथा प्रकाश व ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता जिसके कारण व्यक्तियों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। आधुनिक समय में माइग्रेन की समस्या लगभग प्रत्येक व्यक्ति में देखने को मिलती है, इसलिए माइग्रेन की स्थिति खतरनाक होती जा रही है।
Migraine
migraine को ठीक करने के लिए सबसे पहले माइग्रेन के लक्षण तथा उसके कारणों को जानना बहुत ही आवश्यक है, तो आज के इस लेख में हम आपको माइग्रेन के लक्षण और उपाय बताएंगे, जिससे आप migraine की समस्या को ठीक कर सकते हैं। यदि आप माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हूं तो आपको पता होगा कि migraine की समस्या से किस प्रकार का भयानक दर्द होता है। माइग्रेन से होने वाला दर्द हमारे सर में एक तरफ या फिर दोनों तरफ रुक रुक कर होने वाला भयानक दर्द होता है, जो हमारे शरीर में 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक रह सकता है, यह एक अटैक की तरह होने वाला दर्द होता है, जो एकाएक हाय प्रभावित करता है, तथा काफी लंबे समय तक रहता है।
आधुनिक समय में माइग्रेन की जानकारी ना होने के कारण लोग केवल सिर दर्द को ही माइग्रेन समझते हैं, किन्तु माइग्रेन के विभिन्न अन्य लक्षण भी होते हैं, जो माइग्रेन होने का कारण बन सकते हैं। आधुनिक समय में माइग्रेन की समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलते हैं, जिसके कारण लगभग 9% महिलाएं प्रभावित होते हैं।
माइग्रेन रोग क्या है? Migraine Meaning In Hindi
migraine एक ऐसी समस्या है जो एकाएक हमारे शरीर को प्रभावित करती है, तथा इसमें अधिकतर सिर दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। माइग्रेन से होने वाले सिर दर्द अन्य समस्याओं से होने वाले सिर दर्द की अपेक्षा अलग तरह का होता है, इसका एहसास माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को हो सकता है। माइक्रोमैक्स न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो न्यूरोट्रांसमीटर की समस्या के कारण हमारे शरीर में उत्पन्न होती है, जिससे हमारे शरीर में सर दर्द, मितली, उल्टी तथा चक्कर जैसी समस्याएं होती हैं, इसके साथ-साथ हमारे शरीर में झुनझुनाहट तथा अन्य समस्याएं भी दिखाई देती हैं।
माइग्रेन के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं, किंतु इनमें सबसे अधिक प्रभावित लक्षण सर दर्द देखा गया है, जो माइग्रेन से प्रभावित 95% लोगों में देखा गया है। न्यूरोट्रांसमीटर की समस्या के कारण हमारे सर में रक्त संचार बढ़ जाता है, जिसके कारण हमारे सर में सर दर्द जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिसे migraine की समस्या कहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार विश्व के लगभग 14% लोग माइग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत लगभग कुल माइग्रेन पीड़ित व्यक्तियों में से 75% है, अर्थात migraine की समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है।
What is Migraine?
migraineकी समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है, माइग्रेन एक प्रकार का क्लस्टर सिरदर्द है, यदि आप अपने सिर तथा गर्दन क्षेत्र में अचानक दर्द का अनुभव करते हैं, तो यह अक्सर migraine के कारण होता है। माइग्रेन का सर दर्द अधिकतर आधे हिस्से में होता है, इसलिए इसे सामान्य भाषा में “अधकपारी” भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें आधे खोपड़ी में दर्द होता है। कभी-कभी माइग्रेन का दर्द इतना अधिक होता है कि उसके कारण हमारी दैनिक दिनचर्या प्रभावित हो जाती है, क्योंकि इसमें दर्द के साथ-साथ व्यक्ति को आवाज तथा रोशनी चुभने लगती है।
माइग्रेन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तथा माइग्रेन की जानकारी लोगों में पहुंचाने के लिए जून को राष्ट्रीय माइग्रेन अवेयरनेस मंथ (MHAM) के रूप में मनाया जाता है, जिसमें लोगों को migraine के प्रति जागरूक किया जाता है।
माइग्रेन के लक्षण और उपाय
आधुनिक समय में माइग्रेन की समस्या इतनी अधिक बढ़ती जा रही है कि प्रत्येक 18 से 30 साल का युवा इससे प्रभावित दिखाई देता है, यह बीमारी युवाओं में अधिक देखने को मिलती है।
कुछ लोगों को माइग्रेन के वास्तविक लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं होती है, जिससे वह सर दर्द के अलावा अन्य समस्याओं को migraine से जोड़कर नहीं देखते हैं, किंतु आधुनिक समय में माइग्रेन की विभिन्न प्रकार की समस्याएं तथा लक्षण दिखाई देते हैं, जो माइग्रेन का ही कारण होते हैं। आज हम आपको माइग्रेन के लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी देंगे, जिससे कि migraine की समस्या से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को माइग्रेन की सही लक्षणों की जानकारी हो सके, तथा माइग्रेन को ठीक करने के उपाय द्वारा व माइग्रेन की समस्या को ठीक कर सके, जिससे कि व्यक्ति माइग्रेन की समस्या से बच सके तथा होने वाली समस्याओं से ठीक रहे।
माइग्रेन के लक्षण Migraine Symptoms In Hindi
सिर दर्द, उल्टी, मितली तथा हाथ पैरों में झनझनाहट के लक्षण migraine की समस्या के कारण होते हैं। जिन व्यक्तियों में माइग्रेन की समस्या है, उनको केवल सिरदर्द की समस्या के बारे में जानकारी होती है, किंतु उसके अन्य उपरोक्त लक्षण भी होते हैं। एक सर्वे के अनुसार पाया गया कि 2015 अमेरिका में 15% लोग माइग्रेन की समस्या से पीड़ित थे तथा यह संख्या 2018 में बढ़कर 19% हो गई इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है, कि दैनिक रूप से migraine पीड़ित व्यक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसमें अधिकतर महिलाएं प्रभावित होती हैं।
अधिकतर लोगों को माइग्रेन के लक्षणों की जानकारी नहीं है, जिसके कारण वे केवल सिर दर्द को ही माइग्रेन समझते हैं, ऐसे में आज हम आपको माइग्रेन के लक्षणों के बारे में जानकारी देंगे जिससे आप माइग्रेन के सर दर्द के अलावा अन्य लक्षणों की जानकारी पा सकें, और यदि आपको सर दर्द के अलावा अन्य migraine से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है, जिससे आप सही समय पर माइग्रेन का इलाज करा सकते हैं। यह लक्षण निम्नलिखित हैं
- प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना
- थकान
- भोजन की लालसा या भूख की कमी
- मनोदशा में बदलाव
- डिप्रेशन
- कब्ज या दस्त
प्रकाश, आवाज या गंध के प्रति संवेदनशील होना
माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति कुछ विशेष प्रकार की आवाज प्रकाश तथा गंध के प्रति संवेदनशील हो जाता है, इस संवेदनशीलता के कारण यदि व्यक्ति के सामने वह विशेष प्रकार की गंध आवाज या प्रकाश आता है, तो उसको एलर्जी का एहसास होने लगता है, जिसके कारण व्यक्ति को संवेदनशीलता के कारण सर दर्द का अनुभव होने लगता है। जिसे हम migraine के रूप में जानते हैं। यदि किसी व्यक्ति में आवाज प्रकाश या गंध के कारण एलर्जी होती है, जिसके कारण सिरदर्द की समस्या होती है, तो उसे माइग्रेन की समस्या हो सकती है, इसके लिए आपको डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता है, या फिर विभिन्न प्रकार के घरेलू उपाय द्वारा migraine का इलाज किया जा सकता है।
थकान
जिस समय माइग्रेन का अटैक होता है, और हम विभिन्न कारणों से उसको समझ नहीं पाते हैं, किंतु उसके पश्चात हमें बहुत अधिक थकान का अनुभव होता है। अर्थात हम यह कह सकते हैं कि थकान migraine अटैक के बाद की एक स्थिति होती है, जिसके कारण हमारा शरीर बहुत अधिक थका हुआ महसूस करता है, तथा हमें सर को हिलाने पर भी दर्द का अनुभव होता है। थकान के साथ-साथ हमारे शरीर में मांसपेशियों में दर्द का अनुभव होता है।
यदि इस प्रकार के लक्षण प्रतीत होते हैं, तो हमें यह समझना चाहिए, कि हमें माइग्रेन की समस्या हुई है, और इसकी समस्या से बचने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए, जिससे हम migraine की समस्या से बच सकें। थकान के कारण शारीरिक कमजोरी भी हो जाती जिसके कारण सेक्स से सम्बंधित बीमारियाँ जैसे शीघ्रपतन, तथा लिंग में तनाव की कमी हो जाती है।
भोजन की लालसा या भूख की कमी
कभी-कभी हमारे शरीर को भोजन की लालसा बढ़ जाती है, अर्थात हमें खाने की इच्छा में वृद्धि हो जाती है, तथा हमें किसी भी खाद्य पदार्थ को देखकर उसे खाने का मन करता है। ऐसी स्थिति में कभी-कभी हम जरूरत से अधिक खा भी लेते हैं, किंतु कभी-कभी इसके विपरीत लक्षण हमें दिखाई देते हैं, जिसमें हमें बिल्कुल भी भूख नहीं लगती है, और भूख के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। इन समस्याओं के कारण हमें चक्कर जैसा महसूस होने लगता है।
अर्थात अधिक खाने की स्थिति में हमें मितली तथा उल्टी जैसी समस्याएं हो जाती हैं, तथा भूख की कमी के कारण हमारे शरीर में झनझनाहट तथा चक्कर आने लगता है, जो माइग्रेन की समस्या के कारण होता है। यह एक प्रकार का migraine लक्षण होता है, ऐसे लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए, यह आगे चलकर माइग्रेन की समस्या को बढ़ा सकते हैं। भोजन की कमी के कारण हमारे शारीर में कमजोरी हो जाती है जिसके कारण हमारे शारीर में वीर्य के पतले होने की समस्या तथा शरीक शक्ति में कमी हो जाती है।
मनोदशा में बदलाव
कभी-कभी अचानक हमारी मानसिक सोच में बदलाव हो जाता है, जिसके कारण हमें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति अचानक उदास हो जाता है, या फिर उसके अंदर किसी चीज के प्रति अचानक उत्साह देखने को मिलता है। व्यक्ति के शरीर में हुए अचानक इस परिवर्तन को migraine का लक्षण माना जाता है, यदि मानसिक सोच में एकाएक बदलाव आ जाता है, तो इसके कारण मानसिक तनाव होता है, और हमें सर दर्द जैसी समस्याएं होती हैं। इसलिए यदि उपरोक्त में से कोई लक्षण शरीर में दिखाई देता है, तो वह माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
डिप्रेशन
व्यक्तियों के शरीर में अचानक हुई मनोदशा में परिवर्तन तथा मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, जो व्यक्ति अचानक डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं, उनको migraine की समस्या हो सकती है, इसलिए अचानक हुए मानसिक दशा में परिवर्तन तथा डिप्रेशन को अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह एक प्रकार के माइग्रेन का लक्षण हो सकता है, इसलिए उपरोक्त लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, या फिर माइग्रेन से बचने के उपाय अपनाने चाहिए, जिससे migraine की भारी समस्या से बचा जा सकता है।
कब्ज या दस्त
जब हमारे शरीर को अचानक भोजन के प्रति लालसा या घृणा हो जाती है तो हमें कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं होने लगती हैं, जिसके कारण हमारे शरीर में मितली तथा उल्टी की समस्या भी होती है। यदि ऐसे समस्याएं अचानक हमारे शरीर में उत्पन्न होने लगती हैं, तो यह एक विशेष प्रकार के migraine के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए यदि उपरोक्त समस्याएं एका एक हमारे शरीर में उत्पन्न हो जाए तो माइग्रेन से बचने के उपाय करना चाहिए, या फिर अपने डॉक्टर द्वारा सलाह लेकर ही इन बीमारियों का उपचार करना चाहिए। ऐसी बीमारियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आगे चलकर migraine का बहुत बड़ा कारण बन सकती है।
माइग्रेन होने के प्रमुख कारण
आधुनिक समय में 18 से 45 साल के व्यक्ति को migraine की समस्या से बहुत अधिक पीड़ित पाए जाते हैं, प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी उम्र में माइग्रेन की समस्या जरूर होती है। इसलिए माइग्रेन की समस्या से बचने के लिए हमें माइग्रेन के वास्तविक कारणों को जानना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि हम migraine के वास्तविक कारणों को जान लेते हैं, तो हम माइग्रेन से बचने के लिए कुछ ऐसे उपाय अपना सकते हैं, जो माइग्रेन को जड़ से समाप्त कर सकते हैं।
यदि हम migraine के कारणों को नहीं जानते हैं, और माइग्रेन का इलाज ऐसे ही करते हैं तो हम वास्तविक स्थिति तक नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे हमें माइग्रेन को ठीक करने में लंबा समय लग जाता है। इसलिए माइग्रेन की समस्या को जल्द और जड़ से समाप्त करने के लिए उसके कारणों को जानना बहुत ही आवश्यक होता है। migraine होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं
- नर्वेस कोम्युनिकेशन
- रसायनों का संतुलन
- रक्त वाहिकाएं
- तेज प्रकाश
- अत्यधिक गर्मी
- महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति
- अत्यधिक तनाव
- तीव्र आवाज
- पर्याप्त मात्रा में नींद ना लेना
- खाने में परिवर्तन
- शराब तथा सिगरेट का सेवन
- लंबी दूरी का सफर
- विशेष प्रकार की गंध से एलर्जी
- कुछ दवाओं का सेवन
माइग्रेन से बचने के उपाय तथा इलाज
माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जो आपको अचानक परेशान कर सकते हैं इसलिए जिस समय माइग्रेन की समस्या हो हो उस समय सबसे पहले माइग्रेन के होने का कारण जानने की कोशिश करें यदि आप को migraine के होने के वास्तविक कारण का पता लग जाता है, तो आप उस स्थिति से आसानी से निकल सकते हैं।
यदि आपको कारण पता चल जाता है, तो आप उस कारण से बच सकते हैं, तथा उसे दूर जा सकते हैं, क्योंकि migraine की जानकारी ही बचाव का इलाज है, इसलिए माइग्रेन से बचने के लिए माइग्रेन के कारणों से बचना चाहिए तथा नीचे बताए गए विभिन्न प्रकार के उपायों द्वारा migraine की समस्या को ठीक किया जा सकता है। माइग्रेन को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपाय हैं
माइग्रेन से बचने के घरेलू उपाय
यदि आपको migraine की समस्या होती है और आपने माइग्रेन होने के कारणों को स्पष्ट कर लिया है, तो आप बड़ी आसानी से माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। माइग्रेन होने के कारण को जाने के पश्चात उस कारण से दूर जा सकते हैं या फिर इस कारण का कोई उपाय ढूंढ सकते हैं, जिससे चयनित कारण आपको किसी प्रकार की समस्या ना उत्पन्न करें जिससे आप माइग्रेन जैसी समस्या से बचे रह सकते हैं। आप निम्नलिखित उपाय अपनाकर migraine को अपने शरीर से दूर रख सकते हैं, तथा होने वाले विभिन्न प्रकार के समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
- तीव्र प्रकाश से बचें
- रिलैक्स रहें
- पर्याप्त भोजन ले
- पर्याप्त नींद लें
- खुद को हाइड्रेट रखें
तीव्र प्रकाश से बचें
यदि आपको या आपकी आंखों को प्रकाश की तीव्रता से किसी प्रकार की एलर्जी है, तो आपको तीव्र प्रकाश से दूर रहना चाहिए कभी-कभी हमारी आंखों को तीव्र प्रकाश यदि हमारी आंखों को किसी प्रकार के प्रकाश से एलर्जी होती है, तो हमें उस प्रकार के प्रकाश में विभिन्न प्रकार की रेखाएं तथा बिंदु दिखाई देने लगते हैं, तथा वह हमारी आंखों को चुभने लगता है, जिसके कारण हमें सिर दर्द जैसी समस्या होने लगती है। ऐसी समस्या से बचने के लिए तीव्र प्रकाश से डायरेक्ट संपर्क में नहीं आना चाहिए तथा तीव्र प्रकाश से बचने के लिए चश्मे का प्रयोग करना चाहिए, जिससे प्रकाश द्वारा होने वाला प्रभाव हमारी आंखों पर सीधे नहीं पड़ता है, और हमें माइग्रेन की समस्या नहीं होती है।
रिलैक्स रहें
प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरा रहता है, किंतु वह सभी समस्याओं का धीरे-धीरे निपटारा करता रहता है, और उसका जीवन चलता रहता है। किंतु कुछ व्यक्तियों को अपने जीवन में होने वाली समस्या से घबराहट होने लगती है, जिसके कारण वह विभिन्न प्रकार के मानसिक तनाव के कारण का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनके मस्तिष्क में अत्यधिक प्रेशर पड़ता है, और उनको सर दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए तनाव से होने वाले सिर दर्द को दूर रखने के लिए हमेशा रिलैक्स रहें और धैर्य पूर्वक जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करें, इससे आपको तनाव से होने वाले माइग्रेन से राहत मिलती है।
पर्याप्त भोजन ले
कभी-कभी हमारा शरीर जब किसी विशेष प्रकार के भोजन की लालसा करने लगता है, तो हम बहुत अधिक मात्रा में भोजन ग्रहण कर लेते हैं, जिसके कारण हमें मितली तथा उल्टी की समस्या हो जाती है, तथा इसी के विपरीत कभी-कभी हमें किसी भी प्रकार का भोजन अच्छा नहीं लगता है, जिसके कारण हम पर्याप्त रूप से भोजन नहीं लेते हैं जिसके चलते हमारे शरीर में कमजोरी होती है। इन दोनों स्थितियों में ही शरीर को नुकसान होता है, तथा हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होने लगते हैं, जिसके कारण हमें सर दर्द जैसी समस्या होती है, जो कि हमारे शरीर में माइग्रेन का कारण हो सकती है। इसलिए ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हमें सामान्य रूप से आवश्यक भोजन ही करना चाहिए भोजन को कम या अधिक रूप में नहीं लेना चाहिए।
पर्याप्त नींद लें
हमारे शरीर को आराम पहुंचाने का नींद एक प्रमुख उपाय है, जब हम सोते हैं तो हमारा शरीर पूर्ण रूप से आराम करता है, जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार के प्रतिरक्षा तंत्र का निर्माण होता है, और हम प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बने रहते हैं। किंतु यदि हम पर्याप्त रूप से नींद नहीं लेते हैं, तो हमारा शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है, तथा हमारे मस्तिष्क में विभिन्न प्रकार के तनाव होने लगते हैं, जिसके कारण हमें सर दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।
यह सर दर्द migraine के कारण हो सकता है, माइग्रेन के कारण होने वाले सर दर्द से बचने के लिए हमें दैनिक रूप से पर्याप्त रूप से नींद लेने की आवश्यकता होती है, पर्याप्त रूप से नींद लेने के कारण माइग्रेन की समस्या से होने वाले सर दर्द से राहत पाई जा सकती है।
खुद को हाइड्रेट रखें
शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत ही आवश्यक होता है इन हमारा शरीर हाईटेक नहीं होता है, तो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के बीमारियां हो जाती हैं हमारा शरीर हाइड्रेट ना होने के कारण हमारा वक्त गंदा हो जाता है जिसे प्यूरिफाई करने के लिए हमें हाइड्रेट रहना बहुत ही आवश्यक होता है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिसमें पानी तथा फलों के जूस को अधिक मात्रा में शामिल करना चाहिए। बॉडी के हाइड्रेट रहने के कारण हमारे शरीर में किसी प्रकार के रक्तचाप की समस्या नहीं होती है, रक्तचाप की समस्या ना होने के कारण हमें रक्तचाप के कारण होने वाले माइग्रेन के लक्षणों से छुटकारा मिलता है, जिससे हमें किसी प्रकार के सर दर्द की समस्या नहीं होती हैं, तरल पदार्थ के रूप में अल्कोहल तथा शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
माइग्रेन से बचने के लिए दवाइयां
उपरोक्त बताया गया है तरीके अपनाने के पश्चात भी यदि आपके शरीर से माइग्रेन द्वारा होने वाले सर दर्द से छुटकारा नहीं मिल रहा है, तो आपको migraine से छुटकारा पाने के लिए कुछ दवाइयों का सहारा लेना पड़ता है। यह दवाइयां माइग्रेन से होने वाले सर दर्द से छुटकारा दिलाती हैं, साथ ही साथ माइग्रेन के कारणों को भी समाप्त करती हैं। migraine का कारण समाप्त हो जाने के कारण धीरे-धीरे माइग्रेन की समस्या समाप्त हो जाती है, इसलिए माइग्रेन से बचने के लिए निम्नलिखित दवाओं का सेवन करना चाहिए। इन दवाओं का सेवन करने से पहले डॉक्टर द्वारा परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए, जिससे कि इन दवाइयों का आपके शरीर पर कोई साइड इफेक्ट ना हो और आप सुरक्षित तरीके से migraine की समस्या को समाप्त कर सकते हैं।
- ओटीसी दर्द निवारक दवाइयां
- एंटीडिप्रेसन्ट
- रक्तचाप की दवाएं
- कैल्सीटोनिन जीन से संबंधित पेप्टाइड एजेंट
ओटीसी दर्द निवारक दवाइयां
माइग्रेन के अटैक को कम करने के लिए ओटीसी दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें हम ओवर द काउंटर मेडिसिन के नाम से जानते हैं। यह दवाइयां migraine से होने वाले सर दर्द को दूर करती हैं, तथा माइग्रेन से होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाती हैं। यह दवाइयां माइग्रेन के प्राथमिक उपचार में प्रयोग की जाती हैं, जिससे migraine से होने वाले दर्द कम हो जाता है उसके पश्चात आपको डॉक्टर द्वारा परामर्श लेने की आवश्यकता होती है, तथा डॉक्टर आपके माइग्रेन होने के कारणों को स्पष्ट करने के पश्चात उसके अनुसार दवाइयां बताते हैं, तथा उनके बताए दवाइयों का सेवन करके आप migraine की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। माइग्रेन के प्रथम उपचार के लिए निम्नलिखित दवाइयां प्रयोग की जा सकती हैं
जैस- एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन, या एस्पिरिन।
एंटीडिप्रेसन्ट
जिन व्यक्तियों को किसी विशेष प्रकार के मानसिक तनाव के कारण माइग्रेन की स्थिति होती है, जिसके कारण उनको सर दर्द तथा अन्य समस्याएं होती हैं, उनको डॉक्टर द्वारा उनकी स्थिति के अनुसार एंटीडिप्रेसेंट की दवाइयां दी जाती हैं, जिसके कारण उनका मानसिक तनाव कम होता है, और होने वाली माइग्रेन की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।
ऐसे व्यक्तियों को मानसिक तनाव से दूर रहने की सलाह दी जाती है, इन दवाइयों का सेवन डॉक्टर के परामर्श के अनुसार नहीं करना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर आपके डिप्रेशन की स्थिति के अनुसार दवाइयों की खुराक तथा मात्र का निर्धारण करते हैं, जिससे आपको किसी प्रकार की अन्य समस्या का सामना न करना पड़े। एंटीडिप्रेसेंट के रूप में निम्नलिखित दवाइयां प्रयोग की जा सकती हैं
जैसे- एरेनुमाब (एमोविग), फ्रीमैनेजुमाब (एजोवी), और गैलकेनेज़ुमैब (एमगैलिटी)।
रक्तचाप की दवाएं
हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के कारणों से जब रक्तचाप बढ़ जाता है, तो सर दर्द की समस्या होने लगती है। रक्तचाप बढ़ने के कारण होने वाले सर दर्द को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं का सहारा लिया जाता है। यह दवाएं शरीर में होने वाले अत्यधिक रक्तचाप को सामान्य कर देती हैं, जिससे माइग्रेन की समस्या दूर हो जाती है। रक्तचाप के कारण होने वाले माइग्रेन की समस्या से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह द्वारा विभिन्न प्रकार की दवाओं का सेवन किया जा सकता है, जो migraine की समस्या से राहत दिला सकती हैं।
यह दवाइयां हमारे शरीर में रक्त की स्थिति को सामान्य बनाते हैं, जिससे माइग्रेन की समस्या समाप्त हो जाती है। रक्तचाप को सामान्य करने के लिए जैसे- बीटा ब्लॉकर्स, प्रोपेनोलोल दवाएं ली जा सकती हैं।
कैल्सीटोनिन जीन से संबंधित पेप्टाइड एजेंट
विभिन्न लोगों में migraine की समस्या जेनेटिक होती है जिसमें माइग्रेन के लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होते रहते है। ऐसी स्थिति में पेप्टाइड एजेंट द्वारा इस समस्या को ठीक किया जा सकता है, जिससे migraine के लक्षणों को प्रभावित होने से रोका जा सकता है, जिससे माइग्रेन की समस्या नहीं होती है और सर दर्द जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
माइग्रेन से बचाव तथा सावधानियां
माइग्रेन की समस्या से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है, कि उसके कारणों से दूर रहें migraine के जो भी कारण आपके लिए उत्तरदाई होते हैं, उन से दूर रहना चाहिए तथा सावधानीपूर्वक अपने जीवन का निर्वाह करते हुए माइग्रेन जैसी खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है। इसलिए migraine से सुरक्षित रहने के लिए निम्नलिखित बचाव किए जा सकते हैं
- माइग्रेन के कारणों को जाने तथा उनसे दूर रहें।
- हमेशा हाइड्रेट रहे दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीने की कोशिश करें।
- कभी भी जरूरत से कम यह जरूरत से अधिक भोजन ना करें।
- किसी प्रकार का मानसिक तनाव ना लें तथा तनाव की स्थितियों से दूर रहे।
- पर्याप्त रूप से नींद ले तथा शरीर को आराम दें।
- सिगरेट तथा शराब का सेवन ना करें।
- प्रतिदिन योगासन तथा व्यायाम करने की कोशिश करें।
- किसी भी प्रकार के सर दर्द को अनदेखा ना करें सर दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- किसी भी प्रकार के तीव्र प्रकाश, शोरगुल वाले वातावरण तथा असमान गंध वाले स्थान से दूर रहें।
- लंबी दूरी का सफर एक साथ ना करें सफर के बीच में आराम ले।
- दवाओं का सेवन सही समय पर करें।
- मौसम परिवर्तन के समय अपने आपको मौसम के अनुकूल रखने की कोशिश करें।
- सिर को ठंडा रखें।
- आंखों में अधिक दबाव न डालें।
- माइग्रेन का टाइप होने पर एक अंधेरे कमरे में शांति पूर्वक आराम करें।
Migraine की जांच
यदि आपको बार-बार सिर दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं, तथा आपको सिर दर्द के निश्चित कारणों का पता नहीं लग पा रहा है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है। डॉक्टर आपको migraine की समस्या से बचने के लिए दवाइयों से पहले माइग्रेन से संबंधित कुछ जांच कराने के लिए कहते हैं। यदि इन जांचों माइग्रेन की स्थिति पाई जाती है, तो डॉक्टर आपको माइग्रेन से संबंधित इलाज के लिए कहते हैं, तथा उससे संबंधित दवाइयां लेने का परामर्श देते हैं। migraine की जांच निम्नलिखित तरीके से की जा सकती है
- रक्त परीक्षण।
- एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षण।
- इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी)।
निष्कर्ष
आधुनिक समय में व्यस्त दिनचर्या तथा वातावरण की दशाओं के कारण migraine की समस्या लगभग प्रत्येक व्यक्ति में देखने को मिलती हैं, जो बहुत सारे व्यक्तियों में सर दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनी हुई है, जिसके कारण प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी प्रभावित हुई है। माइग्रेन की समस्या के कारण व्यक्ति को अन्य विभिन्न प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इसलिए आधुनिक समय में migraine की समस्या बहुत जटिल होती जा रही है, आधुनिक जीवन शैली में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के तनाव से ग्रसित होता है, वह तनाव चाहे घर पर हो या ऑफिस का वह हमारे मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है, जिसके कारण माइग्रेन की समस्या होती है। इसलिए उपरोक्त लेख में आज हमने migraine के लक्षण और उपाय की जानकारी दी है जिसके द्वारा आप माइग्रेन को प्राथमिक स्तर पर रूम सकते हैं, तथा उसके पश्चात डॉक्टर से संपर्क करके डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं तथा अन्य विधियों द्वारा माइग्रेन पर रोक लगा सकते।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
माइग्रेन क्या बीमारी होती है?
migraine या सामान्य भाषा में जाना जाने वाला अधकपारी का दर्द एक बहुत जटिल बीमारी है, जिसमें हमारे खोपड़ी के आधे स्तरीय पूरे हिस्से में दर्द का अनुभव होता है। जिसके कारण हमें विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, यह प्रारंभिक स्थिति में व्यक्ति को 2 से 72 घंटे तक प्रभावित करता है, जिसके कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव जैसी स्थितियां उत्पन्न हो जाती है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है, जो न्यूरोट्रांसमीटर की अनियमितता के कारण होती है, जिसमें रक्त संचार बढने के कारण सर दर्द जैसे समस्या होने लगती हैं।
माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है?
यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें न्यूरोट्रांसमीटर के कारण सर दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। सामान्य माइग्रेन में सर दर्द तथा आंखों में चुभन जैसी होती है, तथा कुछ व्यक्तियों को मितली के साथ-साथ उल्टी जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। किंतु migraine की समस्या बढ़ने पर खोपड़ी में ब्लॉकिंग तथा ब्रेन हैम्जिग जैसी समस्याएं हो जाती हैं, जो हमारे शरीर के लिए जानलेवा भी हो सकती है।
माइग्रेन (Migraine) का पता कैसे चलता है?
एक सामान लक्षणों से प्रारंभ होने वाली एक बीमारी होती है, जिसमें प्रारंभिक लक्षण सर दर्द जैसी समस्या होती है। सर दर्द के साथ-साथ मितली तथा उल्टी आना थकान महसूस होना तथा शरीर में झनझनाहट उत्पन्न होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करते रहते हैं, जिसके कारण migraine की समस्या बढ़ती जाती है। माइग्रेन का वास्तविक रूप में पता लगाने के लिए डॉक्टरों द्वारा migraine के लिए जांच कराई जाती है, जिससे माइग्रेन के कारण तथा लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं।
Migraine का सही इलाज क्या है?
इसका सही इलाज migraine के कारणों से बचाव है, यदि आप माइग्रेन होने के कारणों को सही अध्ययन करके उनसे दूर रहते हैं, तो माइग्रेन होने की संभावनाएं 95% कम हो जाती हैं। migraine का इलाज करने के लिए उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार के उपाय बताए गए हैं, जिनके द्वारा माइग्रेन की समस्या से बचा जा सकता है। किंतु माइग्रेन की समस्या अधिक होने पर डॉक्टर की सलाह तथा परामर्श लें जिससे डॉक्टर द्वारा बताए गए उपायों को अपनाया जा सके और migraine समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।
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