पीसीओएस/पीसीओडी का घरेलू उपचार से पाएं पीरियड के दर्द से राहत

आज के समय में दस में से तीसरी महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) की समस्या का सामना कर रही हैं। आधुनिक समय में पीसीओडी की समस्या के कारण बहुत सारी महिलाएं परेशान हैं, किंतु उनको पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज का कोई इलाज नहीं मिल रहा है। आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति तथा महिला की दैनिक जीवन की दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई है, कि कोई भी व्यक्ति अपने शरीर के लिए समय नहीं निकाल पाता है, क्योंकि वह घर तथा ऑफिस के कार्यों में बहुत अधिक व्यस्त रहता है, जिसके कारण उसे अपने शरीर को सुरक्षित रखने तथा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी खानपान व खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं कर पाता है, जिसके कारण महिला तथा पुरुषों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो रही हैं, जिनमें से महिलाओं को होने वाली पीसीओडी एक गंभीर बीमारी है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर तीसरी महिला पीसीओडी की समस्या से परेशान है, इस समस्या के कारण महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं जिनका मुख्य कारण यह बीमारी होती है। आज हम आपको pcod kya hota h तथा पीसीओडी का घरेलू उपचार के बारे में जानकारी देंगे, जिससे आप इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं। 

पीसीओडी क्या है (PCOD Kya Hota H)

पीसीओडी क्या है

शरीर को पर्याप्त आराम तथा पोषण ना मिलने के कारण शरीर में थकान अनिद्रा तनाव आदि समस्याएं होती हैं, जिनके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं, इन्हीं सभी बीमारियों में प्लास्टिक ओरियन डिसऑर्डर (PCOD) भी एक बीमारी है जिसे हम प्लास्टिक ओरियन सिंड्रोम के नाम से जानते हैं, यह महिलाओं को होने वाला एक डिसऑर्डर होता है, जो महिलाओं के रीप्रोडक्टिव सिस्टम को हानि पहुंचाता है जिसके कारण महिलाओं में पीरियड से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, तथा महिलाएं पीसीओडी में प्रेगनेंसी धारण करने में असमर्थ होती हैं, तथा पीरियड के समय महिलाओं के पेट में दर्द की समस्या बहुत अधिक होती है। 

यह एक ऐसी समस्या है, जहां पर महिलाओं के अंडाशय में छोटे सिस्ट विकसित होते हैं, जिसके कारण महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होता है, अंडाशय पर कई सिस्ट अत्यधिक हार्मोन उत्पादन विशेष रूप से एंड्रोजन का कारण बनते हैं, एंड्रोजन एक मेल हारमोंस होता है, जिसके कारण महिलाओं का रीप्रोडक्टिव सिस्टम बाधित होता है, तथा मासिक धर्म में परिवर्तन होता है, इससे महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार के अन्य परिवर्तन भी होते हैं, और महिलाओं में पुरुषों के शरीर के लक्षण दिखाई देते हैं।

पीसीओडी के प्रकार (Types of PCOD)

महिलाओं में होने वाली इस समस्या को उसके कारणों के हिसाब से बांटा जा सकता है, महिलाओं में होने वाली पीसीओडी की समस्या को मुख्य रूप से तीन कारणों से उत्पन्न होते हुए पाया गया है, जिसके कारण इसको हम तीन भागों में विभाजित करते हैं। अतः यह समस्या तीन प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है

  • इंसुलिन रेजिस्टेंट पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Insulin Resistant PCOS)
  • इम्यून से संबंधित पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Immune related PCOS)
  • गर्भ निरोधक दवाइयों के कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Due to oral contraceptive pills)

इंसुलिन रेजिस्टेंट पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Insulin Resistant PCOS)

शरीर में अत्यधिक इंसुलिन प्रतिरोधक लेने के कारण हमारा शरीर इंसुलिन के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी हो जाता है, जिसके कारण हमारे शरीर में शुगर बढ़ने लगता है। शुगर बढ़ने के कारण महिलाओं के शरीर में ओल्यूशन सिस्टम बाधित होता है, और अंडाशय में टेस्टोस्टेरोन बनने लगता है, जिसके कारण अंडाशय में हार्मोन असंतुलन हो जाता है। यह अत्यधिक इंसुलिन प्रतिरोधक तथा विषाक्त व वसायुक्त अत्यधिक भोज पदार्थों के ग्रहण करने के कारण होता है। अर्थात शरीर में इंसुलिन अनियमितता के कारण इन्सुलिन रेजिस्टेंट पालिस्टिक ओरिएंन सिंड्रोम हो जाता है।

इम्यून से संबंधित (पीसीओएस) पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (Immune elated PCOS)

जब हमारा शरीर लंबे समय तक इम्यूनिटी सिस्टम से बाधित रहता है, अर्थात जब लंबे समय तक हमारा शरीर की इम्युनिटी कमजोर रहती है, जिसके कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, शरीर से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण हमारे शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम तथा हार्मोन असंतुलन हो जाता है, जिसके कारण इम्यूनिटी प्लास्टिक ओरियन सिंड्रोम हो जाता है, और महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार की पीरियड से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं, तथा उनका प्रोडक्शन सिस्टम खराब हो जाता है।

गर्भ निरोधक दवाइयों के कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम पीसीओएस (Due to oral contraceptive pills PCOS)

कुछ महिलाएं लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग करते रहती हैं, जिसके कारण शरीर में गर्भनिरोधक हारमोंस तथा अन्य परिवर्तन हो जाते हैं, जिसके कारण महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता समाप्त हो जाती हैं, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होने के कारण पालिसिस्टिक ओरियन सिंड्रोम की समस्या हो जाती है, इसलिए महिलाओं को लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।

पीसीओडी के लक्षण PCOD Ke Lakshan ( Problem Symptoms)

पीसीओडी के लक्षण

यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार के शारीरिक परिवर्तन कर देती है, जिसके कारण महिलाओं को विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। सामान्य तौर पर यह बीमारी जानलेवा नहीं है, किंतु इसके लक्षण तथा इसके प्रभाव से विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियां तथा बीमारियों जैसे समस्याएं होती हैं। पीसीओडी की समस्या के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण महिलाओं की आंतरिक शारीरिक संरचना पर प्रभाव पड़ता है तथा विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं होती हैं, जब महिलाओं के शरीर में हार्मोन परिवर्तन होता है, तो हार्मोन के प्रभाव से विभिन्न प्रकार के शारीरिक लक्षण दिखाई देते हैं, यह शारीरिक लक्षण को पीसीओडी के लक्षण कह सकते हैं। जो निम्नलिखित हैं

  • शरीर पर अत्यधिक बालों का बढ़ना।
  • चेहरे में मुंहासों का निकलना।
  • शरीर का वजन बढ़ना।
  • पीरियड्स का अनियमित हो जाना। 
  • त्वचा का ऑयली हो जाना।
  • सर के बालों का अत्यधिक झड़ना।
  • थकान का महसूस करना।
  • बालों का पतला तथा कमजोर हो जाना।
  • बांझपन की समस्या होना।
  • गर्भधारण करने में समस्या होना।
  • नींद ना आना।
  • पीसीओडी में प्रेगनेंसी की समस्या। 
  • मूड का बदलते रहना।
  • सर दर्द की समस्या होना।
  • शरीर के वजन का बढ़ जाना।
  • हार्मोनल परिवर्तन तेजी से गाना।

 महिलाओं के शरीर में उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह लक्षण पीसीओडी की समस्या के कारण हो सकते हैं। यद्यपि उपरोक्त बताए गए लक्षण अन्य कारणों की वजह से ही हो सकते हैं, किंतु इनकी एक वजह प्लास्टिक ओरियन सिंड्रोम भी हो सकता है, लक्षणों को शरीर में दिखाई देते हैं, आपको इसके होने के कारण की जानकारी जरूर करनी चाहिए जिससे आप विभिन्न प्रकार के अन्य शारीरिक समस्याओं से बच सकते हैं।

पीसीओएस/पीसीओडी के कारण (Reason Of PCOD / PCOS)

पीसीओडी के कारण

आधुनिक समय में व्यक्तियों के शरीर में होने वाली किसी भी बीमारी का एक लक्षण नहीं होता है, तथा यह एक कारण से उत्पन्न नहीं होती है, इसलिए एक ही बीमारी होने के अनेक कारण हो सकते हैं, जिस तरह अन्य बीमारियों के अनेक कारण होते हैं, उसी तरह पीसीओडी के कारण अनेक हैं, जिनके द्वारा महिलाओं में यह समस्या होती है। इस समस्या के कारण महिलाओं में विभिन्न प्रकार के रोग भी हो जाते हैं, किंतु मुख्य रोग बांझपन होता है, जिसके कारण महिलाएं गर्भवती होने में असमर्थ होती हैं। आज हम आपको इस रोग के कुछ कारण बताएंगे जिससे आप पीसीओडी रोग होने के कारणों को जान सकें, और उन कारणों को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन की दिनचर्या को परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे पीसीओडी को कंट्रोल किया जा सकता है, तथा इससे होने वाले गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं

  • खराब दैनिक दिनचर्या।
  • असंतुलित तथा प्रदूषित भोजन।
  • खाद्य पदार्थों में वसा तथा कार्बोहाइड्रेट्स की अधिक मात्रा।
  • दैनिक रूप से व्यायाम न करना।
  • परिवारिक अनुवांशिक लक्षण।
  • शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होने के कारण।
  • शरीर का वजन बढ़ने के कारण।

जैसा कि उपरोक्त बताया गया है, कि आधुनिक समय में किसी भी व्यक्ति या महिला के पास इतना समय नहीं है, कि वह अपने शरीर का ध्यान रख सके जिसके कारण व्यक्तियों में विभिन्न प्रकार के रोग हो रहे हैं, आधुनिक समय में व्यक्ति के पास स्वस्थ भोजन पकाने का समय नहीं है, जिसके कारण वह बाजार से अधिक वसा तथा मिलावट युक्त भोजन ग्रहण करता है, और अपने शरीर को बीमार बना रहा है। साथ ही साथ शारीरिक तथा मानसिक रूप से अत्यधिक मेहनत करना और पर्याप्त पोषक तत्वों को ना ग्रहण करना तथा दैनिक रूप से व्यायाम न करना ही विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण हो सकता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए शरीर की देखभाल तथा शरीर के लिए स्वस्थ तथा पोषण युक्त भोजन व व्यायाम बहुत ही आवश्यक है।

पीसीओडी की दवा तथा इलाज (PCOD medicine and treatment)

पीसीओडी की दवा तथा इलाज

महिलाओं में होने वाली पीसीओडी की समस्या बहुत ही गंभीर तथा घातक होती है, इसके कारण महिलाओं में बांझपन की समस्या हो जाती है, जिसके कारण महिलाएं पूरे जीवन बच्चा पैदा करने तथा गर्भवती होने में असमर्थ हो जाती हैं। महिलाओं के शरीर में गर्भधारण से संबंधित हार्मोन परिवर्तन हो जाता है, जिसके कारण महिलाओं में पीरियड आना बंद हो जाते हैं, तथा पीरियड आते भी हैं, तो उस समय दर्द का अनुभव होता है तथा पीरियड्स में निकलने वाले अंडे स्वस्थ नहीं होते हैं, जिसके कारण महिलाएं गर्भधारण करने में असमर्थ रहते हैं। इसलिए पीसीओडी का इलाज करवाना बहुत ही जरूरी हो जाता है, इसके कारण शरीर में अन्य समस्याएं भी होती हैं, जिसके कारण महिलाएं बहुत अधिक परेशान रहती हैं। महिलाओं की परेशानी को दूर करने के लिए आज हम आपको पीसीओडी के इलाज के संबंध में कुछ जानकारी देंगे जो निम्नलिखित है।

  • पीसीओडी का होम्योपैथिक इलाज।
  • पीसीओडी का आयुर्वेदिक दवा।
  • पीसीओडी का घरेलू उपचार।
  • पीसीओडी का व्यायाम द्वारा इलाज।

पीसीओडी का होम्योपैथिक इलाज

महिलाओं में होने वाले इस समस्या को ठीक करने के लिए हमें होम्योपैथिक दवाइयों का सहारा लेना चाहिए, क्योंकि इन दवाइयों से हमें किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है, और यह दवाइयां लंबे समय तक असरकारक रहती हैं। आधुनिक समय में होम्योपैथ द्वारा विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है, जो पूर्ण रूप से सुरक्षित है, तथा होम्योपैथ द्वारा इलाज करने से शरीर में अन्य किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है। इसलिए बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार की होम्योपैथिक दवाइयों द्वारा पीसीओडी का इलाज किया जा सकता है। पीसीओडी के इलाज के लिए निम्नलिखित दवाइयां बहुत ही कारगर साबित हुई हैं, इनका प्रयोग करते हुए महिलाओं में होने वाले इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।

  • Aadhar Good Period
  • Nicholas Nutraceuticals Myohope
  • Trexgenics FENUCYST
  • Trexgen-OVAHOPE
  • Gynoveda PCOD

Aadhar Good Period

Aadhar Good Period

Aadhar Good Period पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक कैप्सूल है, जो महिलाओं में हारमोंस को संतुलित करता है, जिसके कारण पीरियड संतुलित रहते हैं। महिलाओं के शरीर में पीरियड्स के समय होने वाले दर्द होता तथा पीरियड्स के असंतुलन के कारण होने वाले शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए Aadhar Good Period कैप्सूल का प्रयोग किया जाता है, जो महिलाओं के शरीर में होने वाली पीसीओडी की समस्या के कारण हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करता है, तथा पीसीओडी की सभी समस्याओं को दूर करता है। यह महिलाओं के शरीर में प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर की तरह कार्य करता है, जिससे महिलाओं के मूड स्विमिंग की समस्या समाप्त हो जाती है, तथा पीरियड में होने वाले दर्द में राहत देता है। जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या के कारण विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं होती हैं, उनको Aadhar Good Period कैप्सूल का प्रयोग करना चाहिए।

Nicholas Nutraceuticals Myohope

Nicholas Nutraceuticals Myohope

महिलाओं में होने वाली पीसीओडी तथा पीसीओएस की समस्या के लिए Nicholas Nutraceuticals Myohope बहुत अधिक उपयोगी साबित हुआ है। इसका पता विभिन्न प्रकार के अध्ययन तथा सर्वे के अनुसार किया गया है। Nicholas Nutraceuticals Myohope में सुपर एंटीऑक्सिडेंट एल-मेथिलफोलेट, फोलिक एसिड के सक्रिय रूप से अतिरिक्त लाभ हैं, जो महिलाओं की पीरियड से संबंधित विभिन्न प्रकार के समस्याओं को ठीक करते हैं, जिससे महिलाओं में होने वाले पीसीओडी की समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है इसमें उपस्थित एंटी ऑक्सीडेंट तथा एंटीएंड्रोजन पदार्थ शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे महिलाओं के शरीर में बढ़ने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन संतुलित रहता है, और महिलाओं में पीसीओडी की समस्या नहीं होती है

Trexgenics FENUCYST

Trexgenics FENUCYST

Trexgenics FENUCYST द्वारा महिलाओं में होने वाली हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओडी की समस्या को ठीक किया जाता है। इस समस्या के कारण महिलाओं में पुरुष हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण महिलाओ के शरीर में विभिन्न प्रकार के शारीरिक परिवर्तन होते हैं, तथा कुछ समस्याएं भी हो जाती हैं FenuCyst उच्च शर्करा के स्तर, इंसुलिन प्रतिरोध, एंड्रोजन स्तर, हिर्सुटिज़्म, तनाव को कम करता है, और मूड में सुधार, मासिक धर्म की नियमितता को ठीक करता है, ओव्यूलेशन दर और अंडे की गुणवत्ता में सुधार करता है, पीसीओएस रोगसूचक मार्करों में कमी का समर्थन करता है। Trexgenics FENUCYST का दैनिक प्रयोग करने से हार्मोन असंतुलन तथा मासिक धर्म में अनियमितता की समस्या समाप्त हो जाती है, जिससे महिलाओं को होने वाली पीसीओडी की अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है जिन महिलाओं को यह समस्या होती है उनको दैनिक रूप से Trexgenics FENUCYST का प्रयोग करना चाहिए

Trexgen-OVAHOPE

Trexgen-OVAHOPE

Trexgen-OVAHOPE का प्रयोग करने से महिलाओं में होने वॉल्यूम पीसीओडी तथा पीसीओएस के समस्या को ठीक किया जा सकता है। Ovahope वैज्ञानिक रूप से PCOD / PCOS और PMS-PMDD के प्रभावी प्रबंधन के लिए नैदानिक रूप से सिद्ध प्राकृतिक घटक के साथ तैयार किया गया है, जो आज की महिलाओं में अत्यधिक प्रचलित है, और इसका प्रयोग महिलाओं द्वारा महिलाओं में होने वाली पीसीओडी की समस्या को ठीक करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में किया जा रहा है। Trexgen-OVAHOPE मैं उपस्थित तत्व पीसीओएस के लिए डॉक्टर ने सुरक्षित थेरेपी को पसंद किया जो ओव्यूलेशन दर, इंसुलिन संवेदीकरण और एंटी ऑक्सीडेंट गतिविधि को बढ़ाने में मदद करता है। Trexgen-OVAHOPE महिलाओं के शरीर में होने वाला अधिक वजन, बालों के झड़ने की समस्या तथा प्रेगनेंसी कंसीव करने में मदद करता है, जिसके कारण महिलाओं में होने वाली पीसीओडी जैसी समस्या समाप्त हो जाती है।

Gynoveda PCOD

Gynoveda PCOD

Gynoveda PCOD का निर्माण आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों द्वारा किया गया है, जो शरीर के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित तथा असरदार से होती है Gynoveda PCOD में 40 प्रकार की जड़ी बूटियां प्रयोग की गई है- जिसमें कंचनर गुग्गुलु प्राकृतिक रूप से अल्सर को भंग करने में मदद करता है। शतावरी अवधि चक्र, प्रवाह को विनियमित करने में मदद करती है। मंजिष्ठ रक्त को शुद्ध करता है, त्वचा को साफ करता है। मेथी, नीम, करेला इंसुलिन सहिष्णुता में सुधार करने में मदद करता है, वजन के प्रबंधन में मदद करता है।

डैशमूल आजीवन परिणाम देने के लिए हार्मोन को संतुलित करता है और एप्पल साइडर सिरका आदि प्रकार की घरेलू दवा आयुर्वेदिक पदार्थों का मिश्रण किया गया है जिनके द्वारा महिलाओं में होने वाले पीसीओडी की समस्याओं को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है Gynoveda PCOD महिलाओं में होने वाले पीसीओडी के कारण गर्भधारण करने की क्षमता को बढ़ाता है, तथा हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करता है, जिससे महिलाओं में होने वाली टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के कारण होने वाली सभी समस्याएं समाप्त हो जाती है Gynoveda PCOD उपयोग करने के लिए पीसीओडी के प्राथमिक लक्षण पर इसे लगातार 6 महीने तक सुबह शाम उपयोग किया जा सकता है, किंतु यदि पीसीओडी की समस्या गंभीर रूप से है तो इसका उपयोग सुबह-शाम लगातार लगभग 1 साल तक करना अनिवार्य होता है

पीसीओएस/पीसीओडी की आयुर्वेदिक दवा 

भारतीय आयुर्वेद विश्व का सबसे प्राचीनतम आयुर्वेद है, आयुर्वेद द्वारा भारत में प्राचीन काल से विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता था जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां ठीक हो जाती थी। आयुर्वेद में दवा के रूप में प्रयोग की जाने वाली जड़ी बूटियां जंगलों तथा पेड़ पौधों से प्राप्त होती हैं। इसलिए इन दवाओं का हमारे शरीर पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। भारत में प्राचीन काल से आयुर्वेद का वर्णन वेद तथा ग्रंथों में देखने को मिलता है, इसलिए भारत को आयुर्वेद का जनक भी माना जाता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति शरीर के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है, जिस प्रकार आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करते हुए विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियों को ठीक किया जाता है।

उसी प्रकार आधुनिक समय में महिलाओं को होने वाली पीसीओडी की समस्या को हम आयुर्वेद के माध्यम से ठीक कर सकते हैं। भारतीय घरों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में आयुर्वेदिक औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण इनका प्रयोग भी उपचार के लिए किया जा सकता है, बाद हम आपको आयुर्वेद से बनी कुछ ऐसी दवाओं के बारे में बताएंगे, जिनके द्वारा पीसीओडी की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। यह दवाइयां निम्नलिखित हैं

  • Gynoveda कंचनर गुग्गुलु
  • Gynoveda PCOD आयुर्वेदिक
  • OZiva हेरबैलेंस
  • andMe PCOD ड्रिंक
  • Gynoveda PCOD MYRAH
  • TEACURRY PCOD टी बॉक्स

पीसीओडी का घरेलू उपचार

आधुनिक समय में महिलाओं को पीसीओडी की समस्या बहुत अधिक हो रही है, इसलिए सभी महिलाओं को घर पर रहकर इस समस्या का इलाज कैसे किया जा सकता है, इसकी जानकारी बहुत ही आवश्यक है। पीसीओडी की समस्या के कारण महिलाओं में हार्मोन असंतुलन हो जाता है, जिससे महिलाओं का शरीर प्रेगनेंसी कंसीव नहीं करता है, तथा विभिन्न प्रकार के पुरुषों के लक्षण दिखाई देते हैं। महिलाओं में पीसीओडी की समस्या होने के कारण महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टरॉन बढ़ने लगता है, जिससे महिलाओं के शरीर में अत्यधिक बाल तथा पुरुष हार्मोन बढ़ने के कारण विभिन्न प्रकार के शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जिससे महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं,

इसलिए महिलाओं को घर में उपलब्ध पदार्थों द्वारा पीसीओडी की समस्या को ठीक करने के बारे में जानकारी रखना बहुत ही आवश्यक हो गया है। आधुनिक समय में भारतीय घरों में विभिन्न प्रकार के कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ प्रयोग किए जाते हैं, जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियां में किया जा सकता है। पीसीओडी की समस्या को ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध में लिखित पदार्थों का प्रयोग कर सकते हैं। 

  • सेब के सिरके द्वारा।
  • मेथी के दाने द्वारा।
  • पुदीने की चाय प्रयोग करके।
  • अलसी के बीजों का प्रयोग करके।
  • तुलसी की पत्तियों द्वारा।
  • मुलेठी द्वारा।
  • दालचीनी का प्रयोग करके।

सेब के सिरके द्वारा

सेब के सिरके द्वारा

सेब के सिरके का प्रयोग करते हुए पीसीओडी का इलाज संभव है जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है, उनको इस समस्या को ठीक करने के लिए सेब का सिरका प्रयोग किया जाता है, घर में उपलब्ध सेब का सिरका विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियों को भी ठीक करने के काम में प्रयोग होता है। सेब का सिरका दैनिक रूप से प्रयोग करने से इंसुलिन कम बनता है, जिसके कारण शरीर में शुगर की मात्रा सामान्य रहती है। शरीर में शुगर की मात्रा सामान्य रहने के कारण महिलाओं में होने वाली यह समस्या ठीक हो जाती है, तथा महिलाओं में होने वाला इंसुलिन पीसीओडी की समस्या बड़ी आसानी से ठीक हो जाती है, इसलिए जिन महिलाओं को यह समस्या होती है उनको दैनिक रूप से सेब के सिरके का सेवन करना चाहिए सेब के सिरके का प्रयोग करने के लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर सुबह, दोपहर शाम ब्रेकफास्ट, लंच तथा डिनर से पहले प्रयोग करना चाहिए जिससे महिलाओं में हार्मोन असंतुलन की समस्या समाप्त हो जाती है।

पीसीओडी का घरेलू उपचार मेथी के दाने द्वारा

पीसीओडी का घरेलू उपचार मेथी के दाने द्वारा

मेथी दाने का प्रयोग हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए किया जाता है, मेथी दाने में हारमोंस को संतुलित करने के गुण पाए जाते हैं। इसलिए इसका प्रयोग महिलाओं में होने वाली इस ईओडी की समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है, मेथी दाना हमारे शरीर से कोलेस्ट्रॉल कम करने तथा वजन को कम करने में सहायक होता है, इसलिए यह महिलाओं में होने वाली पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की बीमारी को जड़ से समाप्त करने में सहायक होती हैं।

मेथी के दाने का प्रयोग करने के लिए रात को सोते समय मेथी को पानी में भिगो देना चाहिए तथा सुबह नाश्ते से पहले भीगी हुई मेथी दो चम्मच लेकर उसे एक चम्मच शहद में मिला लेना चाहिए, तथा उसका सेवन करना चाहिए उसके पश्चात भी ब्रेकफास्ट करना चाहिए। यही प्रक्रिया लंच तथा डिनर के समय अपना सकते हैं, इससे पीसीओडी की समस्या अति शीघ्र समाप्त हो जाती है, और महिलाओं में होने वाला हार्मोनल असंतुलन सामान्य हो जाता है, जिससे महिलाओं में प्रेगनेंसी कंसीव करने की क्षमता बढ़ जाती है, तथा अन्य शारीरिक समस्याएं नहीं होती हैं।

पुदीने की चाय प्रयोग करके

पीसीओडी का घरेलू उपचार पुदीने की चाय प्रयोग करके

पुदीने की चाय में एंटीएंड्रोजन के गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण या हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक होती हैं एंटीएंड्रोजन द्वारा शरीर से पीसीओडी की समस्या को कम किया जा सकता है शरीर में पीसीओडी की समस्या को कम करने के लिए दैनिक रूप से पुदीने की पत्ती की चाय का प्रयोग किया जा सकता है। पुदीने की पत्ती की चाय बनाने के लिए पुदीने की पत्तियों को गर्म पानी में उबालते हैं, उसके पश्चात पुदीने की पत्तियों को छानकर निकाल देते हैं, और बचे हुए पानी का प्रयोग चाय की तरह करते हैं। इसका प्रयोग लगातार करते रहने से कुछ समय पश्चात पीसीओडी संतुलित हो जाता है, तथा पीसीओडी के कारण होने वाले शारीरिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। पुदीने की तासीर ठंडी होती है इसलिए यह हमारे पेट की समस्याओं को ठीक करता है

अलसी के बीजों का प्रयोग करके

पीसीओडी का घरेलू उपचार अलसी के बीजों का प्रयोग करके

अलसी हमारे शरीर से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है, तथा महिलाओं के शरीर में पीसीओडी की समस्या को संतुलित करती है, अलसी में भी एंटीएंड्रोजन तत्व पाया जाता है, जो हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। अलसी का प्रयोग विभिन्न प्रकार की हानि समस्याओं जैसे सेक्स पावर में कमी तथा महिलाओं के लिए अलसी का प्रयोग विभिन्न बीमारियों में किया जाता है। अलसी का प्रयोग पीसीओडी की समस्या कम करने के लिए पाउडर के रूप में किया जाता है, इसका प्रयोग करने के लिए दो चम्मच ताजी पीसी अलसी का पाउडर हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से शरीर में हार्मोन संतुलित रहता है, जिससे शरीर में होने वाली विभिन्न प्रकार की पीसीओडी से संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है, उनको हल्के गुनगुने पानी में दो चम्मच अलसी का प्रयोग रात को सोते समय करना चाहिए। 

तुलसी की पत्तियों द्वारा

पीसीओडी का घरेलू उपचार तुलसी की पत्तियों द्वारा

तुलसी की पत्तियों में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं, तथा इसमें शरीर में हारमोंस की मात्रा को संतुलित करने के गुण पाए जाते हैं। आधुनिक समय में हार्मोनल असंतुलन के कारण महिलाओं में पीसीओडी की समस्या बहुत अधिक देखने को मिल रही है। तुलसी में उपस्थित एंटीएंड्रोजन गुण महिलाओं के शरीर में होने वाली पीसीओडी की समस्या को समाप्त करने में कारगर साबित हुए हैं, क्योंकि एंटीएंड्रोजन हमारे शरीर में हार्मोन संतुलन रखते हैं, जिसके कारण महिलाओं में यह समस्या नहीं होने पाती है। तुलसी की पत्तियों का प्रयोग करने के लिए ताजी 8 से 10 तुलसी की पत्तियां तोड़कर उसका काढा बनाना चाहिए, तथा दिन में दो से तीन बार तुलसी की पत्तियों का काढ़ा प्रयोग करना चाहिए, जिससे यह समस्या बड़ी आसानी से ठीक हो जाती है और इस समस्या के कारण होने वाले विभिन्न प्रकार की अन्य बीमारियां समाप्त हो जाती हैं। 

मुलेठी द्वारा पीसीओडी का घरेलू उपचार

मुलेठी द्वारा पीसीओडी का घरेलू उपचार

महिलाओं में यह समस्या बहुत ही अधिक मात्रा में देखने को मिल रही है, क्योंकि हमारे खानपान तथा जीवन शैली में परिवर्तन होने के कारण हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाता है। हार्मोन असंतुलित होने के कारण महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे पुरुषों के हार्मोन लक्षण महिलाओं में दिखाई देने लगते हैं, जिसके कारण महिलाओं में गर्भधारण तथा अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं।

इन सभी समस्याओं को जड़ से समाप्त करने के लिए मुलेठी का प्रयोग किया जा सकता है। मुलेठी का प्रयोग करने के लिए इसे गर्म पानी में उबालकर पीना चाहिए जिससे इसमें उपलब्ध एंटीएंड्रोजन गुड होने के कारण या एंड्रोजन को कंट्रोल करती है, साथ ही साथ कोलेस्ट्रॉल तथा मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है। पीसीओडी की समस्या से पीड़ित महिलाओं को मुलेठी के  काढ़े का प्रयोग करना चाहिए, यह महिलाओं के शरीर में होने वाले पीसीओडी की समस्या के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी संतुलित करने में मदद करता है, इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहता है।

दालचीनी का प्रयोग करके

दालचीनी का प्रयोग भारतीय घरों में मसालों के रूप में किया जाता है, इसमें पर्याप्त मात्रा में शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं, साथ ही साथ इसमें एंटी एंड्रोजन गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर में एंड्रोजन की मात्रा को संतुलित रखते हैं। शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाने के कारण महिलाओं के शरीर में पीसीओडी की समस्या हो जाती है, जिसमें एंड्रोजन असंतुलित हो जाता है एंड्रोजन को संतुलित करने के लिए दैनिक रूप से दालचीनी का प्रयोग किया जा सकता है। दालचीनी का प्रयोग करने के लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर को गर्म पानी के साथ पी सकती हैं। गर्म पानी के अलावा आप इसे चाय कॉफी दही तथा सब्जियों में मसालों के रूप में भी किया जा सकता है। दालचीनी महिलाओं के पीरियड्स में होने वाले दर्द को भी नियंत्रित करता है तथा इससे पीसीओडी की समस्या समाप्त हो जाती है।

पीसीओडी का व्यायाम द्वारा इलाज 

शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी हो उसको समाप्त करने के लिए व्यायाम बहुत ही आवश्यक होता है। व्यायाम हमारे शरीर को गतिविधि प्रदान करता है, जिसके कारण हमारे शरीर में पाचन क्रिया संतुलित रहती है, और हमारे शरीर में किसी भी अंग में फैट जमा नहीं हो पाती है, जिसके कारण हमारे शरीर से विभिन्न प्रकार की बीमारियां दूर रहती हैं। महिलाओं में होने वाले पीसीओडी की समस्या शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोन असंतुलन के कारण होती है, जिसके लिए हमारी दैनिक दिनचर्या तथा हमारा खान-पान जिम्मेदार होता है, यदि दैनिक रूप से व्यायाम करते हैं, तथा स्वस्थ तथा पोषण युक्त आहार का सेवन करते हैं, तो हमारे शरीर में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रहती है। पीसीओडी की समस्या के कारण महिलाओं में प्रेगनेंसी कंसीव करने क्षमता समाप्त हो जाती है, पीसीओडी की समस्या से बचने के लिए दैनिक रूप से निम्नलिखित व्यायाम करना चाहिए। जिससे हमारा शरीर एक्टिव रहता है तथा शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है, और महिलाओं में होने वाली किसी बड़ी समस्या नहीं होती है। 

  • सूर्य नमस्कार।
  • शलभासन।
  • सर्वांगासन।
  • भुजंगासन।
  • मत्स्यासन।
  • धनुरासन।

निष्कर्ष

महिलाओं में शारीरिक कमजोरी तथा अत्यधिक फैट जमा होने के कारण मोटापा बढ़ने लगता है, जिसके कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्या हो जाती हैं, तथा हार्मोन असंतुलन हो जाता है। महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, तथा महिलाएं प्रेगनेंसी कंसीव करने में असमर्थ हो जाती हैं। जिसके कारण हमको थकान, तनाव, पैरों में झनझनाहट, आदि समस्या होती हैं। यह सभी समस्याएं महिलाओं में PCOD समस्या के कारण होती हैं। इसलिए महिलाओं में होने वाली पीसीओडी की समस्या जिसमें पुरुष हार्मोन बढ़ जाता है, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाता है, और महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, इनको दूर करने के लिए पीसीओडी का घरेलू उपचार तथा अन्य विभिन्न प्रकार की दवाओं का वर्णन किया गया है, जिनके द्वारा इस समस्या को समाप्त किया जा सकता है। उपरोक्त लेख में बताए गए सभी प्रकार की दवाइयां पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक तथा सुरक्षित हैं। किंतु इनका प्रयोग डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही करना चाहिए।

पीसीओडी का घरेलू उपचार करने के लिए पूछे गए प्रश्न

पीसीओडी को जड़ से खत्म कैसे करें? 

PCOD की समस्या के कारण महिलाओं में हार्मोन असंतुलन हो जाता है, जिसके कारण महिलाओं में विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं होती हैं। इन सभी समस्याओं को ठीक करने के लिए पीसीओडी की समस्या को जड़ से समाप्त करना बहुत ही आवश्यक होता है, इसलिए उपरोक्त लेख में बताए गए विधियों का प्रयोग करते हुए आपकी महिलाओं की समस्या को जड़ से समाप्त कर सकते हैं। जिसमें विभिन्न प्रकार की औषधियां तथा घरेलू दवाओं के बारे में बताया गया है। पीसीओडी की समस्या को ठीक करने के लिए दवाइयों के साथ साथ व्यायाम बहुत आवश्यक होता है, जो हमारे शरीर को गतिविधि प्रदान करता है, जिससे हमारे शरीर में हार्मोन असंतुलन ठीक होने लगता है।

पीसीओडी को ठीक करने के लिए क्या खाएं?

इस की समस्या को ठीक करने के लिए घर में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक औषधि पदार्थों का प्रयोग किया जा सकता है, जो हमारे घरों में बड़ी आसानी से उपलब्ध होते हैं। पीसीओडी की समस्या को ठीक करने के लिए दालचीनी, मुलेठी, पुदीने की पत्ती की चाय, तथा तुलसी की पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है, जो महिलाओं में होने वाली पीसीओडी की समस्या को ठीक कर देते हैं। इसके साथ ही उपरोक्त लेख में बताए गए आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग करते हुए आप किसी वीडियो की समस्या को ठीक कर सकते हैं।

क्या हम बिना दवा के पीसीओएस ठीक कर सकते हैं?

पीसीओडी/पीसीओएस को ठीक करने के लिए उपरोक्त लेख में बताया गया कुछ घरेलू पदार्थों का प्रयोग किया जा सकता है, जो महिलाओं में होने वाले इस समस्या ठीक कर देते हैं, इसके साथ ही साथ यदि आप दवाओं का प्रयोग नहीं करना चाहती हैं, तो दैनिक रूप से व्यायाम करना चाहिए, जिससे शरीर में हार्मोन असंतुलन समाप्त हो जाता है, और कुछ समय पश्चात pcod की समस्या ठीक हो जाती है।

पीसीओडी के लिए कौन सी आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है?

यह महिलाओं में होने वाली हार्मोन असंतुलन की बीमारी है, जिसके कारण महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते हैं, और यह बीमारी का कारण होता है, जिससे महिलाएं बहुत अधिक प्रभावित होती हैं। पीसीओडी की समस्या को आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक करने के लिए उपयुक्त लेख में विभिन्न प्रकार के दवाइयां तथा उनके बारे में वर्णन किया गया है, जिससे आप उन दवाइयों का प्रयोग करते हुए पीसीओडी की समस्या को ठीक कर सकती हैं। पीसीओडी की समस्या को ठीक करने के लिए आप इन दवाओं का भी प्रयोग कर सकती हैं

  • Trexgenics FENUCYST
  • Trexgen-OVAHOPE
  • Gynoveda PCOD

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