How To Increase Sperm Count

पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा उनका वीर्य बहुत अधिक पतला हो जाता है। वीर्य के पतले होने के कारण पुरुषों में विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए पुरुषों को अपने प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता होती है, जिससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता का विकास होता है, तथा होने वाली विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। वीर्य में स्पर्म बढ़ाने के लिए पुरुष यह जानने की कोशिश करते हैं, कि स्पर्म काउंट को कैसे बढ़ाया जाए How To Increase Sperm Count जिससे वे वीर्य को पतला होने से बचा सकते हैं, तथा पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

पुरुषों में सेक्स क्रिया तथा प्रजनन क्षमता के लिए वीर्य में पर्याप्त शुक्राणु होना बहुत ही आवश्यक होता है वीर्य में यदि पर्याप्त मात्रा में Sperm उपलब्ध होते हैं, तो पुरुषों की प्रजनन क्षमता अच्छी रहती है, तथा स्पर्म की कमी से होने वाले विभिन्न प्रकार के रोग जैसे शीघ्रपतन तथा शीघ्र स्खलन की समस्या नहीं होती हैं। जिससे पुरुषों के जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याएं नहीं आती है। 

स्पर्म काउंट कम होने के कारण

स्पर्म काउंट कम होने के कारण

पुरुषों में प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक स्पर्म की कमी के कारण विभिन्न प्रकार की अन्य सेक्स समस्याएं भी होती है। इन सब सेक्स समस्याओं को दूर करने के लिए पुरुषों को अपने शरीर की पौरूष शक्ति तथा शारीरिक शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता होती है, क्योंकि पौरूष शक्ति कम होने के कारण है। पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो जाता है, जिसकी वजह से पुरुषों की प्रजनन क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है, तथा उसे शीघ्रपतन की समस्याएं होने लगती है। पुरुषों की पौरुष शक्ति बढ़ाने के लिए शारीरिक शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता होती है, जिससे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन श्रावण बढ़ता है, और शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है। किंतु कुछ पुरुषों में विभिन्न कारणों से टेस्टोस्टेरोन का श्रावण नहीं बढ़ पाता है, जिसके कारण शुक्राणु निर्माण नहीं हो पाता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के श्रावण न बढ़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।

  • शारीरिक कमजोरी।
  • लिंग की नसों में कमजोरी
  • धूम्रपान।
  • अल्कोहल का अधिक प्रयोग।
  • पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी।
  • अत्यधिक मोटापा
  • बॉक्सर पहनना।
  • हॉट टब और सौना बाथ।
  • डायबिटीज के कारण। 
  • किसी पुरानी बीमारी के कारण।
  • अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण।
  • बहुत कम नींद लेने के कारण।
  • प्राइवेट पार्ट्स में किसी प्रकार की चोट लग जाने के कारण।
  • शरीर में हार्मोन असंतुलन होने के कारण।

स्पर्म काउंट कम होने के शारीरिक लक्षण

स्पर्म काउंट कम होने के शारीरिक लक्षण

पुरुषों में जब शुक्राणु संख्या कम हो जाती तो उनके प्रजनन क्षमता कमजोर होने के साथ-साथ शरीर में अन्य प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, जिसके कारण पुरुषों को विभिन्न प्रकार की सेक्स से संबंधित समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए पुरुषों को स्पर्म काउंट बढ़ाने की आवश्यकता होती है। स्पर्म काउंट कम होने के कारण शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं।

  • कामेच्छा में कमी हो जाती है।
  • लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आता है।
  • पुरुष बांझपन होता है। 
  • वीर्य बहुत पतला हो जाता है।
  • प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है।
  • शीघ्रपतन की समस्या होती है। 
  • वृषण कोष के आसपास दर्द होता है। 
  • बाल कम हो जाते हैं।
  • नींद अधिक लगती है।
  • शरीर में कमजोरी रहती है।
  • लिंग की नसों में कमजोरी आती है।

स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाए How To Increase Sperm Count

जिन व्यक्तियों में स्पर्म काउंट बहुत कम होता है। वह अक्सर यह सोचते रहते हैं, कि स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाए How To Increase Sperm Count उनके लिए हम बताते चलें कि शरीर को पोषण प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों का प्रयोग करते हुए शरीर की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है, जिससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण पड़ जाता है, और शुक्राणु निर्माण तेजी से होने लगता है। शुक्राणु निर्माण तेजी से बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के एक्सरसाइज तथा खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे जिनके द्वारा आप अपने स्पर्म काउंट को बढ़ा सकते हैं। 

स्पर्म काउंट बढाने वाले योग yoga for increasing sperm count

शारीरिक शक्ति बढ़ाने तथा स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए हमें अपने शरीर को स्वस्थ तथा पावरफुल रखने की आवश्यकता होती है। यदि हमारे शरीर में पर्याप्त रूप से शक्ति का संचार होता है, तथा पर्याप्त ऊर्जा रहती है, तो हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्त्राव सामान्य रूप से होता रहता है। जिसके कारण पुरुषों के टेस्टिस में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है। शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए दैनिक रूप से विभिन्न प्रकार के एक्सरसाइज तथा योगासन का सहारा लिया जा सकता है, इसके साथ साथ पर्याप्त पोषक पदार्थों का भी उपयोग किया जा सकता है। स्पर्म काउंट बढ़ाने वाले योगासन निम्नलिखित हैं। जिनका प्रयोग करते हुए आप अपने वीर्य में स्पर्म काउंट बढ़ा सकते हैं।

  • पद्मासन (Padmasana)
  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
  • धनुरासन (Dhanurasana)
  • प्राणायाम (Pranayama)
  • अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya)
  • सेतुबंधासन
  • हलासन
  • सूर्य नमस्कार
  • कुम्भक आसन

पद्मासन (Padmasana)

पद्मासन (Padmasana)

पद्मासन को कमलासन या अंग्रेजी में लोटस पोज भी कहते हैं। जिसमें हमारे शरीर का आकार कमल के जैसा हो जाता है। जिसमें हमारे कमर तथा कूल्हे में स्ट्रेच होता है, तथा हमारे पैर में लचीलापन आता है। पद्मासन करने से शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, क्योंकि इसको करने से लिंग के पास की नसों में तनाव आता है, जिसकी वजह से मांसपेशियां मजबूत हो जाती है, और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन श्रावण बढ़ जाता है। पद्मासन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं। जिनके द्वारा पद्मासन को बड़ी आसानी से किया जा सकता है। यह स्टेप निम्नलिखित हैं

  • सबसे पहले योग मैट जमीन पर बिछाकर बैठे जाएँ।
  • मैट पर बैठकर अपने पैरों को बिल्कुल सीधा कर लें।
  • अपने बाएं पैर को दाहिने पैर की जांघ पर रखें।
  • फिर अपने दाहिने पैर को अपने बाएं पैर के जांघ पर रखें।
  • हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें।
  • रीढ़ को बिल्कुल सीधा करके बैठ जाएं।
  • सीधे बैठकर सांस लें और थोड़ी देर बैठे रहे।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)

पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के साथ-साथ योगासन तथा शारीरिक एक्सरसाइज करना बहुत आवश्यक होता है। शरीर को शक्ति प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ हमारी शरीर को शक्ति प्रदान करते हैं, तथा एक्सरसाइज करने से हमारा शरीर एक्टिव रहता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन एक ऐसा योगासन है, जो हमारे शरीर को तथा हमारे शरीर की मांसपेशियों को एक्टिव करता है जिससे मांसपेशियों में शक्ति का संचार होता है।हमारी मांस पेशियां एक्टिव हो जाती हैं, जिससे टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण होने लगता है, तथा इसके दैनिक अभ्यास से कमर में लचीलापन आता है, तथा शुक्राणु निर्माण तेजी से होने लगता है अर्धमत्स्येन्द्रासन का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं, जिनसे पुरुषों के शरीर में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है

  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन को करने के लिए सबसे पहले दंडासन की अवस्था में बैठें।
  • दाहिने पैर को उठाकर बाएं घुटने की बाईं तरफ रखें। 
  • अब दाईं तरफ देखते हुए बाएं हाथ की मदद से दाएं टखने को छुएं।
  • पीठ के पीछे दाएं हाथ को ट्विस्ट करें।
  • कुछ देर ऐसे ही रहें। 
  • इसे दूसरी तरफ से भी करें।

धनुरासन (Dhanurasana)

धनुरासन (Dhanurasana)

पुरुषों में शुक्राणु निर्माण के लिए धनुरासन बहुत ही उपयोगी योगासन माना जाता है, जिसको करने से पुरुषों में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, क्योंकि धनुरासन हमारे शरीर में रक्त संचार को सामान्य करता है। हमारे शरीर में रक्त संचार सामान्य मात्रा में होने के कारण टेस्टिस में सामान्य मात्रा में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण होता है, तथा लिंग की नसें मजबूत होती हैं, जिसके कारण शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है। धनुरासन लिंग में तनाव ना आने की समस्या को दूर करने के लिए भी अभ्यास किया जाता है। धनुरासन द्वारा पेट तथा पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और हाथों तथा पैरों को मजबूत बनाने के लिए यह बहुत उपयोगी आसान होता है। जिन व्यक्तियों में शुक्राणु की कमी के कारण प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा उनके वीर्य में पतलेपन की समस्या होती है।   धनुरासन का अभ्यास दैनिक रूप से करना चाहिए, धनुरासन का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जाते हैं।

  • धनुरासन करने के लिए सबसे पहले योगासन मैट जमीन पर बिछाते हैं।
  • जमीन पर बिछी योगासन मैट पर पेट के बल लेट जाते हैं।
  • अपने दोनों पैरों को पीठ की तरह घुटनों से मोड़ लेते हैं।
  • अपने दोनों हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करते हैं।
  • अपने पेट को जमीन पर बनाए रखते हैं।
  • सर तथा छाती को ऊपर की ओर उठाते हैं। 
  • अपने कूल्हे तथा छाती को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाते है।
  • इसे स्थित में थोड़ी देर ऐसे ही रहते हैं।
  • थोड़ा सा रेस्ट लेकर इसी क्रिया को दोबारा से दोहते हैं।

प्राणायाम (Pranayama)

प्राणायाम (Pranayama)

योगासन करते समय प्राणायाम करने वाला सबसे अधिक आसान है कोई भी व्यक्ति जब योगासन को प्रारंभ करता है, तो सबसे पहले वह प्राणायाम आसन करता है। प्राणायाम करने से मानसिक तनाव दूर होता है, तथा रक्त संचार सामान्य हो जाता है। दैनिक रूप से प्राणायाम करने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का का विकास होता है, जिसके कारण जिसके कारण हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम होता है। जिन पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की कमी होती है. जिसके कारण के प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा उनके शरीर में विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए प्राणायाम बहुत ही उपयोगी योगासन होता है। जिससे हमारे शरीर में मानसिक तनाव दूर होता है और रक्त संचार पर्याप्त मात्रा में होने लगता है, जिससे पुरुषों के टेस्टिस में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, और पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की कमी पूरी हो जाती है, और प्रजनन क्षमता मजबूत हो जाती है। प्राणायाम करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाये जा सकते हैं।

  • योगासन मैट पालथी मारकर सीधा बैठते हैं।
  • अपनी रीड की हड्डी को सीधा करके बैठते हैं।
  • अपने दाहिने नाक को अंगूठे से बंद करते हैं।
  • अपने बाई नाक से सांस लेते हैं। 
  • इसके पश्चात बाई नाक को अंगूठे से बंद करते हैं। 
  • दाहिने नाक से सांस लेते हैं। 
  • दोनों अवस्थाओं में सांस को थोड़ी देर रुक कर रखते हैं।

अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya)

अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya)

अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya) करने से पुरुषों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं, पुरुषों की सबसे बड़ी समस्या होती है उनके स्पर्म काउंट लो होना, जिसके कारण उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा वह सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होते हैं। इन सभी समस्याओं को ठीक करने के लिए अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya) बहुत ही उपयोगी है, जिससे पुरुषों में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, तथा वीर्य में शुक्राणु की संख्या बढ़ती है। वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ने के कारण पुरुषों में होने वाले शीघ्रपतन की समस्या समाप्त हो जाती है, तथा शुक्राणु निर्माण तेजी से होने के कारण वीर्य गाढ़ा हो जाता है, और लिंग में पर्याप्त तनाव आने लगता है, तथा पुरुषों में होने वाली विभिन्न प्रकार की अन्य सेक्स समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं। अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya) आसन का अभ्यास  दैनिक रूप से करने पर शरीर से मोटापे की समस्या समाप्त होती है, तथा पेट में कब्ज व गैस की समस्या को समाप्त हो जाती है, जो हमारे शारीरिक शक्ति के विकास में सहायक होता है। पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya) करते समय निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं। 

  • अग्निसार क्रिया करने के लिए बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं।
  • अपने हाथों को घुटनों पर रखकर थोड़ा सा झुक जाएं।
  • झुकने के पश्चात सांस को खींचे।
  • थोड़ी देर के लिए सांस को रोक कर रखें।
  • फिर सांस को छोड़ते हैं।
  • 5 सेकंड का आराम ले। 
  • फिर अपने सांस को अंदर की तरफ खींचे और पेट को फुलाएं।
  • पेट को फूली अवस्था में थोड़ी देर रखें।
  • पुनः सांस को छोड़ो।
  • इस क्रिया को बार-बार दोहरायें।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन

पुरुषों में शुक्राणु संख्या कम होने के कारण उनके वीर्य में पतलेपन की समस्या हो जाती है। वीर्य में पतलेपन की समस्या होने के कारण पुरुषों को विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तथा पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। पुरुषों में प्रजनन क्षमता का विकास करने के लिए स्पर्म काउंट बढ़ाने की आवश्यकता होती है, क्योंकि प्रजनन क्षमता के लिए पुरुषों के वीर्य में स्पर्म जिम्मेदार होते हैं। पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए सेतबंध आसन बहुत ही उपयोगी होता है। सेतुबंध आसन का अभ्यास दैनिक रुप से करने पर शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, तथा शरीर में रक्त संचार बढ़ने लगता है। अब पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए यह एक बेहतरीन आसन है, जो पेल्विक ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, और स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है

  • जमीन पर अपनी पीठ के बल सीधा लेट जाएं।
  • अपने पैरों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके कूल्हे के करीब ले जाएं।
  • अपने पेल्विस को जमीन से ऊपर उठाएं, अपने कंधों को और पीठ को जमीन पर टिकाकर रखें।
  • आराम से सांस लेते हुए 10 सेकंड तक के लिए इस पोजीशन में बने रहें।
  • दस सेकंड के बाद, अपने कूल्हों को धीरे-धीरे नीचे करें। 
  • जैसे कि आपकी रीढ़ धीरे से ऊपरी कमर से शुरू होते हुए जमीन को छूती है।
  •  अपने कूल्हों को सीधे जमीन पर न रखें।
  • इस आसन को 2 से 3 बार दोहराएं।

हलासन

हलासन

पुरुषों के शरीर को स्वस्थ रखने तथा पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए हलासन बहुत ही उपयोगी योगासन माना जाता है। जिन व्यक्तियों में स्पर्म काउंट की कमी के कारण उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, हलासन का अभ्यास दैनिक रुप से करने पर शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, तथा शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, जिससे पुरुषों के शरीर में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है, तथा सभी प्रकार की सेक्स समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। हलासन का दैनिक रूप से अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं। 

  • अपनी पीठ के बल लेट जाएं।
  • अपनी हथेलियों को आपने करीब जमीन पर रखें।
  • अपने पैरों को 90 डिग्री के कोण पर उठाएं, लेकिन अपने कूल्हों को न उठाएं।
  • 3 बार लगातार अंदर और बाहर सांस लें, फिर अपने कूल्हों को उठाएं। 
  • अपनी पीठ को घुमाने की कोशिश करें ताकि आपके पैर जमीन से छूएं और आपका सिर ऊपर उठा रहे।
  • 5 से 10 सेकंड के लिए इसी पोजीशन में रहें।
  • फिर धीरे-धीरे अपने पैरों को फिर से उठाएं और अपने कूल्हों को नीचे करें।
  • फिर, अपने पैरों को भी नीचे करें।
  • रिलैक्स करें और  कुछ देर लेट जाएं।
  • आप आसन को 2 से 5 बार दोहरा सकते हैं।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार दैनिक रूप से करने पर शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, तथा यह हमारे शरीर से विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करता है। सूर्य नमस्कार करने से वीर्य में शुक्राणुओं का निर्माण तेजी से होता है, तथा शुक्राणु निर्माण की कमी पूरी होती है। जिन व्यक्तियों के शरीर में शुक्राणु निर्माण की कमी के कारण वीर्य बहुत अधिक पतला होता है, तथा प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, उनको दैनिक रूप से सूर्य नमस्कार करना चाहिए। सूर्य नमस्कार करने के लिए निम्नलिखित चरण अपनाए जा सकते हैं। 

  • सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
  • अपनी पीठ को पीछे की ओर झुकाते हुए स्ट्रेच करें।
  • अपनी कमर को बिना मोड़े आगे कि ओर झुकें और अपने पैरों की अँगुलियों को छुएं।
  • अपनी टांगों के बीच 90 डिग्री के कोण पर एक पैर को जितना पीछे ले जा सकते हैं ले जाएं।
  • फिर, दूसरे पैर को पहले पैर के समानांतर घुमाएं और एक प्लैंक पोजीशन में आ जाएं।
  • अपने कूल्हों और छाती को जमीन पर रखें।
  • अपने हथेलियों का उपयोग करके अपना वजन को उठाएं और अपनी पीठ को कोबरा पोजीशन में घुमाएं।
  • डॉग पोज में जाते हुए अपने कूल्हों को उठाएं और अपने सिर को झुकाते हुए अपनी कोहनी, पीठ और घुटनों को सीधा रखें।
  • अपनी हथेलियों के बीच में एक पैर वापस लाएं।
  • अब दूसरा पैर हथेलियों के बीच वापस लाएं।
  • अपनी बाहों को ऊपर उठाते हुए अपनी पीठ को सीधा करें।
  • फिर, धीरे-धीरे अपनी बाहों को नीचे करें और वापस खड़े होने की पोजीशन में आ जाएं।
  • इस आसन को 12 बार दोहराएं।

कुम्भक आसन

कुम्भक आसन

कुंभक आसन द्वारा पेट की मांसपेशियों में तनाव होता है जिससे शरीर से मोटापा कम होता है, तथा पेट की चर्बी भी कम होती है। पेट की समस्याओं को ठीक करने के साथ यह पुरुषों में स्पर्म फर्टिलिटी में भी मदद करता है। जिन पुरुषों के वीर्य में पर्याप्त शुक्राणु नहीं होते हैं, जिसके कारण उनका वीर्य पतला हो जाता है। वीर्य के पतले होने के कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा उनकी शारीरिक सेक्स क्रियाएं कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंभक आसन द्वारा वीर्य निर्माण को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जाते हैं

  • योग मैट पर अपने पेट के बल लेट जाएं।
  • अपनी हथेलियों को अपनी छाती के पास रखें।
  • अब अपने शरीर के वजन को अपनी हथेलियों और पैर की अँगुलियों से बैलेंस करते हुए उठाएं।
  • इस पोजीशन में कम से कम एक मिनट तक रहें।

निष्कर्ष

जिन पुरुषों के शुक्राणुओं की कमी होती है शुक्राणु कमी के कारण उनको विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे परेशान होकर वे स्पर्म काउंट बढ़ाने How To Increase Sperm Count के बारे में जानना चाहते हैं, उनके लिए इस लेख में योगासन द्वारा स्पर्म काउंट बढ़ाने yoga for increasing sperm count  की जानकारी दी गई है। जिसके द्वारा पुरुष दैनिक रूप से योगाभ्यास तथा एक्सरसाइज करके वीर्य में शुक्राणु निर्माण को बढ़ा सकते हैं। जिससे उनको विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है, शुक्राणु निर्माण तेजी से होने के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता मजबूत होती है, तथा दैनिक रूप से योगाभ्यास व एक्सरसाइज करने से शरीर स्वस्थ तथा मजबूत रहता है, और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास तेजी से होता है।

FAQ’s

शुक्राणु बढ़ाने के लिए कौन सा योग करें?

पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ती है, और शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है। शुक्राणु निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के योगासन किए जाते हैं, जो निम्नलिखित हैं

  • प्राणायाम (Pranayama)
  • अग्निसार क्रिया (Agnisar Kriya)
  • सेतुबंधासन
  • हलासन
  • सूर्य नमस्कार

शुक्राणु को ताकतवर बनाने के लिए क्या करें?

शुक्राणु को ताकतवर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के योग आसन तथा एक्सरसाइज करना आवश्यक होता है, शारीरिक  क्रियाओं के साथ-साथ शरीर को शक्ति प्रदान करने वाले तथा पोषण देने वाले खाद्य पदार्थों का प्रयोग बहुत ही आवश्यक होता है, जिससे हमारे शरीर को शक्ति प्राप्त होती है, और वीर्य में उपस्थित शुक्राणु ताकतवर होते हैं।

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