लड़का होने के उपाय | ये उपाय अपनाएंगे तो 100% लड़का ही होगा

भारत एक पुरुष प्रधान देश है, इसलिए यहां पर पुरुषों तथा लड़कों को अधिक मान्यता या सम्मान दिया जाता है। आधुनिक समय में महिलाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है तथा महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर दर्जा दिया जा रहा है, जिससे कि समाज में भ्रूण हत्या के मामलों को कम किया जा सके, क्योंकि पुरुष प्रधान होने के कारण अधिकतर लोगों का सोचना होता है, कि घर में लड़के का ही जन्म हो लड़कियां सभी को बोझ के समान लगती हैं। जिसके कारण अधिकतर भ्रूण हत्या लड़की के कारण हो जाती हैं। आधुनिक समय में भ्रूण की जांच कराना अपराधिक माना गया है। किंतु फिर भी गैरकानूनी तरीके से लोग इस क्रिया को आज भी बहुत अधिक मात्रा में अंजाम दे रहे हैं। अक्सर लोगों को लड़का होने के उपाय के बारे में जानने की लालसा होती है, जिससे वे घर में पैदा होने वाला बच्चा लड़का हो, और वह उनके वंश को आगे बढ़ा सके ऐसी सोच रखते हैं।

जैसा हमने बताया है कि भारत एक पुरुष प्रधान देश है, इसलिए भारत में लड़कों को बहुत अधिक प्यार तथा सुविधाएं परिवार द्वारा दी जाती हैं। वहीं महिलाओं को केवल घरों के कार्यों तथा परिवारिक देख रेख के लिए रखा जाता है। महिलाओं की शिक्षा तथा उनके विकास पर ज्यादा ध्यान दे दिया जाता है। इसलिए आज भी महिलाएं पुरुषों से पीछे ही हैं।

महिलाओं को समाज में पुरुषों के बराबर का दर्जा पाने का अन्य भी बहुत सारे कारण हैं। जैसे कि महिलाओं के सुरक्षा कर हमारी सरकारें तथा हमारा समाज ध्यान नहीं देता है। जिसके कारण कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिससे हमारे समाज को लगता है, कि महिला के कारण हमारे समाज की इज्जत चली गई है, जबकि ऐसे कारणों का जिम्मेदार हमारा समाज ही होता है, फिर भी इसके जिम्मेदार महिलाओं को मान लिया जाता है। 

लड़का होने के उपाय

लड़का होने के उपाय व वैज्ञानिक नियम

विज्ञान के नियमानुसार जैसा कि हम जानते हैं, कि पुरुष तथा महिलाओं में  22 जोडी गुणसूत्र सामान होते हैं। किंतु 23 वी जोड़ी निर्धारित करते हैं, कि व्यक्ति महिला है या पुरुष विज्ञान के हिसाब से महिला तथा पुरुषों में क्रोमोजोम्स पाए जाते हैं, जिन्हें हम सामान्य भाषा में गुणसूत्र कहते हैं। पुरुष तथा महिलाओं में पाए जाने वाले यह क्रोमोजोम निर्धारित करते हैं, की होने वाली संतान लड़का होगी या लड़की पुरुषों में XY क्रोमोजोम पाए जाते हैं, जबकि महिलाओं में XX क्रोमोजोम पाए जाते हैं, अर्थात XY पुरुष तथा XY महिला होती है। 

पुरुषों के वीर्य में XY क्रोमोजोम पाए जाते हैं, तथा महिलाओं के अंडों में XX क्रोमोजोम पाए जाते हैं। जब महिला तथा पुरुष के मध्य संभोग के पश्चात गर्भाशय में पुरुष के वीर्य तथा महिला के अंडों द्वारा निषेचन क्रिया होती है, तो महिला का एक क्रोमोजोम पुरुष के एक क्रोमोजोम से मिलकर गर्भ में भ्रूण का निर्माण करता है। यदि महिला का X क्रोमोजोम  पुरुष के X क्रोमोजोम से मिलता है, तो XX क्रोमोजोम अर्थात लड़की होती है, तथा यदि महिला का X क्रोमोजोम पुरुष के Y क्रोमोसोम से मिलता है, तो XY क्रोमोजोम अर्थात लड़का होता है।

इस प्रकार देखा जाए तो  पुरुष क्रोमोजोम गर्भाशय में लड़का तथा लड़की होने का निर्धारण करते हैं, अर्थात महिला के पास केवल XX क्रोमोसोम होते हैं, तथा पुरुष के पास XY  क्रोमोसोम होते हैं। महिला के क्रोमोजोम सेम होने के कारण पुरुष के क्रोमोजोम निर्धारित करते हैं, निषेचन क्रिया के समय होने वाले गुण का निर्माण XY है या XX है। 

लड़का होने के उपाय के मिथक

लड़का होने के उपाय के मिथक

आधुनिक समय में समाज में इतनी कुरीतियां फैली हुई हैं। जिनमें पडकर लोग विभिन्न प्रकार के बातें करते हैं, जो वास्तविकता से कहीं दूर होती हैं। कुछ ऐसे क्रियाकलाप होते हैं, जिनका वैज्ञानिक तथ्यों तथा सच्चाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता है। इसी प्रकार आधुनिक समय में लड़का पैदा करने के विभिन्न प्रकार की योजनाएं तथा क्रियाकलाप बताए जाते हैं।

जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है, लेकिन भारत में अंधविश्वास इतना अधिक भरा हुआ है, कि लोग ऐसी बातों पर विश्वास करते हैं, और विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अंधविश्वास पूर्ण कार्य करते हैं, जिनका वास्तविक तथ्यों से कोई संबंध नहीं होता है।

आधुनिक समय में बेटा होना बहुत ही सौभाग्यशाली होना माना जाता है। इसलिए प्रत्येक घर तथा परिवार की सोच होती है, कि उनके घर में पहले बेटा ही पैदा हो जिसके लिए वे विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप तथा टोटके आदि करते हैं, जिनसे वे पुत्र होने की संभावना प्रकट करते हैं, किंतु यदि वैज्ञानिक तथ्यों से देखा जाए तो बाहरी क्रियाकलाप तथा टोटके गर्भ में शिशु का लिंग निर्धारण नहीं कर सकते हैं, क्योंकि गर्भ में शिशु का लिंग निर्धारण पुरुष के शुक्राणु ही करते हैं। गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का हो इसके लिए भारतीय विभिन्न प्रकार के अंधविश्वास पूर्ण क्रियाकलाप करते हैं। जो निम्नलिखित हैं 

  • लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय है पेय पदार्थ।
  • संभोग के समय आसन।
  • बार-बार संभोग करना है लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय।
  • लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय में सामिल है काम-उत्तेजना।
  • लड़के की चाह है तो रहे तनाव मुक्त।
  • लड़का चाहिए तो टाइट अनर्वस्त्रों का त्याग करें।
  • चन्द्रमा आधा होने पर सम्भोग करें।
  • लड़का पैदा करने के लिए तय समय पर सेक्स करें। 
  • लड़का पैदा हो इस लिए अधिक क्षारीय पदार्थों का सेवन करें। 
  • लड़का पैदा हो इस लिए अधिक कॉफ़ी पियें। 
  • लड़का होने के उपाय सेक्स से पहले खांसी की दवा का सेवन।

लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय है पेय पदार्थ

लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय है पेय पदार्थ

लड़का पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार के मिथक प्रचलित हैं, जिनमें से लड़का पैदा करने के लिए सेक्स करने से पहले कुछ विशेष प्रकार के पेय पदार्थ जैसे चाय तथा कॉफी का प्रयोग करने के लिए कहा जाता है, तथा महिलाओं को संभोग क्रिया करने के पश्चात ठंडा पानी पीने की सलाह दी जाती है, साथ ही साथ नारियल पानी पीने के लिए भी कुछ लोग सलाह देते ऐसा माना जाता है, कि यदि सेक्स क्रिया करने के पहले पुरुष चाय तथा कॉफी का प्रयोग करता है, तो Y क्रोमोजोम ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, जिसके कारण Y क्रोमोजोम की शक्ति बढ़ जाती है, और वे अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे महिला के गर्भाशय में उनकी रफ्तार अधिक तेज हो जाती है।

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जिसके कारण महिला के गर्भाशय में निषेचन क्रिया के लिए Y क्रोमोजोम पहले पहुंचते हैं, और एक लड़के का निर्माण करते हैं। अर्थात Y क्रोमोजोम अधिक सक्रिय होने के कारण महिला के X क्रोमोजोम से जाकर पहले मिलते हैं, जिसके कारण एक XY क्रोमोजोम लड़के के भ्रूण का निर्माण होता है। किंतु वैज्ञानिक तथ्यों से देखा जाए तो ऐसा कुछ भी नहीं होता है। 

संभोग के समय आसन

संभोग के समय आसन

गर्भ धारण करते समय लड़का होगा या लड़की इसका निर्धारण हमारे द्वारा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह एक स्वतः प्राकृतिक क्रिया होती है, इसमें कुछ भी ऐसा नहीं होता है, जो हमारे या किसी मानव के बस में हो लड़का तथा लड़की पैदा होने के पीछे पूर्ण रूप से ईश्वरी है, या प्राकृतिक तत्वों का हाथ होता है। संभोग करते समय यदि आप विशेष प्रकार के आसन या पोजीशन का प्रयोग करते हैं, तो यह सेक्सपोजिशन आपको गर्भधारण करने में मदद करती हैं।

किंतु सेक्स पोजीशन अपनाने से भ्रूण का निर्धारण नहीं किया जा सकता है। गर्भधारण करने के लिए विभिन्न प्रकार के बेस्ट सेक्स पोजिशन का प्रयोग किया जा सकता है, जिनके द्वारा गर्भधारण करने में सुविधा प्राप्त होती है। किंतु सेक्स पोजीशन को अपनाते हुए हम लड़का पैदा होगा या लड़की पैदा होगी, की संभावना नहीं जाता सकते हैं। इसलिए आप ऐसे मिथक के चक्कर में ना पड़े की सेक्स पोजीशन अपनाने से लड़का पैदा हो सकता है, हां यह जरूर है, कि यदि आप गर्भधारण में परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो बेस्ट गर्भधारण के लिए सेक्स पोजिशन  का प्रयोग करते हुए गर्भधारण कर सकती हैं।

बार-बार संभोग करना है लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय

बार-बार संभोग करना

कुछ लोगों का मानना होता है, कि यदि ओल्यूशन पीरियड के समय बार-बार सेक्स क्रिया की जाती है, तो निश्चित रूप से है लड़का पैदा होता है। किंतु ऐसा संभव नहीं है क्योंकि बार बार सेक्स क्रिया करने से भ्रूण के लिंग निर्धारण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, यह भी एक उपाय है ऐसे व्यक्तियों या महिलाओं के लिए जो गर्भ ही नहीं धारण कर पा रही हैं, जो महिलाएं काफी लंबे समय के प्रयास के पश्चात भी गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं, वह महिलाएं इस प्रक्रिया को अपना सकती हैं। ग

र्भधारण के लिए बार बार संभोग इस लिए करना चाहिए, क्योंकि यदि दो से तीन बार या कई बार शुक्राणु महिला के गर्भाशय में पहुंचेंगे तो किसी ना किसी बार वह महिला के अंडों के साथ निषेचन क्रिया करेंगे। अतः ओल्यूशन पीरियड के समय बार-बार सेक्स क्रिया करने से महिलाएं यदि गर्भवती नहीं हो पा रही तो गर्भवती होने के अवसर बढ़ जाते हैं। किंतु इससे भ्रूण के लिंग निर्धारण में कोई फर्क नहीं पड़ता है। भ्रूण का लिंग निर्धारण प्रकार की मर्जी से ही होता है, इसमें बार बार सेक्स करना किसी प्रकार से काम नहीं आ सकता है। 

लड़का पैदा करने के घरेलू उपाय में सामिल है काम-उत्तेजना

लोगों के दिमाग में एक विशेष प्रकार का मिथक होता है, कि यदि अत्यधिक कामोत्तेजना के साथ सेक्स क्रिया की जाती है, तो निश्चित रूप से लड़का पैदा होता है। किंतु ऐसा बिल्कुल भी सत्य नहीं है, कामोत्तेजना केवल सेक्स के समय चरम सुख प्राप्त करने के लिए होती है। यदि अत्यधिक कामोत्तेजना के साथ सेक्स क्रिया की जाती है, तो महिला तथा पुरुष को सेक्स सुख का आनंद बहुत अधिक प्राप्त होता है, जिससे महिलाओं को चरम सुख प्राप्त होता है।

किंतु लोगों का मानना है, कि यदि सेक्स क्रिया करते समय पूर्ण उत्तेजना तथा अधिक समय तक सेक्स क्रिया की जाए, और पुरुष के स्खलित होने के पहले ही महिला को चरम सुख की प्राप्ति हो जाए, और महिला स्खलित हो जाए उसके पश्चात पुरुष का वीर्य महिला की योनि में स्खलित हो तो पुत्र होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। किंतु ऐसा केवल सेक्स को पूर्ण बनाने के लिए कहा जाता है। ऐसा करने से गर्भधारण तो हो सकता है, किंतु लिंग निर्धारण होना संभव नहीं है।

अतः यह एक प्रकार का मिथ्या वाक्य है, कि लड़का पैदा करने के लिए अत्यधिक  कामोत्तेजना का होना जरूरी होता है। अत्यधिक कामोत्तेजना होने का मतलब होता है कि शरीर में सेक्स पावर की क्षमता ठीक है, जिससे स्वस्थ शुक्राणु के कारण स्वस्थ शिशु की संभावनाएं की जा सकती हैं।

लड़के की चाह है तो रहे तनाव मुक्त

तनाव मुक्त

कुछ अंधविश्वास से विशेषज्ञों का मानना होता है, कि यदि व्यक्ति पुरुष तथा महिला दोनों ही तनाव मुक्त रहते हैं, तो ओल्यूशन पीरियड के समय सेक्स करने से निश्चित रूप से ही लड़का पैदा होता है। किंतु यह तथ्य किसी भी साक्ष्य से मेल नहीं खाता है, अर्थात इस तथ्य के कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसका लिंग निर्धारण में कोई सहयोग नहीं होता है।

यदि व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है, तो शरीर में टेस्टोस्टेरोन सहित सभी प्रकार के हारमोंस का श्रावण सही तरीके से होता है, जिसके कारण पुरुषों के टेस्ट इसमें स्वस्थ शुक्राणुओं का निर्माण होता है, जो गर्भधारण के लिए उपयुक्त होते हैं, अर्थात यह कह सकते हैं, कि तनाव मुक्त रहने से गर्भधारण करने में सहयोग मिलता है।

क्योंकि यदि महिला तथा पुरुष दोनों तनाव मुक्त रहते हैं तो शरीर में अत्यधिक शारीरिक शक्ति के साथ साथ स्वस्थ स्पर्म तथा अंडों का निर्माण होता है जिसके कारण सेक्स क्रिया के समय स्वस्थ स्पर्म द्वारा स्वस्थ अंडे के साथ निषेचन होता है, और होने वाली संतान स्वस्थ प्राप्त होती है। किंतु ध्यान रहे कि इस संतान के लिंग निर्धारण में तनाव मुक्त होने का कोई संबंध नहीं होता है, तनाव मुक्त होने से गर्भधारण की संभावनाएं जरूर बढ़ जाती हैं।

लड़का चाहिए तो टाइट अनर्वस्त्रों का त्याग करें

कुछ लोगों का मानना होता है, कि यदि आप संतान प्राप्ति के लिए उसे इस प्रकार के नियमों को अपना रहे हैं, तो आपको अंतर वस्त्रों का त्याग करना होगा अर्थात आपके अंडर गारमेंट्स यदि अधिक टाइट है, तो उन्हें ढीले पहने होंगे लोगों का मानना है, कि जो व्यक्ति अंडर गारमेंट्स अधिक टाइट पहनते हैं उनके Y शुक्राणु कमजोर हो जाते हैं, जिसके कारण लड़का होने में समस्या होती है।

किंतु ऐसा बिल्कुल सत्य है इस सत्य के साथ कोई भी संबंध नहीं है, क्योंकि कपड़े टाइट पहनने के कारण शुक्राणु जरूर कमजोर होते हैं, किंतु केवल Y शुक्राणु ही कमजोर होते हैं, ऐसा नहीं होता है क्योंकि यदि आप अत्यधिक टाइट कपड़े पहनते हैं, तो XY दोनों प्रकार के शुक्राणु के ऊपर उसका प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण शुक्राणु निर्माण भी धीमी गति से होने लगता है तथा शुक्राणु अत्यधिक कमजोर भी हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण है शुक्राणुओं की नसों पर पड़ने वाला दबाव होता है, यदि आप ढीले वस्त्र पहनते हैं तो आप के शुक्राणु अत्यधिक शक्तिशाली तथा शुक्राणु निर्माण तेजी से होने लगता है, जिससे महिलाएं अति शीघ्र गर्भवती हो सकती हैं।

किंतु इसका प्रभाव बच्चे के लिंग निर्धारण पर नहीं होता है, अर्थात यह बिल्कुल सत्य है, कि टाइट कपड़े पहनने से लड़का नहीं होता है। हम यह जरूर कह सकते हैं, कि टाइम कपड़े पहनने के कारण महिलाएं गर्भवती ही नहीं हो पाती हैं, क्योंकि पुरुषों के टेस्टिस में बनने वाले शुक्राणु कमजोर होते हैं, जो महिलाओं को गर्भवती करने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भवती करने के लिए ढीले कपड़े पहनने चाहिए जिससे स्वस्थ शुक्राणुओं का निर्माण हो सके।

चन्द्रमा आधा होने पर सम्भोग करें

चन्द्रमा आधा होने पर सम्भोग करें

विभिन्न प्रकार की पौराणिक कथाओं में बताया गया है, कि जिस समय चंद्रमा अपनी आधी स्थिति में हो जाता है, उस समय अधिक महिला और पुरुष द्वारा संभोग क्रिया की जाती है, तो होने वाली संतान निश्चित रूप से ही लड़का होती है। ऐसी बहुत सारी कथाएं प्राचीन काल से हमारे समाज में फैली हुई हैं जिनका बहुत अधिक मात्रा में लोग अंधविश्वास  पूर्ण भरोसा भी करते हैं। चंद्रमा, तारे तथा नक्षत्र, ग्रहों का हमारे जीवन पर असर पड़ता है, कि नहीं इसके बारे में कहना संभव नहीं है।

किंतु यह जरूर कहा जा सकता है, कि संभोग करने के पश्चात गर्भधारण के लिंग निर्धारण में चंद्रमा का कोई योगदान नहीं होता है, अर्थात हम यह कह सकते हैं, कि चंद्रमा कि किसी भी स्थिति में संभोग करने से लिंग निर्धारण की पुष्टि नहीं की जा सकती है। यह एकमात्र अंधविश्वास है जो समाज में फैला हुआ है, तथा लोग इसका अनुसरण भी कर रहे हैं। चंद्रमा मात्र एक उपग्रह है, जो हमारे ब्रह्मांड में व्याप्त है, और पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है, इसके अलावा वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार गर्भधारण और लिंग निर्धारण में इसका कोई योगदान नहीं होता है।

 लड़का पैदा करने के लिए तय समय पर सेक्स करें 

लड़का पैदा करने के लिए ऐसा माना जाता है, कि निश्चित समय पर यदि सेक्स क्रिया की जाती है, तो निश्चित रूप से ही संतान के रूप में लड़का ही प्राप्त होता है। लड़का प्राप्त करने के लिए पीरियड्स के चौथे 6वें, 8वें, 10वें, तथा 12वें दिन यदि संभोग क्रिया की जाती है, तो होने वाली संतान लड़का होती है, तथा इसके विपरीत यदि अन्य दिनों में सेक्स क्रिया की जाती है, तो होने वाली संतान लड़की पैदा होती है।

किंतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो ऐसा कुछ भी संभव नहीं है, क्योंकि पुरुषों के टेस्टिस में शुक्राणु अलग-अलग दिन के हिसाब से नहीं बनते हैं। टेस्टिस में में बनने वाले शुक्राणु अंडकोष में एक साथ एकत्रित होते हैं, तथा सेक्स क्रिया के समय जब पुरुष चरम सुख को प्राप्त होता है, तो वीर्य कैसा शुक्राणुओं का स्खलन होता है। किंतु ऐसा नहीं होता है कि यह शुक्राणु अलग-अलग दिन अलग-अलग स्थान से आते हैं, शुक्राणु दैनिक रूप से एक ही स्थान से स्खलित होते हैं।

इसलिए लड़का पैदा करने के लिए कोई भी दिन मायने नहीं रखता है। यदि ओल्यूशन पीरियड के समय आप किसी भी दिन सेक्स क्रिया करते हैं, और शुक्राणु महिला के गर्भाशय में पहुंच जाते हैं, तो निश्चित रूप से ही भ्रूण का निर्माण करते हैं, लेकिन इससे लिंग निर्धारण नहीं होता है।

लड़का पैदा हो इस लिए अधिक क्षारीय पदार्थों का सेवन करें

लड़का पैदा हो इस लिए अधिक क्षारीय पदार्थों का सेवन करें

जिन महिलाओं तथा पुरुषों को काफी लंबे समय के प्रयास के पश्चात भी लड़का पैदा नहीं होता है। वह अक्सर विभिन्न प्रकार के लोगों तथा डाक्टरों से पहुंचते हुए पाए जाते हैं, कि लड़का पैदा करने के लिए क्या खाना चाहिए। इसके बदले में लोग उन्हें विभिन्न प्रकार की सलाह देते हैं, तथा कुछ लोग क्षारीय खाद्य पदार्थों का प्रयोग करने के लिए कहते हैं, जो महिलाओं को गर्भधारण के समय होने वाले बच्चे में लड़का पैदा होने की संभावनाएं बढ़ाता है।

लोगों का मानना है, कि यदि महिला क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन जैसे हरे पत्तेदार सब्जियां, आंवला, अंकुरित अनाज, गाजर, मूली तथा मांसाहार का सेवन अधिक मात्रा में करती है, तो होने वाली संतान लड़का पैदा होता है। किंतु यह बिल्कुल असत्य तथ्य है, क्योंकि ऐसा करने से लिंग निर्धारण में कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।

इसका प्रभाव महिला के तथा पुरुषों के शारीरिक शक्ति पर अवश्य पड़ता है, जिसके कारण पुरुष तथा महिलाओं दोनों का ही स्वास्थ्य अच्छा रहता है, जिससे उन्हें गर्भधारण करने में आसानी होती है। यदि महिलाएं स्वस्थ होती हैं, तथा पुरुषों के द्वारा उन्हें स्वस्थ शुक्राणु प्राप्त करते हैं, तो उनको गर्भधारण करने में आसानी रहती है। किंतु गर्भधारण करने के पश्चात होने वाली संतान के लिंग निर्धारण में क्षारीय खाद्य पदार्थों का कोई योगदान नहीं होता है।

लड़का पैदा हो इस लिए अधिक कॉफ़ी पियें

लड़का पैदा हो इस लिए अधिक कॉफ़ी पियें

विभिन्न प्रकार के लोगों का मानना है, कि यदि महिलाएं संभोग क्रिया के पहले तथा बाद में अत्यधिक मात्रा में कॉफी पीते हैं, तो होने वाली संतान लड़का पैदा होता है। लोगों का मानना है कि यदि महिला तथा पुरुष सेक्स क्रिया के पूर्व काफी का प्रयोग करते हैं, तो सेक्स क्रिया करने के पश्चात यदि महिला गर्भवती होती है, तो होने वाली संतान निश्चित रूप से लड़का पैदा होती है, किंतु यह एक मिथक है, जिसको लोग एक अंधविश्वास के रूप में प्रयोग करते हैं।

हम यह मान सकते हैं, कि सेक्स क्रिया करने के पूर्व यदि महिला या पुरुष काफी का प्रयोग करते हैं, तो कॉफी हमारे शरीर में रक्त संचार को बढ़ाती है, जिससे सेक्स क्रिया के समय अत्यधिक उत्तेजना प्राप्त होती है। व्यक्ति के अत्यधिक उत्तेजित होने के कारण सेक्स क्रिया का चरमसुख अत्यधिक मात्रा में प्राप्त होता है, अर्थात कॉफी का प्रयोग पुरुष तथा महिलाओं में अत्यधिक उत्तेजना लाने के लिए किया जाता है, इससे गर्भवती होने तथा उसके लिंग निर्धारण में कोई असर नहीं पड़ता है।

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लड़का होने के उपाय सेक्स से पहले खांसी की दवा का सेवन

कुछ लोग अपने घर में सबसे पहले संतान के रूप में लड़के को देखना चाहते हैं, क्योंकि भारत एक पुरुष प्रधान देश है जिसके कारण भारतीय समाज में पुरुषों को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। इसके कारण लोग लड़का होने के उपाय करते हैं। जिनमें कुछ लोगों का मानना है, कि यदि संभोग क्रिया के पहले पुरुष खांसी की दवा का प्रयोग करता है, तो महिला के गर्भ में होने वाला बच्चा लड़का पैदा होता है।

किंतु वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार ऐसा असंभव माना गया है, क्योंकि खांसी की दवा और गर्भधारण और गर्भधारण के समय लिंग निर्धारण में कोई संबंध नहीं होता है। खांसी की दवा खांसी को ठीक करने के लिए बनाई जाती है, इसका लिंग निर्धारण में कोई भी भूमिका नहीं होती है। इसलिए यह एक असत्य तथ्य है, कि लड़का होने के उपाय के रूप में खांसी की दवा का प्रयोग करना चाहिए, खांसी की दवा का प्रयोग केवल खांसी को ठीक करने के लिए ही किया जा सकता है, लिंग निर्धारण के लिए नहीं।

निष्कर्ष

आधुनिक समय में लोग लड़का तथा लड़की में बहुत अधिक भेद करते हैं। इसलिए अत्यधिक लोग लड़का पैदा होने की चाह रखते हैं, जैसे ही कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसके परिवार तथा समाज में लोग लड़का पैदा हो इसकी कामनाएं करते हैं, तथा विभिन्न प्रकार के लड़का होने के उपाय तथा अंधविश्वासों को भी अपनाते हैं। किंतु लड़का या लड़की होने में  बाहरी कारकों का कोई योगदान नहीं होता है। लड़का और लड़की होना यह प्राकृतिक क्रिया है, इसका निर्धारण केवल प्रकृति द्वारा ही किया जा सकता है। इसलिए समाज में फैले मिथक शक्तियों के चक्कर में ना पड़े और लड़की और लड़के का समान रूप से सम्मान करते हुए दोनों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहें। जिससे हमारे समाज में लड़की तथा लड़का दोनों ही सामान अवस्था में अपना जीवन यापन कर सकते हैं, और एक दूसरे का सहयोग करते हुए अपने जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं।

FAQ’s

पुत्र प्राप्ति के लिए पति पत्नी को क्या करना चाहिए?

लोगों का मानना है कि पुत्र प्राप्ति के लिए पत्नी तथा पति को विभिन्न प्रकार के उपरोक्त नियमों को अपनाना चाहिए, तथा मासिक धर्म के कारण होने के चौथे 6वें, 8वें, 10वें, तथा 12वें दिन यदि संभोग क्रिया करनी चाहिए। किंतु ऐसा कुछ भी संभव नहीं होता है। पुत्र तथा पुत्री का निर्धारण ईश्वर द्वारा किया जाता है, इसमें पति तथा पत्नी कुछ भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए पुत्र तथा पुत्री दोनों का सम्मान करें तथा उन को अच्छी शिक्षा दें यही हमारा कर्तव्य होता है, क्योंकि आज के समय में पुत्रियां भी पुत्र से कम नहीं होती हैं। 

लड़का पैदा करने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?

यदि कोई महिला गर्भवती होना चाहती है, तो महिला तथा पुरुष दोनों को ही पौष्टिक आहार उनके साथ विभिन्न प्रकार के शारीरिक शक्ति प्रदान करने वाले फलों जैसे केला, सेब, अनार आदि का सेवन करना चाहिए। जिससे पुरुष तथा महिला दोनों के शरीर एक शक्ति का विकास होता है, और होने वाले संतान स्वास्थ्य तथा सुंदर होती है।

किंतु यदि आपको लड़का पैदा करना है, तो ऐसा कोई पल नहीं होता है, जिसको खाने से लड़का पैदा होता है। यह एक असत्य है जो समाज में आडंबर की तरह फैला हुआ है। फलों द्वारा मिलने वाली शारीरिक शक्ति महिलाओं को गर्भवती बना सकती है, किंतु उनके लिंग निर्धारण में कोई भूमिका नहीं निभाती है। 

कब संबंध बनाने से लड़का होता है?

यदि आप गर्भवती होना चाहते हैं, तो आपको मासिक धर्म प्रारंभ होने के चौथे दिन से दसवें दिल के मध्य शारीरिक संबंध बनाने की आवश्यकता होती है, जिससे आप को यदि पुरुष द्वारा स्वस्थ शुक्राणु प्राप्त होते हैं तो निश्चित रूप से ही आप गर्भवती हो जाती हैं। किंतु यदि आप सोच रही है कि किसी विशेष दिन संबंध बनाने से लड़का पैदा होता है तो ऐसा संभव नहीं है। 

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