पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए, जिससे उनका जीवन रहेगा खुशहाल

अक्सर घरों में देखा जाता है कि विवाह के बाद पति पत्नी किसी भी दिशा में सो जाते हैं किंतु किसी भी दिशा में सो जाने के कारण उनके जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं क्योंकि किसी भी दिशा में सोने के कारण वास्तु दोष होता है जिसके कारण हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं भारत में वास्तु दोष का बहुत बड़ा प्रभाव माना जाता है वास्तु दोष निवारण करने के लिए हमें वास्तु दोष के बताए गए नियमों के अनुसार सोने तथा अन्य प्रकार के क्रियाकलाप करने चाहिए वास्तु दोष की वजह से कुछ रिश्तों में कड़वाहट आ जाती है। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि सोते समय अगर पति-पत्नी कुछ बातों का ध्यान रखें तो वैवाहिक जीवन की कई समस्याओं से बचा जा सकता है। वास्तु के इन नियमों को मानने से उनके प्रेम संबंधों में सुधार होता है। आपके बीच तालमेल अच्छा हो, इसके लिए वास्तु में पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए की दिशा के बारे में कुछ सुझाव दिये गए हैं। यहां तक कि इससे संतान सुख में आने वाली बाधाएं भी खत्म हो सकती है। 


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    पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए

    पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए

    पतिपत्नी को रात में सोने से तथा सोने के तरीके से उनके प्यार तथा उनके व्यवहार में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है  पति पत्नी अगर आपस में चिपक कर एक दूसरे से सोते हैं तो उनमें प्यार बढ़ता है तथा एक दूसरे के प्रति प्यार तथा सद्भाव की भावना जागृत होती है जिसके कारण उनके आपसी रिश्ते बहुत ही मजबूत होते हैं इंसान अगर अपनी प्रेमिका या पत्नी से चिपक कर नींद लेता है तो ये उसकी सेहत के लिए अच्छी बात होती है। कई व्यक्तियों को अपने पार्टनर के साथ चिपक कर सोने की आदत होती हैं, लेकिन उन्हे इस बात का अहसास नहीं होता है की आखिर इस चीज का फाइदा होता है नुकसान।पार्टनर के साथ चिपक कर सोने से कई तरह के फायदे होते है, यहा तक की कई व्यक्ति सिर्फ अपने पार्टनर को प्यार जताने के लिए इस तरह से सोते हैं, लेकिन इस त्राह सोना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होता हैं। 

    Pati-Patni को आपस में चिपक कर सोने के कारण उनका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, तथा याददाश्त भी मजबूत होती है, जिसके कारण उनके बीच में एक दूसरे के प्रति प्यार की भावना बढ़ती है, और यदि उनके मध्य प्यार की भावना बढ़ती है, तो दोनों सेक्स क्रिया के लिए अधिक उत्तेजित होते हैं। जिससे उनके मध्य सेक्स के लिए अच्छी बॉन्डिंग होती है, और प्रसन्ना चित्त से एक दूसरे के साथ सेक्स क्रिया करते हैं, तो आपके रिश्ते मजबूत होते हैं। आप मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं, यदि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है, तो उसके शरीर में किसी प्रकार की अन्य समस्याएं होती हैं, क्योंकि मानसिक तनाव विभिन्न प्रकार की समस्याओं की जड़ होती है।

    नव विवाहित पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए

    Husband और wife को kis disha me sona chahiy यह बहुत मायने रखता है क्योंकि पति-पत्नी के एक दूसरे के विपरीत होने के कारण उनके रिश्ते खराब हो जाते हैं, तथा विभिन्न लोगों में माइग्रेन जैसी सर दर्द की समस्या हो जाती है। माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए उपाय पत्नी को आपस में चिपक कर सोना चाहिए, जिससे उनके सर दर्द की समस्या दूर हो जाती है। इसका मुख्य कारण होता है, कि उनके मस्तिष्क से मानसिक तनाव दूर हो जाता है, जिसके कारण सर दर्द की समस्या दूर हो जाती है। पति-पत्नी एक दूसरे से चिपक कर सोते हैं, उन्हें नींद भी बहुत अच्छी आती है, जिससे शारीरिक थकावट दूर होती है और हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। 

    विवाहित जोड़ों के बेडरूम के लिए वास्तु

    विवाहित जोड़ों के बेडरूम के लिए वास्तु

    विवाह के पश्चात विवाहित जोड़ों पर था पति-पत्नी के लिए बेडरूम का चयन वास्तु के अनुसार करना चाहिए। नए वैवाहिक जोड़े के लिए वास्तु के अनुसार बेडरूम सेट किया जाता है, जिससे उनके जीवन में किसी प्रकार की समस्या ना प्रवेश करें तथा उनका जीवन खुशहाली पूर्वक व्यतीत हो, इसलिए विवाहित जोड़ों का बेडरूम चयन करते समय कुछ सावधानियां ध्यान में रखना चाहिए। नवविवाहित पति-पत्नी का बेडरूम निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखते हुए चयन करना चाहिए।

    • यदि नवविवाहित पति पत्नी घर के मालिक हैं तो उनका बेडरूम दक्षिण पश्चिम दिशा में होना चाहिए। 
    • यदि नवविवाहित जोड़ा अथवा  पति पत्नी अपने भाई बहन तथा अपने परिवार के साथ रहते हैं तो उनका बेडरूम वास्तु के अनुसार उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
    • नवविवाहित पति पत्नी को उत्तर पूर्व वाले बेडरूम से बचना चाहिए क्योंकि ऐसे बेडरूम में सोने तथा सेक्स क्रिया करने से स्वास्थ्य नुकसान होता है।
    • पति-पत्नी के बेडरूम में बेड के ठीक ऊपर बीम लाइट नहीं होनी चाहिए जो बेड को क्रॉस करती हो इससे उनके सेक्स जीवन में प्रभाव पड़ता है।
    • बेडरूम को तनाव मुक्त रखना चाहिए इसलिए बेडरूम में टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर, आदि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया गैजेट्स नहीं होने चाहिए, जिससे पति-पत्नी डिस्ट्रेक्ट होते हैं, जिसके कारण उनके आपसे प्यार में प्रभाव पड़ता है।

    वास्तु के अनुसार बेड की दिशा

    वास्तु के अनुसार बेड की दिशा

    बेडरूम के अलावा आपके रूम में बेड की स्थिति भी पति पत्नी के बीच वास्तु का प्रभाव डालता है। पति-पत्नी के साथ सोने वाला बेड दक्षिण पश्चिमी दीवारों से सटा होना चाहिए पति और पत्नी के बेडरूम में उनका बेड दरवाजे के बिल्कुल सामने नहीं होना चाहिए, तथा सोते समय उनका सर उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। दक्षिण दिशा में सर रखकर सोने से पति-पत्नी दोनों ही तनावग्रस्त हो जाते हैं, जिससे उनको माइग्रेन जैसे समस्याएं होती हैं, तथा उनको अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए दक्षिण दिशा में सर करके नहीं सोना चाहिए, यदि रूम के अंदर बेड की स्थिति वास्तु के अनुसार सही रहती है, उसके बाद हमें यह सोचना चाहिए कि पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए जिससे उनके सोने की स्थिति को भी सही से निर्धारित किया जा सके, और उनके जीवन को सुखी बनाया जा सके। 

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    पति पत्नी के सोने की दिशा 

    पति पत्नी के सोने की दिशा

    कुछ लोगों का मानना है कि कमरे में बेड को बिल्कुल किसी कोने में नहीं डालना चाहिए, बेड के दोनों तरफ कुछ जगह खाली रहनी चाहिए, जिससे उड़ते समय दोनों तरफ से आया जाया जा सके। इसलिए आप बेड को बिल्कुल कमरे के कोने में करके सोते हैं, तो यह हमारे एनर्जी सरकुलेशन पर प्रभाव डालता है, जिसके कारण हमारा जीवन प्रभावित होता है। पति को दाहिनी तरफ तथा पत्नी को बाएं तरफ सोना चाहिए। पति-पत्नी के सोने की दिशा के अनुसार उनके आपसी रिश्ते मजबूत रहते हैं। पति-पत्नी के बीच प्रेम संबंधों को मजबूत बनाने के लिए धर्म शास्त्र में कुछ नियम बताया गया है, जो कि हर दंपति को इस नियमों के अनुसार चलना चाहिए। पति पत्नी का रिश्ता पवित्र रिश्ता माना गया है।अगर दोनों के अंदर प्रेम मजबूत नहीं रहेंगे, तो जीवन में अंधकार छा जाता है। पति पत्नी के बीच प्रेम संबंधों को मजबूत बनाने के लिए धर्म शास्त्र का ज्ञान अवश्य होना चाहिए, और इन नियमों को पालन अवश्य करना चाहिए।

    सोते समय पैरों की दिशा

    सोते समय पैरों की दिशा

    सोते समय हमारे पैरों की स्थिति कैसे होनी चाहिए, इसका भी बहुत बड़ा महत्व हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता है। पति-पत्नी जब एक साथ रात में बिस्तर पर सोते हैं, तो उनके पैरों की स्थिति उनके सेक्स लाइफ तथा स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। पैरों की दिशा यदि वास्तु के अनुसार होती है, तो वास्तुशास्त्र के अनुसार उनके जीवन में खुशी होती है, तथा उनका वैवाहिक जीवन सुखी पूर्वक व्यतीत होता है। हमेशा अपने पैरों को पूर्व की ओर करके सोये, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। पश्चिम और दक्षिण भी इसके लिए आदर्श दिशा हैं। सोते समय पैरों को उत्तर दिशा में नहीं करना चाहिए। हिंदू विद्वानों का मानना है, कि उत्तर दिशा देवताओं की दिशा होती है, इसलिए उत्तर दिशा में पैर करके सोने से देवताओं का अपमान होता है, जिससे जीवन में प्रभाव पड़ता है। 

    सोने का तरीका न बन जाए पति पत्नी में दूरी की वजह

    नाविवाहित जोड़े के सोने का तरीका ऐसा होना चाहिए, कि उनका जीवन सुख तथा समृद्धि से व्यतीत हो सके। आधुनिक समय में अक्सर ऐसा होता है कि पति-पत्नी किसी भी तरीके से सो जाते हैं, जिसका प्रभाव उनके वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। गलत तरीके से सोने का प्रभाव के कारण उनमें आपसी टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिसके कारण उनके रिश्ते खराब हो जाते हैं, तथा जिसका प्रभाव उनके संतान सुख पर भी पड़ता है। गलत स्थित में सोने के कारण बहुत से पति पत्नी संतान सुख से वंचित रह जाते हैं, जिसके कारण उनका जीवन विभिन्न प्रकार की समस्याओं से गिर जाता है, इसलिए पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए, या उनके लिए बहुत ही उपयोगी होता है।

    पति-पत्नी के सोने का सही तरीका

    पति-पत्नी के सोने का सही तरीका

    विवाह के पश्चात जब पति पत्नी एक दूसरे के साथ सोते हैं, तो उनके सोने का तरीका उनके जीवन पर प्रभाव डालता है, तथा उनके जीवन में उनके सोने के तरीके से बहुत सारे बदलाव होते हैं। इसलिए पति-पत्नी को अपने सोने के तरीके में ध्यान देना चाहिए, और परिस्थितियों के अनुसार तथा वास्तुशास्त्र को देखते हुए अपने सोने का तरीका बदलना चाहिए। सोने के तरीके की वजह से पति-पत्नी में आप से प्यार बढ़ता है, तथा आपसे लगाव होने के कारण एक दूसरे के प्रति विश्वास बढ़ता है। पति-पत्नी को सोने का सही तरीका क्या होना चाहिए, इसके बारे में विभिन्न प्रकार के लोगों के अलग-अलग मत सामने आते हैं। अलग-अलग स्थितियों में पति-पत्नी को अलग-अलग तरीके से सोना चाहिए इसलिए किस समय किस प्रकार से सोना है, इसकी जानकारी पति पत्नी को होना बहुत ही आवश्यक है, पर पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए, इसकी जानकारी दे देना उनका जीवन स्वस्थ तथा सुखमय नहीं हो सकता है।

    सोने का सही तरीका न अपनाने से नीरस होने लगता है संबंध

    पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए, इसकी सही जानकारी इनके सोने के तरीके से उनके संबंध में नीरसता आने लगती हैं, क्यों कि यदि वास्तु के अनुसार गलत तरीके से पति-पत्नी सोते हैं। वास्तु का प्रभाव उनके जीवन पर पड़ता है, जिसके कारण उनको विभिन्न प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन सभी प्रकार के समस्याओं से बचने के लिए वास्तु का सहित अध्ययन करके उसके पश्चात भी सोने के सही तरीके को अपनाना चाहिए। पति-पत्नी को सोने के लिए पूर्व दिशा के कमरे में या कमरे के अंदर उत्तर-पूर्व में बेड नहीं लगाना चाहिए। वास्तु के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा का स्वामी गुरु होता है, जो योन उत्साह में कमी लाता है, जिसके कारण पति-पत्नी में यौन इच्छाओं की कमी हो जाती है, तथा उनकी सेक्स पावर कमजोर हो जा जिसके कारण उनके आपसी रिश्ते बहुत कमजोर होने लगते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए पति-पत्नी को सोने का सही तरीका अपनाना चाहिए। 

    ऐसे सोने से बढ़ता है प्रेम के प्रति उत्साह

    आधुनिक समय में वातावरण की परिस्थितियों के कारण साथ ही साथ अन्य विभिन्न कारणों से पति-पत्नी में यौन इच्छाओं की कमी हो रही है, जिसके कारण उनके मध्य शारीरिक संबंध अच्छे नहीं होते हैं। शारीरिक संबंध अच्छे ना होने के कारण पति-पत्नी मानसिक तनाव में रहते हैं, जिसके कारण उनके मध्य लड़ाई झगड़े होने लगते हैं, और अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण रिश्ते कमजोर हो जाते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए रात को सोते समय वास्तु का ध्यान रखते हुए सोना चाहिए।

    रात को सोते समय दक्षिण पूर्व दिशा वाले कमरे में सोना चाहिए या फिर कमरे में दक्षिण-पूर्व की दिशा में बेड डालना चाहिए, जिससे पति-पत्नी के मध्य होने वाला आपसी तनाव समाप्त हो जाता है, क्योंकि इस दिशा में शुक्र का वास होता है, जिसके कारण वहां पर अग्नि होती है। अग्नि होने के कारण पति-पत्नी में एक दूसरे के प्रति उत्साह तथा शरीर में ऊर्जा का भरपूर संचार होता है, जिसके कारण उनके मध्य पर्याप्त रूप से सेक्स पॉवर बढने के कारण अच्छी सेक्स क्रिया होती है, और रिश्ते मजबूत रहते हैं। 

    जोशीले पति-पत्नी का शयन कक्ष यहां नहीं होना चाहिए

    जोशीले पति-पत्नी का शयन कक्ष यहां नहीं होना चाहिए

    उत्तर-पूर्व दिशा में सामान शारीरिक क्षमता वाले पति-पत्नी का गहरा होना चाहिए, किंतु अत्यधिक शारीरिक शक्ति तथा सेक्स इच्छा रखने वाले पति-पत्नी का कमरा उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि यदि उत्तर-पूर्व दिशा में जोश से भरपूर पति-पत्नी का बेडरूम होता है, तो उनके अंदर और अधिक जोश तथा शक्ति का संचार होता है, जिसके कारण उम्र में सेक्स इच्छा और अधिक जागृत होने लगती है, जो उनके मध्य विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए जो पति-पत्नी पूर्व से ही अधिक सेक्स इच्छा की कामना रखते हैं, तथा उनके शरीर में पर्याप्त शक्ति का संचार होता है, उनको उत्तर-पूर्व दिशा के अलावा ना किसी अन्य दिशा में अपना बेडरूम बनाना चाहिए, तथा सेक्स इच्छा को सामान्य रखना चाहिए। जिससे उनके आपसी रिश्ते मजबूत बने रहने और उनका जीवन खुशहाली पूर्वक व्यतीत हो। 

    वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए आदर्श रंग

    वास्तु के अनुसार बेडरूम के लिए आदर्श रंग

    बेडरूम एक ऐसी जगह होती है, जहां हम अपने खाली समय बिताते हैं। अक्सर नवविवाहित पति-पत्नी खाली समय को अपने बेडरूम में जाकर बिताते हैं, हम अपने निजी पलों को तथा आराम करने के लिए बेडरूम में ही जाते हैं। इसलिए बैडरूम के वास्तु डिजाइन तथा उसमें होने वाले रंगों का प्रयोग बहुत ही सोच समझ कर करना चाहिए, जो हमें खुशी प्रसन्नता तथा उत्साह प्रदान कर सकें, इसके अलावा कुछ रंग ऐसे भी होते हैं जो हमारी सोच को सकारात्मक बनाते हैं। इसलिए बेडरूम को पेंट कराते समय ऐसे रंगों का विशेष ध्यान रखें, जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। बेडरूम को कलर कराते समय निम्नलिखित रंगों का प्रयोग करना चाहिए

    • नीला 
    • गुलाबी 
    • हरा 
    • भूरा 
    • सफेद

    नीला और गुलाबी

     नीला रंग उर्जा का संचार का प्रतीक होता है, तथा हल्का नीला रंग हमें शांति प्रदान करता है। नीला रंग हमारे मस्तिष्क को शांति तथा आराम प्रदान करने में मदद करता है। इसलिए यह रंग हमारे बेडरूम को शांति तथा उत्साह का माहौल प्रदान करता है। इसलिए बेडरूम को पेंट कराते समय नीले रंग का भी प्रयोग करना चाहिए। गुलाबी रंग प्यार का प्रतीक होता है, तथा यह रंग महिलाओं को बहुत ही अच्छा लगता है। इसलिए आप अपने वैवाहिक संबंध के पश्चात पत्नी को खुश करना चाहते हैं, तो बेडरूम का कलर गुलाबी रंग करा सकते हैं। साथ ही साथ बेडरूम को सजाने के लिए विभिन्न प्रकार की गुलाबी वस्तुओं जैसे- गुलदस्ता, फूलदान, पर्दे, चद्दर आदि वस्तुएं भी गुलाबी रंग की कर सकते हैं, इससे ही आपस में प्यार बढ़ता है तथा आपसी रिश्ते मजबूत रखें।

    हरा और भूरा

    हरा रंग स्वास्थ्य तथा उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है, हरे रंग के प्रयोग से हमारी आंखें तथा हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। किंतु हरा रंग सभी को बहुत कम पसंद आता है, इसलिए कमरे में हरे रंग का प्रयोग करने के लिए इनडोर पौधों का प्रयोग करना चाहिए, जिससे कमरे का माहौल स्वास्थ्य तथा आरामदायक बना रहता है। वास्तुशास्त्र का मानना है कि पुराना हमारे जीवन में लालित्य तथा खुशहाली बढ़ाता है, बेडरूम में इसका प्रयोग करने से सेक्स इच्छा में वृद्धि होती है, जिसके कारण नवविवाहित पति-पत्नी के जीवन में खुशहाली रहती है। बेडरूम में भूराराम गर्मजोशी को बढ़ाता है, जिसके कारण सेक्स इच्छाओं में वृद्धि होती है, तो साधना विवाहित पत्नी का जीवन खुशहाल रहता है। 

    सफेद रंग

    वैसे भी सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए वैवाहिक जीवन के पश्चात मानसिक तथा शारीरिक शांति बहुत ही आवश्यक होती है। सफेद रंग लड़ाई झगड़े को रोकता है, तथा जीवन में शांति लाता है, जिसके कारण रिश्ते मजबूत होते हैं तथा हमारा जीवन खुशहाल रहता है। श्वेत रंग प्रत्यक्ष प्रकाश के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है। श्वेत वर्ण तकनीकी दृश्टि से कोई रंग नहीं है, क्योंकि इसमें ह्यू नहीं है। श्वेत प्रकाश का प्रभाव, प्राथमिक रंगों की उचित राशियों को मिलाने पर बनता है, इस प्रक्रिया को संयोजी मिश्रण कहा जाता है।

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    पति-पत्नी को रात में सोने के लिए आवश्यक सुझाव

    प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में खुशहाली तथा शांति चाहता है, इसलिए जीवन में खुशहाली तथा शांति के लिए पति पत्नी को आपस में तालमेल तथा रिश्तो को मजबूत रखना चाहिए। रिश्तो को मजबूत रखने के लिए हमें कुछ विशेष प्रकार के नियमों को अपनाना चाहिए, जो हमारे शास्त्रों तथा वेदों में वर्णित है, उनके अनुसार अपने जीवन को डालते हैं, तो निश्चित रूप से ही हमारे जीवन में खुशहाली रहती है। इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार पति पत्नी को रात में सोने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए।

    • सौभाग्य के लिए नवविवाहित पति-पत्नी के रूप में कुछ फूल रखने चाहिए, दक्षिण पश्चिम दिशा में लाल गुलाब रखने से सुकून का माहौल बना रहता है और रिश्तो में  उत्साह बना रहता है।
    • विवाहित पति-पत्नी के रूम में किसी प्रकार की डरावनी मूर्ति या तस्वीर तथा नग्न अवस्था में इसी प्रकार का चित्र नहीं होना चाहिए।
    • वातावरण नकारात्मकता को हटाने के लिए फर्श में नमक और पानी से पोछा लगाना चाहिए।
    • कमरे में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए कमरे को व्यवस्थित रखें तथा कमरे की सामान को एक निश्चित व्यवस्था के अनुसार ही रखें।
    • मानसिक तनाव को दूर करने के लिए बैडरूम की दीवारों में  प्रसन्न चित्र वॉलपेपर का प्रयोग करना चाहिए। 
    • खुशनुमा तथा प्रसन्नचित माहौल बनाने के लिए बेडरूम के अंदर उचित लाइट का प्रबंध करना चाहिए बहुत अधिक चमक-दमक नहीं रखनी चाहिए लाइन तथा कैंडल का भी प्रयोग किया जा सकता है।

    निष्कर्ष

    आधुनिक समय के मॉडर्न युग में लोग इतने मॉडर्न होते जा रहे हैं, कि वह फैशन के अनुसार अपने जीवन को बनाते जा रहे हैं, जिसके कारण उनके जीवन पर आधुनिक फैशन का विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, और उनके जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। प्रत्येक व्यक्ति का रहन-सहन तथा सोने जागने की स्थिति और समय हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं, इसलिए हमें अपने घर में प्रत्येक से भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार रखनी चाहिए, जिससे हमारे जीवन में खुशहाली आती है, तथा हमारा जीवन सुखी रहता है।अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए नवविवाहित पति-पत्नी को रात में कैसे सोना चाहिए इसकी जानकारी भी बहुत ही आवश्यक होती है। इसलिए अपने सोने के तरीके तथा अपने बेडरूम की स्थिति भी वास्तु के अनुसार ही तय करनी चाहिए, जिससे आपके जीवन में खुशहाली तथा प्रसन्नता बनी रहे और आपका जीवन सुखी पूर्वक चलता रहे।

    FAQ’s

    पति पत्नी साथ में क्यों सोते हैं?

    शादीशुदा जोड़े एक साथ इसलिए सोते हैं, क्योंकि एक साथ सोने से उनके शारीरिक तथा मानसिक रिश्तो को मजबूत बनाने में सहायता मिलती है, तथा एक दूसरे के साथ सोने के कारण आपसी प्यार बढ़ता है, और हमारे रिश्ते मजबूत रहते हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है, कि यदि पति पत्नी एक साथ सोते हैं, तो उनका शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, तथा उनके जीवन में शांति रहती है जिसके कारण उनकी सेक्स लाइफ बेहतर होती है, और वह खुशी पूर्वक अपने जीवन का निर्वाह करते हैं।

    पति पत्नी बेड पर कैसे सोते हैं?

    पति-पत्नी को रात को सोते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि सोते समय एक दूसरे की बाहों में चिपक कर सोना चाहिए, तथा सोते समय दक्षिण दिशा की ओर सिर तथा उत्तर दिशा की ओर पैर रखना उपयुक्त माना जाता है। इससे शारीरिक शक्ति का विकास होता है, जिससे हमारी सेक्सुअल पावर बढ़ती है, और हम अपने जीवन में खुशहाल रहते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार बेड में सोने के कारण घर में शांति तथा धन की कमी नहीं होती है।

    पति और पत्नी को बिस्तर के किस तरफ सोना चाहिए?

    सबसे पहले पति पत्नी को अपना बिस्तर तथा बेड लगाने हैं, की तरफ ध्यान देना चाहिए की बेड को किसी कोने में नहीं सेट करना चाहिए। बेड के दोनों तरफ आने जाने के लिए पर्याप्त रास्ता होना चाहिए, तथा पत्नी को बिस्तर के बाएं तरफ तथा पति को बिस्तर के दाहिने तरफ सोना चाहिए। पत्नी को एक दूसरे की बाहों में चिपक कर सोना चाहिए जिससे उनके मध्य प्यार बढ़ता है तथा आपसी रिश्ते में भी मजबूत रहते हैं।

    पति पत्नी को कब मिलना चाहिए?

    सामान्य स्तर पर पति पत्नी को आपस में मिलकर ही रहना चाहिए, किंतु सेक्स क्रिया करने के लिए दोनों को सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार तथा शुक्रवार का दिन चयन करना चाहिए, इस दिन सेक्स क्रिया करने से यदि आप गर्भवती होती हैं, तो बहुत ही उत्तम माना जाता है। इसी के विपरीत शुक्रवार, रविवार तथा मंगलवार को सेक्स क्रियाएं नहीं करना चाहिए, यह वास्तु के अनुसार गलत माना जाता है।

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