तेल का प्रयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है, तिल में कुछ ऐसे आयुर्वेदिक रासायनिक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को स्वास्थ्य तथा मजबूत बनाते हैं। तिल में उपस्थित कुछ तैलीय पदार्थ हमारे शरीर में मांसपेशियों तथा त्वचा के उतकों को निर्माण तथा रिपेयर में सहायक होते हैं। जिन पुरुषों में मांसपेशियों की कमजोरी तथा नसों की कमजोरी के कारण लिंग की समस्या होती है। उनको दैनिक रूप से पेनिस पर तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए। पेनिस पर तिल का तेल प्रयोग करने से विभिन्न प्रकार के फायदे होते हैं, पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे होने के कारण लिंग की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं, और व्यक्ति का पेनिस सामान्य अवस्था में कार्य करने लगता है, तथा उस में आई कमजोरी दूर हो जाती है।
भारतीय आयुर्वेद के अनुसार तिल के तेल में त्वचा को रिपेयर करने के गुण बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जिसके कारण तिल के तेल का प्रयोग शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने तथा नसों में रक्त संचार को पर्याप्त रूप से बनाए रखने में प्रयोग किया जाता है। यदि हमारे शरीर में तथा लिंग में मांसपेशियां कमजोर होने के कारण या फिर लिंग की नसें कमजोर होने के कारण किसी पुरुष के पेरिस में पर्याप्त तनाव नहीं आता है, तो पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे विभिन्न प्रकार से मिलते हैं, क्योंकि तिल का तेल प्रयोग करने से मांसपेशियों तथा नसें मजबूत होती हैं। साथ ही साथ रक्त तंत्रिकाओं में पर्याप्त मात्रा में रक्त संचार होने लगता है। जिससे पेनिस में होने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं, और पेनिस में तनाव ना आने की समस्या दूर हो जाती है।
तिल का तेल
तिल एक विशेष प्रकार का पुष्पीय पौधा होता है जिस की खेती भारत में प्रचुर मात्रा में की जाती है। तिल की खेती उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में बहुत अधिक मात्रा में की जाती है, क्योंकि तिल के पौधे को उगने के लिए अत्यधिक बारिश तथा अन्य उष्ण दशाओं की आवश्यकता होती है, जिससे तिल की पैदा हुआ बहुत अधिक मात्रा में होती है और इससे बहुत अधिक मात्रा में तेल का निर्माण किया जाता है। तिल द्वारा तैयार किए गए तेल से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है, तथा इसमें विशेष प्रकार के औषधीय गुण होने के कारण इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की औषधियों के निर्माण में किया जाता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए तिल का प्रयोग तिलहन के रूप में किया जाता है, जिसका सामान्य अवस्था में खाद्य पदार्थों के पकाने तथा दैनिक जीवन में भोजन से संबंधित उपयोग में इस तेल का प्रयोग किया जाता है।
तिल के बीज से खाद्य वनस्पति तेल है। दक्षिण भारत में खाना बनाने के तेल के रूप में उपयोग किए जाने के अलावा, यह अक्सर चीनी, कोरियन और कुछ हद तक दक्षिण-पूर्व भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।आयुर्वेद के अनुसार तिल के तेल को स्किन और मांशपेशियों को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद माना जाता है। वैज्ञानिक रूप से तिल का तेल लिंग के लिए कितना फायदेमंद होता है, इसका पता लगाने के लिए हम मुंबई में हुए एक शोध का पूरा विश्लेषण किया जो इस शोध में लिंग पर तिल के तेल के प्रभावों की जाँच की गई। जसमें बहुत अच्छे तिल के तेल के परिणाम देखने को मिलते हैं।
पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे तथा नुकसान
पेनिस में तेल लगाने से पेनिस की नसें मजबूत होती है तथा पेनिस में कमजोरी की समस्या दूर हो जाती है तिल के तेल में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तत्व होते हैं विभिन्न प्रकार की पेनिस से संबंधित विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं को दूर करता है तिल के तेल में बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जिससे त्वचा की कोशिकाएं रिपेयर होती हैं तथा मांसपेशियों में रक्त संचार सामान्य मात्रा में होने लगता है पता हमारे शरीर की नसें तथा मांसपेशियां मजबूत हो जाती है और रक्त तंत्रिकाओं में रक्त का संचार सामान्य रहता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है शरीर की मांसपेशियों तथा नसों को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक रूप से तिल का तेल द्वारा मालिश करने से शरीर में रक्त संचार सामान्य रूप से बना रहता है आज के इस लेख में हमने पेनिस में तिल का तेल लगाने के फायदे तथा उसके उपयोग की जानकारी दिए जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है इसलिए तिल का तेल लगाने के पेनिस में निम्नलिखित फायदे मिलते हैं
- पेनिस में तनाव की समस्या के लिए।
- शुक्राणुओं की गतिशीलता को बढाने के लिए।
- शीघ्रपतन को दूर करने के लिए।
- सेक्स टाइमिंग बढाने के लिए।
- पेनिस में रक्त संचार बढाने के लिए।
- पेनिस की नसें मजबूत करने के लिए।
- लिंग का आकार बढाने के लिए।
- शुक्राणु संख्या बढाने के लिए।
- पेनिस की त्वचा मुलायम बनाने के लिए।
पेनिस में तनाव की समस्या के लिए
पेनिस की नसों में कमजोरी को दूर करने के लिए तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है क्योंकि हमारी कुछ गलतियों के पेनिस में सेक्स क्रिया करते समय पर्याप्त समय नहीं रहता है जिसके कारण वह पुरुष सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होता है या फिर सेक्स क्रिया करते समय वह सेक्स क्रिया का आनंद नहीं ले पाते हैं।
इसलिए सेक्स क्रिया के समय पेनिस में पर्याप्त न होने की आवश्यकता होती है। पेनिस में पर्याप्त तनाव लाने के लिए पेनिस की नसों का मजबूत होना आवश्यक होता है जो पेनिस में रक्त संचार को बढ़ाती हैं, जिसके कारण लिंग में पर्याप्त तनाव आ जाता है। अतः पेनिस में तनाव की कमी को दूर करने के लिए तिल के आयल का प्रयोग किया जाता है, जो पुरुषों के पेनिस में रक्त संचार को बढ़ा देता है तथा उसके तनाव में वृद्धि करता है।
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तिल का तेल शुक्राणुओं की गतिशीलता को बढाने के लिए
पुरुषों के शरीर में उपस्थित शुक्राणु की गतिशीलता उनकी प्रजनन क्षमता को निर्धारित करती है। शुक्राणु की गतिशीलता जितनी अच्छी होती है। पुरुषों में प्रजनन क्षमता उतनी अधिक बेहतर मानी जाती है। वीर्य में उपस्थित कमजोर शुक्राणु हमारे शरीर में उपस्थित वीर्य को पतला बना देते हैं, जिसके कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता बहुत कमजोर हो जाती है, और पुरुष किसी महिला को प्रेग्नेंट करने में असमर्थ होता है, जिससे उनके जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं।
तिल का तेल शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने में बहुत ही मदद करता है, जिससे शुक्राणु गतिशील हो जाते हैं। तिल के तेल का दैनिक प्रयोग करने से शुक्राणु क्षमता बढ़ती है, और स्वस्थ शुक्राणुओं का निर्माण होता है, जिसके कारण शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ती है, और पुरुषों में प्रजनन क्षमता मजबूत रहती है। जिन पुरुषों में प्रजनन क्षमता कमजोर होती है, तिल का तेल फोन में शुक्राणु की गतिशीलता बढ़ाने में मदद करता है।
तिल के तेल से शीघ्रपतन को दूर करने के लिए
पुरुषों में शीघ्रपतन की समस्या शारीरिक कमजोरी तथा पेनिस की ढीली नसों के कारण होती है, जिससे पुरुषों में सेक्स करते समय वीर्यपात अतिशीघ्र होने लगता है, जिसे हम शीघ्र पतन की समस्या के नाम से जानते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए तिल का तेल बहुत ही फायदेमंद होता है। जिन व्यक्तियों में ऐसी समस्या होती है, उनको अपने पेनिस पर दैनिक रूप से तिल के तेल द्वारा मालिश करनी चाहिए, जिससे उनके पेनिस की मांसपेशियों को ताकत मिलती है, लिंग की नसें मजबूत हो जाती है, जिसके कारण पुरुष के लिंग से वीर्य पात जल्दी नहीं होता है। अधिक देर तक सेक्स क्रिया करने में समर्थ होता है, सेक्स क्रिया से लंबे समय तक होने के कारण पुरुष तथा महिला दोनों को ही सेक्स सुख का आनंद मिलता है, और अपने पारिवारिक जीवन का वे आनंद लेते हैं।
पुरुषों में सेक्स टाइमिंग बढाने के लिए
पुरुषों में कमजोर सेक्स शक्ति होने के कारण अर्थात पुरुषों की मर्दाना शक्ति कमजोर होने के कारण उनकी सेक्स टाइमिंग बहुत कम होती है। सेक्स करने की टाइमिंग बहुत कम होने के कारण पुरुष महिला जीवन साथी के साथ अधिक समय तक सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होते हैं, जिसके कारण महिलाएं संतुष्ट नहीं हो पाती हैं। सेक्स क्रिया में संतुष्टि ना मिलने के कारण महिलाएं मानसिक तनाव का शिकार हो जाती हैं, जिससे उनको विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याएं होने लगती हैं।
इन मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए पुरुष को अतिरिक्त शारीरिक स्तर की आवश्यकता पड़ती है, जिससे वह अपने लिंग की मांसपेशियों को मजबूत बना सके तथा सेक्स टाइमिंग बढ़ा सकें लिंग की नसों तथा मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए तिल का तेल बहुत ही अचूक औषधि के रूप में कार्य करता है, जिसके द्वारा दैनिक रूप से लिंग की मसाज करके सेक्स टाइमिंग को बढ़ाया जा सकता है, जिससे महिलाओं तथा पुरुषों के मध्य सद्भावना बढ़ती है तथा उनमें अत्यधिक प्रेम रहता है।
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पेनिस में रक्त संचार बढाने के लिए तिल का तेल
हमारे शरीर के प्रत्येक अंग के मजबूती उस अंग पर हो रहे पर्याप्त रक्त संचार के कारण होती है, क्योंकि सामान्य रूप से रक्त संचार होने के कारण कोशिकाओं का निर्माण लगातार होता रहता है, जिससे प्रत्येक अंग मजबूत तथा स्वस्थ बना रहता है। यदि किसी अंग में रक्त संचार कम हो जाता है, तो उस क्षेत्र की मांसपेशियों का विकास रुक जाता है, जिसके कारण वह क्षेत्र तथा वह अंग सुचारू रूप से कार्य करने में सक्षम नहीं रहता है।
इसी तरह यदि लिंग की नसों में रक्त संचार कम हो जाता है, तो लिंग में तनाव की समस्या आने लगती है। तनाव की समस्या को दूर करने के लिए जरूरी है, कि लिंग में पर्याप्त रक्त संचार किया जा सके लिंग में सामान्य रक्त संचार को बनाए रखने के लिए तिल के तेल द्वारा दैनिक रूप से लिंग की मालिश करनी चाहिए, पेनिस को तिल के तेल द्वारा मालिश करने से पेनिस में रक्त संचार सामान्य बना रहता है।
तिल का तेल पेनिस की नसें मजबूत करने के लिए
तिल का तेल का प्रयोग पेनिस की नसों को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों की पेनिस की नसों कमजोर होती है, जिसके कारण उनके पेनिस में तनाव बंद हो जाता है, तथा पुरुष सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होता है। सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होने के कारण पुरुषों को विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन तिल का तेल इन सभी पुरुषों के लिए एक रामबाण अवसर की तरह कार्य करता है।
पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे कितने अधिक है, कि व्यक्ति इसका प्रयोग करके पेनिस की ढीलेपन की समस्या से राहत पा रहे हैं। दैनिक रूप से तिल का तेल द्वारा पेरिस की मालिश करने से उनकी नसें मजबूत होती जा रही है, जिससे पेनिस सामान अवस्था में खड़ा रहने में समर्थ होता है, तथा पुरुष सेक्स क्रिया करने में समर्थ हो जाता है। पेनिस के कमजोर नसों से जूझ रहे व्यक्तियों को दैनिक रूप से तिल के तेल द्वारा लिंग की मालिश करना चाहिए, या उनके लिए बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है।
लिंग का आकार बढाने के लिए तिल का तेल उपयोगी
किसी भी अंग के विकास के लिए आवश्यक होता है, कि उस क्षेत्र में रक्त संचार पर्याप्त रूप से बना रहे तथा वहां की मांसपेशियों में निरंतर विकास होता रहे मांसपेशियों में लगातार विकास होने के कारण किसी भी अंग का विकास होता रहता है। इसी प्रकार यदि शरीर में शारीरिक शक्ति की कमी हो जाती है, तो हमारा शरीर के कुछ तथा हमारा शरीर विकसित नहीं हो पाता है।
यदि पुरुषों के लिंग में सामान्य रक्त संचार तथा शारीरिक शक्ति नहीं होती है, तो लिंग का विकास नहीं हो पाता है। जिसके कारण पुरुषों का लिंग बहुत छोटा रह जाता है, पेनिस छोटा होने के कारण सेक्स क्रिया का आनंद पुरुष तथा महिला को नहीं होता है। इसलिए लिंग के आकार का बड़ा होना बहुत आवश्यकता है। लिंग काआकार को बढ़ाने के लिए तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है। जिन व्यक्तियों का पेनिस बहुत छोटा होता है, उनको दैनिक रूप से पेनिस का आकार बढ़ाने के लिए तिल के तेल की मालिश करनी चाहिए, जिससे उनके पेनिस का आकार बढ़ जाता है।
तिल के तेल से शुक्राणु संख्या बढायें
शुक्राणु पुरुषों में प्रजनन क्षमता के लिए जिम्मेदार होते हैं, पुरुषों के टेस्टिस में उपलब्ध वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या होती है। वीर्य में शुक्राणु की कमी होने के कारण वीर बहुत पतला हो जाता है, जिससे पुरुषों में प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, और पुरुष किसी भी महिला को गर्भवती करने में असमर्थ होते हैं, या फिर कमजोर शुक्राणुओं द्वारा जन्म लेने वाला शिशु बहुत कमजोर होता है, और उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।
तिल के तेल में शारीरिक शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ लिंग की नसों को मजबूत करने के गुण पाए जाते हैं, जिसके द्वारा शुक्राणुओं का निर्माण तेजी से होता है, शुक्राणुओं का निर्माण तेजी से होने के कारण वीर्य में शुक्राणु उपलब्ध होते हैं, जिसके कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता का विकास होता है। अतः पुरुषों के स्पर्म में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए तिल का तेल प्रयोग किया जाता है, जो प्रजनन क्षमता के कमजोर व्यक्तियों के लिए बहुत ही उपयोगी है।
पेनिस की त्वचा मुलायम बनाने के लिए
त्वचा को मुलायम रखने के लिए एक विशेष प्रकार के मास्चराइजर की आवश्यकता पड़ती है, जिससे त्वचा में सामान्य स्तर पर मास्चराइजर उपलब्ध होता है, और त्वचा नम बनी रहती है त्वचा में सामान्य रूप से नमी बनाए रखने के लिए मास्चराइजर की आवश्यकता होती है। पेनिस की त्वचा रूखी हो जाने के कारण पेनिस मास्चराइजर की कमी हो जाती है, जिसके कारण उसमें शुष्कता हो जाती है, और विभिन्न प्रकार के त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। अतः त्वचा को मुलायम बनाने के लिए दैनिक रूप से तिल का तेल प्रयोग करना चाहिए, जिससे त्वचा में सामान्य रूप से नमी बनी रहती है, और त्वचा के ऊपरी परत में किसी भी प्रकार के रोग नहीं होते हैं। जिससे त्वचा साफ तथा सुंदर दिखाई देती है।
पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे व तरीके
पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए दैनिक रूप से पेनिस की नसों तथा मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए तिल के तेल का प्रयोग किया जाता है। किसी भी तेल तथा दवा के प्रयोग से पहले इसके प्रयोग विधि की पूर्ण जानकारी लेना आवश्यक होता है। यदि आपको दवा की जानकारी या प्रयोग करने की विधि की जानकारी नहीं होती है, तो दवा असरदार होते हुए भी फायदा नहीं करती है, क्योंकि उसका प्रयोग सही तरीके से नहीं किया जाता है। तनाव तथा ढीलेपन की समस्या को दूर करने के लिए तिल के तेल का प्रयोग निम्नलिखित तरीके से करना चाहिए। जिससे तिल का तेल लगाने के फायदे बहुत अधिक मात्रा में दिखाई देते हैं।
- सबसे पहले लिंग को ठंडे पानी की सहायता से धो लें।
- धोने के पश्चात कैसे साफ कॉटन कपड़े से लिंग को सुखा लें।
- फिर लिंग के फॉरेस्किन को धीरे-धीरे हटाकर ऊपर कर ले।
- हाथ में थोड़ा सा तिल का तेल लेकर लिंग पर लगाएं।
- उन गलियों तथा अंगूठे की सहायता से धीरे-धीरे तेल द्वारा लिंग की मालिश करें।
- 5 से 7 मिनट तक लगातार लिंग पर तिल का तेल द्वारा मसाज करने चाहिए।
- लिंग मैं धीरे-धीरे तनाव आने लगता है जिससे वीर पतन हो सकता है इसलिए बहुत हल्के हाथों का प्रयोग करना चाहिए।
- लिंग का मसाज करते समय हस्तमैथुन करना है क्या नहीं चाहिए क्योंकि इसके विपरीत प्रभाव पड़ते हैं।
- दैनिक रूप से तिल का तेल द्वारा लिंग की मसाज करनी चाहिए।
पेनिस पर तिल का तेल लगाने के अन्य फायदे
लेख में विभिन्न प्रकार के वेदों के बारे में बताया गया है जो तिल के तेल द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं। तिल का तेल बहुत ही उपयोगी खाद्यान्न होता है, जो भारतीय कृषि का एक अभिन्न अंग है। तिल का तेल एक वानस्पतिक खाद्य तेल है जिसका प्रयोग खाद्य पदार्थों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के औषधि के निर्माण में किया जाता है। लेख में जो फायदे बताए गए हैं उनके अलावा तिल का तेल प्रयोग करने के कुछ फायदे होते हैं। जो निम्नलिखित हैं
- तिल के तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है जो लिंग को किसी भी प्रकार की त्वचा की एलर्जी से बचाए रखता है।
- पेनिस के एरिया में गर्मी होने के कारण उस जगह जलन महसूस होती है, इस को कम करने में तिल का तेल अधिक महत्वपूर्ण कार्य करता है।
- तिल के तेल की मसाज करने से लिंग का टेढ़ापन से छुटकारा हो जाता है।
- तिल के तेल की मसाज करने से आपकी नींद में सुधार आता है यानी कि आप गहरी नींद ले सकते हो
- यह आपको किसी भी प्रकार के रेडिएशन से बचाता है।
- अगर लिंग की त्वचा पर किसी प्रकार की चोट इंफेक्शन या खुजली के कारण जख्म हुई हो तो तिल का तेल लगाने से वह जल्द से दूर हो जाता है।
- लिंग में सूजन आई हो तो तिल का तेल उसे तुरंत कम कर देता है।
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निष्कर्ष
पेनिस पर विभिन्न प्रकार की समस्या तथा पेनिस की नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए तिल का तेल बहुत ही उपयोगी होता है। जिन व्यक्तियों में पेनिस की नसों की कमजोरी के कारण उनकी नसों में ढीलापन रहता है, तथा उनके लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आता है, जिसके कारण उनको विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं पर विस्तार हो जाते हैं, विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं तथा लिंग की समस्या से निपटने के लिए तिल का तेल बहुत ही उपयोगी होता है। उपरोक्त लेख में पेनिस पर तिल का तेल लगाने के फायदे तथा नुकसान बताए गए है, जिसके अध्ययन के पश्चात पेनिस में होने वाली तनाव की समस्या तथा अन्य समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
FAQ’s
पेनिस पर कौन सा तेल लगाना चाहिए?
सामान्य अवस्था में पेनिस का कोई भी तेल लगाया जा सकता है, लेकिन जब लिंग के नसों की मजबूती तथा मांसपेशियों की मजबूती का सवाल आता है, तो हमेशा तिल के तेल का प्रयोग करना चाहिए। तिल का तेल पेनिस के विभिन्न प्रकार की समस्या को दूर करता है, जिससे पेनिस मजबूत तथा बड़ा हो जाता है, और इसमें किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है। पुरुषों के पेनिस में तनाव आने लगता है, तथा सेक्स क्रिया के लिए मजबूत रहता है।
तिल का तेल का उपयोग कैसे करें?
तिल का तेल खाद्य पदार्थ के रूप में तथा लिंग में मालिश करने के लिए प्रयोग किया जाता है, खाद्य पदार्थों के लिए बाजार में तिल का तेल सामान्य बोतलों में उपलब्ध होता है, उसी तेल का प्रयोग लिंग की ताकत को बढ़ाने के लिए पेनिस पर मसाज करने के लिए किया जाता है। मसाज करने के तरीके को जाने के लिए उपरोक्त लेख के अध्ययन की आवश्यकता है, जिसमें पूर्ण विधि द्वारा बताया गया है, कि का तेल लिंग पर कैसे उपयोग किया जा सकता है, तथा इससे होने वाले फायदे की जानकारी दी गई है, जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है।
पेनिस पर तिल का तेल क्यों लगाते हैं?
पेनिस पर तिल का तेल लगाने से पेनिस की नसें मजबूत हो जाती हैं, तथा पेनिस की मांसपेशियों में विकास होता है। जिसके कारण पेनिस में पर्याप्त रक्त संचार होने लगता है, और पेनिस में होने वाली प्रत्येक समस्या दूर हो जाती है। यदि पुरुषों के लिंग में तनाव संबंधित तथा विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होती हैं, इन से निपटने के लिए लिंग को मजबूत बनाने की आवश्यकता होती है। जिसके लिए तिल का तेल मालिश के लिए प्रयोग किया जाता है, तिल के तेल का दैनिक रूप से लिंग पर मसाज करने से लिंग मजबूत तथा टाइट हो जाता है।
Author Profile
- संभव शर्मा ने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इलाहबाद से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, तथा बैसवारा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। बैसवारा महाविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के पश्चात संभव शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वेबसाइट तथा ब्लॉग में लेखन का कार्य किया है, तथा विभिन्न प्रकार के पत्रिकाओं तथा हुए पोर्टल पर चीफ एडिटर का कार्य भी किया है, तथा पिछले 5 सालों से इन्होंने ACPP.MD वेबसाइट के लिए मुख्य एडिटर के रूप में कार्य किया है, जिन का योगदान इस वेबसाइट के लिए महनीय है। इनके द्वारा एडिट किए गए सभी प्रकार के लेख लोगों के स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हुए हैं।
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