पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए | Pregnancy Planning Tips

महिलाओं में पीरियड्स का आना बेहतर प्रजनन क्रिया की निशानी है। माहवारी का गर्भधारण से सीधा संबंध है। आज के युवा बहुत ही जागरुक हैं वह किसी भी कार्य को करने से पहले प्री-प्लॉन करते हैं। इसी तरह न्यूली मेरिड कपल भी शादी के तुरंत बाद ही माता पिता बनने की इच्छा नहीं रखते हैं, वे प्रारंभ में अपनी सैक्सुअल डिजायर को फुलफिल एवं एंजाय करना चाहते हैं। इसी कारण नव विवाहित जोडे को आंतरिक संबंध बनाने से पूर्व कई सवाल ख्याल में आते हैं जैसे- पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए या पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी नहीं होती है।

मासिक धर्म या रजोधर्म के दौरान सेक्स करें या नहीं, पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाये आदि। वैसे तो आप सेफ सैक्स कर गर्भधारण से बच सकती हैं। गर्भवती होने के लिए इस बात का ज्ञान अवश्य होना आवश्यक है कि संभोग कब किया जाये और प्रैगनेंट होने के लिए बैस्ट सेक्स पॉजीशन कौन सी है। इस लेख में हम आपको गर्भधारण (Pregnancy) एवं Period (Menstrual Cycle) के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायेंगे। आर्टीकल को अंत तक अवश्य पढ़ें। आज इस लेख में हम निम्नलिखित बिन्दुओं पर आपको सलाह देंगे।

  • पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए
  • पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी नहीं होती है
  • पीरियड के कितने दिन पहले संबंध बनाना चाहिए
  • क्या पीरियड्स में संबंध बनाने पर प्रेग्नेंसी हो सकती है
  • कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए
  • गर्भ कब नहीं ठहरता है
  • मासिक के कितने दिन बाद सेक्स करना चाहिए जिससे प्रेग्नेंट न हो

पीरिएड (मेंस्ट्रुअल साइकिल), महावारी के प्रथम दिन से प्रारम्भ होती है तथा अगले पीरियड तक रहती है। स्त्रियों में अक्सर महीना 3 से 8 दिन तक रहता है। जब कोई लड़की बचपन से किशोरावस्था (स्यानी अवस्था) में पहुँचती है, तो उसकी बाडी प्रेग्नेंसी के लिए स्वयं को तैयार करने लगती है, इस प्रक्रिया का प्रथम चरण महावारी है।  जब कभी बिना किसी प्रोटेक्शन किये गये सहवास के बाद महिला का पीरियड मिस होता है, तो उसे महसूस होता है कि वह गर्भवती हो गयी है, इसलिये प्रत्येक महिला पुरुष को ज्ञात होना चाहिए कि पीरिएड खत्म होने के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है।

सामान्यतः एक महिला का मासिक धर्म चक्र 28 दिन का होता है परन्तु किसी किसी स्त्री में यह पीरिएड साइकिल 21 से 35 दिन का भी हो सकता है। 28 दिन के महीने को Regular Period कहा जाता है। महिलाओं में पीरियड शुरू होने से 10 से 16 दिन को बैस्ट आव्यूलेशन होता है, इन दिनों को फर्टिलिटी विंडो कहा जाता है क्यों कि यह सबसे फर्टाइल दिन होते हैं। यदि इस समय के दौरान पति पत्नी अनसेफ सैक्स करते हैं तो गर्भ ठहरने के चांस अधिक होते हैं। यदि आप गर्भ धारण करना चाहती है तो अधिकतर स्त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा सलाह दी जाती है कि इन फर्टाइल डेज में प्रतिदिन सम्भोग नहीं करना चाहिए। आप युगल दम्पति एक दिन छोडकर संसर्ग करे तो बेहतर होगा।

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ओव्यूलेशन टाइम क्या है ? Ovulation का पता कैसे करें?

ओव्यूलेशन मासिक धर्म (एमसी) का एक पार्ट है। इस क्रिया में फीमेल एग मैच्योर होकर ओवरी से बाहर आता है। स्त्रियों में ओवूलेट होने की प्रक्रिया अगला पीरियड आने से दो हल्फे पहले प्रारम्भ हो जाती है। यदि ओव्यूलेशन पीरियड के दौरान कपल सैक्सुअल इंटरकोर्स करते हैं तो गर्भधारण के चांस बढ जाते हैं। Ovulation की प्रक्रिया में अंडा (Female Egg) महिला के अण्डाशय (Ovary) में क्रियाशील हो जाते है तथा इन एक्टिव एग में से कम से कम एक अण्डा फलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube) में पहुँचकर स्पर्म का इंतजार करता है।

स्त्रियों में ओवरी से रिलीज होने के बाद फीमेल एग मैक्सीमस 24 घण्टे तक सर्वाइव करता है। यदि इन 24 घण्टे के अंदर फीमेल एग एवं स्पर्म का मेल नहीं होता है यानी कि अण्डा फर्टिलाइज नहीं होता है तो यह फीमेल एग स्वयं ही नष्ट हो जाता है और इसके बाद महिला को प्रेंगनेंट होने के लिए अगले माह का वेट करना होत है।

ओबुलेशन के लक्षण

  • स्त्री के शरीर का तापमान कम हो जाना या बढ जाना।
  • पेट के नीचे के हिस्से में हल्का मीठा दर्द एवं क्रैम्प।
  • सेक्स करने की इच्छा में वृद्धि।
  • योनि में सूजन आना।
  • LH में वृद्धि होना।
  • सर्विक्स का नरम हो जाना तथा खुल जाना।
  • स्तनों में हल्का दर्द एवं स्वैलिंग।
  • सर्वाइकल म्यूकस का पतला, चिकना और साफ हो जाना।

जिन महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है, उन महिलाओं में ओव्यूलेशन पीरिएड काउंट करना आसान होता है परन्तु अनियमित मासिक धर्म वाली महिलाओं में ओबूलेशन पीरिएड पता लगाने के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार की ओब्यूलेशन किट, ओब्यूलेशन एप उपलब्ध हैं।

Ovulation Kit

  • I-Know Ovulation Kit
  • BFP Ovulation Kit
  • Apollo Pharmacy LH Ovulation Kit

Ovulation App

  • Clue Period and Cycle tracker
  • Flow Period and Ovulation Tracker
  • Glow
  • Fertility Friend
  • Inito Fertility Monitor

जिन महिलाओं का MC 28 दिन का रहता है, वह प्रायः चौदहवें दिन पर ओव्यलेट होती है। जिन महिलाओं में मासिक चक्र 21 दिन पर होता है, वह सातवें दिन पर ओवूलेट करती हैं और जिन महिलाओं का मासिक चक्र 35 से 36 दिन पर होता है, वह महिलायें लगभग 21 वें दिन ओव्यूलेट करती हैं।

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पीरियड के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है?

महावारी के बाद गर्भधारण अगले रजोधर्म के ओव्यूलेशन पीरिएड में सैक्स संबंध बनाने पर हो सकती है। Gynecologists के अनुसार यदि आपका Monthly Cycle (एमसी) 28 दिन का है तो एमसी के 10 वे दिन से लेकर 17 वें दिन तक प्रेग्नेंसी कन्सीव करने के चांस रहते हैं, परन्तु 17 दिन गुजरने के पश्चात आपके द्वारा गर्भधारण के लिए किये गये प्रयत्न बेकार ही जायेंगे। इसी कारण स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा ओव्यूलेशन के प्रथम दिन से ओव्यूलेशन के अंतिम दिन तक एक एक दिन का गैप रखते हुए सैक्स करने की सलाह कपल्स को दी जाती है। तो अब आप को पता चल गया है कि पीरियड खत्म होने के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है।

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए की प्रेगनेंसी न हो?

स्त्री शरीर में मासिक धर्म प्रारम्भ होते ही ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और Female Eggs अण्डाशय से निकलने शुरू हो जाते हैं। फेलोपिअन ट्यूब में अण्डा मेल स्पर्म का वेट करता है, और स्पर्म के साथ संयोजन कर फर्टिलाइज होकर गर्भावस्था की प्रक्रिया को शुरु करता है। परन्तु कुछ केसेज में एग और स्पर्म का मेल नहीं हो पाता और महिला गर्भ धारण नहीं कर पाती है। यदि आप पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए की प्रेगनेंसी न हो जानने के इच्छुक हैं तो इसका बिल्कुल आसान उत्तर यह है कि पीरियड के प्रथम दिन से लेकर पीरिएड के छठे दिन तक प्रेग्नेंसी की संभावना लगभग न के बराबर होती है पर जिन महिलाओं में पीरिएड साइकल कम दिन का होता है उनमें गर्भधारण की संभावना अधिक हो जाती है क्योंकि ऐसी स्त्रियों में ओवूलेशन जल्दी स्टार्ट हो जाता है।

इस कारण अपने पार्टनर के साथ संबंध स्थापित करने के बाद मेल स्पर्म इनके शरीर में 3 से 5 दिन तक जीवित रहता है। यदि आपकी फीमेल पार्टनर के यूट्रस में शुक्राणु उपस्थित रहेगा तो गर्भ ठहरने की संभावना स्वतः ही बढ जाती है। गाइनोकोलोजिस्ट का यह भी मानना है कि सुबह के समय किये गये सेक्स में गर्भधारण के अवसर अधिक होते हैं क्योंकि सुबह के समय आपके शरीर में स्फूर्ति होती है।

गर्भधारण कैसे होता है? (How to get Pregnant in Hindi)

स्त्री पुरुष द्वारा शारीरिक संबंध बनाने के उपरान्त जब पुरुष का शुक्राणु महिला की यौनी से होते हुए महिला के शरीर में उपस्थित फैलोपियन ट्यूब से होते हुए महिला के अंडाणु तक पहुँचता है और पुरूष के शुक्राणु तथा स्त्री के अंडाणु का संयोजन होता है तो स्त्री के गर्भाशय में शिशु का जनन होने लगता है। यदि इसी शुक्राणु का सही समय पर संयोजन नहीं हो पाये तो स्त्री के अगले पीरिएड पर यह ब्लीडिंग के साथ बाहर आ जाता है।

प्रेग्नेंट कितने दिन में होते हैं?

प्रेग्नेंट कितने दिन में होते हैं इसका उत्तर देना लगभग असम्भव है। प्रेग्नेंट होना आपकी पार्टनर के मंथली साइकल पर डिपेंड करता है। यदि आप अपनी पत्नी के साथ उसके ओवूलेशन पीरिएड के समय संभोग करेंगे तो गर्भधारण के चांस बढ जाते हैं।

गर्भ कब नहीं ठहरता है?

यदि आप अपने पार्टनर के साथ माहवारी से पहले फिजीकल होते हैं तथा पीरिएड के प्रथम दिन से लेकर पीरिएड के 6 वें दिन तक फिजीकल होते है क्योंकि इन दिनों में महिला की ओवरी में एग बनता नही है ना ही रिलीज होता है या 20 वें दिन के बाद सैक्स करते हैं तो आपके गर्भधारण के चांस लगभग शून्य हो जाते हैं।

क्या पीरियड में सेक्स करने से प्रेग्नेंसी हो सकती है?

यदि मासिक धर्म के दौरान या पीरिएड के तुरंत बाद स्त्री पुरूष सेक्स करते हैं तो गर्भधारण के चांस न के बराबर होते हैं। परन्तु जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया जिन महिलाओं में ओवुलेशन पीरिएड जल्दी आता है वहाँ गर्भधारण की सम्भावना बन जाती हैं। पीरिएड के दौरान सेक्स करने से STD (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज) होने के चांस भी रहते हैं।

पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है?

मासिक धर्म में महिलाओं की यौनी से रक्त स्त्राव होता है। जिससे वेस्टेज शरीर से बाहर निकलती है और स्त्री की योनि में ल्यूब्रीकेशन रहता है, इस कारण पीरिएड के दौरान सेक्स करने से अधिक ब्लीडिंग होती है और गंदा खून आसानी से बाहर आ जाता है। सैक्स स्पेशलिस्ट डाक्टर्स के अनुसार रजोधर्म के कारण महिलाओं के शरीर में थकान, सिर दर्द, ऐंठन, पेट दर्द, पीठ दर्द आदि समस्याओं का सामना करना पडता है ऐसे में यदि आप अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं तो महिलाओं के शरीर में एंडोमार्फिन, डोपामाइन, आक्सीटोसिन आदि हार्मोन रिलीज होते हैं जिससे शरीर को सुख और आनन्द की अनुभूति होती है ।

परन्तु यह भी याद रखे पीरिएड्स के दौरान संभोग करने आपको यौन चरित संक्रमण (एसटीडी) का सामना भी करना पड सकता है। ऐसा भी दावा किया जाता है कि रजोधर्म के दौरान महिलाओं के गुप्तांग अतिसंवेदनशील हो  जाते हैं और उनका सैक्स करने की इच्छा अधिक जागृत होती है। हमारी एडवाइज यही है कि आप पीरियड्स के दौरान प्रोटेक्शन का प्रयोग करते हुए शारीरिक सम्बन्ध बनाये तो बेहतर होगा।

क्या पीरिएड्स में सैक्स करने से प्रेगनेंसी संभव है?

वैसे तो पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए की असुरक्षित सेक्स करना गर्भधारण के लिए खतरनाक होता है, इससे यौन संक्रमण या सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज या Sexually Transmitted Infection हो सकता है। यदि आप मासिक चक्र के दौरान या मासिक धर्म के तुरंत बाद सहवास करते हैं तो गर्भधारण के अवसर कम ही होते हैं। जैसा कि हमने पूर्व में भी बताया है कि जल्दी ओवूलेट करने वाली महिलाओं में पीरियड्स के दौरान संभोग करने पर भी प्रेगनेंसी हो सकती है।

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कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए?

विशेषज्ञ का ऐसा मानना है कि पीरियड्स मिस होने के अगले दिन प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए। प्रेगनेंसी टैस्ट के कई तरीके हैं आप अपने सहूलियत के मुताबिक कोई भी तरीका अपना सकते हैं। बाजार में विभिन्न प्रकार की प्रेगनेंसी टैस्ट किट उपलब्ध हैं जिसमें आपको अपना सुबह के समय का पेशाब की कुछ बूंद डालकर टैस्ट करना होता है।

  • प्रेगा न्यूज
  • आई केन प्रेग्नेंसी किट
  • Plus Preg

निष्कर्ष

पीरियड के पश्चात महिलाओं के मन में अक्सर ये प्रश्न रहता की पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए जिससे अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है और आगे आने वाले समय में सुरक्षित गर्भ धारण किया जा सके इन सभी प्रकार के प्रश्नों की जानकारी उपरोक्त लेख में दिए गए जिसके अध्यन के बाद आप गर्भ धारण की सही जानकारी प्राप्त कर सकती हैं तथा सुरक्षित गर्भ धारण कर सकती हैं तथा पीरियड के समय सुरक्षित कैसे रहें, यह जानकारी एक मात्र सुझाव और महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से दी गयी है जिसके द्वारा महिलायें असमय विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बच सकते हैं।

FAQ

क्या खाने से गर्भधारण नहीं होता है?

कन्सीव होने पर कच्चा पपीता गलती से भी न खाने की सलाह दी जाती है। कच्चे पपीते में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो गर्भधारण करने वाली महिला के बच्चे को गिरा देते हैं।

पीरियड्स को खुल कर लाने के लिए उपाय क्या हैं?

महिलाओं में खुल कर मासिक धर्म न आने के कई कारण हो सकते हैं। यदि आपके दिल एवं मन में भी यही सवाल उठता है कि पीरिएड्स नहीं आने पर क्या करना चाहिए तो इसका जवाब यह है कि आप किसी अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ से अपनी प्राब्लम शेयर कर इलाज लें।

पीरियड्स के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है?

मासिक चक्र के बाद 7 वें दिन से 20 वें दिन तक और ओबूलेशन वाले दिन गर्भ ठहरने के अवसर अधिक होते हैं।

एम0सी0 कितने दिन बाद आती है?

एम0सी0 / मासिक धर्म / मासिक चक्र / मंथली साइकल / पीरिएड अधिकतर महिलाओं में नियमित होता है । अनुमानतः यह 28 दिन का रहता है। पहले पीरियड्स के बाद अगला मासिक धर्म 3 से 6 हफ्ता बाद कभी भी आ सकता है। कुछ महिलाओं में मासिक चक्र अनियमित भी होता है।

Author Profile

Dr. Pankaj Verma
हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।

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