प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए – Sex During Pregnancy

विवाह के उपरान्त पति पत्नि के मध्य शारीरिक संबंध बनना प्राकृतिक और आवश्यक क्रिया है। भारतीय समाज में शादी करने का मुख्य उद्देश्य वंश वृद्धि तथा बुढापे में एक दूसरे की देखभाल करना रहता है। सेक्स करने के हैल्थ बैनेफिट तो हैं ही इसके साथ ही यह पति पत्नी के रिलेसनशिप को भी मजबूत करने में मदद करता है। अक्सर नवदम्पत्ति के मन में एक प्रश्न रहता है यदि कोई महिला गर्भधारण कर लेती है तो क्या वह पति पत्नि शारीरिक संबंध (Sex during Pregnancy) बना सकते हैं? यदि हाँ, तो प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के कितने महीने तक या कौन से सप्ताह तक सेक्स करने से Fetus को कोई नुकसान नहीं होता है? आज इस लेख के माध्यम हम आपके मन में चल रहे प्रश्न जैसे – प्रेगनेंसी में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए? और Pregnancy में कितने महीने तक संबंध बनाना उचित होता है?

ऐसे लोग जिनकी पत्नि गर्भवती है तो उनके मन में भी यही सवाल बार बार आता है कि क्या प्रेगनेंसी में सम्बन्ध बनाना ठीक है या नहीं। यदि आप अपने पार्टनर के साथ गर्भावस्था के दौरान सम्बन्ध बनाते हैं तो किन बातों का ख्याल रखें। वैसे तो इन प्रश्नों का जवाब आपका डॉक्टर भी दे सकता है परन्तु अकसर कपल्स डॉक्टर से यह प्रश्न करने में नरवस तथा हिचकिचाहट फील करते हैं।

गर्भावस्था में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए? – How Many Months Should You Have Sex in Pregnancy ?

गर्भावस्था में कितने महीने तक संबंध बनाना चाहिए

आपके पार्टनर के प्रेगनेंट हो जाने के उपरान्त अधिकांश कपल्स में मन में तरह तरह के भ्रम व डर रहता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स (Pregnancy me sex)  करने से गर्भपात (miscarriage) होने के चांस रहते हैं। परन्तु हम आपको बता दें यह प्रेगनेंट लेडी के स्वास्थ्य, गर्भावस्था की सिचूएशन पर निर्भर करता है। अधिकतर स्त्री रोग विशेषज्ञ का परामर्श है कि प्रेगनेंसी के शुरुआती 3 महीने तक सम्भोग नहीं करना चाहिए।

गर्भधारण के प्रारम्भ के 3 महीने में भ्रूण का विकास होता है तथा बच्चा आकार लेने का समय होता है। इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने पर मसल्स के सिकुडने के चांस रहते हैं जिसके चलते मिसकैरिज हो सकता है। यदि आप अपने गर्भावस्था के तीन माह ठीक ठाक निकाल चुकी हैं तथा आपके पेट में पल रहे बच्चे का विकास सही प्रकार से हो रहा है तो आप सातवें – आठवें महीने तक सेफ सेक्स पोजीशन का प्रयोग कर शारीरिक संबंध (Pregnancy me sambandh bana sakte hai) बना सकते हैं।

क्या गर्भावस्था के दौरान सेक्स सुरक्षित है? Is Sex Safe During Pregnancy in Hindi?

Is Sex Safe During Pregnancy

यदि आपकी प्रेगनेंसी में कोई कॉम्पलैक्सिटी नहीं है आपकी स्ट्रांग प्रेगनेंसी है, तो आप सेफ सेक्स पोजीशन का प्रयोग कर सेक्स कर सकते हैं। शारीरिक संबंध बनाना दाम्पत्य जीवन का अहम हिस्सा है। यदि आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को किसी प्रकार की परेशानी डॉक्टर द्वारा बतायी गयी है तो आपको शारीरिक संबंध बनाने के विषय में चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें इसमें शर्मिंदा होने की कोई जरुरत नहीं है। यदि आप बिना सोचे समझे शारीरिक सुख प्राप्ति के उद्देश्य से अपने प्रेगनेंट पार्टनर के साथ संभोग कर रहे हैं तो यह आपके बच्चे के विकास में परेशानी पैद कर सकता है।

महिलाओं में गर्भ धारण करने के उपरान्त कई तरह के हार्मोनल चेंज आते हैं। इन्ही हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा अधिक हो जाती है। गर्भावस्था में महिलाओं का ब्लड सर्क्यूलेशन भी बढ जाता है, जिसके चलते स्त्रियाँ अधिक सेंसिटिव हो जाती हैं और प्रेगनेंट महिला को सेक्स करने से अलग आनन्द एवं अनुभूति की प्राप्ति होती है। यदि आपकी स्ट्रांग प्रेगनेंसी है

तो गर्भावस्था के दौरान संभोग करने से आपके गर्भ में पल रहे शिशु को कोई हानि नहीं होगी। प्रेगनेंसी में सेक्स ड्राइव में बदलाव आना कोई नयी बात नहीं है। यदि आपका जीवनसाथी गर्भावस्था में है तो उसको स्पर्श कर तथा चुम्बन करके तथा अन्य ओरल सेक्स प्रक्रिया को अपनाकर शारीरिक सुख प्राप्त किया जा सकता है, यह प्रक्रिया आप दोनो पति पत्नी के मध्य भावनात्मक संबंध को बढाता है एवं रिश्ते में मजबूती आती है। प्रेगनेंसी के समय शारीरिक संबंध बनाने (Pregnancy me sambandh bana sakte hai) में वैसे तो कोई बुराई नहीं है पर गर्भावस्था में कब और कैसे सम्बन्ध बनायें इस विषय में विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श कर लें।

प्रेग्नेंसी में सेक्स करने के क्या फायदे हैं? Benefits of Sex During Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के दौरान सेक्स (Pregnancy me sex) करने से क्या लाभ है, इस विषय में भी हम इस लेख के माध्यम से आपको बताना चाहेंगे। सेक्स पति पत्नी दोनो को ही सुख पहुँचाता है। प्रेगनेंसी में शारीरिक संबंध बनाने के फायदे निम्नवत हैः-

  • ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
  • नींद लाने में सहायक।
  • ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद करता है।
  • मानसिक समस्या जैसे स्ट्रैस, एंजाइटी, डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है।
  • योनि की मसल्स को मजबूत करता है।

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प्रेगनेंसी में सेक्स कब नहीं करना चाहिए?

  • यदि किसी गर्भवती महिला को अधिक ब्लीडिंग होती है, तो अधिकांश डॉक्टर गर्भवती महिला को शारीरिक सम्बन्ध बनाने की सलाह नहीं देते हैं। यदि गर्भवती महिला के  Amniotic Fluid (भ्रूण अवरण द्रव) स्त्राव हो रहा है तो भी इस स्थिति में सेक्स नहीं करना चाहिए क्योंकि इस कंडीशन में गर्भ में पल रहे शिशु को खतरा रहता है।
  • यदि आपकी पत्नी को बार बार गर्भपात हो जाता है, या गर्भ कमजोर है तो सेक्स करने से परहेज करना चाहिए तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ की एडवाइज लेनी चाहिए।
  • यदि आपके गर्भ में दो या दो से अधिक भ्रूण हैं तो सेक्स करने से पूर्व विशेषज्ञ डाक्टर से सलाह ले तथा चैकअप करा लेना चाहिए। इस स्थिति में संभोग करने पर प्रेगनेंसी में गम्भीर समस्या जैसे गर्भपात आदि हो सकता है।
  • यदि गर्भवती महिला के पेट या गर्भाशय में दर्द या ऐंठन हो तो भी प्रेंगनेंसी के बाद सेक्स नहीं करना चाहिए।
  • यौन संक्रमण या STD होने पर।
  • योनि से द्रव डिस्चार्ज होने पर।
  • पिछली प्रेग्नेसी में सिजेरियन डिलीवरी होने पर।
  • यदि आपका प्लेसेंटा यूट्रस में ज्यादा नीचे हो तो।
  • Cervix of Uterus जल्दी खुलने पर

गर्भावस्था में सेक्स कैसे करें? How to make physical relation during pregnancy?

गर्भावस्था में सेक्स कैसे करें

Pregnancy mein sex kaise karen, जैसा कि हमने आपको अपने इस Article में बताया है कि यदि आप किसी मेडीकल कंडीशन से नहीं गुजर रहे हैं तो प्रेग्नेंसी में सेक्स करना सुरक्षित है। फिरभी शारीरिक संबंध बनाने से पूर्व कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। गर्भावस्था में संभोग करने में ऐसी किसी भी सेक्स पोजीशन का प्रयोग नहीं करना चाहिए जिसमें पुरुष के शरीर का भार या दबाव स्त्री के पेट पर आये। प्रेग्नेंसी में संबंध बनाते समय अन्य ध्यान रखने योग्य वाते निम्नवत हैंः-

  • यदि आपकी पत्नी का गर्भ ठहर गया है तो गर्भावस्था के प्रथम तीन माह तथा अन्तिम माह में शारीरक संबंध कदापि न बनाये।
  • प्रेग्नेंसी के बाद संभोग करने से पूर्व किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह अवश्य लें तथा सही सेक्स पाजीशन का प्रयोग करते हुए शारीरिक संबंध स्थापित करें।
  • यदि पति पत्नी दोनों ही सम्बन्ध बनाने के इच्छुक हैं तभी सेक्स करें। शारीरिक संबंध बनाने के लिए एक दूसरे को प्रेसराइज न करें।
  • महिला में प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक आकर में बदलाव आते हैं। जिस कारण महिला को सेक्स करनें परेशानी तथा असहजता महसूस होती है। अपनी पत्नी से बात करें तथा उसकी आवश्यकतानुसार यौन क्रिया करें।

प्रेग्नेंसी में सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने वाले पोजीशन कौन से हैं? Safe Sex Positions for Pregnant Women

गर्भावस्था में महिलाओं के पूरे शरीर में कुछ न कुछ बदलाव आता है तथा सबसे अधिक चेंज महिला के पेट पर पडता है। गर्भावस्था के दौरान जैसे जैसे प्रेगनेंसी का समय निकट आता जाता है महिला के पेट का आकार भी पेट में पल रहे शिशु की वृद्धि के अनुसार बढता जाता है। जिस कारण प्रेग्नेंसी में सेक्स करना असुविधाजनक तथा हार्मफुल हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान आप निम्नलिखित महिला के पेट पर कम दवाब बाले यौन क्रिया अपना कर आप गर्भावस्था में सेक्स कर सकते हैं।

  • स्पूनिंग पोजीशन
  • वूमन ऑन टॉप पोजीशन
  • डॉगी स्टाइल
  • एज ऑफ दी बेड पोजीशन
  • रिवर्स काउगर्ल पोजीशन
  • सिटिंग डाउन पोजीशन
  • स्टैंडिंग पोजीशन

प्रेगनेंसी में सेक्स करने के दौरान तकिया (Pillow) का प्रयोग करना बेहतर है। तकिये के प्रयोग से संभोग के दौरान चोट व अन्य हानि होने से बचा जा सकता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स (Sex in Pregnancy) को और अधिक मजेदार बनाने के लिए टिप्स

सेक्स करने से मानसिक तनाव कम होता है तथा शारीरिक आनन्द की प्राप्त होती है। सेक्स आप पति पत्नि के मध्य रिश्तों को मजबूत करने की अहम भूमिका निभाता है। यदि आपकी प्रेग्नेंसी में कठिनाइयों के चलते आपके डाक्टर द्वारा सेक्स संबंध बनाने को मना किया है तो आप निम्नलिखित तरीकों का प्रयोग करके प्रेग्नेंसी के दौरान सुख प्राप्त कर सकते हैंः-

  • अपने जीवनसाथी को बाहों में भरना
  • अपने जीवनसाथी को लिप टू लिप किस करना
  • रोमांटिक मूवी देखना
  • बेडरुम को रोमेंटिक लुक देना
  • बाहर डिनर पर जाना
  • चैट या फोन सेक्स करना
  • अपने जीवन साथी के साथ रोमांटिक बात करना
  • अपने साथी को घर का अपने हाथ का बना खाना खिलाना

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प्रसव के बाद सेक्स कब करें?

विशेषज्ञ डाक्टर्स द्वारा डिलीवरी के बाद कम से कम 6 सप्ताह तक शारीरिक संबंध बनाने की मना करते हैं। प्रेगनेंसी तथा डिलीवरी के बाद महिला के शरीर में बदलाव आते हैं जिसकी रिकवरी होने में काफी लम्बा समय लग जाता है। डिलीवरी के बाद महिला का शरीर कमजोर तथा नाजुक हो जाता है। योनि की कोमल नाजुक Tissue ठीक होने तक तथा रक्तस्त्राव रूकने तक सेक्स नहीं करना चाहिए और इस विषय में विस्तृत जानकारी अपने डाक्टर से प्राप्त करें। प्रसव के बाद महिलाओं में सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है जिसके मुख्य कारण निम्न हैंः-

  • शारीरिक थकावट
  • सिजेरियन के कारण लगे टांके
  • स्तन में दर्द
  • हार्मोनल चेंज

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निष्कर्ष

यदि आपकी गर्भावस्था सामान्य है कोई जटिलता नहीं है तो आप गर्भावस्था के तीन महीने पूर्ण होने के पश्चात से सातवें माह तक शारीरिक संबंध बना सकते हैं। यदि आपकी प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की कोई सामान्य कोम्पलैक्सिटी भी आई है तो आप अपनी गाइनो, नर्स, ए0एन0एम, दाई या अन्य किसी प्रेगनेंसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। हमारे समाज में कुछ भ्रांतियाँ हैं कि प्रेग्नेंसी में सेक्स संबंध स्थापित करने से गर्भपात हो जाता है।

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह आपके शरीर, मूड तथा अन्य भौतिक कारण पर निर्भर करता है। यदि आप या आपका पार्टनर किसी प्रकार के संक्रमण या बीमारी से गुजर रहा है तो हम आपको बताना चाहेंगे ऐसी स्थिति में संबंध बिल्कुल न बनायें। गर्भावस्था के दौरान संभोग करने से महिला के पेट में पल रहे शिशु को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं पहुँचती है। गर्भावस्था में लिंग सेक्स करने पर गर्भाशय में मौजूद एमनियोटिक द्रव की मांसपेशियां जो आपके फीटस को घेरे रहती हैं किसी प्रकार का संक्रमण या चोट नहीं पहुँचने देती हैं।

Author Profile

Dr. Pankaj Verma
हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।

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