अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण | देखते ही समझें प्रेग्नेंसी की ओर ईशारा

महिलाओं में गर्भधारण के समय एक प्रक्रिया होती है जिसे सामान्य भाषा में अंडा फटने के लक्षण कहे जाते हैं। जब एक शुक्राणु किसी महिला के अंडाशय से निकलने वाले अंडे के साथ गर्भाशय में निषेचन क्रिया करता है, जिसे ओल्यूशन कहते हैं। ओल्यूशन को सामान्य भाषा या महिलाओं के भाषा में अंडा फटना कहते हैं। महिलाओं का अंडा एक विशेष प्रकार के पदार्थ से बना होता है जब कोई शुक्राणु उसके साथ निषेचन करता है, तो अंडा तथा शुक्राणु एक हो जाते हैं जिसे सामान्य रूप से अंडा का फटना कहा जा सकता है। अंडा के पटने के पश्चात निषेचन क्रिया होती है, जो गर्भधारण की प्राथमिक अवस्था होती है। जिससे महिलाएं गर्भवती होती हैं गर्भावस्था के पश्चात महिलाओं में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हें अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण कहा जाता है।

अंडोत्सर्ग के कुछ सामान्य लक्षण हैं

 

अंडोत्सर्ग के कुछ सामान्य लक्षण हैं

जब एक शुक्राणु महिला के अंडाशय में उपस्थित अंडे से निषेचन करता है, तो उसे अंडोत्सर्ग के नाम से जाना जाता है। लेकिन सामान्य भाषा तथा ग्रामीण स्तर में महिलाएं अंडोत्सर्ग तथा निषेचन आदि प्रकार के शब्दों को नहीं जानती हैं, इसलिए सामान्य भाषा में ग्रामीण स्तर की महिलाएं इसे अंडा फटना आदि शब्दों के नाम से जानती हैं। अंडोत्सर्ग के पश्चात महिलाओं के शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे पता चलता है कि महिलाएं गर्भवती हो गई हैं, अर्थात उन्होंने गर्भ धारण कर लिया है।

 

गर्भधारण के पश्चात महिलाओं को अक्सर कुछ विशेष प्रकार के बदलाव महसूस होते हैं, जिनसे उनकी शारीरिक स्थित भी बिगड़ने लगती है जिससे महिलाएं चिंतित होने लगती हैं कि यह परिवर्तन क्यों हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में महिलाएं चिंतित होकर डॉक्टर से संपर्क करती हैं डॉक्टर उनके शारीरिक लक्षण को देखकर उनको विभिन्न प्रकार के टेस्ट कराने की सलाह देती हैं, जिससे यह कंफर्म हो जाता है कि महिलाएं गर्भवती भी हैं या उनको और किसी प्रकार की शारीरिक समस्याएं हो रही हैं।

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण (Ovulation Symptoms In Hindi)

गर्भावस्था के लक्षण

 

महिला ओवुलेशन के बाद गर्भधारण की प्रक्रिया ओल्यूशन या अंडोत्सर्ग के नाम से जाना जाता है। अंडोत्सर्ग के पश्चात महिलाएं गर्भधारण के प्राथमिक अवस्था का अनुभव करती हैं, जिसके कारण उनको विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी होती हैं। इन समस्याओं के कारण महिलाएं परेशान होने लगती हैं, किंतु बाद में जब वह डॉक्टर से परामर्श करती हैं, और डॉक्टर उनके शरीर में कुछ विशेष प्रकार के टेस्ट करते हैं तो उन्हें पता लगता है कि वे गर्भवती हो चुकी हैं। अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण निम्नलिखित होते हैं 

  • थकान।
  • पेशाब के रंग में बदलाव।
  • सर्विकल म्यूकस में परिवर्तन।
  • स्तनों में बदलाव आना।
  • स्वाद और गंध का बोध होना।
  • चक्कर आने लगते है।
  • पेट में मरो‌ड़ आना। 
  • मॉर्निंग सिकनेस।
  • कब्ज और गैस।
  • शरीर का तापमान बढ़ना।
  • सिरदर्द।
  • खाने की लालसा बढ़ना।
  • पीरियड्स ना आना।
  • बार बार पेशाब आना।
  • कमर में दर्द होना।
  • यौन क्रिया की इच्छा।
  • मूड बदलना।
  • उल्टी आना।
  • मासिक धर्म के लक्षण महसूस होना

थकान

थकान

 

अंडोत्सर्ग महिला ओवुलेशन के बाद गर्भधारण होने के पश्चात महिलाओं में विभिन्न प्रकार के शारीरिक लक्षण दिखाई देते हैं। जिनमें शारीरिक शक्ति की कमजोरी एक प्रमुख लक्षण होता है, जिसके कारण महिलाओं में थकान होती है, क्योंकि महिलाओं में शारीरिक शक्ति कमजोर हो जाती है, तथा उनकी शारीरिक ऊर्जा समाप्त होने लगती है।

जिन महिलाओं मेंओल्यूशन या अंडोत्सर्ग के पश्चात थकान महसूस होती है हो सकता है उनको गर्भधारण की स्थितियां बन रही हो, इसलिए इस प्रकार की लक्षण होने के पश्चात गर्भधारण परीक्षण कराना अनिवार्य होता है तथा डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता होती है।

पेशाब के रंग में बदलाव

पेशाब के रंग में बदलाव

महिलाओं में प्रेग्नेंसी के पश्चात उनके पेशाब का रंग बदल जाता है। महिलाओं को ओवुलेशन के बाद निषेचन के लक्षण दिखाई देते हैं जिसमें महिला के पेशाब का रंग गहरा पीले रंग का हो जाता है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि महिला गर्भवती हो गई है। हालांकि महिला के पेशाब का पीला होना अन्य कारणों से भी हो सकता है लेकिन गर्भावस्था के पश्चात अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि महिलाओं के पेशाब का रंग पीला हो जाता है।

महिलाओं में पेशाब के पीले होने का कारण उनकी किडनी सामान्य रूप से फिल्टर का कार्य नहीं कर पाती है, जिसके कारण ऐसा है पीला रंग बढ़ जाता है। महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड के पश्चात पेशाब का गहरे पीले रंग में बदल जाना प्रेगनेंसी का संकेत माना जाता है, महिलाओं में अंडा फटने के पश्चात उनके पेशाब का रंग गहरे पीले रंग में बदल जाता है।

सर्विकल म्यूकस में परिवर्तन

सर्विकल म्यूकस में परिवर्तन

सर्विकल म्यूकस गर्भाशय ग्रीवा से निकलने वाला एक चिपचिपा पदार्थ होता है ओल्यूशन तथा इंप्लांटेशन के समय महिलाएं सर्विकल फ्लूड में बदलाव महसूस करती हैं। पोलूशन पीरियड के समय सर्वाइकल म्यूकस फिसलन युक्त चिकना होता है, किंतु इंप्लांटेशन के पश्चात सर्वाइकल म्यूकस मोटा हो जाता है, तथा इसका रंग गहरा सफेद हो जाता है। शुरुआती प्रेगनेंसी के समय इस कारण गहरा सफेद या पीला होता है तथा यह मोटा होता है।

इस प्रकार से गर्भावस्था के समय गर्भ धारण करते समय महिलाओं के सर्विकल म्यूकस में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते हैं, अर्थात सरविकल म्यूकस की चिकनाई समाप्त हो जाती है, तथा गहरे पीले तथा सफेद रंग बदल जाता है और उसकी मोटाई पड़ जाती है।

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण स्तनों में बदलाव आना

ओल्यूशन पीरियड में सेक्स करने के पश्चात महिलाएं यदि गर्भवती हो जाती हैं तो उनके स्तनों में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन दिखाई देते हैं, जिनमें स्तनों में हल्का हल्का दर्द महसूस होने लगता है, तथा इस पर टाइट हो जाते हैं, तथा स्तनों में भार का अनुभव होने लगता है। महिलाओं में अंडा फटने के पश्चात यदि निषेचन क्रिया होती है, और महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं, तो उनके शरीर के साथ-साथ उनके स्तनों में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते हैं।

जिसके कारण महिलाओं के स्तन टाइट हो जाते है तथा उसमें में सूजन आ जाती है, तथा उन्हें छूने पर दर्द का अनुभव होता है। स्तनों में ओल्यूशन पीरियड के सेक्स के पश्चात दिखाई देने वाले यह लक्षण महिला की गर्भावस्था की ओर इशारा करते हैं, अर्थात यदि ओल्यूशन पीरियड में सेक्स करने के पश्चात महिलाओं में निम्नलिखित कर दिखाई देते हैं, तो यह गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं।

स्वाद और गंध का बोध होना

स्वाद और गंध का बोध होना

 

ओल्यूशन पीरियड में सेक्स करने के पश्चात यदि कोई महिला गर्भवती हो जाती है, तो उसके एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण उसे विशेष प्रकार की गंध का अनुभव होता है तथा उनके स्वाद में भी परिवर्तन होता है। गर्भावस्था धारण करने के पश्चात महिलाओं के  स्वाद तथा गंध में अक्सर परिवर्तन दिखाई देता है, जो उनको प्रेग्नेंट होने के तरफ इशारा करता है, अर्थात यदि ओल्यूशन पीरियड के समय महिला के साथ सेक्स क्रिया की जाती है, और उसके पश्चात उसके स्वाद तथा गंध में परिवर्तन दिखाई देते हैं, तो यह गर्भावस्था के प्राथमिक लक्षण हो सकते।

किंतु स्वाद तथा गंध स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है कि महिला गर्भवती हो गई है, इसके लिए कुछ अन्य टेस्ट कराने की आवश्यकता होती है।

चक्कर आने लगते है

जब कोई महिला किसी पुरुष साथी के साथ ओल्यूशन पीरियड में सेक्स क्रिया करती है, तो उसके  गर्भवती होने के अत्यधिक चांस होते हैं। गर्भवती होने के पश्चात महिलाओं के हारमोंस में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण उनको चक्कर आना तथा उल्टी होना आज समस्याएं प्रारंभ हो जाती हैं।

यदि पुरुष महिला के साथ महिला के ओल्यूशन पीरियड के समय सेक्स क्रिया करता है, और उसके पश्चात उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं जो उसके गर्भधारण के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। ओल्यूशन पीरियड में सेक्स क्रिया करने के पश्चात यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, गर्भावस्था की पहचान करने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रेगनेंसी टेस्ट की विधियों का प्रयोग किया जा सकता है।

पेट में मरो‌ड़ आना 

पेट में मरो‌ड़ आना

 

अंडोत्सर्ग के समय महिलाओं के पेट में दर्द तथा मरोड़ लगभग हर महिला को होती है लेकिन 20% महिलाओं में अंडोत्सर्ग के समय पेट में मरोड़ अधिक मात्रा में होती है। यह अंडाशय में अंडा से दीवार के टूटने के कारण तथा अंडों के बाहर निकलने के कारण होता है जिसे मिटेश्चमर्ज के नाम से जाना जाता है। महिलाओं में अंडोत्सर्ग प्रारंभ होने के 20 से 30 मिनट अधिक दर्द होता है।

कुछ महिलाओं में या दर्द कुछ समय पश्चात ठीक हो जाता है, तथा कुछ महिलाओं में यह पूरे मासिक पीरियड के समय रहता है। महिलाओं में यह दर्द अंडोत्सर्ग के पश्चात अंडाशय तथा फेलोपियन ट्यूब में होने वाले परिवर्तन के कारण होता है। यदि कोई महिला अंडोत्सर्ग अर्थात ओल्यूशन पीरियड के पश्चात सेक्स क्रिया करती है, तो उसको गर्भधारण हो जाता है, जिसके कारण पेट में दर्द था मरोड़ का अनुभव होता है यह उसके गर्भधारण के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। 

मॉर्निंग सिकनेस

यदि कोई महिला किसी पुरुष साथी के साथ ओल्यूशन पीरियड में सेक्स क्रिया करती है तथा वह सेक्स क्रिया के पश्चात गर्भवती हो जाती है तो उसको मॉर्निंग सिकनेस होने लगती है, क्योंकि उसको अक्सर उल्टी आना तथा चक्कर आना आदि समस्याएं होती रहती हैं। जिसके कारण उसके शरीर में प्रातः कालीन सिकनेस कमजोरी दिखाई देती है।

यह कमजोरी प्रातकाल से प्रारंभ होकर पूरे दिन तक भी हो सकती है, उल्टी और चक्कर आने के कारण यह सिकनेस प्रातः काल अधिक मात्रा में दिखाई देती है। जिसे सामान्य रूप से मॉर्निंग सिकनेस के रूप में जाना जाता है। ओल्यूशन पीरियड के समय किसी महिला  के साथ सेक्स क्रिया करने  के पश्चात मॉर्निंग सिकनेस दिखाई देती है तो यह उसके गर्भ धारण करने के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं।

कब्ज और गैस

ओल्यूशन पीरियड के पश्चात महिला के शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन दिखाई देते हैं। जिनमें कब्ज तथा गैस एक मुख्य समस्या उत्पन्न होने लगती है, जिसके कारण महिला को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किंतु समस्या उसके गर्भ धारण करने के कारण उत्पन्न होती है, अर्थात यदि किसी महिला ने ओल्यूशन पीरियड में किसी पुरुष साथी के साथ सेक्स क्रिया किया है, और उसको ओल्यूशन पीरियड के पश्चात गैस और कब्ज की समस्या बढ़ गई है, तो उसके गर्भधारण के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं, जो उसको गर्भधारण करने की ओर इशारा करते हैं।

इसकी पुष्टि करने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रेगनेंसी टेस्ट की विधियों का प्रयोग किया जा सकता है गैस और कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

शरीर का तापमान बढ़ना

अंडा फटने के पश्चात यदि कोई महिला अपने शरीर में तापमान परिवर्तन अनुभव करती है, तो यह उसके प्रेगनेंसी के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं, अर्थात यदि कोई महिला ओल्यूशन पीरियड में सेक्स क्रिया करती है, और कुछ समय पश्चात उसके शरीर का ताप बढ़ने लगता है। यह उसके गर्भधारण की ओर इशारा करता है, महिलाओं के शरीर में गर्भधारण के पश्चात उनके शारीरिक तापमान में परिवर्तन एस्ट्रोजन हार्मोन के परिवर्तन के कारण होते हैं, जो उनको गर्भधारण के प्राथमिक लक्षण के रूप में दिखाई देते हैं।

यह परिवर्तन लगभग प्रत्येक महिला में देखने को मिलता है, कि यदि उसने ओल्यूशन पीरियड में किसी पुरुष के साथ सेक्स क्रिया किया है, तो उसे गर्भवती होने के पश्चात उसको बुखार की समस्या होने लगती है।

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण सिरदर्द

 

गर्भधारण के पश्चात महिलाओं में विभिन्न प्रकार के लक्षणों के साथ-साथ सर दर्द एक  प्राथमिक लक्षण दि

सिरदर्द

खाई देता है, जो शरीर में विभिन्न प्रकार की शारीरिक बदलाव तथा ब्लड प्रेशर बढ़ने तथा प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के परिवर्तन के कारण होता है।

यदि किसी महिला ने ओल्यूशन पीरियड के समय किसी पुरुष के साथ सेक्स क्रिया किया तथा ओल्यूशन पीरियड के पश्चात उसके उसके शरीर में सर दर्द की समस्या बढ़ जाती है, और यह दर्द की समस्या किसी एक स्थान पर अधिक होती है, तो यह उस महिला के गर्भ धारण का प्रथम लक्षण हो सकता है। सामान्य अवस्था में दर्द ठीक होता है तो अधिक दर्द बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

खाने की लालसा बढ़ना

महिला कॉल प्राथमिक गर्भाधान के समय खाने की तीव्र इच्छा बढ़ जाती है, तथा उसको विभिन्न प्रकार के विभिन्न खाद पदार्थ खाने की इच्छा होती है, जिन्हें वह बार-बार आना चाहती है। इसके कारण उसकी डाइट में परिवर्तन होता है, अंडा फटने के पश्चात यदि किसी महिला में पूर्व के अनुसार यदि खाने की इच्छा पड़ जाती है, और वह विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के खाने की इच्छा प्रकट करती है।

यह उसके गर्भवती होने के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं, ऐसी स्थिति में महिलाओं को बाहर के खाद पदार्थों को खाने से परहेज करना चाहिए, और स्वस्थ तथा पोषण युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, तथा बाजार में उपलब्ध फास्ट फूड तथा जंक फूड से बचना चाहिए।

पीरियड्स न आना

महिलाओं में फर्टिलाइजेशन के पश्चात पीरियड आने बंद हो जाते हैं अर्थात यदि पीरियड के पश्चात महिला दूसरे पीरियड्स को मिस कर देती है, तो ऐसे में महिला के गर्भवती होने के बहुत अधिक चांस होते हैं। पीरियड ना आना महिला के गर्भ धारण करने की एक सबसे बड़ी पहचान होती है, कि गर्भधारण में महिलाओं के पीरियड सबसे पहले बंद हो जाते हैं।

यदि किसी महिला के साथ पुरुष ओल्यूशन पीरियड के समय सेक्स क्रिया करता है, और महिला गर्भवती हो जाती है, तो महिला को अगला पीरियड नहीं आता है, यह महिला के गर्भ धारण करने की पहचान होती है। जिसे कंफर्म करने के लिए विभिन्न प्रकार की प्रेगनेंसी टेस्ट की विधियों का प्रयोग किया जा सकता है।

बार बार पेशाब आना

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन के कारण गर्भाशय की दीवार पर हल्का सा सूजन आती है, जिसके कारण मूत्राशय की दीवारों पर दबाव पड़ता है, जिससे महिलाओं में कुछ समय के पश्चात बार-बार पेशाब आने की समस्या उत्पन्न होने लगती है।

ओल्यूशन पीरियड के समय सेक्स क्रिया करने के पश्चात यदि ओल्यूशन पीरियड के बाद महिलाओं में बार बार पेशाब आने की समस्या पड़ती है, तो यह उनके प्रेग्नेंट होने की ओर इशारा करती है, अर्थात महिलाओं में बार बार पेशाब आने की समस्या यदि पीरियड के बाद बढ़ती है, तो यह उनके गर्भवती होने के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं।

कमर में दर्द होना

प्रेगनेंसी के दौरान सबसे ज्यादा दबाव रीड की हड्डी पर पड़ता है, जिसके कारण स्वाभाविक रूप से कमर दर्द उत्पन्न हो जाता है। यदि किसी महिला में ओल्यूशन पीरियड के पश्चात कमर दर्द प्रारंभ होती है, तो इसे प्रेग्नेंसी का प्राथमिक लक्षण माना जाता है, क्योंकि गर्भधारण के पश्चात कमर की हड्डियों का बंध खुल जाता है, जिसके कारण महिलाओं में कमर दर्द का अनुभव होने लगता है। यदि सामान्य दिनों की अपेक्षा ओल्यूशन पीरियड के पश्चात कमर दर्द की समस्याबढ़ जाए तो इसे अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण के रूप में देखा जाता है। 

यौन क्रिया की इच्छा

यौन क्रिया की इच्छा

 

ओल्यूशन पीरियड के पश्चात यदि कोई महिला सामान्य अवस्था से अधिक सेक्स क्रिया करने की इच्छा जाहिर करती है तो इसका मतलब है। उसने गर्भ धारण कर लिया कर है हर बात महिलाओं में फर्टिलाइजेशन के पश्चात सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाती है। यदि किसी महिला में अत्यधिक सेक्स करने की इच्छा बढ़ जाए तो यह अनुमान लगाना चाहिए कि वह गर्भवती हो गई है। ओल्यूशन पीरियड के पश्चात महिलाओं में सेक्स इच्छा बढ़ने को गर्भधारण का प्राथमिक लक्षण कहते हैं।

मूड बदलना

महिलाओं में गर्भधारण के पश्चात देखा जाता है कि वह किसी चीज को थोड़े समय के लिए  किसी वास्तु को पसंद करती हैं, तथा थोड़े समय के पश्चात वही वस्तु उन्हें पसंद नहीं रहती है। ऐसा उनके साथ खाद्य पदार्थों के साथ अधिक मात्रा में होता है।

यदि उनको आज कोई चीज खाने में अच्छी लग रही है हो सकता है, यही खाद्य पदार्थ कल उन्हें ना अच्छा लगे ऐसा उनके मूड में परिवर्तन होने के कारण होता है। महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड के पश्चात महिलाओं में यदि मूड परिवर्तन होने लगे तो यह उनके प्रेग्नेंट होने के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं।

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण उल्टी आना

महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड  के पश्चात करने वाले गर्भधारण के कारण विभिन्न प्रकार के शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जिनके कारण उनको जी मिचलाना तथा उल्टी जैसी समस्या होने लगती हैं।

सा उनके शरीर में हार्मोनल परिवर्तन  होने के कारण होता है, महिलाओं में रासायनिक तथा हार्मोन परिवर्तन होने के कारण उल्टी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ओल्यूशन पीरियड के पश्चात महिलाओं में उल्टी की समस्या होने लगती है तो यह महिलाओं के गर्भ धारण के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। 

मासिक धर्म के लक्षण महसूस होना

मासिक धर्म के लक्षण महसूस होना

 

महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड के समय सेक्स करने के पश्चात यदि महिला गर्भवती हो जाती है, तो उसे ओल्यूशन पीरियड के पश्चात भी मासिक धर्म का अनुभव होता रहता है। मासिक धर्म से पूर्व होने वाले पेट दर्द ऐठन तथा शारीरिक कमजोरी का एहसास होता है। जिस महिला को ऐसा लगता है कि उसे पुनः मासिक धर्म होने वाली है ओल्यूशन पीरियड के पश्चात भी यदि महिलाओं को मासिक धर्म का अनुभव होता है, तो यह महिलाओं के गर्भवती होने के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। 

प्रेगनेंसी के लक्षण

महिलाओं में प्रेगनेंसी होने के पश्चात विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं जो प्रोताप को बताया गया है इन लक्षणों के पश्चात प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए विभिन्न प्रकार के विधियों द्वारा प्रेगनेंसी को कंफर्म करने की आवश्यकता होती है।

प्रेगनेंसी होने के 1 महीने के  अंदर ही 20 से 25 दिन में प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं प्रेगनेंसी के लक्षण स्पष्ट होने के पश्चात डॉक्टर से संपर्क करके प्रेगनेंसी टेस्ट करने की विभिन्न विधियों द्वारा प्रेगनेंसी को कंफर्म किया जा सकता है, तथा गर्भधारण को स्वस्थ तरीके से आगे बढ़ाया जा सकता है।

निष्कर्ष

महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड के पश्चात गर्भधारण हो सकता है यदि ओल्यूशन पीरियड में महिला किसी पुरुष साथी के साथ सेक्स क्रिया करती है तो वह गर्भवती हो सकती है, अर्थात अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण दिखाई देते हैं, जिनको जानने के पश्चात आप जान सकते हैं, आप गर्भवती हो गई हैं कुछ महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड के पश्चात कुछ विशेष प्रकार के गर्भधारण के लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन महिलाओं को इसकी जानकारी न होने के कारण महिलाएं गर्भावस्था को समझ नहीं पाती हैं, और विभिन्न प्रकार की दवा का प्रयोग करती हैं, जिनसे उनकी प्रेगनेंसी प्रभावित होती है। अतः प्रेगनेंसी को प्रभावित होने से बचाने के लिए महिलाओं को अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण की जानकारी होना आवश्यक होता है, जो उपरोक्त लेख में बताई गई है।

FAQ’s

अंडा फटने के बाद कितने दिन में प्रेग्नेंट होना है?

महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड के 20 से 25 दिन के अंतराल में प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं, शरीर का ताप पढ़ना, पेट दर्द होना, चक्कर आना, उल्टी होना आदि समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ओल्यूशन पीरियड के पश्चात इन समस्याओं को देखते ही प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए जो आप को  प्रेगनेंसी होने की स्पष्टता प्रदान करता है प्रेगनेंसी टेस्ट ओल्यूशन पीरियड के  25 दिन से 1 महीने पश्चात कर लेना चाहिए।

अंडा टूटना लेकिन गर्भधारण नहीं हुआ क्यों?

अंडा टूटना लेकिन गर्भधारण नहीं हुआ ऐसा विभिन्न प्रकार के मेडिकल समस्याओं के कारण हो सकता है कुछ लोग अंडा टूटने का अर्थ पीरियड से लगाते हैं। यदि आप सोचते हैं कि पीरियड्स होने से ही गर्भधारण हो जाता है तो ऐसा नहीं है गर्भधारण करने के लिए महिला तथा पुरुष के मध्य सेक्स क्रिया होना आवश्यक होता है। गर्भधारण करने के लिए ओल्यूशन पीरियड में सेक्स क्रिया करना आवश्यक होता है इससे पुरुष स्पर्म महिला अंडों के साथ मिलकर निषेचन क्रिया करते हैं। यदि ओल्यूशन पीरियड में सेक्स क्रिया की गई और गर्भधारण नहीं हुआ है तो इसका मतलब है हो सकता है, पुरुष का स्पर्म कमजोर हो या इसके अन्य विभिन्न मेडिकल कारण हो सकते हैं जिसका परीक्षण करा कर आपको इसकी जानकारी हो जाएगी।

ओव्यूलेशन के बाद आप कितनी जल्दी गर्भावस्था के लक्षण महसूस कर सकती हैं?

अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण के बाद यदि पुरुष और महिला के मध्य सेक्स क्रिया संपन्न होती है और पुरुष शुक्राणु महिला के गर्भाशय में पहुंचते हैं तो 72 घंटों के अंदर ही महिला प्रेग्नेंट हो जाती है, किंतु इसके लक्षण स्पष्ट होने में 25 दिन से 1 महीने का समय लग जाता है तथा ओव्यूलेशन के 72 घंटों के अंदर महिला सेक्स करने के पश्चात गर्भवती हो जाती है। किंतु उसके लक्षणों को प्रदर्शित होने में समय लग सकता है इसलिए महिलाएं गर्भावस्था के लक्षण कुछ समय पश्चात महसूस करना शुरू करती हैं।

Author Profile

Sambhav Sharma
Sambhav Sharma
संभव शर्मा ने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इलाहबाद से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, तथा बैसवारा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। बैसवारा महाविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के पश्चात संभव शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वेबसाइट तथा ब्लॉग में लेखन का कार्य किया है, तथा विभिन्न प्रकार के पत्रिकाओं तथा हुए पोर्टल पर चीफ एडिटर का कार्य भी किया है, तथा पिछले 5 सालों से इन्होंने ACPP.MD वेबसाइट के लिए मुख्य एडिटर के रूप में कार्य किया है, जिन का योगदान इस वेबसाइट के लिए महनीय है। इनके द्वारा एडिट किए गए सभी प्रकार के लेख लोगों के स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हुए हैं।

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