किसी भी पुरुष को संतानोत्पत्ति के लिए सबसे जरूरी उसका वीर्य होता है। जोकि स्वस्थ वीर्य से ही स्वस्थ बच्चे की कामना की जा सकती है। जब किसी भी महिला को गर्भधारण करने के लिए वीर्य का महिलाओं के अंडाशय में जाना बहुत ही जरूरी होता है। जब महिला के अंडाशय में मौजूद अंडे से वीर्य का संपर्क होता है तभी महिलाओं में गर्भधारण होता है। हर पुरुष यह चाहता है कि उसका वीर्य स्वस्थ रहे और ज्यादा मात्रा में निकले जिसकी वजह से उनको बहुत सारे फायदे हो सकते हैं। लेकिन बहुत सी महिलाओं के अंदर यह जानने की इच्छा होती है कि पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है।
स्वस्थ और ज्यादा वीर्य की मात्रा होने से आप स्वस्थ बच्चे की कल्पना कर सकते हैं। जो कि कोई भी पुरुष या महिला चाहते है। क्योंकि कम वीर्य में भी महिला गर्भ धारण कर लेती है लेकिन उसमें उनको बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उनका बच्चा स्वस्थ भी नहीं रहता है। इसीलिए हर किसी महिला का यही सपना होता है कि उसके पुरुष साथी का वीर्य स्वस्थ और ज्यादा मात्रा में निकले। इसीलिए आपको शुक्राणुओं के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। जिससे आप कम वीर्य की मात्रा को बढ़ा सकते हैं और पतले वीर्य को और गाढ़ा एवं स्वस्थ कर सकते हैं।
वीर्य क्या होता है ?-सम्पूर्ण जानकारी
जब कोई भी पुरुष संभोग करता है तो संभोग के अंतिम समय में पुरुषों के लिंग से निकलने वाला सफेद रंग का तरल पदार्थ ही वीर्य कहलाता है जो कि पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि में बनता है और वहीं से निकलता है इसमें बहुत सारे ऐसे शुक्राणु मौजूद होते हैं जो कि आपकी संतानोत्पत्ति के लिए सबसे जरूरी माने जाते हैं। वीर्य में एंजाइम प्रोटियॉलिटिक पाए जाते हैं। जो कि आप की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करते हैं। इन सभी तत्वों के मिश्रण से स्वास्थ्य वीर्य तैयार हो पाता है।
पुरुषों में वीर्य की संरचना
पुरुषों में वीर्य की संरचना तब होती है जब कोई भी पुरुष संभोग क्रिया के दौरान स्खलित होने लगता है तो उस समय शुक्राणु शुक्रासेचक वाहिनी से गुजरते हुए आपकी प्रोस्टेट ग्रंथि में पहुंचता है और बल्बूयूरिथल ग्रंथियों से निकले तरल पदार्थ के साथ मिलकर वीर्य का रूप ले लेता है। वीर्य में शुक्राणु को बनने में 2 से 3 महीने का समय लग जाता है। जोकि पुरुषों के शरीर में कुछ हफ्तों के लिए ही जीवित रह पाता है ।पुरुषों में टेस्टोरोन हार्मोन की मदद से ही वीर्य बनता है जो कि पुरुषों को उत्तेजित करने का काम करता है और वीर्य बनाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। पुरुषों के वीर्य में ही शुक्राणुओं के बनने की शुरुआत होती है।
संतानोत्पत्ति के लिए वीर्य में शुक्राणुओं की भूमिका
किसी भी महिला या पुरुष को संतानोत्पत्ति के लिए वीर्य में शुक्राणुओं की भूमिका को जरूर जो समझना चाहिए। क्योंकि संतानोत्पत्ति के लिए वीर्य में मौजूद शुक्राणु ही पूरी भूमिका निभाते हैं। अगर पुरुषों के वीर्य में शुक्राणु की कमी हो जाए तो वह निसंतान भी हो सकते हैं। पुरुषों में वीर्य की कमी उनको नपुसंकता की ओर भी ले जा सकती है।
जब आपके शरीर में शुक्राणु निर्मित होने के पश्चात यह आपके वीर्यकोषों में जाकर इकट्ठा हो जाते हैं और जब कोई भी पुरुष संभोग क्रिया के दौरान स्खलित होने लगता है। तो वीर्य निकलते समय शुक्राणु वीर्य में आकर मिल जाते हैं। वीर्य में लाखों के मध्य में शुक्राणु पाए जाते हैं। लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि किसी भी महिला को गर्भधारण करने के लिए उनके अंडकोष में पुरुषों का सिर्फ एक ही शुक्राणु उनको गर्भधारण करने के लिए पर्याप्त हो सकता है। लेकिन शुक्राणुओं की कमी की वजह से आपकी आने वाली संतान अस्वस्थ और कमजोर हो सकता है। वीर्य में शुक्राणु की कमी की वजह से महिलाओं को बच्चे को जन्म देते समय बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए बहुत सी महिलायें हमेशा यह जानने की इच्छुक होती है की पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है। हर महिला या पुरुष वीर्य में ज्यादा मात्रा में शुक्राणुओं को चाहते हैं। जिससे कि उनका बच्चा स्वस्थ रहें और उनको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। वीर्य में मौजूद शुक्राणु ही यह निर्धारित करते हैं कि महिलाओं के गर्भ में किस लिंग का बच्चा हो रहा है। क्योंकि बच्चों के लिंग का निर्धारण करने में भी शुक्राणुओं की बहुत बड़ी भूमिका पाई जाती है।
वीर्य में शुक्राणुओं की कमी से होने वाली दिक्कत
वीर्य में शुक्राणु की कमी होने से पुरुषों में बहुत सारी दिक्कतों को पाया जा सकता है। वीर्य की कमी होने की वजह से आपको संतानोत्पत्ति से भी वंचित रहना पड़ सकता है। वीर्य की कमी की समस्या आपको नपुसंकता की ओर ले जा सकती है। जब किसी भी पुरुष में 30 मिलियन प्रति मिलीलीटर से कम शुक्राणु पाए जाते हैं तो उनका वीर्य पतला होने की भी संभावना बनी रहती है। जो कि उनको बहुत सारी यौन समस्याओं से ग्रसित कर सकता है। इसलिए आप अपने वीर्य को स्वस्थ रखने,शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और लिंग को पत्थर जैसा सख्त बनाने के लिए आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए शरीर में पौष्टिक आहार की कमी को दूर करना चाहिए।
- संतानोत्पत्ति में दिक्कत
- आने वाली संतान का अस्वस्थ होना
- नपुंसकता की समस्या होना
- लिंग में ढीलापन के समस्या होना
- टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी
- संभोग इच्छा में कमी होना
- वृषण क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ का एहसास होना
- चेहरे और शरीर के बालों का कम होना
संतानोत्पत्ति के लिए जरूरी स्पर्म की मात्रा
बहुत से पुरुषों और महिलाओं को संतानोत्पत्ति के लिए बहुत ही ज्यादा चिंता रहती है। पुरुषों में और महिलाओं में ऐसी चिंता इसलिए होती है क्योंकि बहुत सालों बाद भी कई जोड़े माता-पिता नहीं बन पाते हैं जिसकी वजह से उनको बहुत ज्यादा दिक्कतों के सामना और समाज में हीन भावना से देखा जाता है। इसीलिए बहुत सारी महिलायें यह जानने की कोशिश करतीं है की पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है।
जिससे उन्हें अपने संतान उत्पत्ति के बारे में संतुष्टि पहुंचती है और वह स्वस्थ हो जाती है कि वह मां बन पाएंगी या नहीं महिला को गर्भ धारण करने के लिए पुरुषों का एक शुक्राणु ही काफी होता है। जिससे वह मां बन सकती हैं लेकिन ऐसी स्थिति में उनकी मां बनने की संभावना बहुत ही कम रहती है। जब शुक्राणु ज्यादा होते हैं तो किसी न किसी तरह से कुछ शुक्राणुओं का मिलन अंडाशय से हो जाता है और महिलाएं गर्भ धारण कर लेती है।
इसलिए पुरुषों के अंदर स्वस्थ वीर्य में 40 से 300 मिलियन के बीच शुक्राणुओं की संख्या प्रति मिलीलीटर होनी चाहिए। अगर किसी पुरुष में यह संख्या घटकर 10 से 20 मिलियन प्रति मिलीलीटर है तो इसे कम शुक्राणुओं की संख्या के रूप में देखा जा सकता है। जिसको खराब शुक्राणु भी कह सकते हैं। लेकिन स्वस्थ पुरुष और इस गम की गुणवत्ता अच्छी होने की स्थिति में गर्भधारण करने के लिए 20 मिलियन प्रति मिली लीटर वीर्य पर्याप्त माना जा सकता है।
शुक्राणुओं की वृद्धि के लिए घरेलू उपचार
किसी भी पुरुष के अंदर शुक्राणुओं की कमी की समस्या खोजने से मैं बहुत सारी दिक्कतों में डाल सकती है । इसलिए हर किसी की यही चाहत होती है कि उसके अंदर वीर्य की कमी ना हो और शुक्राणुओं की कोई समस्या ना हो जिसकी वजह से उसे किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। शुक्राणुओं की समस्या की वजह से बहुत सारे पुरुष पिता भी नहीं बन पाते हैं। जोकि उनके लिए बहुत ही शर्मिंदगी और असहाय महसूस करने वाला विषय बन जाता है।
जिसकी वजह से बहुत सारे अवसाद में चले जाते हैं और कुछ शारीरिक रूप से कमजोर और अस्वस्थ भी हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है की आप का वीर्य स्वस्थ रहें और आपके अंदर शुक्राणुओं की किसी प्रकार की समस्या ना हो। शुक्राणुओं की समस्या को दूर करने के लिए आपको घरेलू उपचारों का भी सहारा लेना चाहिए जो कि आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं। क्योंकि घरेलू उपचारों का आपके शरीर को कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है और वह शुक्राणुओं की समस्या को बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। इसीलिए आज हम इस लेख में के लिए घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं जिनका उपयोग करके आप अपने शुक्राणुओं की समस्या को दूर कर सकते हैं।
- मसूर की दाल का सेवन
- अश्वगंधा का सेवन
- जिंक पोषित खाद्य पदार्थों का सेवन
- केले का सेवन
- डार्क चॉकलेट
- शतावरी का सेवन
मसूर की दाल का सेवन
मसूर की दाल में पाए जाने वाले फोलिक एसिड की वजह से पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ती है जो कि स्पर्म काउंट को बढ़ाने के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी साबित हो सकती है। प्रजनन क्षमता बढ़ने से पुरुषों के वीर्य बढ़ोतरी होती है और उनका वीर्य स्वस्थ होता है और उनके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी दूर होती है। इस दाल को आप अपने खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर अपने शुक्राणुओं की समस्या को दूर करने के लिए आप मसूर की दाल का पानी का सेवन भी कर सकते हैं।
अश्वगंधा का सेवन
अश्वगंधा एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जो भी स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है इस औषधि के इस्तेमाल से आप अपने वीर्य में शुक्राणुओं की समस्या को भी दूर कर सकते हैं। जिसकी वजह से आपको संतानोत्पत्ति में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। वीर्य को स्वस्थ करने के लिए भी अश्वगंधा का उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा को पुरुषों में सेक्स टाइमिंग को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसमें बहुत सारे ऐसे लाभकारी तत्व पाए जाते हैं जो कि वीर्य की समस्या को दूर करने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं।
जिंक पोषित खाद्य पदार्थों का सेवन
जिंक एक ऐसा पोषक तत्व है जो कि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की समस्या को दूर करने के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। जब आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ता है तो आपके वेद की समस्या दूर होने लगती है और आपका वीर्य स्वस्थ हो जाता है और उसमें शुक्राणुओं की कमी भी दूर हो जाती है। जिससे कि आपकी आने वाले संतान की कल्पना भी की जा सकती है।
केले का सेवन
शुक्राणुओं की समस्या को दूर करने के लिए केले का सेवन किया जा सकता है क्योंकि अकेले में बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शुक्राणुओं की समस्या को दूर करने और बनाने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। अकेला आपके शरीर में ताजगी लाता है जिसकी वजह से आप बहुत ज्यादा देर तक संभोग कर पाते हैं।
जिन पुरुषों में वीर्य की कमी के कारण शीघ्र स्खलन की समस्या होने लगती है वह भी अपनी इस समस्या को दूर करने के लिए केले का सेवन कर सकते हैं। केले को आप दूध में मिलाकर भी खा सकते हैं जिससे आपको वीर्य की बढ़ोतरी में आश्चर्यचकित कर देने वाला परिणाम मिल सकता है। इसको आप सुबह खाली पेट खा सकते हैं जिससे कि आपका पूरा दिन एनर्जी से भरा हुआ रहता है और आप थकते नहीं हैं जिससे कि आप रात में बहुत आसानी से संभोग के लिए तैयार हो सकते हैं।
डार्क चॉकलेट
किसी भी पुरुष में वीर्य की कमी को दूर करने और वीर को स्वस्थ बनाने के लिए सबसे जरूरी होता है कि शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा सही और उचित हो जो कि आपके शरीर में वीर्य को बनाने और बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। टेस्टोरोन हार्मोन की कमी की वजह से बहुत सारे पुरुष वीर की कमी और अस्वस्थ वीर और शुक्राणु की कमी की समस्या से जूझते रहते है ।
इसीलिए आप अपनी शुक्राणुओं की कमी को दूर करने के लिए डार्क चॉकलेट का सहारा ले सकते हैं क्योंकि डार्क चॉकलेट में बहुत सारे ऐसे तब तो पाए जाते हैं जो कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाकर आपके शरीर में वीर्य की कमी को दूर करता है और शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाता है जिससे आप अपने आने वाली संतान के बारे में भी सोच सकते हैं।
शतावरी का सेवन
शतावरी एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जो कि यौन समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो वीर्य की कमी, शुक्राणु को बढ़ाने के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। शतावरी को वीर्य को गाढ़ा करने की दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है|
इसीलिए बहुत सारे चिकित्सक और वैद्य वीर्य की कमी और शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने के लिए शतावरी के सेवन का सलाह देते हैं। इसीलिए आप अपने वीर्य की समस्या को खत्म करने और शुक्राणु को बढ़ाने के लिए शतावरी को दिन में एक बार जरूर लेना चाहिए जिससे कि आपके वीर्य की समस्या और शुक्राणुओं की कमी की समस्या जल्द दूर हो जाए और आप अपने संतान के बारे में भी सोच सकें।
निष्कर्ष
इस लेख में हम आपको यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि पुरुष का स्पर्म कितना होना चाहिए जिससे बच्चा ठहर सकता है। क्योंकि किसी भी महिला के गर्भ में गर्भधारण करने के लिए वीर्य की मात्रा का पता होना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि वीर्य की मात्रा की कमी की वजह से कभी-कभी बहुत सी महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती और वह निसंतान ही रह जाती है।
इसीलिए इस पूरे लेख में वीर्य की मात्रा के बारे में, वीर्य की संरचना, शुक्राणुओं की कमी से होने वाली दिक्कतों के बारे में विस्तार से बताया गया है जिसको आप जानकर इन समस्याओं से बच सकते हैं या तो इसका आप घरेलू उपचारों के माध्यम से उपचार भी कर सकते हैं। क्योंकि इस समस्या का उपचार कर लेना ही बेहतर होता है नहीं तो आप निसंतान भी रह सकते हैं जो कि आपको बहुत ही खराब अनुभव और दुखद क्षण दे सकता है।
सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न:पुरुष में स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए?
उत्तर- किसी भी पुरुष को संतानोत्पत्ति के लिए 20 मिलियन प्रति मिलीलीटर की मात्रा में स्पर्म काउंट होना चाहिए जिससे बहुत ही आसानी से किसी भी महिला के गर्भ में गर्भ धारण किया जा सकता है।
प्रश्न:प्रेगनेंसी के लिए कितने स्पर्म की जरूरत होती है?
उत्तर- किसी भी महिला को प्रेग्नेंट होने के लिए पुरुष के शुक्राणु ही काफी होते हैं। लेकिन अच्छी प्रेगनेंसी और स्वस्थ बच्चे के लिए 40 से 300 मिलियन प्रति मिलीलीटर के बीच में स्पर्म काउंट होना चाहिए।
प्रश्न:बच्चे पैदा करने के लिए पुरुष को क्या करना चाहिए?
उत्तर- बच्चे पैदा करने के लिए किसी भी पुरुष को स्पर्म को बाहर निकालने के लिए कम से कम 3 महीने की अवधि तक का विराम देना चाहिए जिससे कि तुम बहुत ही आसान ज्यादा मात्रा में बन जाए और स्वस्थ रहें। पुरुषों को बच्चे पैदा करने के लिए पोस्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। बुरी आदतों को छोड़ देना चाहिए। जिससे कि आपको स्पर्म दूषित ना हो और आप अपने बच्चे के बारे में भी सोच सकते हैं।