aपृथ्वी पर रुद्राक्ष एक ऐसी वस्तु है, जो भगवान शिव के अंश के रूप में होता है। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात कोई भी व्यक्ति शिवभक्त हो जाता है और वह भगवान शिव का अनन्य प्रिय भक्त माना जाता है। रुद्राक्ष भगवान शिव के आभूषण के रूप में प्रयोग किया जाने वाला एक पौधे का बीज होता है जो प्राचीन काल से ही धार्मिक तथा पौराणिक रूप से भगवान शिव की आराधना वंदना के लिए प्रयोग किया जाता है, जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है, उसे रुद्राक्ष धारण करने के फल प्राप्त होते हैं।
इसलिए आज हम आपको Rudraksha Health Benefits के बारे में जानकारी देंगे जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है। रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार की दैवीय शक्तियों बचने तथा भूत-प्रेत आदि, जादू टोने से बचने के लिए भी किया जाता है। किंतु वर्तमान समय में रुद्राक्ष का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी किया जाता है, इसलिए विभिन्न प्रकार स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्राप्त होते हैं।
रुद्राक्ष (Rudraksha)
सामान्य रूप से ‘इलियोकार्पस गेनिट्रस’ नामक पेड़ से प्राप्त फल के पक जाने पर जब वह फल नीचे गिर जाता है, तब उसके अंदर स्थित बीज को ही रुद्राक्ष कहते हैं। रुद्राक्ष के पेड़ों से लगभग 21 प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं, जिसमें एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 16 मुखी रुद्राक्ष तक पाए जाते हैं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ एक मुखी रुद्राक्ष माना जाता है क्योंकि इसमें शिव का वास होता है और शिव को यह अधिक प्रिय होता है। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात व्यक्ति अपने आपको शिव से जुड़ा हुआ पाता है और यह रुद्राक्ष परम शिव के सत्य का कारक होता है, जिसके कारण संसार के जीवन और मरण से मुक्ति मिलती है।
किन वैज्ञानिको तथा डॉक्टरों द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया कि रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के औषधि गुण होते हैं जिसके कारण इस के स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं इसलिए पौराणिक ग्रंथों के अनुसार रुद्राक्ष का प्रयोग प्राचीन काल से आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता था किंतु आधुनिक डॉक्टरों में रुद्राक्ष के प्रति जानकारी ना होने के कारण इसका प्रयोग नहीं हो पाता था लेकिन अब धीरे-धीरे लोग जैसे जैसे जानकार होते जा रहे हैं। पुनः रुद्राक्ष का प्रयोग औषधियों के रूप में होने लगा है कुछ डॉक्टरों द्वारा पाया गया कि रुद्राक्ष को धारण करने की आपकी रुद्राक्ष का प्रयोग करने से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ (Rudraksha Health Benefits)
प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार के रोगों के इलाज के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है। इसलिए रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है, इसलिए इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि रुद्राक्ष को पृथ्वी पर शिव के अंश के रूप में जाना जाता है, इसके अलावा इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की दैवी शक्तियों तथा भूत-प्रेत, जादू-टोना से बचने के लिए भी किया जाता है।
यदि आप विभिन्न प्रकार रोगों से परेशान हैं और विभिन्न प्रकार की दवाइयां करने के पश्चात भी आप रोगों को ठीक नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको किसी आयुर्वेदिक जानकार व्यक्ति से या फिर आयुर्वेद शास्त्री से रुद्राक्ष के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। यदि आप से संबंधित बीमारी को रुद्राक्ष ठीक करने में सक्षम होता है, तो आयुर्वेद शास्त्री आपको रुद्राक्ष का प्रयोग करने की सलाह निश्चित रूप से देगे रुद्राक्ष द्वारा निम्नलिखित Rudraksha Health Benefits प्राप्त कर सकते हैं।
- रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक।
- महिला तथा पुरुषों में प्रजनन शक्ति बढ़ाने में।
- हृदय रोगों से बचाव के लिए।
- खसरा से बचाव हेतु।
- स्मरण शक्ति को तेज करता है।
- चर्म रोगों को दूर करे।
- शरीर के दर्द को दूर करता है।
- सर्दी जुकाम और खांसी को दूर करता है।
- तनाव दूर करने में सहायक।
- शारीरिक शक्ति के विकास के लिए।
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक
रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में क्या जाता है, क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं और सभी गुणों में 1 गुण इसका चुंबकत्व का होता है, अर्थात प्रत्येक रुद्राक्ष में विद्युत चुंबकीय गुण पाए जाते हैं। जिससे का प्रयोग शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों का रक्तचाप अनियंत्रित होता है उनको रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है, जिससे ब्लड सरकुलेशन सामान्य हो जाता है और रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।
इसको धारण करने से शरीर की एक्स्ट्रा एनर्जी रुद्राक्ष अपनी ओर खींच लेता है, जिसके कारण शरीर सामान्य रूप में बना रहता है तथा मन में शांति रहती है। यदि 2 मुखी रुद्राक्ष की भस्म तथा स्वर्णमाच्छिक भस्म बराबर बराबर मात्रा में एक रत्ती लेकर दूध या दही के साथ रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति को दिया जाता है तो इससे रक्तचाप नियंत्रित होता है।
महिला तथा पुरुषों में प्रजनन शक्ति बढ़ाने में
महिला तथा पुरुषों में विभिन्न प्रकार के मानसिक समस्याओं तथा शारीरिक समस्याओं के कारण शारीरिक रूप से कमजोरी आ जाती है, जिससे महिला तथा पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और ऐसे महिला पुरुष संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। इसलिए जो महिला पुरुष संतान से वंचित रहते हैं, उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर होती है, उनको रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तथा रुद्राक्ष को पानी में डालकर उसका पानी दैनिक रूप से पीना चाहिए, इससे महिला तथा पुरुषों के अंदर शारीरिकशक्ति का विकास होता है। जिससे महिला तथा पुरुषों की प्रजनन शक्ति में विकास होता है और ऐसे महिला पुरुष अति शीघ्र संतान सुख प्राप्त करते हैं। 9 मुखी रुद्राक्ष तथा 12 मुखी रुद्राक्ष महिला तथा पुरुषों में प्रजनन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयुक्त होते हैं।
हृदय रोगों के लिए
जैसा कि आपको बताया गया है कि रुद्राक्ष चुंबकीय गुण होते हैं जिसके कारण इसको धारण करने से शरीर का रक्त संचार सामान्य हो जाता है। इसलिए हृदय संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएं रुद्राक्ष को धारण करने से सही हो जाती हैं। यदि आप हृदय संबंधी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से परेशान हैं और और आपको रक्त संचार संबंधी बीमारी है, जिससे आपको विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो रही हैं, तो आप रुद्राक्ष धारण करने की आवश्यकता है क्योंकि रुद्राक्ष धारण करने से रुद्राक्ष में चुंबकीय शक्ति होने के कारण यह ब्लड सरकुलेशन पर सामान्य करते हैं, जिससे हृदय संबंधी विकार धीरे-धीरे ठीक होने तथा अतिशीघ्र प्रभाव के लिए 2 मुखी रुद्राक्ष की भस्म तथा स्वर्णमाच्छिक भस्म दोनों को एक-एक रत्ती लेकर के दूध के साथ सुबह तथा शाम सेवन करना चाहिए।
इससे हृदय रोग से संबंधित विभिन्न प्रकार के विकार समाप्त हो जाते हैं तथा हार्ट अटैक जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। इसलिए रुद्राक्ष का प्रयोग हृदय रोगियों के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है यह रुद्राक्ष का मुख्य हेल्थ बेनिफिट है।
खसरा से बचाव के लिए
बदलते मौसम तथा वातावरण में प्रदूषण के कारण अक्सर लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्या होती रहती हैं, जिनमें सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर के चेचक तथा खसरा तक की समस्याएं होती हैं। जिससे व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्या होती है खसरा एक ऐसी समस्या है, जिसमें बुखार के साथ-साथ शरीर में बहुत सारे छोटे बड़े दाने पड़ जाते हैं जिनमें समय-समय पर खुजली भी होती रहती है।
यह एक संक्रमण से फैलने वाली बीमारी होती है ,जो एक विशेष प्रकार के वायरस से फैलती है तथा इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। आयुर्वेद के अनुसार यदि रुद्राक्ष को किसी पत्थर पर पानी के साथ घिस कर उससे प्राप्त मरहम को चाटते हैं और शरीर पर हुए दानो में लगाते हैं, तो खसरा की समस्या अति शीघ्र समाप्त हो जाती है। इसलिए जिन व्यक्तियों को खसरा की समस्या होती है उनको Rudraksha Health Benefits का प्रयोग करना चाहिए इसके लिए 4 मुखी रुद्राक्ष तथा 9 मुखी रुद्राक्ष सबसे उपयुक्त माना जाता है। सामान्य परिस्थितियों में यदि यह रुद्राक्ष नहीं प्राप्त होते हैं, तो किसी भी रुद्राक्ष का प्रयोग किया जा सकता है। रुद्राक्ष का प्रयोग करने से खसरा का संक्रमण भी नहीं फैलता है जिससे कि यह दूसरे लोगों को भी प्रभावित नहीं करता है।
स्मरण शक्ति को तेज करता है
बहुत सारे छात्र तथा सामान्य लोग भी अपनी स्मरण शक्ति के कारण पीछे रह जाते हैं, छात्रों को कमजोर इच्छाशक्ति के कारण पढ़ाई में बड़ी दिक्कत होती है, क्योंकि वह कुछ भी याद करते हैं, तो कुछ समय पश्चात भूल जाते हैं। इन सभी समस्याओं के कारण उनका अपना जीवन का विकास रुक जाता है। छात्र किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं होते हैं और उनका जीवन बर्बाद हो जाता है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए तथा इस स्मरण शक्ति को तेज बनाने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है।
Rudraksha Health Benefits का प्रयोग रुद्राक्ष की माला के रूप में किया जाता है, जब हम रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं तो इसमें विद्युत चुंबकीय गुण होने के कारण हमारे मस्तिष्क से निकलने वाली तरंगे केंद्रित होने लगती हैं, जिसके कारण कोई भी व्यक्ति या छात्र कुछ भी पढ़ता है, तो वह लंबे समय तक याद रहता है। चुंबकीय विकिरण के कारण शरीर की ऊर्जा शरीर से बाहर उत्सर्जित नहीं होती है तथा शरीर में सुरक्षित रहती है, जिससे शरीर की स्थिति में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए जो छात्र मानसिक रूप से कमजोर है तथा उनकी शक्ति बहुत कमजोर है, तो उनको रुद्राक्ष धारण करना चाहिए तथा रुद्राक्ष को पानी में भिगोकर उस पानी का सेवन करना चाहिए, इससे उनकी स्मरण शक्ति बढ़ती है और उनकी भूलने की समस्या समाप्त हो जाती है।
चर्म रोगों को दूर करने के लिए
खून की कमी तथा विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के चर्म रोग हो जाते हैं, जिनके कारण हमारे शरीर के ऊपरी त्वचा कुरुप दिखने लगती है तथा इसमें विभिन्न प्रकार के दाने दाग धब्बे हो जाते हैं, जो समय-समय पर खुजली तथा दर्द का कारण भी बनते हैं। ऐसे दाग, धब्बे या दाने हमारे चेहरे पर हो जाते हैं, तो हमारा चेहरा कुरूप दिखाई देने लगता है, जिससे कि शरीर की सुंदरता समाप्त हो जाती है, इसलिए विभिन्न प्रकार के शारीरिक त्वचा रोगों के लिए तथा चेहरे को सुंदर बनाने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है। Rudraksha Health Benefits का प्रयोग रुद्राक्ष की माला धारण करके तथा अन्य रूपों में भी किया जाता है।
यदि रुद्राक्ष को पानी में तांबे के बर्तन में भिगोकर इस पानी को दैनिक रूप से पीते हैं, तो त्वचा संबंधी विकार समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा यदि शरीर में किसी प्रकार का घाव हो गया है, तो 9 मुखी रुद्राक्ष को तुलसी की पत्तियों के साथ घिसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है तथा जख्म ठीक हो जाता है। इसलिए का प्रयोग शरीर पर हुई खुजली को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है, यदि आपका चेहरा सुंदर नहीं है इसमें विभिन्न प्रकार के दाग धब्बे हैं, तो रुद्राक्ष को चंदन के साथ घिसकर एक लेप बना लेते हैं और इस लेप को चेहरे पर लगाने से चेहरा मुलायम तथा सुंदर दिखाई देने लगता है।
शरीर के दर्द को दूर करने के लिए
कुछ लोगों के शरीर में शारीरिक कमजोरी के कारण उनके शरीर में दर्द होता रहता है, तथा उनके शरीर के जोड़ हड्डियां तथा मांसपेशियों में बहुत अधिक दर्द की समस्या रहती है। किसी व्यक्ति के शरीर में गठिया की समस्या है जिसके कारण उसके जोड़ों में सूजन तथा दर्द रहती है, तो उसे ठीक करने के लिए Rudraksha Health Benefits का प्रयोग किया जा सकता है, जैसा कि आप जानते हैं रुद्राक्ष में एंटीबायोटिक तथा Anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह शरीर से दर्द तथा सूजन की समस्या को समाप्त करने में सक्षम माना जाता है।
यदि आपको शरीर में घटिया की समस्या या जोड़ों में दर्द की समस्या है तो आप रुद्राक्ष को पीसकर उसका पाउडर बना लें और उसे सरसों के तेल में मिलाकर दर्द वाले स्थान पर या सूजन वाले स्थान पर लगाने से दर्द तथा सूजन समाप्त हो जाती है तथा शरीर में होने वाले गठिया बाई सूजन तथा जोड़ों के दर्द व मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है रुद्राक्ष का प्रयोग माला धारण करके भी दर्द की समस्या को ठीक किया जाता है।
सर्दी जुकाम और खांसी के लिए
जैसा कि आप जानते हैं कि रुद्राक्ष में एंटीबैक्टीरियल तथा एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा शरीर से बैक्टीरियल प्रभाव को समाप्त करने में प्रभावी होता है। इसलिए यदि आपको शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना है, जिसके कारण आपको सर्दी, जुकाम तथा खांसी की समस्या के साथ-साथ बुखार भी हो रहा है, तो आप रुद्राक्ष का प्रयोग कर सकते हैं।
रुद्राक्ष का प्रयोग करने के लिए इसे पीतल के पात्र में शुद्ध पानी में भिगो देते हैं तथा कुछ समय पश्चात रुद्राक्ष के इस पानी को पीते हैं, जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी जुकाम खांसी की समस्या समाप्त हो जाती है। कुछ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है, जिसके कारण उनको थोड़ी सी समस्या होने पर भी सर्दी जुकाम खांसी हो जाती है, जिसके कारण उन्हें बुखार भी होता है। ऐसे लोगों को शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग करना चाहिए तथा रुद्राक्ष का पानी पीना चाहिए।
तनाव दूर करने में सहायक
रुद्राक्ष धारण करने से Rudraksha Health Benefits के रूप में इसके अंदर विद्यमान सकारात्मक ऊर्जा के कारण व्यक्ति के अंदर के सभी मानसिक तनाव समाप्त हो जाते हैं, इसलिए इसका प्रयोग मानसिक रोगियों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। जो व्यक्ति विभिन्न प्रकार के मानसिक समस्याओं के कारण मानसिक तनाव में रहते हैं। ऐसे लोग रुद्राक्ष का प्रयोग मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए कर सकते हैं इसका प्रयोग करने के लिए रुद्राक्ष को गाय के दूध में उबालकर सुबह-शाम एक गिलास गाय का दूध पीना चाहिए तथा इस को पीसकर चंदन में मिलाकर मस्तक में लगाने से भी मानसिक तनाव दूर हो जाता है। मानसिक तनाव दूर होने के साथ-साथ इसका प्रयोग करने से शीघ्र शांति मिलती है तथा मन स्थिर हो जाता है।
शारीरिक शक्ति के विकास के लिए
प्रत्येक रुद्राक्ष में सकारात्मक ऊर्जा विद्यमान होती है क्योंकि इसे पूजन विधि द्वारा पवित्र करके इसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जाता है। जिससे रुद्राक्ष में लंबे समय तक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसलिए वैज्ञानिकों ने रुद्राक्ष पर विभिन्न शोध किए जिसके पश्चात उन्होंने पाया कि रुद्राक्ष डाईइलेक्ट्रोड पाए जाते हैं, जिसके कारण यह शरीर से निकलने वाली अतिरिक्त उर्जा को संचित करने का कार्य करते हैं, जिससे जब हम तनावग्रस्त होते हैं या विभिन्न कार्य करते हैं तो हमारे शरीर से निकलने वाली अतिरिक्त ऊर्जा को रुद्राक्ष अपनी ओर आकर्षित करके शरीर के कोशिका में एकत्रित करने का कार्य करते हैं।
जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार सामान्य रूप से बना रहता है, जिससे हमें शारीरिक रूप से कमजोरी नहीं होती है। जब हमारे शरीर की ऊर्जा सामान्य रूप से विकसित होती रहती है, तो शरीर में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है। जिससे पुरुषों में शारीरिक शक्ति के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं से राहत मिलती है।
निष्कर्ष
रुद्राक्ष के आयुर्वेदिक औषधि गुणों के कारण इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है और इसका प्रयोग प्राचीन काल से ही बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है, इसके अलावा रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार की अन्य समस्याओं से बचने के लिए किया जाता है। इसे शिवभक्त आस्था भक्ति के लिए भी धारण करते लोगों का मानना है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं, वह भगवान शिव के सबसे नजदीक होते हैं। जिससे भगवान शिव उनके सभी दुख दर्द तथा संकट दूर करते हैं।
उपरोक्त बताए गए सभी प्रकार के समस्याओं से बचने के लिए Rudraksha Health Benefits प्राप्त किए जा सकते हैं और उपरोक्त बताए गया सभी रोगों से रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिए यदि आप विभिन्न प्रकार में से किसी रोग से पीड़ित हैं तो आप किसी आयुर्वेद शास्त्री द्वारा सलाह लेकर रुद्राक्ष का प्रयोग करके आप अपनी बीमारी को ठीक कर सकते हैं तथा इसके कोई साइड इफेक्ट कि नहीं इसलिए यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
यह भी देखें: सिस्ट का होम्योपैथिक इलाज जिससे शरीर से प्रत्येक गाँठ होगी गायब
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
सेहत के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
विभिन्न प्रकार के अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग सुथरा प्रयोग किए जाते हैं, इसलिए सभी प्रकार के विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं यदि आप शारीरिक रूप से कमजोर है तो आप किसी भी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं तथा उसके पानी का प्रयोग कर सकते हैं। रुद्राक्ष का पानी पीने के लिए पीतल के पात्र में रुद्राक्ष को रात भर के लिए भिगो देना चाहिए तथा सुबह उठकर उस पानी को पी लेना चाहिए। इससे बहुत सारे रोग ठीक हो जाते तथा शारीरिक शक्ति का विकास होता है।
रुद्राक्ष कितने दिनों में असर दिखाता है?
Rudraksh का प्रयोग किस तरीके से किया जाता है यदि आप रुद्राक्ष का प्रयोग दैवी शक्तियों तथा शिव भक्ति के लिए कर रहे हैं तो इसका प्रयोग का असर कुछ समय पश्चात दिखाई देता है। किंतु यदि आप औषधीय लाभ के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं तो इसका प्रयोग करने का लाभ आपको तुरंत दिखाई देता है।
रुद्राक्ष अशुद्ध कब होता है?
यदि आप रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात अनैतिक कार्य करते हैं तथा मांस मछली शराब का सेवन करते हैं। झूठ बोलते हैं या फिर इसे धारण करके श्मशान घाट यह तो यात्रा में जाते हैं महिलाएं इसे पीरियड के समय धारण करती हैं या महिला पुरुष कोई विशेष संभोग क्रिया के समय धारण करते हैं तो यह शुद्ध हो जाता है और इसकी शक्तियां धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं।
रुद्राक्ष को पानी में भिगोकर पीने से क्या होता है?
रुद्राक्ष को भिगोकर का पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे शरीर बनाने वाले विभिन्न प्रकार के रोग नहीं होते हैं तथा आपको सर्दी जुकाम खांसी की समस्या से शीघ्र राहत मिलती है।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।
Latest entries
Man HealthSeptember 26, 2023पेनिस स्किन कट मेडिसिन के प्रयोग से फिमोसिस की समस्या को जड़ से समाप्त करें
BlogJuly 24, 2023रुद्राक्ष का पानी पीने के फायदे | Benefits Of Drinking Rudraksha Water
BlogJuly 24, 2023रुद्राक्ष थेरेपी शरीर की विभिन्न समस्याओ के लिए रामबाण इलाज
BlogJuly 18, 2023जाने किस बीमारी में कितने मुखी रुद्राक्ष पहनें जिसके कारण शरीर रहेगा स्वस्थ