आधुनिक समय में इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पौधे के फलों से पाए जाने वाले बीजों को रुद्राक्ष के नाम से जाना जाता है, जिन्हें प्राचीन काल में पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न पाया गया था। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव तपस्या में व्याप्त थे और उन्हें देवताओं ने अचानक जगाया तो उनकी आंखों से कुछ आंसुओं की बूंदें पृथ्वी पर गिरी जिनके कारण पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में रुद्राक्ष पाए जाने वाले इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पौधे की उत्पत्ति हुई, जो पृथ्वी पर भगवान शिव के अंश के रूप में विद्यमान है। रुद्राक्ष एक ऐसा बीज है जिस में सकारात्मक ऊर्जा डाई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तत्व तथा विभिन्न प्रकार के गैसीय व धातुई तत्व पाए जाते हैं, जिसके कारण रुद्राक्ष का प्रयोग करके रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है। जिससे बड़े से बड़े रोगों को बड़ी आसानी से ठीक किया जा सकता है। रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक, औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण इसको विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसलिए रुद्राक्ष मानव जीवन के लिए बहुत उपयोगी साबित होता है।
रुद्राक्ष थेरेपी (Rudraksha Therapy)
रुद्राक्ष पृथ्वी पर इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पौधे से प्राप्त फल का एक ऐसा चीज है, जो हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है, क्योंकि इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की सामाजिक, सांसारिक, मनोवैज्ञानिक, शारीरिक तथा दैवीय शक्तियों से बचने के लिए किया जाता है। जिसमें कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों से भी बचाता है। विभिन्न प्रकार के शोधकर्ताओं को तथा वैज्ञानिकों द्वारा शोध किया गया है जिसमें पाया गया कि रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक तथा रासायनिक तत्वों युक्त होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के गुण होते हैं। इसलिए आधुनिक समय में रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए रुद्राक्ष थेरेपी की जाती है, जिसके द्वारा शरीर से विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर किया जाता है। इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फ्लोरिडा के द्वारा शोध में पाया गया कि रुद्राक्ष में डाई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तत्व पाए जाते हैं, जिसके कारण रुद्राक्ष शरीर से विभिन्न प्रकार के रोगों तथा मानसिक समस्याओं को दूर करने में सक्षम होता है। इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फ्लोरिडा के द्वारा ही एक दूसरे शोध में पाया गया है कि रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के गैसीय तथा धातु तत्व पाए जाते हैं, जिनमें कार्बन 50.031 %, हाईड्रोजन 17.897 %, नाइट्रोजन 0.095 %, आक्सीजन 30.453% इसके अतिरिक्त एल्युमिनियम, कैल्शियम, तांबा, कोबाल्ट, तांबा, आयरन की मात्रा भी होती है, जिसके कारण यह शरीर से विभिन्न प्रकार की समस्याएं दूर करने में सक्षम माना जाता है।
रुद्राक्ष थेरेपी का महत्व
किसी भी थेरेपी द्वारा शरीर की मानसिक, भावनात्मक, शारीरिक, तथा व्यावहारिक समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिसके द्वारा व्यक्ति के जीवन से बुराइयों से उबरने, नींद न आने की समस्या से उबरने, मानसिक तनाव को दूर करने शरीर के रक्तचाप को ठीक करने तथा हृदय से संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। रुद्राक्ष थेरेपी के माध्यम से आधुनिक समय में व्यक्ति को स्वस्थ बनाने तथा व्यक्ति के स्वस्थ जीवन के निर्वाह के लिए व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के समस्याओं से बचाने के लिए इस थेरेपी का प्रयोग किया जाता है, जिसमें शरीर से सभी विभिन्न प्रकार के समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति स्वस्थ दिखाई देता है। रुद्राक्ष का प्रयोग शारीरिक समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ मानसिक तथा देवी समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसलिए रुद्राक्ष को आयुर्वेदिक के साथ-साथ देवी शक्तियों युक्त भी माना जाता है। जिसके कारण इसमें विद्यमान सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के आसपास से नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने का कार्य भी करती है, इसलिए रुद्राक्ष का प्रयोग औषध विज्ञान के साथ-साथ व्यक्ति को जादू टोना तथा तंत्र मंत्र विद्या से भी बचाने का कार्य करता है। रुद्राक्ष को हिंदू पौराणिक कथाओं में पूजनीय माना जाता है जिसके कारण विभिन्न लोगों द्वारा रुद्राक्ष की माला को गले में धारण किया जाता है, क्योंकि इस माला के धारण करने से किसी भी व्यक्ति के ऊपर किसी भी शैतानी ताकत का प्रभाव नहीं होता है, जिसके कारण व्यक्ति बाहरी समस्याओं से बचा रहता है तथा अपने जीवन में विकास की ओर बढ़ता है।
आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस थेरेपी द्वारा रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए शरीर से विभिन्न प्रकार के रोगों को बड़ी आसानी से दूर किया जा सकता है। कुछ ऐसे रोग भी दूर हो जाते हैं, जिनको अभी एलोपैथिक दवाओं द्वारा तथा आधुनिक चिकित्सा द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए रुद्राक्ष थेरेपी का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व माना गया है, रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा व्यक्ति के जीवन में पुणे खुशहाली लाई जा सकती हैं।
रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा ठीक होने वाली समस्याएं
रुद्राक्ष थेरेपी एक ऐसी चिकित्सा थेरेपी है जिसके माध्यम से रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए व्यक्ति के शरीर से विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक किया जाता है। इन रोगों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष को विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जाता है, जिससे वह बीमारी ठीक हो जाती है। जैसा कि आप जानते हैं कि पृथ्वी में विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं और इन सभी रुद्राक्ष के गुण भी भिन्न-भिन्न होते हैं जिसके कारण विभिन्न बीमारियों के लिए विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष प्रयोग किए जाते हैं, इसलिए आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं रुद्राक्ष थेरेपी की जाती है जिससे सभी रोग ठीक हो जाते हैं। आज के इस लेख में रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा ठीक होने वाले रोगों के बारे में जानकारी दी गई है जो निम्नलिखित है
- तनाव दूर करने।
- बेहतर रक्तसंचार।
- बेहतर नींद।
- खुशी और जीवन संतुष्टि।
- बेहतर मानसिकता।
- लोगों के साथ बेहतर रिश्ते।
- शारीरिक दर्द में कमी।
- धूम्रपान या शराब पीना छोड़ना।
- हृदय संबंधी समस्याओं के लिए।
- चर्म रोग ठीक करने के लिए।
तनाव दूर करने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी
व्यक्ति अपने जीवन में विभिन्न समस्याओं से गुजरता है प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सुख तथा दुखों का आना जाना लगा रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति कभी खुश दिखाई देता है तो कभी दुख के कारण बहुत अधिक दुखी दिखाई देता है और व्यक्ति जब किसी कारण दुखी होता है, तो उसको एक विशेष प्रकार का मानसिक तनाव भी होता है क्योंकि व्यक्ति अपने जीवन में किसी समस्या के कारण ही दुखी होता है और कोई भी समस्या किसी भी व्यक्ति पर मानसिक रूप से प्रभाव अवश्य डालती है। मानसिक रूप से तनाव में होने के कारण व्यक्ति के अंदर सही सोचने तथा समझने की क्षमता समाप्त हो जाती है और यह हमारे शरीर की विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव डालता है। सबसे अधिक प्रभाव हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर डालता है तनाव के कारण जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी का सहारा लिया जाता है, जिससे व्यक्ति तनाव से बाहर निकलता है तथा अपने जीवन को अच्छे तरीके से जीने की कोशिश करता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो विभिन्न प्रकार के मानसिक तनाव के कारण अपना जीवन जीना छोड़ देते हैं और वे ऐसे गुमसुम से बैठे हैं रहते हैं, जीवन जीते हैं जैसे कि उनका केवल शरीर यहां पड़ा हो और उनका मन और मस्तिष्क काम करना बंद कर दिया हो ऐसे लोगों को तनाव से बाहर लाने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी का प्रयोग किया जाता है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति को रुद्राक्ष का पानी प्रयोग करने की सलाह दी जाती है तथा रुद्राक्ष की माला को गले में धारण किया जाता है जिससे तनाव की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है और व्यक्ति मानसिक पीड़ा से मुक्ति पाता है।
बेहतर रक्तसंचार
हमारे शरीर को सामान्य रक्त संचार की आवश्यकता होती है, यदि हमारे शरीर का रक्त संचार कम या ज्यादा होता है तो यह हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव डालता है, इसलिए रक्त संचार को सामान्य बनाए रखना शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इससे हमारे शरीर में किसी प्रकार की रक्त संचार संबंधी समस्या नहीं होती है किंतु आधुनिक समय के खानपान तथा जीवन शैली के कारण हमारा रक्त संचार प्रभावित होता है, जिसके कारण व्यक्ति को रक्त संचार से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, जिस में सबसे अधिक मात्रा में होने वाली समस्या है हार्ट अटैक जो आज एक आम व्यक्ति को 2 मिनट के अंदर मृत घोषित कर सकता है अर्थात रक्त संचार के कारण होने वाले हार्टअटैक की समस्या आज की जीवनशैली के कारण आम हो गई है और दैनिक रूप से पूरे भारत के साथ-साथ विश्व में करोड़ों लोग हर तरह की समस्या से मार रहे हैं, इसलिए लोगों को अपने शरीर के रक्त संचार को बेहतर रखने के लिए विभिन्न प्रकार के परहेज करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। बेहतर रक्त संचार को बनाए रखने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है, क्योंकि रुद्राक्ष थेरेपी से शरीर में प्रवाहित होने वाले रक्त को संतुलित किया जा सकता है जिससे व्यक्ति हार्ट अटैक की समस्या से बच जाता है और उसे विभिन्न रक्त संचार संबंधित समस्याएं नहीं होती हैं।
बेहतर नींद के लिए रुद्राक्ष थेरेपी
मानसिक तनाव तथा विभिन्न प्रकार की शारीरिक परिस्थितियों के कारण कुछ लोगों को नींद ना आने की समस्या हो जाती है, जिससे उनकी नींद नहीं पूरी होती है और उनका मस्तिष्क आराम नहीं कर पाता है जिसके कारण उनके जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, क्योंकि एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे अवश्य सोना चाहिए यदि आप 8 घंटे नहीं सो रहे हैं, तो आप विभिन्न प्रकार के रोगों के शिकार हो सकते हैं। शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत रखने के लिए 8 घंटे की नींद लेना बहुत ही आवश्यक रहता है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा हमारा शरीर स्वस्थ रहता है मानसिक तनाव तथा विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं के कारण नींद ना आने की समस्या को दूर करने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग रुद्राक्ष थेरेपी के रूप में किया जाता है। रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा नींद ना आने की समस्या को दूर करने के लिए रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग किया जा सकता है जिससे डोपामाइन कोशिकाएं प्रभावित नहीं होती है, जिससे तनाव अवसाद तथा मानसिक समस्याएं मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करती हैं, जिससे नींद ना आने की समस्या दूर हो जाती है। यदि आपको मानसिक समस्याओं के कारण नींद नहीं आती है तो आप रुद्राक्ष की माला को धारण कर सकते हैं तथा रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग कर सकते हैं। रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग करने के लिए रात को सोने से पहले एक गिलास रुद्राक्ष का पानी पीना चाहिए।
खुशी और जीवन संतुष्टि के लिए रुद्राक्ष थेरेपी
आज के इस व्यस्त जीवन में प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यों तथा अपने जीवन से सुखी नहीं है जिसके कारण व्यक्ति अपने कार्य तथा अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हो पा रहा है, व्यक्ति को जीवन में जो सुख सुविधाएं तथा आवश्यक जरूरतें प्रत्येक व्यक्ति की पूरी होती हैं। वह उनसे अधिक पाने की कोशिश करता है और जीवन भर वह अपनी असंतुष्टि के कारण खुशी नहीं रह पाता है और विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं का शिकार भी हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को जीवन में खुशी तथा संतुष्टि पाने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि आप रुद्राक्ष थेरेपी का प्रयोग करते हैं तथा रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो आपके जीवन में सभी उद्देश्य पूरे होते हैं। साथ ही साथ रुद्राक्ष थेरेपी का प्रयोग करने से आपके अंदर अपने आसपास के सुख सुविधाओं के प्रति असंतुष्टता समाप्त हो जाती है, जिससे आप अपने जीवन में थोड़ी सी सुख-सुविधाओं के होते हुए भी खुश और संतुष्ट रहते हैं और अपने जीवन का आनंद लेते हैं और जब आप खुशी पूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं, तो आपके जीवन से विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इसलिए जीवन में खुशी और संतुष्टि पाने के लिए रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग दैनिक रूप से करना चाहिए साथ ही साथ 108 रुद्राक्ष वाली माला गले में धारण करना चाहिए जिससे आपको तनाव तथा असंतुष्टि जीवन से मुक्ति मिलती है।
बेहतर मानसिकता के लिए रुद्राक्ष थेरेपी
किसी भी व्यक्ति की मानसिकता अच्छी होती है तो वह व्यक्ति अपने आसपास रहने वाले लोगों तथा अपने संबंधियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ऐसा व्यक्ति हमेशा संतोषी तथा प्रसन्न चित्त रहने वाला होता है, इसके अलावा वह व्यक्ति भय, क्रोध, प्रेम द्वेष, निराशा, अपराध, दुश्चिन्ता आदि आवेगो से दूर रहता है तथा ऐसे समय आने पर वह विनीत नहीं होता है और ऐसा व्यक्ति अपनी शारीरिक क्षमता तथा कला कौशल को कभी भी कमजोर या बहुत उत्कृष्ट नहीं समझता है उसका जीवन सामान्य रूप से शोक तथा क्रोध में एक जैसा रहता है तथा खुशी के समय में वह बहुत अधिक उत्साहित नहीं होता है, उस व्यक्ति के अंदर एक दूसरे के प्रति ममत्व होता है तथा वह दूसरे की भावनाओं की कद्र करता है। ऐसा व्यक्ति सभी को प्रिय तथा सामाजिक रूप से व्यावहारिक होता है इसके विपरीत जिस व्यक्ति की मानसिक स्थिति या मानसिकता खराब होती है। वह व्यक्ति उपरोक्त बताए गए सभी प्रकार के कर्मों के विपरीत होता है अर्थात मानसिकता खराब होने के कारण व्यक्ति के अंदर हीन भावना का जन्म होता है, जिसके कारण वह प्रत्येक व्यक्ति को हीन भावना की दृष्टि से देखता है और उसका सामाजिक स्तर बहुत ही अव्यवहारिक होता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति की मानसिकता सही होना बहुत ही आवश्यक होता है, स्वस्थ मानसिकता वाला व्यक्ति ही स्वस्थ समाज का निर्माण करता है। ऐसे में रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ तथा मजबूत बनाया जा सकता है। रुद्राक्ष में विभिन्न ऐसे गुण होते हैं जो रुद्राक्ष थेरेपी के प्रयोग से व्यक्ति को जीवन में सामाजिकता तथा व्यवहारिकता की ओर ले जाते हैं जिससे व्यक्ति की मानसिकता में सुधार होता है।
लोगों के साथ बेहतर रिश्ते
जब कोई भी व्यक्ति खुशी तथा संतुष्टि पूर्ण जीवन जीता है तथा वह मानसिक रूप से स्वस्थ होता है तो ऐसा व्यक्ति समाज के प्रत्येक व्यक्ति का मित्र होता है, क्योंकि मानसिक संतुलन खुशी तथा एक दूसरे के प्रति समर्पण के साथ साथ व्यवहारिक जीवन के कारण व्यक्ति के रिश्ते मजबूत रहते हैं। इसलिए जिन लोगों की मानसिक स्थिति सही होती है और वह खुशी और संतुष्टि पूर्वक अपना जीवन जीते हैं, तो ऐसे लोगों के रिश्ते भी मजबूत रहते हैं और जिन लोगों के रिश्ते मजबूत नहीं होते हैं। उनको रुद्राक्ष थेरेपी का प्रयोग करते हुए अपनी मानसिकता का विकास करना चाहिए तथा अपने जीवन को खुशी और संतुष्टि पूर्वक जीने के तरीके सीखने चाहिए, जिससे आपके लोगों के साथ रिश्ते बेहतर रहते हैं और आप अपने जीवन को खुशी तथा सफलतापूर्वक जीते हैं।
शारीरिक दर्द में रुद्राक्ष थेरेपी
एक सामान्य व्यक्ति के जीवन में इतनी भागदौड़ रहती है कि वह अपने शरीर का ध्यान नहीं दे पाता है जिसके कारण उसके शरीर में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। साथ ही साथ प्रदूषित वातावरण के कारण भी शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं, जिससे शरीर कमजोर हो जाता है। शारीरिक कमजोरी तथा शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर के जोड़ों में मांसपेशियों में तथा हड्डियों में दर्द की समस्या होने लगती है, जिसके कारण व्यक्ति बहुत अधिक परेशान रहता है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए शरीर को स्वस्थ रखना तथा पर्याप्त पोषण प्रदान करना बहुत ही आवश्यक होता है। इसलिए आप जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं उनको पोषण के हिसाब से ग्रहण करना चाहिए साथ ही साथ शरीर की आवश्यक पोषक तत्वों की जांच करके उनकी पूर्ति करनी चाहिए और पोषक तत्व शरीर में स्वस्थ तथा सही तरीके से कार्य करें जिससे शरीर से दर्द की समस्या दूर हो जाए, उसके लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाना चाहिए। रुद्राक्ष थेरेपी के द्वारा रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए शरीर से दर्द की समस्या को दूर किया जा सकता है इसके लिए आप रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग कर सकते हैं साथ ही साथ गले में रुद्राक्ष की माला को धारण कर सकते हैं रुद्राक्ष शरीर के किसी भी अंग में होने वाले दर्द की समस्या को ठीक करता है।
धूम्रपान या शराब पीना छोड़ने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी
समय में प्रत्येक व्यक्ति धूम्रपान तथा शराब का आदी होता जा रहा है जिसके कारण उसके परिवारिक रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं तथा उसका स्वास्थ्य भी खराब होता जाता है, क्योंकि धूम्रपान तथा शराब हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं जिनके कारण व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता है तथा उसके शरीर में विभिन्न बीमारियां हो जाती हैं। इन बीमारियों से बचने तथा पारिवारिक रिश्ते ठीक रखने के लिए कुछ व्यक्ति धूम्रपान तथा शराब छोड़ना चाहते हैं, किंतु उनकी आदत हो जाने के कारण वह धूम्रपान और शराब छोड़ नहीं पाते हैं जिससे वह अपने जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं, इसलिए जो लोग धूम्रपान तथा शराब छोड़ना चाहते हैं उनके लिए रुद्राक्ष थेरेपी बहुत ही उपयोगी होती है। यदि आप धूम्रपान तथा शराब से बचने के लिए आस्था और विश्वास के साथ रुद्राक्ष धारण करते हैं तथा दैनिक रूप से रुद्राक्ष का पानी पीते हैं, तो निश्चित रूप से कुछ समय पश्चात आपके जीवन से धूम्रपान तथा शराब दूर हो जाते हैं और एक समय ऐसा आता है, कि आप धूम्रपान तथा शराब से बिल्कुल मुक्त हो जाते हैं और अपना स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं, इससे आपके परिवारिक रिश्ते मजबूत हो जाते हैं और आप अपने परिवार के साथ स्वस्थ तरीके से जीवन जीते हैं।
हृदय संबंधी समस्याओं के लिए रुद्राक्ष थेरेपी
हृदय से संबंधित समस्याओं के लिए रुद्राक्ष थेरेपी बहुत ही आवश्यक मानी जाती है क्योंकि रुद्राक्ष में डाई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तत्व पाए जाते हैं, जिसके कारण रुद्राक्ष शरीर के रक्त संचार को संतुलित करता है तथा शरीर में किसी क्षेत्र के बाधित रक्त प्रभाव को संचालित करता है। इस प्रकार यदि शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से होता रहता है तो हृदय संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएं नहीं होती हैं। आधुनिक समय में देखा जाता है कि रक्त संचार सुचारू रूप से ना होने के कारण व्यक्ति के हृदय में दबाव बढ़ने लगता है जिसके कारण शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में रक्त पहुंचाने के लिए हृदय को अत्यधिक तेजी से पंप करना पड़ता है, जिसके कारण हृदय में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इन समस्याओं के कारण हृदय संबंधी विभिन्न रोग होने लगते हैं जिन को दूर करने के लिए रुद्राक्ष की माला को गले में धारण करना चाहिए इसके साथ ही दैनिक रूप से रुद्राक्ष के पानी का सेवन भी करना चाहिए। यदि आप गले में रुद्राक्ष धारण करते हैं और दैनिक रूप से रुद्राक्ष के पानी का सेवन करते हैं तो कुछ समय पश्चात ही आपके शरीर से हृदय तथा स्वास से संबंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इसलिए हृदय से संबंधित समस्याओं के लिए रुद्राक्ष थेरेपी बहुत ही आवश्यक मानी जाती है।
चर्म रोग ठीक करने के लिए
रुद्राक्ष थेरेपी का प्रयोग शरीर से विभिन्न प्रकार के चर्म संबंधी रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है क्योंकि रुद्राक्ष में एंटीबायोटिक तथा एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया से बचने के लिए बहुत ही उपयोगी माने जाते हैं। इसलिए यदि आपके शरीर में किसी प्रकार का चर्म रोग संबंधी रोग है, तो आप दैनिक रूप से रुद्राक्ष के पानी का प्रयोग करना प्रारंभ कर दीजिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो कुछ समय पश्चात निश्चित रूप से आपके शरीर से चर्म रोग की समस्या समाप्त हो जाती है और व्यक्ति का शरीर स्वस्थ तथा सुंदर दिखाई देता है। रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है क्योंकि रुद्राक्ष का पाउडर त्वचा की ऊपरी सतह से विभिन्न प्रकार की बीमारियों तथा दाग धब्बों को दूर करने के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। इसलिए यदि आपको त्वचा संबंधी किसी प्रकार की समस्या है तो आप रुद्राक्ष के पाउडर को तेल में मिलाकर प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं इससे प्रभावित क्षेत्र मैं संबंधित बीमारी से राहत मिलती है।
निष्कर्ष
आज के समय में विभिन्न प्रकार के रोगों को अलग-अलग प्रकार से ठीक करने के तरीके प्रचलित होते जा रहे हैं इन्हीं तरीकों में से रोगों को ठीक करने का एक तरीका है, थेरेपी जो आधुनिक समय में बहुत ही कारगर तथा स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती है किसी भी प्रकार की थेरेपी को करने के लिए विभिन्न प्रकार की दवाओं तथा आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही साथ विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए अलग-अलग प्रकार की थेरेपी का सहारा लिया जाता है, उपरोक्त लेख में रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के बारे में जानकारी दी गई है, जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती हैं। इसलिए यदि आप उपरोक्त में से किसी भी प्रकार के रोग से पीड़ित हैं या फिर आप विभिन्न प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष थेरेपी का सहारा लेना चाहते हैं, तो आप किसी थैरेपिस्ट से सलाह ले सकते हैं तथा रुद्राक्ष थेरेपी द्वारा रोगों को ठीक करके शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बना सकते हैं। रुद्राक्ष थेरेपी के किसी भी व्यक्ति पर किसी प्रकार का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है, इसलिए आधुनिक समय में यह थैरेपी बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रही है। साथ ही साथ रुद्राक्ष थेरेपी शारीरिक बीमारियों के साथ-साथ मानसिक समस्याओं में भी राहत प्रदान करते हैं।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा रुद्राक्ष काम कर रहा है?
जब आप किसी भी कार्य को करने के लिए रुद्राक्ष धारण करते हैं तो रुद्राक्ष को विधि विधान तथा पूजा विधि के नियम द्वारा धारण किया जाता है और यदि आपने सही तरीके से रुद्राक्ष धारण किया है, तो आपका रुद्राक्ष निश्चित रूप से कार्य करता है, इसकी जानकारी के लिए आपने जिस कार्य के लिए भी रुद्राक्ष धारण करते हैं, उस कार्य के होने के संकेत प्राप्त होने लगते हैं तो आप जान सकते हैं कि आपका रुद्राक्ष कार्य कर रहा है।
बीमारी के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए अलग-अलग प्रकार के रुद्राक्ष धारण किए जाते हैं क्योंकि आधुनिक समय में भी लगभग 14 प्रकार के रुद्राक्ष पृथ्वी पर उपलब्ध हैं जो अलग-अलग प्रकार के रोगों के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
रुद्राक्ष कब पीना चाहिए?
रुद्राक्ष का पानी पीने का उचित समय प्रातः कालीन या फिर रात को सोने से पहले है यदि आप रुद्राक्ष का पानी पीना चाहते हैं तो आप प्रातः कालीन खाली पेट रुद्राक्ष का पानी पी सकते हैं, इसके अलावा रात को सोने से पहले रुद्राक्ष का पानी पीना चाहिए।
सोते समय रुद्राक्ष कहां रखना चाहिए?
रात को सोते समय रुद्राक्ष को गले में धारण करना चाहिए इससे रात को सोते समय आपको बुरे सपने नहीं आते हैं। इसके अलावा यदि आप रुद्राक्ष को उतार कर रखना चाहते हैं, तो आप इसे किसी ऊंचे स्थान पर टांग दें और प्रातः कालीन पुनः धारण कर लें।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।
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