आधुनिक समय में बालों के झड़ने तथा सफेद होने की समस्या आम होती जा रही है। छोटे-छोटे बच्चों के बाल सफेद हो जाते हैं, और 25 से 30 साल की उम्र तक लोगों के बाल झड़ जाते हैं, जिसके कारण आज लगभग 40% युवा पीढ़ी परेशान है। किसी किसी को कम उम्र में ही सफेद बालों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो किसी किसी के बाल कम उम्र में ही झड़ जाते हैं। ऐसे में कम उम्र में ही लोग बालों के झड़ने की समस्या तथा बालों के सफेद होने के कारण बूढ़े दिखाई देने लगते हैं, जिससे लोग मानसिक रूप से परेशान भी होते हैं। सामान्य रूप से बालों का सफेद होना बढ़ती हुई उम्र का इशारा करते हैं, इसलिए आज हम आपको बालों की समस्या से बचने के लिए सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानकारी देंगे, जो आपके सफेद हुए बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाने में मदद करेगी।
पहले के समय में यदि किसी व्यक्ति के सफेद बाल दिखाई देते थे, तो उसे उम्र दराज या उम्र के हिसाब से काफी अनुभवी व्यक्ति का दर्जा दिया जाता है। सफेद बालों के कारण लोग उस व्यक्ति की समाज में इज्जत करते थे, किंतु आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार की शारीरिक कमियों के कारण छोटे-छोटे बच्चों तथा कम उम्र के नवयुवकों के बाल सफेद होते दिखाई देते हैं, जिसके कारण यह आधुनिक समय में एक समस्या का रूप लेता दिखाई दे रहा है। सफेद बालों की समस्या के कारण लोग कम उम्र में ही बूढ़े दिखाई देने लगते हैं, साथ ही साथ अन्य विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं से घिर जाते हैं।
सफेद बालों की समस्या क्यों होती है
आधुनिक समय में प्रत्येक व्यक्ति अपनी जिंदगी में इतना व्यस्त है, कि उसे अपने शरीर की फिकर बिल्कुल नहीं रहती है, दिन के अंत में उसे जो कुछ भी सड़ा-गला, कम-ज्यादा मिलता है, वह उसे खा कर सो जाता है। इन परिस्थितियों में व्यक्ति के शरीर में पोषण की कमी होती जा रही है, जिससे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं जन्म लेती है। पहले के समय में जब व्यक्ति का शरीर बूढ़ा होने लगता था, तो उसके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती थी, जिसके कारण व्यक्ति के बाल सफेद हो जाते थे, किंतु आधुनिक समय में जवानी की उम्र में ही व्यक्तियों के शरीर में पोषक तत्वों की कमी रहती है, जिसके कारण सफेद बाल तथा बालों के झड़ने की समस्या देखी जाती है। यदि शरीर में पोषक तत्वों की कमी रहती है, तो सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा तथा अन्य विभिन्न प्रकार की दवाइयां काम नहीं करती इसलिए शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए उसमें पर्याप्त पोषण होना बहुत ही आवश्यक होता है।
काले बालों के सफेद होने का कारण
आधुनिक समय में बालों का सफेद होना एक आम समस्या हो गई है, सामान्य तौर पर बालों का सफेद होना एक प्राकृतिक कारण होता था किन्तु अधिकतर व्यक्तियों के बाल धीरे-धीरे पोषण की कमी के कारण सफेद होने लगते थे, किंतु आज के समय में कम उम्र में ही बालों के सफेद होने की समस्या देखी गई है, क्योंकि आधुनिक रहन-सहन तथा जीवन यापन में हम अपने शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं दे पाते हैं तथा हमारे बाल प्राकृतिक रूप में फैले प्रदूषक तत्वों का सामना करते हैं, जिसके कारण कम उम्र में ही बाल सफेद होने की समस्या उत्पन्न हो रही है। बालों को पर्याप्त पोषण तथा प्रदूषण के प्रभाव के कारण कम उम्र में ही विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए बाल सफेद हो जाते हैं। बालों को सफेद होने के निम्नलिखित कारण भी हैं
- अनुवांशिक लक्षणों के कारण।
- शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण।
- अत्यधिक मात्रा में धूम्रपान करने के कारण।
- शरीर में विटामिन B12 की कमी के कारण।
- अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण।
- थायराइड की समस्या होने के कारण।
- पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त होने के कारण।
अनुवांशिक लक्षणों के कारण
कुछ व्यक्तियों के शरीर में अनुवांशिक लक्षणों के कारण कुछ ऐसे जींस ट्रांसफर होते हैं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में कुछ विशेष प्रकार के वंशानुगत रोग का कारण बनते हैं। विभिन्न प्रकार के रोगों में से बालों का सफेद होना भी अनुवांशिक लक्षणों के कारण हो सकता है। यदि आपके परिवार में बालों के सफेद होने की समस्या पहले से ही होती चली आ रही है, तो हो सकता है आपको भी बालों के सफेद होने की समस्या अनुवांशिक कारणों से हो गई है, तो इस प्रकार के लक्षणों के कारण बालों के सफेद होने की समस्या का निवारण नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह अनुवांशिक जींस के ट्रांसफर होने के कारण होता है तथा बालों का सफेद होना अनुवांशिक लक्षणों के कारण भी हो सकता है।
शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण
जो हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है, तो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं दिखाई देती हैं जिनमें से बालों का सफेद होना एक प्रमुख समस्या होती है। आधुनिक समय में लोगों के रहने के तौर तरीके तथा खानपान में परिवर्तन हो रहे हैं, जिसके कारण लोग फास्ट फूड तथा जंक फूड को ही अपना भोजन बनाते हैं, जिसमें प्रोटीन तथा विटामिंस जीरो होते हैं जिसके कारण शरीर को पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त नहीं होता है। जब शरीर को पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त नहीं होता है, तो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की कमियां दिखाई देती हैं, जिनमें बालों के सफेद होने की समस्या मुख्य है। इसलिए बालों को सुरक्षित रखने के लिए फास्ट फूड तथा जंक फूड का इस्तेमाल कम करना चाहिए तथा प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ, दाल और खड़े अनाजों का सेवन करना चाहिए।
अत्यधिक मात्रा में धूम्रपान करने के कारण
जब हम बहुत अधिक मात्रा में धूम्रपान करते हैं तो उसके कारण हमारे किडनी तथा फेफड़े प्रभावित होते हैं। फेफड़ों में बहुत अधिक टार जमा हो जाने के कारण हमारे शरीर को शुद्ध ऑक्सीजन तथा ब्लड नहीं प्राप्त होता है तथा किडनी में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती है, जिसके कारण हमारे शरीर को मिलने वाला ब्लड प्रदूषित रहता है। जब हमारे शरीर में प्रदूषित ब्लड प्रवाहित होता है तो उससे बनने वाली कोशिकाएं बहुत कमजोर होती हैं। कोशिकाएं कमजोर होने के कारण हमारे बालों को पर्याप्त पोषण प्राप्त नहीं होता है, जिसके कारण हमारे बाल बहुत कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं, इसलिए बालों को लंबे समय तक काला रखने के लिए धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
शरीर में विटामिन B12 की कमी के कारण
हमारे शरीर में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के विटामिंस की आवश्यकता पड़ती है, जिसके कारण हमारा शरीर तथा हमारे शरीर के अंग स्वस्थ तथा सुरक्षित बने रहते हैं। शरीर में विभिन्न प्रकार की विटामिन की आवश्यकता पड़ती है जिन को खाद्य पदार्थों तथा अन्य विभिन्न प्रकार से ग्रहण करते हैं, इस प्रकार यदि हमारे शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है, तो हमारे शरीर में बाल सफेद होने लगते हैं। विटामिन B12 की कमी से हमारे सर के बाल कम उम्र में ही सफेद हो जाते हैं। विटामिन B12 की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर द्वारा न्यूरोबियान फोर्ट टेबलेट प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, जिसमें सभी प्रकार के विटामिन B के कंपाउंड उपलब्ध होते हैं जो शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाते हैं।
अत्यधिक मानसिक तनाव के कारण
जब हमारे मस्तिष्क में किसी प्रकार का मानसिक तनाव होता है, तो उसके कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के मानसिक रोग तथा शारीरिक रोग उत्पन्न हो जाते हैं, इसलिए हमें बहुत अधिक मानसिक तनाव नहीं लेना चाहिए। मानसिक तनाव लेने के कारण उत्पन्न हुए रोगों में सर दर्द, तथा मस्तिष्क से संबंधित विभिन्न प्रकार के रोग होते हैं। अत्यधिक मानसिक तनाव लेने के कारण कम उम्र में ही बालों के सफेद होने की समस्या भी उत्पन्न होती है, इसलिए अत्यधिक मानसिक तनाव नहीं देना चाहिए तथा खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। यदि किसी प्रकार की मानसिक समस्या है, तो उसे अपने नजदीकी यार दोस्तों तथा रिश्तेदारों से शेयर करनी चाहिए तथा माइंड को फ्रेश करने के लिए नए स्थान की यात्रा दोस्तों के साथ मूवी तथा अन्य क्रियाकलाप किए जा सकते हैं।
थायराइड की समस्या होने के कारण
जब हमारे शरीर में थायराइड की समस्या होती है, तो हमारे शरीर में थायरोक्सिन हारमोंस असंतुलित हो जाता है, जिससे अन्य हारमोंस प्रभावित होते हैं। हारमोंस में परिवर्तन होने के कारण बालों को काला रखने वाले हार्मोन प्रभावित होते हैं, जिससे कम उम्र में ही काले बाल सफेद होने लगते हैं, इसलिए यदि आपके शरीर में थायराइड की समस्या है, तो आपके बाल कम उम्र में ही सफेद हो सकते हैं, इसलिए आपको थायराइड की समस्या से बचने के उपाय करने चाहिए।
पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त न होने के कारण
जैसा कि आप जानते हैं, आधुनिक समय में वातावरण इतना अधिक प्रदूषित हो गया है, कि हमें प्रकृति से पर्याप्त रूप में पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पाते हैं जिसके कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो रहे हैं तथा हमारे बाल डायरेक्टर रुप से दैनिक वातावरण के प्रदूषण का सामना करते हैं। इसलिए बालों पर प्रदूषण का प्रभाव अधिक मात्रा में दिखाई देता है। बालों को स्वस्थ तथा काला रखने के लिए शरीर में पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि आपके शरीर में पर्याप्त पोषक तत्व उपस्थित रहेंगे तो बालों के सफेद होने की समस्या नहीं होती है, इसलिए शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व प्रदान करने के लिए पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा तथा अन्य इलाज
आधुनिक समय में बालों के सफेद होने की समस्या जितना तेजी से बढ़ रही है, यह एक गंभीर विषय बनता जा रहा है क्योंकि छोटे-छोटे बच्चों तथा नवयुवकों के बाल सफेद होते जा रहे हैं। बालों के सफेद होने के कारण युवावस्था तथा वृद्धावस्था का समय निश्चित नहीं हो पा रहा है। कम उम्र में ही युवाओं के बाल पकने के कारण वह वृद्ध नजर आने लगते हैं, जिसके कारण बहुत सारे लोग परेशान हैं, इसलिए आज हम आपको विभिन्न प्रकार की होम्योपैथिक दवाओं तथा अन्य प्रकार की दवाओं के माध्यम से सफेद बालों को काला बनाने किस तरीके के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिससे आप सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा द्वारा अपने बालों को काला बना सकते हैं। यह दवाइयां निम्नलिखित हैं
- सफेद बालों की घरेलू दवा।
- सफेद बालों की आयुर्वेदिक दवा।
- सफेद बालों की एलोपैथिक दवा।
- सफेद बालों के लिए योगा।
- सफेद बालों की होम्योपैथिक दवा।
सफेद बालों की घरेलू दवा
यदि आपके बाल सफेद हो गए हैं और आप कम उम्र में ही बालों की वजह से बूढ़े दिखने लगे हैं, तो आपको चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्यों की हमारे घरों में बहुत सारे और्वेदिक तथा औषधीय पदार्थ होते हैं, जिनका प्रयोग करके आप अपने बालों को सफ़ेद से काला बना सकते है। हमारे भारतीय समाज में हम दैनिक रूप से बहुत सारे ऐसे पदार्धों का सेवन करते हैं, जो हमारे शरीर के लिए दवा का काम करते हैं, लेकिन सही तरीके से उनका प्रयोग न होने के कारण इनका फायदा हमें नहीं मिल पाता है, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे जो आपके लिए तथा आपके शरीर के लिए औषधि का काम करें औषधि युक्तखाद्य पदार्थ जवाब के बालों को काला बनाने में मदद करेंगे। वह निम्नलिखित
- आंवला और मेथी सीड्स।
- ब्लैक टी रिंस।
- आलमंड ऑयल और लेमन जूस।
- हिना और कॉफी।
- करी पत्ता और ऑयल।
- तोरई का तेल।
- प्याज का रस।
सफेद बालों की आयुर्वेदिक दवा
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है, तथा चिकित्सा पद्धति का जनक भारत का माना जाता है, क्योंकि भारत के वेदों तथा ग्रंथों में चिकित्सा के लिएआयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का वर्णन मिलता है। सरकार भारत में आयुर्विज्ञान शास्त्र के अध्ययन द्वारा किसी भी प्रकार की बीमारी को आयुर्वेदिक दवाओं द्वारा किया जा सकता है। भारतीय आयुर्वेद किसी भी प्रकार के रोगों को आयुर्वेदिक दवाओं द्वारा इलाज करने की क्षमता रखता है। आयुर्वेदिक दवाइयों में पूर्ण रूप से शाकाहारी, पेड़-पौधों तथा जंगलों से प्राप्त जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है। सफेद बालों को काला करने की आयुर्वेदिक दवा करते हैं, हमारे घरों में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध होते हैं, जिनका उपयोग सफेद बालों को काला बनाने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित आयुर्वेदिक दवाओं का बालों को काला बनाया जा सकता है
- नीलिनी।
- भृंगराजी।
- ब्राह्मी।
- आंवला।
- कृष्ण तिल।
- बालों में लगाएं आयुर्वेदिक तेल।
- आयुर्वेदिक हेयर मास्क।
सफेद बालों की एलोपैथिक दवा
जैसा आप सभी को पता है कि यदि आप आयुर्वेदिक होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग करते हैं, तो किसी भी रोग को ठीक होने में काफी लंबा समय लगता है, क्योंकि इन दवाओं द्वारा किसी भी रोग को जड़ से समाप्त किया जाता है। किंतु वही एलोपैथिक दवाएं किसी भी रोग को अतिशीघ्र ठीक करने में मदद करते हैं। इसलिए आधुनिक समय में लोग किसी भी रोग को जल्दी ठीक करने के लिए एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं, इसलिए आज के समय में मेडिकल के क्षेत्रों में एलोपैथिक दवाएं बहुत अधिक प्रयोग में लाई जा रही हैं। आज हम आपको विभिन्न कारणों से सफेद बालों को काला बनाने के लिए एलोपैथिक दवाओं की जानकारी उपलब्ध कराएंगे जिनके प्रयोग से आप अपने बालों को काला बना सकते हैं, किंतु आप को ध्यान रखने योग्य बात यह है कि आप एलोपैथिक दवाओं का प्रयोग बिना डॉक्टर के परामर्श के ना करें। इनके प्रयोग से आपको अन्य विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए जब भी आप किसी भी एलोपैथिक दवा का प्रयोग करें तो डॉक्टर की सलाह अवश्य ले ले। डॉक्टर की सलाह आपको अपनी समस्या ठीक करने में मदद करती है, इसलिए यदि आप अपने सफेद बालों को काला बनाना चाहते हैं तो आप नीचे बताई गई दवाओं का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं।
- विटामिन बी6 और बी12।
- पैरा-एमिनो बेंजोइक एसिड (पीएबीए)।
- पैंटोथेनिक एसिड।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां।
- इनोसिटोल।
- बायोटिन।
- कैल्शियम पैंटोथेनेट।
- एर्लोटिनिब।
सफेद बालों के लिए योग
आधुनिक समय में बदलती जीवन शैली तथा खानपान में परिवर्तन होने के कारण जब हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण प्राप्त नहीं होता है, तो शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होने लगते हैं तथा अन्य विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं दिखाई देती हैं जिनमें समय से पहले बालों का पकना एक मुख्य आधुनिक समस्या है जो लगतार हर व्यक्ति को परेशान कर रही है। यदि आप बालों को काला करने के विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक तथा अन्य प्रकार की दवाओं का प्रयोग करते हुए थक गए हैं, तो बालों को काला करने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। योग हमारे शरीर की शारीरिक क्रियाओं को संतुलित करता है तथा होने वाली शारीरिक समस्याओं दूर करता है। इसलिए बालों को काला करने के लिए निम्नलिखित योग आसन किए जा सकते हैं
- उष्ट्रासन (camel pose)
- पवनमुक्तासन (wind releasing pose)
- वज्रासन (thunderbolt pose)
- अधो मुख श्वानासन (downward facing dog pose)
- नाखून रगड़ना
- आगे की ओर झुकना
- शीर्षासन (headstand)
सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा
यदि आप विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक, दवाइयां तथा बालों को काला करने के विभिन्न प्रकार के तेलों का प्रयोग करते हुए थक गए हैं, आपको अब और अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं क्योंकि आज हम आपको सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा की जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस जानकारी के पश्चात यदि आप बताई गई दवाओं का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर करते हैं, तो निश्चित रूप से ही आपके सफेद बाल कुछ समय पश्चात काले हो जाएंगे। आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं के कारण प्रत्येक व्यक्ति सफेद बालों की समस्या से गुजरता किंतु वह अपने सफेद बालों को काला बनाने में असफल रहता है। अंत में थक हार कर वह सब कुछ छोड़ देता है और अपने सफेद बालों के साथ जीवन यापन करने लगता है। सफेद बालों के कारण व्यक्ति कम उम्र में ही बूढ़ा दिखाई देने लगता है। इन सभी परिस्थितियों से बचने के लिए आज हम आपको सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा की जानकारी उपलब्ध कराएं। जो निम्नलिखित है
- नेट्रम म्योर ( Natrum muriatica)
- लाइकोपोडियम (Lycopodium)
- जाबोरंडी (Jaborandi)
- थायरॉइडिनम 200 (Thyroidinum 200)
- वायसबडेन 30 (Wiesbaden 30)
- एसिड फाॅस्फोरिकम 200 (Acid Phosphoricum)
नेट्रम मूरीटीकम ( Natrum muriaticum)
आधुनिक समय में बाजार में बहुत सारे कॉस्मेटिक तथा अन्य प्रकार के तेल व प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जो सफेद बालों को काला बनाने का दावा करते हैं, किंतु कोई भी प्रोडक्ट नेचुरल रुप से हमेशा के लिए सफेद बालों को काला बनाने में असमर्थ रहता है। ऐसी स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति जो सफेद बालों की समस्या से गुजर रहा है, वह विभिन्न प्रकार के उत्पादों का प्रयोग करता है। किंतु उसके सफेद बालों की समस्या नहीं होती है, जब हमारे शरीर में नमक की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण हमारा शरीर कुपोषण का शिकार हो जाता है, तथा शरीर में नमक में परिवर्तन होने के कारण शरीर को पूर्ण रूप से पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जो सफेद बालों का मुख्य कारण होता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए नेट्रम म्योर नामक होम्योपैथिक दवा का प्रयोग किया जाता है। नेट्रम म्योर या नेट्रम मूरीटीकम सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा है, जो बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाती है। जिससे बाल जड़ों से काले हो जाते हैं और पुनः सफेद नहीं होते। यह दवा शरीर में नमक तथा पोषक तत्वों की मात्रा को संतुलित करती है, जिसके कारण सफेद होने वाले बालो की समस्या समाप्त हो जाती है।
अक्सर करके महिलाओं में गर्भावस्था के समय बालों का झड़ना तथा बालों के सफेद होने की समस्या होने लगती है, जिसके कारण महिलाओं के बाल सफेद हो जाते हैं तथा बाल झड़ने लगते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर नेट्रम म्योर या नेट्रम मूरीटीकम दवा का प्रयोग किया जा सकता है। यदि आपको सफेद बालों में बालों के झड़ने की समस्या है तो आप डॉक्टर की सलाह पर नेट्रम म्योर या नेट्रम मूरीटीकम ( Natrum muriaticum) दवा का प्रयोग कर सकते हैं।
लाइकोपोडियम (Lycopodium)
लाइकोपोडियम पहाड़ी क्षेत्रों जैसे नेपाल तथा तिब्बत सिक्किम आदि के हिमालय क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक वनस्पति होती है, जिसे नागबेली के सामान नाम से जाना जाता है तथा विश का वैज्ञानिक नाम लाइकोपोडियम क्लावाटम (Lycopodium clavatum Linn) है। जिसके द्वारा लाइकोपोडियम नामक होम्योपैथिक दवा का निर्माण किया जाता है, यह होम्योपैथिक दवा हमारे शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की कमी को पूरा करती है, जिसके कारण सफेद बालों के होने की समस्या समाप्त हो जाती है। शरीर में पर्याप्त पोषण प्राप्त होने के कारण सफेद बालों की समस्या के अलावा जिसका प्रयोग यकृत, मूत्र और पाचन विकारों के साथ-साथ शारीरिक शक्ति का विकास करने तथा सेक्स पावर को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। यदि आपको शारीरिक पोषण की कमी के कारण आपके बाल सफेद हो रहे हैं तो आप डॉक्टर की सलाह पर लाइकोपोडियम सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपके सफेद बालों की समस्या को जड़ से समाप्त करती है, तथा बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाती है तथा किसी प्रकार की समस्या ना होने पर बाल हमेशा काले बने रहते हैं, साथ ही साथ लाइकोपोडियम आपके बालों के झड़ने की समस्या को भी दूर करती है।
जैबोरेंडी (Jaborandi)
जैबोरेंडी एक जड़ी बूटी है, जिसकी पत्तियां दवाओं के रूप में प्रयोग होती है। इसका वैज्ञानिक नाम पाइलोकार्पस माइक्रोफाइलस (Pilocarpus Microphyllus) है। जब किसी व्यक्ति ने डायरिया तथा अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण शारीरिक कमजोरी उत्पन्न हो जाती है, तो डॉक्टर द्वारा जैबोरेंडी का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। यह एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी युक्त पौधा होता है, जिसका प्रयोग बालों को झड़ने तथा सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा के रूप में किया जाता है। यदि आप इसका प्रयोग करते हैं तो यह आपके बालों को पोषण देने तथा उन को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे आपके बाल मजबूत तथा काले दिखाई देते हैं। जैबोरेंडी का प्रयोग डायरिया, मुंह की विभिन्न प्रकार की समस्या, तथा मोतियाबिंद की समस्या के लिए किया जाता है, इसके अलावा जैबोरेंडी का प्रयोग महिलाओं में सेक्स पावर बढ़ाने की दवा के लिए भी किया जाता है। जिन महिलाओं तथा पुरुषों के बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं, जिसके कारण कम उम्र में ही नवयुवक तथा नवयुवतियां बूढ़े लगने लगते हैं। ऐसी स्थिति में बालों को काला बनाने के लिए डॉक्टर द्वारा जैबोरेंडी सफेद बालों को काला करने के होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
थायरॉइडिनम 200 (Thyroidinum 200)
जब किसी व्यक्ति को थायराइड की समस्या होती है तो उसको बालों के झड़ने तथा बालों के सफेद होने की समस्या के लक्षण दिखाई देते हैं। थायराइड के कारण व्यक्ति के शरीर में सफेद बालों की समस्या के कारण व्यक्ति समय से पहले ही बालों के सफेद होने के कारण अधिक उम्र का दिखाई देने लगता है। इस समस्या को दूर करने के लिए व्यक्ति द्वारा विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक तथा अन्य प्रकार के तेल तथा दवाइयों का प्रयोग किया जाता है, किंतु बालों के सफेद होने की समस्या समाप्त नहीं होती है इसलिए थायराइड की समस्या से हुए सफेद बालों की समस्या को दूर करने के लिए थायरॉइडिनम 200 (Thyroidinum 200) होम्योपैथिक दवा का प्रयोग किया जा सकता है। यदि आपको सफेद बालों की समस्या है तो आप डॉक्टर की सलाह पर थायरॉइडिनम 200 (Thyroidinum 200) सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपको विभिन्न समस्याओं के कारण हुए सफेद बालों की समस्या को दूर करती है। थायरॉइडिनम 200 (Thyroidinum 200) दवा का प्रयोग बालों को काला बनाने के साथ-साथ थायराइड, शारीरिक वजन को कम करने, थकान, एनीमिया, तथा माइग्रेन जैसे समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
वायसबडेन 30 (Wiesbaden 30)
यदि आप सफेद बालों की समस्या से परेशान हो गए हैं, और आपने विभिन्न प्रकार की दवाओं तथा तेल व केमिकल का प्रयोग कर लिया है, किंतु बालों को काला करने में असमर्थ रहे हैं। अभी तक आपने जितने भी उत्पादों का प्रयोग किया है, उनमें से किसी के भी द्वारा आपको प्राकृतिक रूप से लंबे समय तक सफेद बालों से छुटकारा नहीं मिला है। ज्यादातर प्रोडक्ट जो बाजार में उपलब्ध हैं, उनसे कुछ समय के लिए बाल काले हो जाते हैं किंतु कुछ समय पश्चात पहले जैसे सफेद दिखाई देने लगते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए वायसबडेन सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है, जो बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाती है तथा बाल पुनः सफेद नहीं होते हैं। यदि आपको विभिन्न प्रकार के समस्याओं के कारण सफेद बालों की समस्या है, तो आप डॉक्टर के परामर्श के अनुसार वायसबडेन होम्योपैथिक दवा का प्रयोग कर सकते हैं, जो आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है। वायसबडेन का प्रयोग बालों को काला बनाने के अलावा बालों को झड़ने से बचने के लिए, गाउटी नोडोसिटी, कॉर्न्स, तथा बालों को लंबा व घना करने के साथ-साथ नाखूनों को स्वस्थ रखने के लिए प्रयोग की जाती है।
एसिड फाॅस्फोरिकम 200 (Acid Phosphoricum)
जब हम काफी लंबे समय तक आधुनिक समय के प्रदूषित वातावरण में रहते हैं, तो प्रदूषित वातावरण का प्रभाव हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे बालों पर भी होता है जिसके कारण बालों को झड़ने की समस्या तथा सफेद होने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण हमारे बाल कमजोर हो जाते हैं और अति शीघ्र झड़ने लगते हैं। सफेद बालों की समस्या से बचने के लिए हमें अपने शरीर को पर्याप्त पोषण देने के लिए पोषण युक्त खाद्य पदार्थ तथा अन्य विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का सेवन करना चाहिए, जिससे हमारा शरीर बाहरी प्रदूषण से शरीर के अंगों की रक्षा कर सके शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाने के लिए दैनिक रूप से व्यायाम तथा अन्य खाद्य पदार्थों के साथ-साथ डॉक्टर द्वारा बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा एसिड फाॅस्फोरिकम 200 प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। इसलिए यदि आपको विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं के कारण या प्राकृतिक प्रदूषण के कारण बालों के सफेद होने की समस्या हो गई है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर बालों को काला बनाने के लिए एसिड फाॅस्फोरिकम 200 का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे आपके बाल प्राकृतिक रूप से काले हो जाएंगे तथा बालों में कमजोरी तथा झड़ने की समस्या भी समाप्त हो जाएगी।
सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा के फायदे
यदि आप होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करते हैं, जिससे आप अपने बालों को प्राकृतिक रूप से काले बना सकते हैं और आप को इन दवाओं का किसी प्रकार का साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। इसलिए आपको बालों को काला बनाने के लिए होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग करना चाहिए जो आप को प्राकृतिक रूप से ठीक करते हैं तथा आपके बालों में प्राकृतिक रूप से चमक तथा कालापन वापस लाती हैं। आपके बालों को एक नई चमक और नई मजबूती दे सकती है आइये, यहां होम्योपैथिक दवा के कुछ फायदे बताए गये हैं। जो निम्नलिखित हैं
- होम्योपैथिक दवाइयां अन्य दवाइयों की तुलना में सुरक्षित माने जाते हैं।
- होम्योपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट भी बहुत कम होते हैं।
- सफेद बालों को काला करने के लिए होम्योपैथिक दवा एक बेहतर उपाय हो सकती है।
- इन दवाओं के प्रयोग से आपके बाल बहुत जल्दी काले हो जाते हैं।
सफेद बालों को काला करने के लिए होम्योपैथिक दवा के नुकसान
वैसे तो सामान्य तौर पर होम्योपैथिक दवाइयां पूर्ण रूप से सुरक्षित तथा असरदार होती है, किंतु इन दवाओं का प्रयोग करते समय कुछ खाद्य पदार्थों को नहीं प्रयोग करना चाहिए, जिससे इनका असर बढ़ जाता है तथा होने वाले छोटे-मोटे साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। इसलिए यदि आप बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा प्रयोग कर रहे हैं तो इनके कुछ नुकसान हो सकते हैं। जो निम्नलिखित हैं
- होम्योपैथिक दवाइयों के साथ आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन नहीं कर सकते हैं।
- होम्योपैथिक दवाइयों के साथ यदि आप खट्टे खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं तो दवाइयां असर नहीं करती है।
- होम्योपैथिक दवाइयों के साथ अन्य एलोपैथिक तथा आयुर्वेदिक दवाइयां नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- होम्योपैथिक दवाइयां प्रयोग करने के आधे घंटे पूर्व तथा पश्चात में कोई खाद्य पदार्थ नहीं लेना चाहिए इससे दवाइयां नुकसान कर सकती हैं।
निष्कर्ष
बालों की समस्या आधुनिक समय में प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी उम्र में जरूर देखने को मिलती है। जिंदगी के आखिरी उम्र में ज्यादातर लोगों के बाल सफेद हो ही जाते हैं, किंतु यदि बाल युवावस्था में सफेद हो रहे हैं तो यह एक चिंता का विषय हो जाता है। आधुनिक समय में बढ़ते प्रदूषण तथा पोषक तत्वों की कमी के कारण छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवाओं के बाल कम उम्र में पक जाते हैं, उनका रंग सफेद हो जाता है। बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक तथा तेलों का प्रयोग करते हैं, किंतु कुछ समय पश्चात हमारे बाल पुनः जैसे के तैसे दिखाई देने लगते हैं। प्राकृतिक रूप से काले बाल होना बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए उपरोक्त लेख में हमने सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है, जो आपके बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाने में सहयोग करती है। यदि आपके बाल काले से सफेद हो गए हैं, तो उन्हें पुनः काला करने के लिए लेख में बताई गई दवाओं का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है।
लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न
सफेद बालों के लिए कौन सी होम्योपैथिक दवा सबसे अच्छी है?
सफेद बालों को काला बनाने के लिए वायसबडेन होम्योपैथिक दवा का प्रयोग किया जा सकता है, जो प्राकृतिक रूप से बालों को काला तथा घना बनाती है। साथ ही साथ इसका हमारे शरीर पर कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। वायसबडेन का प्रयोग बालों को काला बनाने के अलावा बालों को झड़ने से बचने के लिए, गाउटी नोडोसिटी, कॉर्न्स, तथा बालों को लंबा व घना करने के साथ-साथ नाखूनों को स्वस्थ रखने के लिए प्रयोग की जाती है।
बाल काले करने के लिए कौन सी टेबलेट खाना चाहिए ?
बाल काले करने के लिए उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार की होम्योपैथिक दवाओं के बारे में बता रहे हैं, जो प्राकृतिक रूप से बालों को काला तथा मजबूत बनाती है। साथ ही साथ विभिन्न प्रकार की एलोपैथिक तथा घरेलू दवा द्वारा भी बालों को काला बनाया जा सकता है। यदि आप एलोपैथिक दवा का प्रयोग करना चाहते हैं तो आप डॉक्टर की सलाह पर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां, इनोसिटोल, बायोटिन आदि दवाओं का सेवन कर सकते हैं।
आयुर्वेद में सफेद बालों को काला कैसे करें ?
आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां तक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों द्वारा तैयार किए गए तेल बाजार में उपलब्ध है, जिनका प्रयोग करके सफेद बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाया जा सकता है।
सफेद बालों से हमेशा के लिए छुटकारा कैसे पाएं ?
सफेद बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए सफेद बालों को काला करने की होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करना चाहिए, जो उपरोक्त लेख में बताई गई है। यदि आपके बाल सफेद हैं तो आप को उपरोक्त लेखक का अध्ययन करने की आवश्यकता है, जहां पर बालों को काला बनाने की विभिन्न प्रकार की होम्योपैथिक दवाओं का वर्णन किया गया है।
Author Profile
- हमारी टीम ACPP.MD में डॉक्टर पंकज मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, तथा प्रारम्भिक समय में चिकित्सा के क्षेत्र में इन्होंने नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल गुरुग्राम में चिकित्सक तथा सेक्सोलॉजिस्ट के रूप में कार्य किया है। डॉ पंकज वर्मा ने MD Medicine की डिग्री PGIMER Chandigarh से व डायबिटीज में UK से Fellowship तथा संधिवातीयशास्त्र में PGC की डिग्री USA से किया है, और डॉ पंकज वर्मा ने मनोचिकित्सा और परामर्श में परास्नातक किया हुआ है, वर्तमान समय में पंकज वर्मा अपनी सेवाओं को MBBS डॉक्टर के रूप में AIIMS नई दिल्ली में दे रहे हैं। अपने अनुभव तथा शिक्षा के आधार पर डॉक्टर पंकज वर्मा हमारी टीम ACPP.MD के साथ पिछले कई वर्षों से मुख्य चिकित्सक सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं, जो समय-समय पर आप सभी के लिए गठिया रोग, गुप्त रोग, तथा मनोचिकित्सा स्वास्थ्य से संबंधित सलाह प्रदान करते हैं, जिनकी सलाह के पश्चात तथा दवाइयां प्रयोग करने से हजारों लोगों ने अपनी बीमारी से संबंधित समस्याएं ठीक की हैं।