शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए | पुरुष शुक्राणु बढाने के लिए अपनाएं ये डाईट प्लान

पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी के कारण पतले वीर्य की समस्या हो जाती है। जिसके कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी के कारण हुए तस्वीर की समस्या के कारण पुरुषों में शीघ्रपतन तथा शीघ्रास्खलन जैसी समस्याएं हो जाती हैं। जिसके कारण पुरुष सेक्स क्रिया के समय महिला जीवनसाथी को संतुष्ट करने में असमर्थ रहते हैं। जिससे मैंने विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन समस्याओं से बचने के लिए पुरुष विभिन्न लोगों से शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए आदि जानकारी लेते रहते हैं। जिसके कारण वह अपनी होने वाली समस्याओं को ठीक कर सकें लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं मिल पाती है। जिससे वह पूरे जीवन निरंतर इन सेक्स समस्याओं से जूझते रहते हैं। 


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    शुक्राणु क्या है?

    शुक्राणु को स्पर्म के नाम से भी जानते हैं। शुक्राणु पुरुषों के वीर्य में उपस्थित पुरुष कोशिकाएं होती हैं, जो महिला अंडों के साथ मिलकर  महिला के गर्भ में भ्रूण का निर्माण करती हैं। जिससे 9 महीने पश्चात एक शिशु का जन्म होता है अर्थात पुरुषों में प्रजनन क्षमता के लिए जिम्मेदार वीर्य में उपस्थित पुरुष कोशिकाओं को शुक्राणु कहते हैं।

    शुक्राणु क्या है

    पुरुषों  के वीर्य में उपस्थित शुक्राणु महिला की गर्भाशय में उपस्थित अंडों के साथ मिलकर गर्भाशय में भ्रूण का निर्माण करते हैं जिससे भ्रूण 9 महीने पश्चात परिपक्व होकर एक शिशु का रूप ले लेता है, जब महिला तथा पुरुष के मध्य संभोग क्रिया की जाती है तो सेक्स क्रिया के अंत में जब महिला तथा पुरुष सेक्स क्रिया की संतुष्टि तक पहुंचते हैं। उसके पश्चात पुरुष के लिंग से वीर्य पात होता है, यह वीर्य महिला की योनि के रास्ते से होता हुआ महिला के गर्भाशय में पहुंचाता है। महिला गर्भाशय में उपस्थित अंडों के साथ कोई एक शुक्राणु  निषेचित होकर महिला के गर्भाशय में भ्रूण का निर्माण करता है। जिससे 9 माह पश्चात एक शिशु का जन्म होता है जो मनुष्य में प्रजनन क्रिया कहलाती है।

    शुक्राणु कैसे बनते है

    शुक्राणु का निर्माण वृषण कोष में होता है जिसे इंग्लिश में टेस्टिस कहते हैं। शुक्राणु का निर्माण होने में 72 दिन का समय लगता है। टेस्टिस में शुक्राणु निर्माण के पश्चात यह शुक्राणु परिपक्व होने के लिए अधिवृषण में चले जाते हैं, जहां से 10 दिनों के पश्चात परिपक्व होकर सेक्स क्रिया में निकलने के लिए तैयार हो जाते हैं, और अगली सेक्स क्रिया में यही शुक्राणु पुरुष लिंग से निकलकर महिला योनि में पहुंच जाते हैं जो महिलाओं को गर्भवती बना देते हैं।

    शुक्राणु कैसे बनते है

    पुरुषों के टेस्टिस में शुक्राणुओं का निर्माण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की सहायता से होता है। पुरुषों की शारीरिक शक्ति जितना अधिक होती है, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन उतना अधिक मात्रा में स्रावित होता है, और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन जितना अधिक मात्रा में स्रावित होता है। टेस्टिस में शुक्राणुओं की संख्या उतनी अधिक मात्रा में निर्मित होती है। जिन पुरुषों में शारीरिक शक्ति की कमी होती है अर्थात जिनका शरीर कमजोर होता है, उनके शरीर में सेक्स हारमोंस  टेस्टोस्टरॉन हारमोंस की कमी हो जाती है। जिसके कारण कमजोर पुरुषों में शुक्राणुओं का निर्माण बहुत कम मात्रा में होता है या फिर नहीं होता है जिसके कारण पुरुषों का सेक्स जीवन प्रभावित होता है। सेक्स जीवन प्रभावित होने के कारण उनके जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं इन सभी समस्याओं से बचने के लिए पुरुषों को शारीरिक शक्ति के विकास में सहयोग करने वाले खाद्य पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए। 

    शुक्राणु बढ़ाने के उपाय (स्पर्म क्या खाने से बनता है)

    शरीर में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए शारीरिक शक्ति प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिए जिससे हमारे शरीर में शारीरिक शक्ति का विकास होता है। शारीरिक शक्ति के विकास के कारण हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्त्राव होता है, जिसके कारण हमारे वृषण कोष में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु का निर्माण होता है अर्थात शुक्राणु को बढ़ाने के लिए शारीरिक शक्ति प्राप्त करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। यह खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं।

    • पतंजलि शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां
    • आयुर्वेदिक शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां 
    • Allopathic शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां
    • घरलू शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां 

    शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां पतंजलि

    पतंजलि आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार के शरीर को शक्ति प्रदान करने वाले आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया जिनका प्रयोग शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह प्रोडक्ट शरीर की शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव बढ़ा देते हैं, जिनके कारण हमारे शरीर में शुक्राणु अधिक मात्रा में बनने लगते हैं यह पदार्थ पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक तथा सुरक्षित होते हैं जिनका हमारे शरीर पर कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। पतंजलि द्वारा निर्मित कुछ प्रोडक्ट निम्नलिखित हैं।

    • पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल। 
    • पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल। 
    • पतंजलि अश्वशिला  कैप्सूल।
    • पतंजलि मूसली पाक।
    • पतंजलि शतावरी चूर्ण।
    • पतंजलि च्यवनप्राश।

    शिलाजीत कैप्सूल पतंजलि

    पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल 

    पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल शुद्ध शिलाजीत द्वारा तैयार की जाती है। जिसका प्रयोग शारीरिक शक्ति के विकास के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव बंद हो जाता है, जिसके कारण हमारे टेस्टिस में शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं। उनको दैनिक रूप से पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल का प्रयोग करना चाहिए या हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के श्रवण को संतुलित करती है। जिसके कारण हमारे टेस्टिस में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु निर्माण होता है, पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु निर्माण होने के कारण वीर्य में पतलेपन की समस्या समाप्त हो जाती है, और हमारा वीर्य गाढ़ा हो जाता है।

    पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल 

    पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल

    पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अश्वगंधा से तैयार की जाती है अश्वगंधा प्रकृति में पाए जाने वाला एक पौधा होता है जिसकी जड़ों से घोड़े की पेशाब जैसी गंध आती है, जिसके कारण इसका नाम अश्वगंधा रखा गया है। अश्वगंधा में बहुत अधिक मात्रा में आयुर्वेदिक औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिनके कारण यह प्राचीन काल से ही औषध निर्माण के लिए प्रयोग किया जाता है। अश्वगंधा के दैनिक प्रयोग से शरीर में होने वाली कमजोरी धीरे-धीरे दूर हो जाती है, जिसके कारण हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन सामान्य मात्रा में स्रावित होने लगता है।

    टेस्टोस्टेरोन हारमोंस के सामान्य अवस्था में स्रावित होने के कारण टेस्टिस में शुक्राणुओं का निर्माण तेजी से होने लगता है। जिससे हमारे शरीर में शुक्राणु बढ़ने लगते हैं जो व्यक्ति अक्सर पूछते रहते हैं कि शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए उनके लिए अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण ऑप्शन हो सकता है, जो उनके शरीर में शुक्राणुओं की कमी को पूरा कर सकता है।

    पतंजलि अश्वशिला  कैप्सूल 

    पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल पतंजलि द्वारा बनाई गई एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका निर्माण अश्वगंधा तथा शिलाजीत के मिश्रण से तैयार किया गया है इसका प्रयोग शरीर की शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। जिसके प्रयोग से शरीर में प्राकृतिक रूप से शक्ति का विकास होता है, तथा हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की अनियमितता दूर हो जाती है जिससे हमारे टेस्टिस में सामान्य रूप से शुक्राणु निर्माण शुरू हो जाता है।

    पतंजलि अश्वशिला  कैप्सूल 

    जिन  पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणु की कमी होती है, और उनका वीर्य पतला हो जाता है, ऐसी समस्या के कारण विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होती हैं। जिसके समाधान के लिए दैनिक रूप से पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल का प्रयोग किया जा सकता है हमारे शरीर में शक्ति का संचार करता है तथा शुक्राणु की संख्या बढ़ाता है।

    पतंजलि मूसली पाक

    पतंजलि मूसली पाक पतंजलि द्वारा निर्मित एक शक्तिवर्धक पाक होता है जिसका प्रयोग शारीरिक शक्ति के विकास के लिए किया जाता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएं होती हैं। जिनके शरीर में शुक्राणु निर्माण नहीं होता है उनको दैनिक रूप से पतंजलि मूसली पाक का प्रयोग करना चाहिए।

    पतंजलि मूसली पाक

    सफ़ेद मूसली के प्रयोग द्वारा टेस्टोस्टरॉन हारमोंस के श्रावण में होने वाली अनियमितता दूर हो जाती है, जिसके कारण पुरुषों के टेस्टिस में सामान्य रूप से शुक्राणु निर्माण होता है, तथा पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु निर्माण होने के कारण पुरुषों से कमजोर प्रजनन क्षमता की समस्या दूर हो जाती है, तथा वीर में पतलेपन के समस्या भी दूर हो जाती है। जिन पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणु नहीं बनते हैं उनको दैनिक रूप से पतंजलि मूसली पाक का प्रयोग करना चाहिए जो हमारे शरीर में शुक्राणु बढ़ाने के लिए काम आता है।

    पतंजलि शतावरी चूर्ण

    पतंजलि शतावर चूर्ण का प्रयोग शारीरिक शक्ति के विकास के लिए किया जाता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण सामान्य मात्रा में नहीं हो पाता है जिसके कारण शरीर में शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं शुक्राणु बनना बंद हो जाने के कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती तथा विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए दैनिक रूप से पतंजलि शतावर चूर्ण का प्रयोग किया जाता है, जो हमारे शरीर में शक्ति का विकास करता है जिसके कारण पर्याप्त मात्रा में सेक्स हार्मोन होता है।

    शतावरी चूर्ण

    जिसके कारण अत्यधिक शुक्राणु निर्माण हमारे टेस्टिस में होता है, जिसके कारण हमारा वीर्य गाढ़ा हो जाता है, और होने वाली विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होती हैं तथा पुरुषों में प्रजनन क्षमता का विकास होता है जिन पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी होती है उनको शुक्राणु बनाने के लिए दैनिक रूप से पतंजलि शतावर चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए।

    पतंजलि च्यवनप्राश

    च्यवनप्राश पतंजलि

    पतंजलि चवनप्राश हमारे शरीर में शक्ति के विकास के लिए प्रयोग किया जाता है जिन पुरुषों में शारीरिक शक्ति की कमी के कारण इस कारण नहीं हो पाता है। जिसके कारण शुक्राणु निर्माण नहीं होता है और पुरुषों के शरीर में शुक्राणु की कमी हो जाती है। जिसके कारण वीर्य में पतलेपन की समस्या हो जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए दैनिक रूप से पतंजलि च्यवनप्राश का प्रयोग करना चाहिए, जो हमारे शरीर में हारमोंस के स्तर को संतुलित करता है जिसके कारण हमारे शरीर में शुक्राणु निर्माण सामान्य रूप से होता रहता है और हमारे शरीर में किसी प्रकार की समस्या होती जिन पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की कमी होती है उनको दैनिक रोज पतंजलि च्यवनप्राश का प्रयोग करना चाहिए।

    आयुर्वेदिक शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां 

    आयुर्वेदिक दवाइयां हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है। भारत में आयुर्वेद का प्रयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है, जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार की औषधियों द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक औषधियां मुख्य रूप से पेड़ पौधों से प्राप्त होती हैं जिनका हमारे शरीर पर कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है और यह दवाइयां पूर्ण रूप से सुरक्षित होती हैं। 

    • हिमालय स्पेमन टेबलेट्स (Himalaya speman tablets)
    • झंडू विटैलिटी बूस्टर (Jhandu Vitality Booster)
    • टेस्टोस्टेरोन बूस्टर (Testosterone Booster) 
    • हिमालय अर्जुन ( Himalaya Arjun)

    हिमालय स्पेमन टेबलेट्स (Himalaya Speman Tablets)

    हिमालय स्पेमन टेबलेट्स

    हिमालया स्पेमन टेबलेट का प्रयोग हमारे शरीर में शुक्राणुओं की कमी को दूर करने के लिए काम करता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणु निर्माण नहीं होता है। जिसके कारण उनको विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं हो सकती हैं, तथा उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे व्यक्तियों को दैनिक रूप से हिमालय स्पैमन टेबलेट का प्रयोग करना चाहिए जिन पुरुषों में कमजोर क्षमता होती है उनको दैनिक रूप से प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए हिमालय स्पैमन टेबलेट का प्रयोग करना चाहिए।

    झंडू विटैलिटी बूस्टर (Jhandu Vitality Booster)

    झंडू विटैलिटी बूस्टर का प्रयोग शरीर की शक्ति है को बढ़ाने के लिए किया जाता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक शक्ति की कमजोरी के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण सामान्य मात्रा में नहीं हो पाता है उनके टेस्टिस में शुक्राणु निर्माण पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाता है शुक्राणु निर्माण ना होने के कारण उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है, तथा उन्हें विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं होने लगती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए झंडू विटैलिटी बूस्टर टेबलेट्स का प्रयोग शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है।

    झंडू विटैलिटी बूस्टर

    जिससे पुरुषों में सामान्य रूप से शुक्राणु निर्माण होता है, तथा पुरुषों में होने वाली विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं दूर हो जाती हैं, तथा पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ जाती है। जिन व्यक्तियों के वीर्य में शुक्राणु की कमी होती है उनको दैनिक रूप से झंडू विटैलिटी बूस्टर टेबलेट का प्रयोग करना चाहिए।  

    टेस्टोस्टेरोन बूस्टर (Testosterone Booster) 

    टेस्टोस्टेरोन बूस्टर का प्रयोग विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याओं से बचने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बंद हो जाता है, या कम हो जाता है उनके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी हो जाती है, जिसके कारण दूसरा में प्रजनन क्षमता कमजोर होने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होने लगती हैं। इन समस्याओं से मानव जीवन प्रभावित होने लगता है जिसके कारण हमारे जीवन में भिन्न प्रकार की समस्याएं आ जाते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए टेस्टोस्टेरोन बूस्टर का प्रयोग शरीर में शक्ति निर्माण के लिए किया जाता है।

    टेस्टोस्टेरोन बूस्टर

    जिससे हमारे शरीर में पर्याप्त  रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव होने लगता है, और शुक्राणु निर्माण पर्याप्त रूप से होने के कारण सभी सेक्स समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। जिन पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणु निर्माण नहीं होता है, उनको दैनिक रूप टेस्टोस्टेरोन बूस्टर टैबलेट का प्रयोग करना चाहिए जो उनकी शारीरिक शक्ति को बढ़ा कर विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं दूर करता है।

    हिमालय अर्जुन ( Himalaya Arjun)

    जिन पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणु निर्माण नहीं हो पाता है उनको अपने शारीरिक शक्ति के विकास पर ध्यान देना चाहिए प्राकृतिक रूप से खाद पदार्थों का सेवन करने के कारण शुक्राणु निर्माण बहुत धीरे-धीरे होता है। शुक्राणु निर्माण प्रक्रिया बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रकार की दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जिनसे हमारी शारीरिक शक्ति में विकास होता है, जिसके कारण सेक्स हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है, और सुखराम निर्माण तेजी से होने लगता है।

    हिमालय अर्जुन

    शुक्राणु निर्माण तेजी से होने के कारण वीर्य में पतलेपन की समस्या समाप्त हो जाती है। जिसके कारण होने वाले विभिन्न प्रकार की समस्याएं जैसे शीघ्रपतन शीघ्र स्खलन तथा नपुंसकता जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। पुरुषों में उपरोक्त समस्याएं होती हैं उनको दैनिक रूप से हिमालय कंपनी द्वारा निर्मित अर्जुन का प्रयोग शुक्राणु के लिए करना चाहिए इसके दैनिक प्रयोग से सुखराम निर्माण में तेजी आती है जिससे हमारे शरीर में सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। 

     Allopathic शुक्राणु बढ़ाने वाली दवाईयां 

    • Inlife Testroid
    • Alpha Test
    • Start X Nutrition Testo Power

    Inlife Testroid

    Inlife Testdroid का प्रयोग शरीर में कम शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने के लिए किया जाता है। जिन पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्थान नहीं होता है उनके टेस्टिस में सुखराम निर्माण बंद हो जाता है। शुक्राणु निर्माण बंद हो जाने के कारण शुक्राणुओं की कमी हो जाती है, जिससे उनका वीर्य पतला हो जाता है वीर्य पतले हो जाने के कारण उनको विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं, तथा उनकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।

    Inlife Testroid

    इन सभी समस्याओं से बचने के लिए Inlife Testdroid टेबलेट का प्रयोग किया जाता है जो पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है, जो हमारे शरीर की शुक्राणु निर्माण की दर को बढ़ाती है। जिससे हमारे  वीर्य में पतलेपन की समस्या समाप्त हो जाती है, तथा होने वाली सभी सेक्स समस्या धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं। पुरुषों में प्रजनन क्षमता मजबूत हो जाती है जो पुरुष वीर्य में कम शुक्राणु संख्या से परेशान रहते हैं उनको दैनिक रूप से शुक्राणु बढ़ाने के लिए Inlife Testroid का प्रयोग करना चाहिए।

    Alpha Test

    Alpha Test

    पुरुषों के शरीर में होने वाले शुक्राणु की कमी को पूरा करने के लिए Alpha Test टैबलेट का प्रयोग करते हैं जो पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक इसके प्रयोग से हमारे शरीर में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है जिससे शरीर में होने वाले शुक्राणुओं की कमी को पूरी हो जाती है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण शुक्राणु कमी हो जाती है और उनको विभिन्न प्रकार की sex समस्याएं होने लगती हैं और उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। उनको दैनिक से Alpha Test  टेबलेट का प्रयोग करना चाहिए। जिससे उनकी प्रजनन क्षमता का विकास होता है, तथा शारीरिक विकास भी होता है, और होने वाली सभी सेक्स संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

    Start X Nutrition Testo Power

    पुरुषों में शुक्राणु की कमी के कारण विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं होती हैं साथ ही साथ उनकी प्रजनन क्षमता भी कमजोर हो जाती है प्रजनन क्षमता कमजोर होने के कारण वह भी किसी भी स्त्री को गर्भवती करने में असमर्थ रहते हैं। पुरुषों का जीवन संतान सुख से वंचित हो जाता है। आज के समय में विभिन्न प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है।

    Start X Nutrition Testo Power

    शारीरिक शक्ति को बढ़ाकर शरीर में शुक्राणु निर्माण तेजी से करती हैं। जिसके कारण वीर्य में पर्याप्त शुक्राणुओं की संख्या उपलब्ध रहती है। जिन व्यक्तियों में शुक्राणु की कमी होती है। उनको दैनिक रूप से Start X Nutrition Testo Power  का प्रयोग करना चाहिए। जिसके प्रयोग से शुक्राणुओं का निर्माण तेजी से होने लगता है, और होने वाली सभी सेक्स समस्याएं समाप्त हो जाती हैं साथ ऐसा किया पुरुषों में होने वाले बांझपन को भी दूर करती है।

    शुक्राणु बढ़ाने वाली घरेलू दवाईयां

    हमारे घरों में विभिन्न प्रकार के कुछ ऐसे तत्व उपलब्ध होते हैं जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में किया जाता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण हार्मोन सराव नहीं हो पाता है तथा शुक्राणु निर्माण में बाधा आती है ऐसे व्यक्तियों को घर में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों द्वारा शारीरिक कमजोरी को दूर करने की सलाह दी जाती है। यह खाद्य पदार्थ पूर्ण रूप से प्राप्त होते हैं जिनका दैनिक रूप से हमारे घर में प्रयोग किया जाता है।

    नीचे कुछ ऐसे पर खाद्य पदार्थ दिए गए हैं। जिनका प्रयोग शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है जिससे शरीर में शुक्राणु निर्माण की क्षमता बढ़ जाती है और सही में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है। यह खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं।

    • अनार का जूस
    • कद्दू के बीज
    • अखरोट
    • डार्क चॉकलेट
    • कच्चा नारियल
    • काला चना
    • कीवी

    वीर्य में शुक्राणु ना बढ़ने के कारण

    वीर्य में शुक्राणु ना बढ़ने के कारण

    पुरुषों में शुक्राणु ना बनने के मुख्य कारण शारीरिक कमजोरी होती है यह शारीरिक कमजोरी किसी भी प्रकार की हो सकती है, या  फिर इस शारीरिक कमजोरी का कोई भी कारण हो सकता है। कम शुक्राणुओं की संख्या का मतलब है कि एक संभोग के दौरान पुरुष के वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणु होते हैं। पुरुष बांझपन आमतौर पर शुक्राणुजनन यानी स्पर्मेटोजेनेसिस की समस्याओं के कारण होता है। इसके अलावा व्यस्त जीवनशैली, धुम्रपान और शराब का सेवन करने के साथ और भी कई चीजें हैं, जो शुक्राणु ना बनने के कारण होते हैं। यह कारण निम्नलिखित हैं।

    • शारीरिक कमजोरी 
    • संक्रमण
    • हार्मोन असंतुलन
    • पोषक तत्वों की कमी 
    • स्खलन समस्याएं
    • ट्यूमर
    • गुप्तवृषणता
    • शुक्राणु वाहिनी में दोष

    शारीरिक कमजोरी 

    शारीरिक कमजोरी 

    शारीरिक कमजोरी होने के कारण पुरुषों में विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं क्योंकि शुक्राणु निर्माण ना होने के कारण वीर्य पतला हो जाता है। जिससे पुरुषों में प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाने के कारण पुरुष किसी भी महिला को गर्भवती करने में सक्षम नहीं रहता है। अतः शारीरिक कमजोरी होने के कारण शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्राव पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है। जिसके कारण वृषण में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणुओं का निर्माण नहीं हो पाता है, जिससे वीर्य पतला हो जाता है अतः शुक्राणुओं का निर्माण ना होने का मुख्य कारण शारीरिक कमजोरी भी होती है। 

    संक्रमण

    संक्रमण

    यदि पुरुषों के वृषण कोष में या फिर मूत्राशय या मूत्र मार्ग में किसी प्रकार का संक्रमण होता है जिसके कारण शरीर में दर्द करता अन्य समस्याएं होती हैं इन समस्याओं के कारण टेस्टिस में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण रुक जाता है। जिसके कारण सरकार निर्माण बंद हो जाता है अपन हमारे शरीर में या हमारे गुप्तांगों में किसी प्रकार का संक्रमण होता है। जिसके कारण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाने के कारण वृषण कोष में शुक्राणुओं का निर्माण नहीं होता है जिससे हमारा वीर्य पतला हो जाता है। अतः शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण के कारण  वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है।

    हार्मोन असंतुलन 

    शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाने के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं में शुक्राणु ना बनने के लिए हार्मोन असंतुलन के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण शुक्राणु निर्माण प्रभावित होता है तो प्राण निर्माण पूर्ण रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के श्रावण पर निर्भर होता है। इसलिए यदि शरीर में किसी भी प्रकार का हार्मोन असंतुलन होता है जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पर प्रभावित होता है। इसके कारण सुखराम निर्माण प्रभावित हो जाता है और वीर्य में शुक्राणु की संख्या कम हो जाती है। 

    पोषक तत्वों की कमी

    पोषक तत्वों की कमी

    शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण शारीरिक कमजोरी हो जाते हैं शारीरिक कमजोरी हो जाने के कारण वीर्य में पतलेपन की समस्या होने लगती है, क्योंकि वीर्य में शुक्राणु संख्या कम हो जाती है वीर्य में शुक्राणुओं की कमी टेस्टिस में शुक्राणु ना बनने के कारण होती है जब शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण कम हो जाता है या समाप्त हो जाता है तो टेस्टिस में शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं जिसके कारण वीर्य में शुक्राणु कम हो जाती है और वीर्य पतला हो जाता है वीर के पतले होने के कारण शीघ्रपतन शीघ्र स्खलन तथा कमजोर प्रजनन क्षमता जैसी सेक्स समस्याएं हो जाती है।

    स्खलन समस्याएं

     जब वीर्य का स्खलन अधिक मात्रा में होने लगता है चाहे वह जिस कारण हो बहुत सारे पुरुषों में स्वप्नदोष की समस्या के कारण दैनिक रूप से वीर्य स्खलन होता है, तथा कुछ लोगों को हस्तमैथुन करने की आदत हो जाती है, जिसके कारण दैनिक रूप से काफी मात्रा में वीर्य स्खलित होता है। इसके साथ साथ  वीर्य स्खलन के कई कारण होते हैं, जिनके कारण दैनिक रूप से वीर्य स्खलन होता रहता है। वीर्य का स्खलन होने के कारण वीर्य पतला हो जाता है क्योंकि शरीर में जितने शुक्राणु बनते हैं उससे अधिक वीर्य स्खलन के साथ निकल जाते हैं, और वह परिपक्व नहीं हो पाते हैं। इसलिए अधिक वीर्य स्खलन के कारण शुक्राणु निर्माण पर्याप्त मात्रा में नहीं होता है जिसके कारण वीर्य पतला हो जाता है। 

    ट्यूमर

     ट्यूमर होने के कारण हमारे शरीर की शारीरिक शक्ति कमजोर होने लगती है क्योंकि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की शारीरिक कमजोरियां हो जाती हैं। शारीरिक कमजोरियां हो जाने के कारण टेस्टोस्टेरोन हार्मोन  का श्रावण सामान्य मात्रा में नहीं हो पाता है। जिसके कारण शुक्राणु निर्माण सामान्य मात्रा में नहीं हो पाती है। सामान्य रूप से शुक्राणु निर्माण ना होने के कारण वीर्य में शुक्राणु की कमी हो जाती है जिसके कारण वीर्य में पतलेपन की समस्या हो जाती है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होने लगती है अतः ट्यूमर जैसी समस्या के कारण हमारे शरीर में शुक्राणु निर्माण बाधित होता है।

     गुप्तवृषणता

    गुप्तवृषणता एक ऐसी बीमारी है जिसमें पुरुष के टेस्टिस जन्म से पहले ही लिंग के नीचे स्थित वृषण कोष में नहीं रहते हैं ऐसा मुख्य रूप से केवल एक टेस्टिस के साथ होता है लेकिन कभी-कभी दोनों टेस्टिस वृषण कोष में नहीं आ पाते हैं। जिसके कारण शुक्राणु निर्माण नहीं हो पाता है  शुक्राणु निर्माण ना होने के कारण वीर्य पतला हो जाता है। जिसके कारण विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं होती हैं इन सेक्स समस्याओं के कारण पुरुषों में प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है जिसे पुरुष बांझपन कहते हैं इसलिए गुप्तवृषणता  के कारण शुक्राणु निर्माण नहीं हो पाता है।

    शुक्राणु वाहिनी में दोष

    यदि हमारी शुक्र वाहिनी में किसी प्रकार का दोष होता है तो शुक्राणु निर्माण प्रभावित होता है यदि हमारी शुक्र वाहिनी  मैं किसी प्रकार का दोष हो जाता है तो हमारे शहर में बहुत अधिक दर्द तथा पीड़ा होने लगती है। दर्द के साथ-साथ हमारी टेस्टिस में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण प्रभावित हो जाता है, जिसके कारण शुक्र निर्माण नहीं होता है शुक्र निर्माण ना होने के कारण टेस्टिस में शुक्राणुओं की कमी हो जाती है। शुक्राणुओं की कमी होने के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है तथा वीर्य में पतलेपन की समस्या हो जाती है, और हमें विभिन्न प्रकार की सेक्स संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। अतः शुक्रणु वाहिनीओं में दोष होने के कारण शुक्राणु निर्माण प्रभावित होता है जो शुक्राणु बढ़ने से रोकता है। 

    शुक्राणु ना बढ़ने के लक्षण

    शुक्राणु ना बढ़ने के लक्षण

    शुक्राणु ना बढ़ने के कारण  हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं। यह समस्याएं मुख्य रूप से प्रजनन तथा सेक्स संबंधी होती हैं जिसके कारण पुरुष जीवन में अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए शुक्राणु ना बढ़ने के हमारे शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिनसे स्पष्ट हो जाता है कि हमारे शरीर में शुक्राणु कमी हो गई है।

    • कमजोर प्रजनन क्षमता
    • सेक्स समस्याएं
    • वीर्य का पतला हो जाना 
    • कामेच्छा में कमी
    • विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं
    • लिंग में तनाव की कमी 
    • शीघ्रपतन की समस्या
    • पुरुषों में नपुंसकता
    • वृषण में गांठ या सूजन

    निष्कर्ष

    मानव शरीर में शुक्राणु एक अहम भूमिका निभाते हैं शुक्राणुओं की कमी के कारण पुरुषों में विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं हो जाती हैं जिनके कारण पुरुष बांझपन की समस्या होने लगती है। पुरुष बांझपन के कारण जिन पुरुषों में समस्या होती है वह पूरे जीवन पुरुष संतान सुख से वंचित रहते हैं जिसके कारण उनकी पीढ़ी को आगे ले जाने वाला उनका उत्तराधिकारी नहीं मिल पाता है।

    उत्तराधिकारी के चिंता के कारण हुए लोग अक्सर सभी से पूछते रहते हैं कि शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए ऐसे परेशान व्यक्तियों को आज हमने अपने लेख द्वारा विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की जानकारी दी है, जिसका प्रयोग करते हुए वह होने वाले शुक्राणु की कमी को पूरा कर सकते हैं, और अपने जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचे रह सकते हैं। उपरोक्त लेख में बताए गए सभी खाद्य पदार्थ तथा औषधियां पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। किन के प्रयोग से पहले इनकी मात्रा तथा अवर की जानकारी के लिए डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें जो आपके लिए सुरक्षित रहेगा।

    FAQ

    प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) के लिए स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए ?

    गर्भधारण के लिए प्रति मिलीलीटर में  20 से 200 मिलियन शुक्राणु होना आवश्यक होता है आपके वीर्य में यदि प्रति लीटर के हिसाब से 20 मिलियन से अधिक शुक्राणु सोते हैं तो आप किसी भी स्त्री को गर्भवती करने में सक्षम है। अतः यदि आपके वीर्य में 1 मिलीलीटर के हिसाब से 20 मिलियन से अधिक शुक्राणु पाए जाते हैं तो आप की प्रजनन क्षमता सामान्य रूप से ठीक होती है और आप यदि किसी महिला के साथ संबंध स्थापित करते हैं, और उस समय महिला के गर्भाशय में अंडे उत्सर्जन होता है तो निश्चित रूप से है महिला प्रेग्नेंट हो जाएगी।

    स्पर्म कहाँ बनते है ?

    पुरुषों के टेस्टिस में शुक्राणु निर्माण होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के हार्मोन सहायक होते हैं किंतु मुख्य रूप से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन शुक्राणु निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है जिन व्यक्तियों में शुक्राणु निर्माण तेजी से होता है उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा सामान्य रहती है या किसी व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाती है और शुक्राणु निर्माण बाधित हो जाता है। 

    शुक्राणु बढ़ाने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?

    शरीर में शुक्राणु संख्या बढ़ाने के लिए अनार, किवी तथा नारियल जैसे फलों का उपयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए जो हमारी शारीरिक शक्ति को बढ़ाते हैं जिससे हमारी शुक्राणु संख्या बढ़ने लगती है।

    शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

    पुरुषों में शुक्राणु निर्माण में कमी होने के कारण वीर्य में पतलापन हो जाता है जिसके कारण पुरुषों को विभिन्न प्रकार के सेक्स समस्याएं होने लगती है सेक्स समस्याओं के कारण पुरुषों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है। उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक एलोपैथिक तथा कुछ घरेलू दबा का वर्णन किया गया  जिनके अध्ययन के पश्चात दवाओं का प्रयोग करते हुए शरीर में हो रहे शुक्राणुओं की कमी को दूर किया जा सकता है शुक्राणु बढ़ाने के लिए दैनिक रूप से ताजे फलों तथा सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए।

    Author Profile

    Sambhav Sharma
    Sambhav Sharma
    संभव शर्मा ने राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय इलाहबाद से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, तथा बैसवारा महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। बैसवारा महाविद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के पश्चात संभव शर्मा ने विभिन्न प्रकार की वेबसाइट तथा ब्लॉग में लेखन का कार्य किया है, तथा विभिन्न प्रकार के पत्रिकाओं तथा हुए पोर्टल पर चीफ एडिटर का कार्य भी किया है, तथा पिछले 5 सालों से इन्होंने ACPP.MD वेबसाइट के लिए मुख्य एडिटर के रूप में कार्य किया है, जिन का योगदान इस वेबसाइट के लिए महनीय है। इनके द्वारा एडिट किए गए सभी प्रकार के लेख लोगों के स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित हुए हैं।

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