स्त्री को जोश कब आता है | जोश के समय देती है स्त्री ये सिगनल

महिला तथा पुरुष के मध्य सेक्स क्रिया के लिए दोनों को उत्तेजित अवस्था में होने की आवश्यकता होती है। जब महिला तथा पुरुष दोनों ही उत्तेजित होते हैं, तो उनके शरीर से एक विशेष प्रकार के हार्मोन का स्राव होता है, जो सेक्स क्रिया को आसान बनाता है, जिससे पुरुषों के लिंग में तनाव आता है, तथा महिलाओं की योनि गीली हो जाती है। सेक्स क्रिया करते समय यदि महिलाओं की योनि गीली हो गई है, तो इसका मतलब है, कि महिला इस समय उत्तेजित है, अथवा जोश में है। किंतु कभी-कभी ऐसा देखा जाता है, कि महिला किस समय उत्तेजित है, और वह सेक्स क्रिया के लिए तैयार है, हम समझ नहीं पाते हैं क्योंकि महिला को दूर से देखकर यह नहीं बताया जा सकता है की महिला इस समय जोश में है या नहीं। इसलिए बहुत सारे पुरुषों के दिमाग में ऐसे प्रश्न होते हैं, कि स्त्री को जोश कब आता है? इसके लिए हम आज आपको स्त्री को जोश कब आता है, का समय तथा कुछ पहचान बताएंगे जिससे आप समझ सकते हैं, कि महिलाएं इस समय जोश में हैं और सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजित हैं।

जिस प्रकार सेक्स प्रिया के लिए पुरुषों में उत्तेजना होती है, तथा उत्तेजित होकर पुरुषों के लिंग में तनाव आ जाता है, तथा उनका मन किसी महिला के साथ सेक्स क्रिया करने के लिए तैयार हो जाता है। इस प्रकार से उत्तेजना आने पर पुरुष मानसिक तथा शारीरिक रूप से सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाते हैं। उसी प्रकार महिलाओं में भी उत्तेजना अथवा जोश आता है, जो महिलाओं को शारीरिक तथा मानसिक रूप से सेक्स क्रिया के लिए तैयार करता है, तथा इस समय महिलाओं को सेक्स करने की इच्छा बहुत अधिक होती है। महिलाओं में कुछ विशेष अंग तथा क्रिया होती हैं, जिनको छूने के पश्चात या करने के पश्चात महिलाओं को जोश आ जाता है, और महिलाएं सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजित हो जाती हैं।

कामोत्तेजना क्या है

स्त्री को जोश कब आता है

सामान्य भाषा में कामोत्तेजना का मतलब होता है, किसी काम को करने के लिए उत्तेजित होना अर्थात किसी कार्य को करने के लिए अत्यधिक उत्तेजित होना या उस कार्य को करने की इच्छा अधिक तीव्र होना किंतु कामोत्तेजना का शाब्दिक अर्थ पर ना जाते हुए, यदि देखा जाए तो इसे सेक्स के लिए उत्तेजित अर्थात सेक्स इच्छा के लिए माना जाता है। जिन महिलाओं तथा पुरुषों में सेक्स करने की इच्छा जागृत होती है, और वह उस समय सेक्स क्रिया करना चाहते हैं उसे कामोत्तेजना कहते हैं।

जब किसी महिला को कामोत्तेजना आती है, या फिर जोश आता है तो वह सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाती है, और उसकी योनि में कुछ विशेष प्रकार के हार्मोन का श्रावण होता है जिसके कारण उसकी योनि गीली हो जाती है, और उसके भग लिंग में भी तनाव आ जाता है, और वह शारीरिक तथा मानसिक रूप से सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाती है। ऐसी स्थिति में यदि महिलाओं के साथ लगातार लंबे समय तक सेक्स क्रिया नहीं की जाती है, तो वह विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं का शिकार होने लगती हैं जिससे उनके शरीर में विभिन्न प्रकार के नए रोग उत्पन्न होने लगते हैं, और वह मानसिक तथा शारीरिक रूप से परेशान रहती हैं।

स्त्री में जोश या कामोत्तेजना के लक्षण

स्त्री में जोश या कामोत्तेजना के लक्षण

महिलाओं में जिस समय जोश आता है, और वह कामोत्तेजना के लिए उत्तेजित होती हैं। उस समय उनके शरीर में विभिन्न प्रकार के अंगों तथा उनकी बॉडी लैंग्वेज द्वारा समझा जा सकता है, कि महिला इस समय सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजित हो रही हैं। जब महिलाएं जोश में आती हैं और सेक्स क्रिया करना चाहती हैं, तो वे अपने पार्टनर को विभिन्न प्रकार के सिग्नल द्वारा सूचित करती हैं, जिससे उनका साथी उनकी भावनाओं को समझ कर उनके साथ सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाता है, किंतु कभी-कभी ऐसा होता है कि स्त्री को जोश कब आता है? इसके बारे में पुरुष समझ नहीं पा रहे हैं, और महिलाओं द्वारा दिए गए इशारे पर सिग्नल उनकी समझ से बाहर होते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाएं पुरुषों को सेक्स क्रिया के लिए आकर्षित नहीं कर पाती हैं, क्योंकि पुरुष उनके सिग्नल को नहीं समझते हैं। आज हम आपको महिलाओं द्वारा जोश में आने पर दिए गए सिग्नल के बारे में बताएंगे जोर निम्नलिखित

  • आपके शरीर को टच करेंगी।
  • आंखों में आंखें डाल कर मुस्कुराएंगी।
  • अपने दांतो से होठों को काटती हैं।
  • पुरुषों के नजदीक आने की कोशिश करती हैं।
  • पुरुषों के नजदीक आने पर अपनी जांघें सहलाती हैं। 
  • महिलाओं के स्तन फूल आते हैं
  • महिलाओं का शरीर गर्म हो जाता है।
  • पुरुषों के पास आकर जम्हाई लेती हैं।
  • महिलाओं की योनि भूल जाती है।
  •  हृदय की स्पंदन गति तेज होती है।
  • योनि चिकनी हो जाती है। 

स्त्री को जोश कब आता है

महिलाओं को सेक्स क्रिया के लिए तैयार करना तथा उनको सेक्स संतुष्ट देना दोनों अलग-अलग बातें होती हैं। महिला सेक्स क्रिया के लिए बड़ी आसानी से तैयार हो सकती है, किंतु उसको सेक्स असंतुष्ट मिलने के लिए काफी लंबे समय तक सेक्स करने की आवश्यकता होती है। किंतु भारतीय पुरुषों द्वारा ऐसा संभव नहीं हो पाता है, जिसके कारण महिलाएं बिना सेक्स संतुष्टि के ही रहती हैं, और कभी-कभी उनको हस्तमैथुन द्वारा सेक्स संतुष्ट प्राप्त करनी पड़ती है। क्योंकि आधुनिक समय में बहुत सारे पुरुषों को महिलाओं को संतुष्ट करने के तरीके नहीं पता है, या फिर कुछ पुरुषों को सेक्स क्रिया के समय शारीरिक कमजोरी के कारण या पौरुषशक्ति की कमी के कारण वीर्यपतन बहुत जल्दी हो जाता है, जिसके कारण वह महिला को संतुष्ट करने में असमर्थ रहते हैं।

महिलाओं को संतुष्ट करने के लिए उनको जोश में आने की बहुत अधिक आवश्यकता होती है, इसके लिए हमें यह जरूर पता होना चाहिए कि स्त्री को जोश कब आता है? जिससे हम स्त्री के जोश आने तक सेक्स क्रिया को करके स्त्रियों को संतुष्ट कर सकते हैं। किसी भी महिला को जोश आने में 15 से 20 मिनट का समय लगता है, तथा उसे सेक्स क्रिया में संतुष्ट होने के लिए 20 से 30 मिनट की सेक्स क्रिया आवश्यक होती है। किंतु लगाता 30 मिनट तक सेक्स क्रिया कर पाना किसी भी पुरुष के लिए संभव नहीं होता है, क्योंकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुष बहुत जल्दी स्खलित हो जाते हैं और सेक्स के संतुष्ट प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे में महिलाएं सेक्स के चरम सुख से असंतुष्ट रह जाती हैं।

जानें स्त्री को जोश कब आता है और लक्षण 

यह सभी को पता है कि पुरुषों द्वारा महिलाओं के योनि में लिंग डालकर लगातार 30 मिनट तक सेक्स क्रिया करना असंभव है। इसलिए महिलाओं को जोश में लाने के लिए प्रारंभिक स्तर पर फोरप्ले का प्रयोग किया जाता है, जिसके द्वारा 10 से 15 मिनट तक महिलाओं को फोरप्ले दौरान एक्सटर्नल सेक्स का अनुभव कराया जाता है जब महिला पूर्ण रूप से जोश में आ जाती है, उसके पश्चात महिलाओं की योनि में पेनिट्रेशन किया जाता है। ऐसा करने से पुरुष महिला को संतुष्ट करने में सफल रहता है, और महिलाओं को चरम सुख की प्राप्ति होती है, जिससे महिलाएं संतुष्ट हो जाती हैं, अर्थात महिलाओं को जोश में लाने के लिए प्रारंभ से ही सेक्स क्रिया प्रारंभ ना करके पहले फोरप्ले आवश्यक होता है।

फोरप्ले क्या होता है

स्त्री को जोश कब आता है फोरप्ले क्या होता है

पुरुषों द्वारा महिलाओं को उत्तेजित करने तथा सेक्स के संतुष्टि देने के लिए प्रारंभ में उन्हें एक्सटर्नल सेक्स द्वारा उत्तेजित किया जाता है। जिससे महिलाएं पूर्ण उत्तेजना में आ जाती हैं, और सेक्स क्रिया के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाती हैं फॉरप्ले करने के लिए महिलाओं के सेक्सुअल पार्ट को चूमा तथा चाटा जाता है, तथा उनके पूरे शरीर को चूम सकते हैं। महिलाओं को किस किया जाता है, तथा हाथों द्वारा उनकी योनि को उत्तेजित किया जाता है, ऐसा करने से महिलाएं उत्तेजित हो जाती हैं, तथा वे सेक्स किया करने के लिए तैयार हो जाती हैं। 

फोरप्ले करने के समय कोई एक अंग मायने नहीं रखता है कि फोरप्ले करने के लिए आप महिला के सेक्सुअल पार्ट को ही टच करें या सेक्सुअल पार्ट के साथ ही प्ले करें फॉर प्ले करने के लिए महिलाओं की शारीरिक तथा मानसिक रूप से जुड़ना बहुत ही आवश्यक होता है। जब हम किसी महिला के साथ फॉरप्ले करते हैं, तो उसे उत्तेजना तो आती ही है, साथ ही साथ हुआ हमारे साथ एक कि स्पेशल बॉन्ड के साथ जुड़ती है, जिससे उसे बहुत ही गुड फील होता है, फॉर प्ले करने के लिए किसी महिला को हग करना उसके सेक्सुअल बॉडी पार्ट को टच करना उसे किस करना उसके बालों से खेलना माथे पर किस करना तथा पूरे शरीर के अंगों पर किस करना आदि प्रकार से किया जा सकता है, जिससे महिलाएं उत्तेजित होते हैं और सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाती हैं।

सामान्य रूप से स्त्री को जोश कब आता है 

यदि किसी महिला को जोश नहीं आ रहा है, तो फोरप्ले तथा उपरोक्त विधियों द्वारा महिला को जोश में लाया जा सकता है। किंतु कुछ समय ऐसे भी होते हैं, जब महिलाएं उत्तेजित रहती हैं, और वह सेक्स क्रिया के लिए तैयार रहती हैं, उस समय उनको उत्तेजित करने की आवश्यकता नहीं होती है, तो आज हम आपको बताएंगे कि महिलाएं किस समय अत्यधिक उत्तेजित रहते हैं। अर्थात स्त्री को जोश कब आता है 

  • ओवुलेशन के समय।
  • पीरियड्स के समय।

ओवुलेशन के समय

महिलाओं में एक मासिक चक्र का समय 28 से 30 दिन का होता है, जिसमें मासिक धर्म प्रारंभ होने के 7 से 14 दिन के पूर्व ओल्यूशन पीरियड प्रारंभ होता है। जिस समय अंडे, अंडाशय से निकलकर फेलोपियन ट्यूब में पहुंच जाते हैं। जहां पर वह पुरुष के द्वारा स्खलित किए गए वीर्य के शुक्राणुओं से निषेचन क्रिया करने के लिए तैयार रहते हैं, जिसमें महिलाओं में ओल्यूशन पीरियड होता है। उस समय महिलाओं को सबसे अधिक जोश आता है, क्योंकि महिलाएं उस समय प्रजनन के लिए तैयार रहती हैं, अर्थात प्रजनन की क्रिया सेक्स क्रिया के पश्चात ही संभव हो सकती है। इसलिए महिलाओं का शरीर ओल्यूशन पीरियड के टाइम सेक्स क्रिया के लिए बहुत ही उत्तेजित होता है। 

पीरियड्स के समय

पीरियड्स के समय भी महिलाएं बहुत अधिक उत्तेजित रहती हैं, इस समय महिलाओं के साथ सेक्स क्रिया करने के लिए यह सेक्स क्रिया के लिए तैयार करने के लिए फोरप्ले करने के लिए आवश्यकता नहीं होती है। इस समय महिलाएं सेक्स क्रिया के लिए पूर्ण रूप से तैयार होती हैं, तथा उनको सेक्स करने के लिए बहुत अधिक उत्तेजना भी होती है। 

स्त्री को जोश में लाने के लिए कौन से अंग छूते है 

स्त्रियों में कामोत्तेजना बढ़ाने के लिए विभिन्न आर्थिक क्रियाएं की जाती हैं, जिससे स्त्रियां उत्तेजित हो जाते हैं। विभिन्न प्रकार के लोगों द्वारा बताया जाता है, कि स्त्रियों को उत्तेजित करने के लिए फोरप्ले करना चाहिए, तथा फोरप्ले के दौरान महिलाओं के विभिन्न प्रकार के अंगों को टच करना चाहिए, जिससे महिलाओं में उत्तेजना बढ़ती है और महिलाएं अत्यधिक जोश में आ जाते हैं, जिससे उन्हें सेक्स क्रिया के समय संतुष्ट करने में अधिक समय नहीं लेना पड़ता है। स्त्रियों को संतुष्ट करने के लिए उन्हें जोश में लाने की आवश्यकता होती है, और जोश में लाने के लिए उनके निम्नलिखित अंगों को छुआ जा सकता है, जिसके द्वारा उनको उत्तेजित किया जा सकता है। यह अंग निम्नलिखित हैं

  • गर्दन का पिछला हिस्सा।
  • घुटनों के पीछे का हिस्सा।
  • जांघों का अंदरूनी हिस्सा।
  • होंठ।
  • नाभि।
  • कमर।

गर्दन का पिछला हिस्सा

स्त्री को जोश कब आता है गर्दन का पिछला हिस्सा

महिलाओं के गर्दन का पिछला हिस्सा बहुत ही अधिक सेंसेटिव तथा उत्तेजित होता है। यदि महिलाओं को गर्म करने की आवश्यकता है, तो उनके गर्दन के पिछले हिस्से पर धीरे-धीरे सहलाते हैं, जिससे महिलाएं बहुत जल्दी से उत्तेजित हो जाती हैं, अर्थात फोरप्ले करते समय गर्दन के पिछले हिस्से को धीरे धीरे सहलाना चाहिए, जिससे महिलाओं में जोश आता है और वह सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाती हैं।

घुटनों के पीछे का हिस्सा

महिलाओं को सेक्स के लिए तैयार करने से पहले फॉरप्ले करते हैं फॉरप्ले करते समय महिलाओं के घुटनों के पीछे का हिस्सा भी काफी संवेदनशील होता है। जिसे छूने और सहलाने से महिलाएं उत्तेजित हो जाती है। महिलाओं को सेक्स क्रिया के समय जोश में लाने के लिए उनके घुटने के पीछे के हिस्से को सहलाते तथा छूते हैं, जिससे महिलाएं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती हैं, और सेक्स क्रिया के लिए तैयार हो जाती हैं, जिससे उनको सेक्स क्रिया के पश्चात चरम सुख की प्राप्ति होती है।

जांघों का अंदरूनी हिस्सा

जांघों का अंदरूनी हिस्सा

महिलाओं के शरीर में जाँघों का अंदरूनी हिस्सा बहुत अधिक सेंसेटिव तथा सेक्सी होता है, जिसे महिलाएं उत्तेजित होने पर पुरुषों को आकर्षित करने के लिए दिखाती तथा सहलाती है। वही अधिक महिलाओं को उत्तेजित करने की आवश्यकता होती है, तो पुरुषों द्वारा महिलाओं के जाँघों को छुआ तथा सहलाया जाता है, जिससे महिलाएं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती हैं, और जोश में आ जाती है। जोश में आने के पश्चात महिलाओं को सेक्स क्रिया में संतुष्ट करना बहुत ही आसान होता है। इसलिए सेक्स क्रिया प्रारंभ करने से पहले महिलाओं को जोश में लाने की आवश्यकता होती है, जिससे वे सेक्स क्रिया में चरम सुख को प्राप्त कर सके और सेक्स क्रिया से संतुष्ट हो सके। 

होंठ को चूमना

स्त्री को जोश कब आता है होंठ को चूमना

महिलाओं को सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजित करने के लिए उनके होठों को चुमते हैं तथा होठों में किस करते हैं, महिलाओं के होठों बहुत ही सेंसिटिव होते हैं। इसलिए फोरप्ले करते समय सबसे अधिक महिलाओं के होठों पर किस किया जाता है, जिससे महिलाएं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती हैं, और जोश में आ जाती हैं, जिससे सेक्स क्रिया के समय उन्हें पर्याप्त चरम सुख प्रदान किया जा सकता है और उन को सेक्स क्रिया के समय संतुष्ट किया जा सकता है। महिलाओं को सेक्स क्रिया में संतुष्ट करने से पहले होठों को चुमना चाहिए।

नाभि

महिलाओं की नाभि बहुत ही संवेदनशील तथा सेंसिटिव होती है, इनकी नाभि को टच करने के पश्चात महिलाओं में उत्तेजना उत्पन्न होती है, जिससे महिलाएं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती हैं, तथा महिलाओं को सेक्स क्रिया करने के लिए जोश आ जाता है। इसलिए महिलाओं को जोश में लाने के लिए सेक्स क्रिया के पहले महिलाओं की नाभि को उंगलियों से टच करना चाहिए, तथा होठों से चूमना चाहिए जिससे महिलाएं सेक्स क्रिया में पर्याप्त आनंद प्राप्त कर सकें।

कमर से प्ले करें

महिलाओं के कमर सेक्स के प्रति बहुत ही संवेदनशील होती है, इसको छूने से ही महिलाओं में सेक्स के प्रति संवेदना जाकर हो जाती है। इसलिए महिलाओं को सेक्स के लिए उत्तेजित करने के लिए महिलाओं की कमर को हाथों से छूते हैं, तथा होठों से किस करते हैं जिससे महिलाएं अत्यधिक उत्तेजित हो जाती हैं, और सेक्स क्रिया के समय पर्याप्त जोश में रहती हैं, जिससे उन्हें सेक्स का पूरा आनंद प्राप्त होता है और उन्हें सेक्स से संतुष्टि मिलती है जिससे उनको चरम सुख की प्राप्ति होती है।

महिला में कामोत्तेजना कम होने के कारण

विभिन्न परिस्थितियों तथा बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं में कामेच्छा की कमी होने लगती हैं, अर्थात महिलाओं को विभिन्न प्रकार के समस्याओं तथा उम्र के बढ़ने के कारण जोश में कमी आने लगती है, जिसके कारण महिलाएं सेक्स क्रिया से दूर भागने लगती हैं, अर्थात उनका हम सेक्स क्रिया में नहीं लगता है, क्योंकि उनको जोशना बंद हो जाता है। महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ-साथ कामोत्तेजना का कम होना तो एक प्राकृतिक क्रिया होती है।

किंतु यदि कम उम्र में ही काम उत्तेजना में कमी आ गई है, जिसके कारण महिलाएं सेक्स क्रिया के लिए तैयार नहीं होती हैं, क्योंकि उन को सेक्स के लिए जोश नहीं आता है, और उनका शरीर सेक्स क्रिया के लिए तैयार नहीं होता है। महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ-साथ जोश में कमी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं

  • उम्र का प्रभाव।
  • एंटीडिप्रेसेंट्स और उद्वेग विरोधी दवाएं खाना। 
  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होना।
  • कमजोर पैरासिमिलैथेटिक तंत्रिका।
  • यौन क्रिया के दौरान मजबूत उत्तेजना और स्खलन में देरी।
  • थकान और ऊर्जा में कमी।
  • आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी।
  • शारीरिक वजन में वृद्धि।
  • मांसपेशियों की समस्या।
  • हड्डियों में कमजोरी।
  •  मूड स्विंग्स में वृद्धि।
  • कोई यौन रोग होना। 
  • संभोग के दौरान दर्द होना।
  • मूत्र प्रणाली और जननांग विकार होना। 
  • सेक्स से संतुष्टि न मिलना।

स्त्री में जोश की कमी का इलाज

स्त्री को जोश कब आता है स्त्री में जोश की कमी का इलाज

महिलाओं में 45 साल की उम्र के पश्चात कामेच्छा की कमी होने लगती है, जिसके कारण महिलाओं को पहले की अपेक्षा सेक्स क्रिया करने की इच्छा नहीं होती है, किंतु यदि कुछ महिलाओं को सेक्स क्रिया की कमी उम्र के पहले ही हो जाती है, तो उनको कुछ समस्याएं होती हैं जिनके कारण उनके शरीर में सेक्स हार्मोन स्रावित होना बंद हो जाते हैं। महिलाओं में कम उम्र में जोश की कमी के कारण उनका मन सेक्स क्रिया से हट जाता है, जिसके कारण उनके पुरुष साथी से रिश्ते खराब हो जाते हैं, और उनको विभिन्न प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में जोश की कमी को निम्नलिखित पदार्थों का प्रयोग दैनिक रूप से करने पर ठीक किया जा सकता है।

  • लहसुन।
  • अश्वगंधा।
  • केसर।
  • शतावर।
  • मूसली।
  •  तनाव ना लें।
  • अशोक की छाल।
  • मीठे आलू है फायदेमंद।
  • विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ।

दांपत्य जीवन में स्त्री की उत्तेजना का कितना असर पड़ता है

दांपत्य जीवन में स्त्री के उत्तेजना का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। जिन महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में सही उम्र तक उत्तेजना रहती है, तथा वे अपने पुरुष साथी द्वारा सेक्स क्रिया करके एक दूसरे को संतुष्ट करते रहते हैं, तो उनका जीवन खुशहाल रहता है, तथा वह मानसिक रूप से सही होते हैं।

किंतु इसी के विपरीत यदि किसी महिला में समय के पहले उत्तेजना समाप्त हो जाती है, तो पुरुष साथी को पूर्ण सेक्स क्रिया का लाभ नहीं मिल पाता है, जिसके कारण पुरुष सेक्स क्रिया में संतुष्ट न होने के कारण उनके आपसी रिश्ते समाप्त होने लगते हैं, या खराब हो जाते हैं जिसके कारण उनको विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिला यदि सही समय तक उत्तेजित रहती हैं तो उनका परिवारिक जीवन अच्छा होता है, तथा उनकी प्रजनन क्षमता अच्छी होने के कारण उनको अपने जीवन का उत्तराधिकारी भी प्राप्त हो जाता है।

निष्कर्ष

महिला तथा पुरुष के मध्य होने वाली सेक्स क्रिया महिला तथा पुरुष के मानसिक तथा शारीरिक विकास के लिए बहुत ही आवश्यक होती है। किंतु महिलाओं को यदि सही समय पर और सही सेक्स क्रिया द्वारा संतुष्ट किया जाता है, तो वह मानसिक तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहती हैं। किंतु महिला को किस समय सेक्स की आवश्यकता है इसकी जानकारी करना बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि अधिकतर पुरुषों को यह नहीं पता होता है, कि स्त्री को जोश कब आता है जिसके कारण पुरुष महिलाओं को सही समय पर संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, और महिलाएं जोश की अवस्था में बिना सेक्स क्रिया किए ही असंतुष्ट रहती हैं।

अतः उन्हें जोशआने पर यदि सेक्स क्रिया कि प्राप्त नहीं होती है तो उनको शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके आप से रिश्ते खराब हो जाते हैं। इसलिए उपरोक्त लेख में स्त्री को जोश कब आता है इसकी जानकारी दी गई है जो पुरुषों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

FAQ’s

महिलाओं को जोश में लाने के लिए क्या करना चाहिए?

महिलाओं में यदि जोश की कमी हो गई है तो उनको सेक्स क्रिया के पहले फॉरप्ले करना चाहिए, तथा उनको कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिससे शारीरिक शक्ति का विकास होता है। शारीरिक शक्ति के विकास के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे महिलाएं अपने शरीर में जोश बढ़ा सकती हैं, जिससे सेक्स क्रिया के समय उनको पर्याप्त आनंद प्राप्त हो सकता है।

  • केसर।
  • शतावर।
  • मूसली।
  •  तनाव ना लें।
  • अशोक की छाल।
  • मीठे आलू है फायदेमंद।

महिलाएं कैसे पुरुषों को पसंद करती है?

महिलाएं फुल कॉन्फिडेंट पुरुषों को अधिक पसंद करती हैं, क्योंकि ऐसे पुरुष किसी भी प्रकार से किसी महिला पर डिपेंड नहीं होते हैं, जिसके कारण उनका नेचर महिलाओं को अधिक पसंद आता है, और जिन पुरुषों में पर्याप्त शारीरिक शक्ति होती है तथा महिलाओं के नेचर को केवल इशारों द्वारा समझ जाते हैं, ऐसे पुरुष महिलाओं को बहुत ही पसंद आते हैं। 

महिला की कितनी उम्र से सम्बन्ध बनाने की इच्छा होती हैं?

लड़कियों को मासिक धर्म प्रारंभ होने के पश्चात सेक्स क्रिया के लिए उत्तेजना प्रारंभ हो जाती है, अर्थात सेक्स क्रिया के लिए लड़कियों को मासिक धर्म प्रारंभ होने के पश्चात जोश आने लगता है। किंतु लड़कियां ब्रह्मचर्य का पालन करने के कारण शादी से पहले सेक्स क्रिया नहीं करती हैं। इसलिए शादी के पहले उनको संबंध बनाने की इच्छा कम होती है। किंतु जब एक बार सेक्स क्रिया हो जाती है, फिर शादी से लेकर 45 से 50 साल की उम्र तक महिलाओं को संबंध बनाने की इच्छा होती रहती है, अर्थात हम कह सकते हैं, कि 15 से 16 साल की उम्र से लेकर 45 से 50 साल की उम्र तक की लड़कियों तथा महिलाओं में संबंध बनाने की इच्छा होती है।

Leave a Comment